सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

हर व्यक्ति सोचने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस बात को कितना ज्यादा महत्व देता है और उसके बारे में कितना सोचते रहना चाहता है। कुछ लोग होते हैं जो छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में महत्व नहीं देते, भले ही वह किसी रिश्ते से जुड़ी हो या फिर उनके काम से। उनके हिसाब से मामूली बातों को वहीं खत्म कर देने में ही भलाई है, जबकि ज्यादातर लोग किसी की कही बातों या अन्य किसी बेवजह की बात को दिल से लगा बैठते हैं और बार-बार कई दिनों तक इसके बारे में ही सोचते ही रहते हैं।

जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत तनाव दे सकती है। अगर आप भी वास्तव में उन लोगों में से हैं, जिन्हें हर छोटी बात को बहुत ज्यादा सोचने की आदत है, तो हम यहां आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप खुद को ज्यादा सोचने से रोक सकेंगे।

​खुद से सवाल करें कि ज्यादा सोचना सही है

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

समाधान की तलाश करने के लिए अपने मास्तिष्क को समझाना बेहद जरूरी है। हालांकि, एक ही बारे में अधिक सोचना और बस सोचते ही रहना आपके दिमाग को पागल तक कर सकता है। जब आप उन चीजों या बातों के बारे में सोचते रहते हैं, जो आपके नियंत्रण में नहीं है, तो आप खुद से पूछें कि क्या यह सही है। यदि आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं, तो आपका सोचना सही है। अगर नहीं, तो अपने समय और स्वास्थ्य को खराब करने से कोई मतलब नहीं है।

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​अन्य चीजों में ध्यान लगाएं

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

उन विचारों और बातों को सोचते रहने के बजाय , जिनसे कोई लाभ नहीं होता, ऐसे चीजों में ध्यान लगाएं, जो आपके लिए फायदेमंद है। अगर इससे भी कोई फायदा न हो, तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं या कोई ऐसा काम करें, जिसमें आपको दिलचस्पी हो। यह निश्चित रूप से आपका ध्यान भटका देगा और आप उन फिजूल की बातों को बार-बार सोचने से बच जाएंगे।

​गहरी सांस लें या ध्यान करें

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कुछ स्थितियों में आपको केवल गहरी सांस लेने या ध्यान करने से ही बहुत फायदा होता है। अधिक सोचने और मन को परेशान करने के बजाय गहरी सांस लें। इससे आपका मन शांत होगा और शरीर को भी आराम मिलेगा। यकीन मानिए इसके बाद आप खुद अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार हो जाएंगे।

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​बड़ी तस्वीर देखिए

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

कुछ समस्याएं चाहें वह कितनी भी छोटी क्यों ना हो, परेशान करने वाली होती हैं। हालांकि जब भी आपको ऐसा लगे तो आप एक बड़ी तस्वीर को कुछ देर तक देखते रहें। अगर छोटी-छोटी बातें आपके दिमाग से निकल नहीं रहीं, तो ऐसा करने से आपको महसूस होगा कि ये बातें आपके लिए कोई मायने ही नहीं रखतीं। ध्यान रखें, ज्यादा सोचने से काम करने की आपकी क्षमता खत्म हो जाएगी।

​प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी को बढ़ाएं

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

किसी मौजूदा समस्या के बारे में सोचना तब तक सही नहीं है, जब तक की आपके पास इस समस्या का समाधान न हो। इसलिए अपने खाली समय में समस्या का समाधान तलाशने की क्षमता विकसित करें। उन तरीकों के बारे में सोचें, जिनसे आप कुछ स्थितियों को पैदा होने से रोक सकते हैं। यदि आप पहले से ही किसी समस्या में फंसे हुए हैं, तो उन तरीकों के बारे में सोचें, जिनसे आप इसे दूर कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि यह आपके हाथ में नहीं है, तो जबरदस्ती का तनाव और मानसिक दबाव लेना फिजूल है।

​सफलता की सराहना करें

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

जब लोग ज्यादा सोचने लगते हैं, तो वे खुद को कमजोर समझने के साथ खुद को दोषी भी मानते हैं। । ऐसा होने से रोकने के लिए अपनी उपलब्धियों और सफलता की हमेशा सराहना करें। खुद से पयार करें और आपके द्वारा की गई

​बातचीत करें और मदद लें

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें? - sochane kee beemaaree kaise door karen?

कभी-कभी अधिक सोचने से बचने का तरीका है कि आप अपनी सभी भावनाओं को बाहर निकाल दें। अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ शेयर करें और अपनी सभी परेशानियों को अपने करीबी लोगों के साथ बातचीत करके सुलझाएं। इससे आपके दिल को थोड़ा हल्का महसूस होगा और आपकी समस्या का समाधान भी आसानी से मिल जाएगा।

यह सच है कि आपकी समस्या का समाधान खुद आप होते हैं। इसलिए किस बात पर कितना विचार करना है, कितने समय तक विचार करना है, कौन सी बात विचार करने योग्य है, ये सब आप ही को तय करना पड़ेगा। यहां बताए गए तरीकों को अपनाने से आप कई हद तक ज्यादा सोचने वाली आदत से निजात पा सकते हैं।

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ज्यादा सोचने से कौन सी बीमारी होती है?

डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार हर समय नकारात्मक विचार रखने से आप कुछ समय बाद डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारी का शिकार हो सकते हैं. बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. उसकी जगह नेगेटिव एनर्जी ले लेती है. यह धीरे-धीरे मानसिक रूप से व्यक्ति को बीमार कर देता है.

ज्यादा सोचना बंद कैसे करें?

ओवरथिंकिंग से बचाव.
ध्यान भटका ले: जब भी ओवरथिंकिंग हो, तुरंत सक्रिय रूप से अपना ध्यान और जगह लगा ले। ... .
खुद के बारे में जागरूक रहे हैं किसी भी चीज को रोकने के लिए यह पता होना बहुत जरुरी हैं कि यह हो रही है। ... .
विचारों का दमन ना करें ... .
अपने विचारों को सिर्फ देखें ... .
रिमाइंडर सेट करे ... .
ध्यान (Meditation).

एक ही बात बार बार सोचने से क्या होता है?

-काफी ज्यादा स्ट्रेस देखने को मिलता है. -बार-बार एक जैसे विचार रात में सोने में परेशानी खड़ी कर सकते हैं. -किसी भी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है. -इससे एंजाइटी, डिप्रेशन और यहां तक की खुद के बारे में ही बुरा सोचने तक की नौबत आ सकती है.

ओवरथिंकिंग कैसे खत्म करें?

यहां जानिए कि ओवरथिंकिंग से कैसे बचा जाए.
1 खुद को डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश यदि आप ओवरथिंकिंग करती है तो अपने मन पसंदीदा कार्यों में व्यस्त हो कर खुद को नकारात्मक विचारों से डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश करें। ... .
2 गहरी सांस लें ... .
3 मेडिटेशन करें ... .
4 अपने ट्रिगर प्वाइंट को समझें ... .
5 पर्फेक्शनिज्म पर ध्यान देना कम कर दें.