भरत जी पूर्व जन्म में कौन थे? - bharat jee poorv janm mein kaun the?

रामायण में कौन सा पात्र किस देवता का अवतार था? :

रामायण काल में कौन किसका अवतार था। रामायण काल के पात्र चाहे वे धर्म के साथ सकारात्मक छवि रहने वाले हो या फिर नकारात्मक छवि रखने वाले ही ही क्यों ना हो, उन सबकी अपने-अपने स्थानों पर एक विशेष भूमिका रही है। प्रत्येक पात्र अपने पूर्व जन्म में कौन था और किस कारण उन्हें यह पुनः जन्म लेना पड़ा।

रामायण काल के प्रमुख अवतार


रामायण काल में विदित शक्तिशाली वानर तथा जामवंत किसके अवतार थे ।

बाल्मीकि रामायण के बालकांड सर्ग 17 में ब्रह्मा जी सब देवताओं से कहते हैं। कि भगवान विष्णु की सहायता के लिए तुम लोग भी बलवान काम रूपी माया को जानने वाले बुद्धिमान, उद्यमी, दिव्य शरीर, अस्त्र-शस्त्र विद्या में निपुण और देवताओं के दृश्य वानरों को अप्सराओं और गंधर्व की स्त्रियाों और नागों की कन्याओं से उत्पन्न करो।

मैंने भी पहले जामवान नामक रीछ को पैदा किया है। वह जमुहाई लेते समय मेरे मुंह में सहसा निकल पड़ा था। ब्रह्माजी की आज्ञा अनुसार ऋषियों, सिद्धों, विद्याधरों और नागों ने वानर रुपी पुत्रों को उत्पन्न किया था।

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इंद्र ने बाली के रूप में,
सूर्य ने सुग्रीव के रूप में,

बृहस्पति ने तार के रूप में-जो सभी वानरों में मुख्य और अति चतुर था।
कुबेर ने गंदमादन के रूप में,

विश्वकर्मा ने नल के रूप में,
अग्नि ने नील के रूप में-
जो की अग्नि के समान ही तेजस्वी तथा यश और पराक्रम में अपने पिता से बढ़कर था।

अश्विनी कुमारों ने मैंद और द्विविद के रूप में,
वरुण ने सुषेण के रूप में,

मेघ ने शरभ के रूप में,
पवन देव ने हनुमान नामक वानर के रूप में–
जिनकी देह वज्र के समान दृढ़ थी और वह वेग में गरुड़ के समान थे हनुमान जी की बुद्धि और पराक्रम में अन्य से बढ़-चढ़कर थी। इसके अलावा और भी हजारों वानर रावण के वध के लिए उत्पन्न किए गए थे।

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राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न किनके अवतार थे?

श्री राम अवतार : बाल्मीकि रामायण के बालकांड सर्ग 18 के अनुसार श्री रामचंद्र जी का जन्म कौशल्या जी के गर्भ से हुआ था। इक्ष्वाकु वंश को बढ़ाने के लिए भगवान विष्णु का आधा भाग कौशल्या जी के गर्भ से पुत्र रूप में उत्पन्न हुआ था। वही पद्म पुराण के अनुसार उत्तर कांड अध्याय 254 के अनुसार कौशल्या के पुत्र के रूप में संपूर्ण लोकों के स्वामी साक्षात श्री हरि ही अवतीर्ण हुए थे।

श्री लक्ष्मण : पद्म पुराण के अनुसार श्री लक्ष्मण जी भगवान शेषनाग के अंश थे। यह राजा दशरथ और सुमित्रा के पुत्र थे। वही बाल्मीकि रामायण के अनुसार सुमित्रा जी के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न उत्पन्न हुए थे। यह दोनों विष्णु जी के अष्टमांश थे। और सब प्रकार के अस्त्र-शस्त्र चलाने की विद्या में कुशल शूरवीर थे।

श्री भरत : वाल्मीकि रामायण के अनुसार सत्य पराक्रमी भरत कैकई के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। भरत जी विष्णु भगवान का चतुरांश थे और सर्व गुणों से युक्त थे। वही वाल्मीकि रामायण के अनुसार कैकई के गर्भ से भरत का जन्म हुआ था वे पाञ्चजन्य शंख से प्रकट हुए थे। यह भी पढ़ें-राधा साध्यम साधनं यस्य राधा मंत्र हिंदी लिरिक्स

