भारत में कैसे जलवायु पाई जाती है? - bhaarat mein kaise jalavaayu paee jaatee hai?

एक जलवायु प्रदेश में जलवायवीय दशाओं की भी समरूपता होती है, जो जलवायु के कारकों के संयुक्त प्रभाव द्वारा उत्पन्न होती है। तापमान और वर्षा जलवायु के दो महत्वपूर्ण तत्व है। आज इस पोस्ट में हम आपको भारत के सभी जलवायु प्रदेशों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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1 भारत के प्रमुख जलवायु प्रदेश (India’s Leading Climate Region)

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भारत के प्रमुख जलवायु प्रदेश (India’s Leading Climate Region)

जलवायु प्रदेशों का वर्गीकरण कोपेन की पद्धति के माध्यम से किया गया। कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान व वर्षा को मानकर जलवायु प्रदेशों के पाँच प्रकार माने है। चलिए इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं-

1.उष्णकटिबंधीय जलवायु प्रदेश- ऐसे प्रदेश जहां पर पूरे साल में औसत मासिक तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है वहां के प्रदेशों को उष्णकटिबंधीय जलवायु प्रदेश कहा जाता हैं।

2.शुष्क जलवायु प्रदेश- जहां पर तापमान की तुलना में वर्षण (वर्षा) बहुत कम जाती है, जिसके कारण शुष्कता अधिक होती है। ऐसे सभी प्रदेश शुष्क जलवायु प्रदेशों के अन्तर्गत आते हैं।

3.गर्म जलवायु प्रदेश- गर्म जलवायु प्रदेशों के अन्तर्गत वे प्रदेश आते हैं जहां पर सबसे ठण्डे महीने का औसत तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और -3 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

4.हिम जलवायु प्रदेश- जहां पर सबसे गर्म महीने का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक तथा सबसे ठण्डे महीने का औसत तापमान -3 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। ऐसे प्रदेश हिम जलवायु प्रदेशों के अन्तर्गत आते हैं।

5.बर्फीली जलवायु प्रदेश- ऐसे प्रदेश जहां पर सबसे गर्म महीने का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है वे प्रदेश बर्फीली जलवायु प्रदेश कहलाते हैं।
कोपेन ने जलवायु प्रकारों को व्यक्त करने के लिए वर्ण संकेतों का भी प्रयोग किया है।कोपेन ने अग्रेंजी के बड़े वर्णों में S को अर्ध्द मरूस्थल के लिए तथा W को मरूस्थल के लिए प्रयोग किया है।

कोपेन की योजना के अनुसार भारत के आठ जलवायु प्रदेश माने जाते हैं। जिनके प्रकार निम्नलिखित है-

 कोपेन योजना के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश

 जलवायु के प्रकार

 क्षेत्र

 Amw

 लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून

गोवा के दक्षिण में भारत का पश्चिमी तट

 As

शुष्क ग्रीष्म ऋतु वाला मानसून

तमिलनाडु का कोरोमंडल तट

 Aw

 उष्णकटिबंधीय सवाना

कर्क वृत्त के दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार का अधिकतर भाग

 BShw

 अर्ध शुष्क स्टेपी जलवायु

पश्चिमी गुजरात, पश्चिमी राजस्थान व पंजाब के कुछ भाग

 BWhw

 गर्म मरूस्थल

राजस्थान का सबसे पश्चिमी भाग

 Cwg

 शुष्क शीत ऋतु वाला मानसून

गंगा का मैदान, उत्तर पूर्वी भारत के अधिकतर भाग

 Dfc

 लघु ग्रीष्म तथा ठंडी आर्द्र शीत ऋतु

अरूणाचल प्रदेश वाला जलवायु प्रदेश

 E

 ध्रुवीय प्रकार

जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड

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(1) भारत के उत्तरी सीमा पर हिमालय स्थित है | हिमालय के कारण साईबेरिया (पूर्वी रूस) और चीन में चलने वाली शीतल एवं ठण्डी ध्रुवीय हवाएँभारत में प्रवेश नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण भारत में वास्तविक शीत ऋतु नहीं पाई जाती है | हिमालय स्पष्ट रूप से एक जलवायु विभाजक की भूमिका निभाता है | हिमालय के उत्तर में शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है और हिमालय के दक्षिण में उष्णकटिबंधीय जलवायु पायी जाती है ,अर्थात् कर्क रेखा जलवायु विभाजक की भूमिका नहीं निभा पाता है |