शत्रुघ्न : सुमित्रा जी के गर्भ से शत्रुघ्न उत्पन्न हुए थे। ये भगवान विष्णु जी के अष्टमांश थे और सब प्रकार के अस्त्र-शस्त्र चलाने की विद्या में कुशल शूरवीर थे। पद्म पुराण के अनुसार शत्रुघ्न सुदर्शन के अंश से प्रकट हुए थे।

वाल्मीकि श्री रामायण के अनुसार श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों भगवान विष्णु के अवतार थे। पद्म पुराण उत्तर काण्ड अध्याय 254 में भी श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के अवतार होने का वर्णन है।

सीता जी :पद्म पुराण के अनुसार उत्तर काण्ड अध्याय 254 में ही आगे माता सीता का भी वर्णन आता है। मां भगवती लक्ष्मी ही राजा जनक के यहां अवतीर्ण हुई थी। एक समय राजा जनक यज्ञ के हल से भूमि जोत रहे थे। उसी समय हल के अग्रभाग से एक सुंदर कन्या प्रकट हुई जो साक्षात लक्ष्मी ही थीं। उस कन्या को देखकर राजा जनक ने उसे गोद में उठा लिया और अपनी पुत्री मानकर उसका पालन पोषण किया ।

राजा दशरथ और कौशल्या : राजा दशरथ पूर्व जन्म में स्वयंभू मनु थे। जबकि माता कौशल्या पूर्व जन्म में स्वयंभू मनु की पत्नी सतरूपा थी। यह भी पढ़ें-श्री कृष्णाष्टकम एवं कृपा कटाक्ष स्तोत्र

रावण और कुंभकरण : रावण और कुंभकरण के पूर्व जन्म का वर्णन भागवत पुराण के स्कंद 7 में आता है। एक दिन ब्रह्माजी के मानस पुत्र सनकादि ऋषि बैकुंठ पहुंचे।

उन्हें साधारण बालक समझकर द्वारपाल जय और विजय ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया इस पर वह क्रोधित हो उठे और द्वारपालों को श्राप देते हुए बोले विष्णु के चरण तो रजोगुण और तमोगुण से रहित हैं तुम दोनों इसके समीप निवास करने योग्य नहीं हो। यह भी पढ़ें-श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी भजन लिरिक्स !

इसीलिए तुम यहां से पापमयी असुर योनि में जाओ। जब वह बैकुंठ से नीचे गिरने लगे तब कृपालु महात्माओं ने कहा इन तीन जन्म में इस पाप को भोगकर तुम लोग इसी बैकुंठ में आ जाना। वे दोनों ही सर्वप्रथम हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष हुए और फिर रावण और कुंभकरण के रूप में जन्म लिया और द्वापरयुग में शिशुपाल और दंतवक्र के रूप में जन्म लिया।

मंदोदरी : रावण की पत्नी मंदोदरी अपने पूर्व जन्म में मधुरा नाम की एक अप्सरा थी। हालांकि इसका हमें कोई सबूत नहीं मिला है।

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भरत जी पूर्व जन्म में कौन थे? - bharat jee poorv janm mein kaun the?

भक्ति ज्ञान एक आध्यात्मिक ब्लॉग है और इस ब्लॉग के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ, भक्ति भजन, भजन लिरिक्स, पौराणिक कथाएँ, मन्त्र, ज्ञानवर्धक कहानियाँ आदि बिन्दुओ पर लिखना पसंद करते हैं। – ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी

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भरत जी किसका अवतार थे?

वाल्मीकि श्री रामायण के अनुसार श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों भगवान विष्णु के अवतार थे। पद्म पुराण उत्तर काण्ड अध्याय 254 में भी श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के अवतार होने का वर्णन है।

Bharat पूर्व जन्म में कौन थे?

जड़भरत का प्रकृत नाम 'भरत' है, जो पूर्वजन्म में स्वायंभुव वंशी ऋषभदेव के पुत्र थे। मृग के छौने में तन्मय हो जाने के कारण इनका ज्ञान अवरुद्ध हो गया था और वे जड़वत् हो गए थे जिससे ये जड़भरत कहलाए। जड़भरत की कथा विष्णुपुराण के द्वितीय भाग में और भागवत पुराण के पंचम काण्ड में आती है।

लक्ष्मण विष्णु के कौन से वंश है?

लक्ष्मण के वंशज वे सूर्यवंशी वंश के क्षत्रिय हैं।

लव कुश किसका अवतार है?

वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम के बड़े पुत्र कुश हुए और लव छोटे पुत्र हुए थे । कुश से वर्तमान कछवाहा कुश वंशी अर्थात् कुशवाहा का वंश चला ।