(2) कर्क और मकर रेखा के बीच उष्णकटिबंधीय क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में सागर जल अत्यधिक गर्म हो जाता है | जब गर्म हवाएँऊपर उठती हैं, तो सागर जल ही वाष्प बनकर ऊपर की ओर उठता है, इसी कारण उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में वर्षा होती रहती है |

भारत की जलवायु में बहुत अधिक विविधता पाई जाती है। स्थिति के लिहाज से कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है। भारत की जलवायु में यहाँ की स्थलाकृतियों  का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है। भारत के उत्तर में हिमालय और तिब्बत का पठार, दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित हैं। इन सबका प्रभाव पड़ता है।

हिमालय और हिन्दुकुश पर्वत मिलकर भारत को उत्तर से आने वाली ठंडी हवाओं से बचाता है। थार का मरुस्थल में गर्मियों के समय निम्न वायुदाब क्षेत्र बनता जो भारत में मानसूनी हवाओं को आकर्षित करता है। यहाँ पर गरम और ठंडी दोनों मौसम लगभग समान रूप से पाया जाता है।

जलवायु की परिभाषा –

जलवायु शब्द का प्रयोग किसी स्थान के वातावरण की दशा व्यक्त करने के लिए किया जाता है। मौसम और जलवायु में मामूली सा अंतर होता है। किसी छोटे  स्थान का दिन – परदिन  की वातावर्णीय दशा को मौसम कहा जाता है। किसी बहुत बड़े भूभाग के लम्बे समय तक के मौसम का औसत जलवायु कहलाता है। मौसम और जलवायु के तत्व समान ही है – तापमान, आर्द्रता, वायुदाब ।

जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक –

जलवायु को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक नीचे दिए गए है –

१. विषुवत रेखा से दूरी – विषुवत रेखा से दूरी किसी स्थान की जलवायु पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। भूमध्य रेखा के पास बहुत अधिक गर्मी पड़ती है और जैसे – जैसे यहाँ से दूर जाते है ठंडी बढ़ने लगाती है। धुर्वो पर बहत अधिक ठण्ड पड़ती है।

2. समुद्र से दूरी – समुद्रो के पास तापमान में ज्यादा परिवर्तन नही होता है। समुद्र से दूर जाने पर दिन और रात के तापमान ज्यादा परिवर्तन देखने को मिलता है।

3. समुद्र तल से ऊॅचाई – समुद्र तल से उचाई बढ़ने पर तापमान में कमी होती है। ऊचे पर्वतो पर बर्फ़बारी देखने को मिलती है।

4. पर्वतो की स्थिति – पर्वतो की स्थिति मानसून और हवाओ के प्रवाह को प्रभावित करती है। हिमालय पर्वत उत्तर दिशा से आने वाली ठंडी हवाओ से भारत को बचाता है। और दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओ को रोककर पूरे देश में बरसात कराता है।

5. मानसून ( मौसमी पवने ) – ये हवाए हर मौसम में अलग अलग दिशा में चलती है। भारत में हिन्द महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाए उत्तरी पश्चिमी मानसून लाती है। जो पूरे भारत में अच्छी बारिश कराती है। इसके अलावा छोटे क्षेत्र में कुछ दिनों में चलने वाली स्थानीय पवने भी चलती है। इसके उदाहरण लू है।

6. आर्द्रता – हवा में पायी जाने वाली नमी या जल की मात्रा को आर्द्रता कहा जाता है। नमी स्थल या अनेक जल स्रोतो से वाष्पीकरण और वाष्पोत्सर्जन के कारण हवा मे मिल जाती है। जब नमी युक्त हवा उपर उठती है, तो ऊपर जाकर संघनन के कारण पानी की बूदे बनाती है। ये बूॅदे एकत्रित होकर बादल का निर्माण करती है।

भारत में जलवायु प्रदेश –

भारत के भौगोलिक विस्तार और भू आकृतियों में विविधता के कारण यहाँ अनेक प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है कोपेन ने भारत की जलवायु को मुख्य रूप से 6 भागो में बाटा गया है

1 अल्पाइन ( ध्रुवीय ) – हिमालय पर्वत पर अधिक उचाई के कारण ध्रुवीय जलवायु पाई जाती है।

2 आर्द्र उपोष्ण – मैदानी भारत में गर्म और ठंडी दोनों जलवायु देखने को मिलती है।

3 उष्ण कटिबंधीय नम और शुष्क – दक्षिनी भारत में उष्ण कटिबंधीय जलवायु पाई जाती है।

उष्ण कटिबंधीय नम – पूर्वोत्तर भारत में उष्ण कतिबन्धीय नम जलवायु पाई जाती है। यहाँ वायु में बहुत अधिक आर्द्रता पाई जाती है।

अर्ध उष्ण कटिबंधीय –

शुष्क मरुस्थलीय – पश्चिमी भारत के मरुस्थलीय भाग में शुष्क जलवायु पाई जाती है।

ऋतू किसे कहा जाता है –

ऋतू एक साल या वर्ष का ऐसा कालखंड होती है, जिसमे मौसम की दशाये लगभग समान पाई जाती है ऋतुओ का क्रम लगातार चलता रहता है जिससे जिससे हर साल यही क्रम देखने को मिलता है

भारत में ऋतुओं के प्रकार –

भारत में  मौसम विभाग के द्वारा मुख्य रूप से 4 ऋतुए की व्याख्या की गयी है। वैसे भारत में पारम्परिक रूप 6 ऋतुये मानी जाती हैं।

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    भारत में कैसे जलवायु पाई जाती है? - bhaarat mein kaise jalavaayu paee jaatee hai?
    ऋतुओं के प्रकार

1. शीत ऋतु – ( Winter )–

यह ऋतु दिसम्बर से लेकर मार्च के महीने तक होती है। उत्तर भारत मे दिसम्बर और जनवरी महीने मे सबसे ज्यादा ठण्ड पडती है। इस समय औसत तापमान 10 °C तक रहता है।

2. ग्रीष्म ऋतु ( Summer ) –

अप्रैल से जून महीने तक पूरे भारत मे बहुत गरम मौसम रहता है। मई मे सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। इस समय औसत तापमान 32 से 40 °C तक रहता है। राजस्थान के कुछ भागो या मरुस्थलीय हिस्सों मे तापमान 50 °C तक चला जाता है। पूरे पश्चिमी तट और केरल में मानसून से पहले अप्रैल मई महीने में वर्षा होती है इसके कारण यहाँ पर आम समय से पहले पकने लगते है अतः इसे आम्र वर्षा कहा जाता है

3. वर्षा ऋतु (Rainy) –

जुलाई से सितम्बर तक पूरे भारत मे बारिश का मौसम रहता है। इस समय पूरे देश में मानसून सक्रिय रहता है और लगभग हर भाग मे वर्षा होती है। मानसून पहुचने का समय पूरे देश मे अलग अलग होता है। सबसे पहले मानसून केरल तट से टकराता है। इसके बाद मानसून पूर्वोत्तर भारत मे पहुचता है। और फिर जून के अन्त तक पूरे देश मे पहुच जाता है। अगस्त के महीने मे सर्वाधिक वर्षा होती है।

4. शरद ऋतु –

उत्तरी भारत मे अक्टूबर और नवम्बर मे मौसम लगभग शान्त रहता है। अक्टूबर मे मानसून वापस जा रहा होता है और यह तमिलनाडु के तट अच्छी वर्षा करता है।

भारत की जलवायु को कौन सी जलवायु कहा जाता है?

भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है. भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है.

भारत में कितने प्रकार की जलवायु पाई जाती है?

कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं:.
अल्पाइन.
आर्द्र उपोष्ण.
उष्ण कटिबंधीय नम और शुष्क.
उष्ण कटिबंधीय नम.
अर्धशुष्क.
शुष्क मरुस्थलीय.

भारत की जलवायु कैसे हैं?

भारत की जलवायु दक्षिण में उष्णकटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी)। एक ओर यह पुर्वोत्तर भारत में उष्ण कटिबंधीय नम प्रकार की है तो पश्चिमी भागों में शुष्क प्रकार की।

भारत की जलवायु कैसी है और क्यों?

इस प्रकार भारत के अधिकांश हिस्से में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है। भारत के दक्षिण में स्थित हिंद महासागर से आने वाली मानसूनी पवनों का भारत की जलवायु पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिये भारत की जलवायु को उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु कहा जाता है।