भारतीय इतिहास में कौन सा साम्राज्य स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है *? - bhaarateey itihaas mein kaun sa saamraajy svarn yug ke naam se jaana jaata hai *?

विषयसूची

  • 1 भारत का स्वर्णिम युग कौन सा था?
  • 2 भारतीय चिकित्सा विज्ञान का स्वर्ण युग किसे कहा गया है और क्यों लिखिए?
  • 3 स्वर्णिम सिद्धांत क्या है?
  • 4 गुप्त वंश को स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?
  • 5 गुप्त काल भारत का स्वर्ण युग था कैसे?
  • 6 गुप्तकाल में कौनसा गणितज्ञ हो गया?
  • 7 स्वर्ण युग का विचार क्या है?
  • 8 भारतीय इतिहास में कौन सा साम्राज्य स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है *?

भारत का स्वर्णिम युग कौन सा था?

इसे सुनेंरोकेंगुप्त साम्राज्य के समय प्राचीन भारत की तीसरी शताब्दी और 6 वीं शताब्दी सीई के मध्य का भारत का स्वर्ण युग था और दूसरा दक्षिण भारत में चोल वंश के समय के मध्ययुगीन भारत की 10 वीं और 11 वीं शताब्दी सीई के मध्य का युग भारत का स्वर्ण युग था।

भारतीय चिकित्सा विज्ञान का स्वर्ण युग किसे कहा गया है और क्यों लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय चिकित्सा विज्ञान का स्वर्ण युग गुप्त काल को माना जाता है। गुप्त काल में चिकित्सा के क्षेत्र में अनेक तरह की प्रगति हुई। इस काल में चिकित्सा से संबंधित अनेक तरह के प्रयोग हुए और चिकित्सा शास्त्र में काफी कुछ लिखा गया।

कौन से राजा स्वर्णिम युग से थे और वीणा बजाते थे?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन गुप्त वंश के सूर्य को चन्द्रगुप्त प्रथम ने बुलंदियों पर पहुंचाया था। इसी कारण सबसे पहले चन्द्रगुप्त को महाराजाधिराज की उपाधि भी प्राप्त हुई थी।

किसी भी राष्ट्र के स्वर्णिम युग के प्रमुख तत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक राष्ट्र का स्वर्णिम-युग वही कहा जाता है, जबकि वहाँ पूर्ण शांति और सुख रहा हो तथा उत्तमोत्तम रचनात्मक कार्य किए जाते हों । भौतिक दृष्टि से व्यापार और कृषि की उन्नति भी शांतिकाल में ही सम्भव होती है, अतः हम यदि विश्व का कल्याण चाहते हैं तो हमें युद्ध का बहिष्कार करना ही होगा ।

स्वर्णिम सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकें”दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा अपने साथ चाहते हो” – यही स्वर्णिम नियम (Golden Rule) है। यह सिद्धान्त अधिकांश धर्मों और संस्कृतियों में मौजूद है।

इसे सुनेंरोकेंगुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है।

गुप्त वंश को स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंगुप्तकाल में विज्ञान प्रौद्योगिकी से लेकर साहित्य, स्थापत्य तथा मूर्तिकला के क्षेत्र में नये प्रतिमानों की स्थापना की गई जिससे यह काल भारतीय इतिहास में ‘स्वर्ण युग’ के रूप में जाना गया।

गुप्त कला क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस काल में भारतीय कलाकारों ने अपनी एक विशिष्ट मौलिक एवं राष्ट्रीय शैली का सृजन किया था, जिसमें मूर्ति का आकार गात, केशराशि, माँसपेशियाँ, चेहरे की बनावट, प्रभामण्डल, मुद्रा, स्वाभाविकता आदि तत्त्वों को ध्यान में रखकर मूर्ति का निर्माण किया जाता था। यह भारतीय एवं राष्ट्रीय शैली थी।

स्वर्ण युग का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंस्वर्णयुग संज्ञा पुं० [सं०] सुख समृद्धि एवं शांति का काल ।

इसे सुनेंरोकेंराजा विक्रमादित्य ने इसकी शुरुआत की थी.

गुप्त काल भारत का स्वर्ण युग था कैसे?

इसे सुनेंरोकेंगुप्त सम्राटों के उदार दृष्टिकोण, कला प्रेम और संस्कृति के संरक्षण ने इसमें बहुमुखी प्रतिभा का उदय किया था। इन्हीं कारणों से गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्णयुग माना जाता है।

गुप्तकाल में कौनसा गणितज्ञ हो गया?

इसे सुनेंरोकेंगुप्त काल का सर्वप्रमुख गणितज्ञ एवं खगोलविद कौन था? वराहमिहिर ( जन्म: ई. 499 – मृत्यु: ई. 587) जिसे वराह या मिहिरा भी कहा जाता है, एक हिंदू विद्वान, गणितज्ञ और खगोलविद थे जो उज्जैन (मध्य प्रदेश, भारत) में रहते थे।

गुप्तकालीन किस महिला का उल्लेख भूमि दान के संदर्भ में क्या जाता है?

इसे सुनेंरोकेंगुप्तकालीन साम्राज्य से प्राप्त अभिलेख में मथुरा से प्राप्त एक अभिलेख में दिए गए वर्णन के अनुसार कुमारगुप्त प्रथम के समय में हरिस्वामिनी नाम की एक जैन मतावलंबी महिला ने जैन मंदिर दान दिया था। गुप्तकालीन का समय में भूमि दान के संदर्भ में इसी महिला का उल्लेख मिलता है।

गुप्तकालीन चित्रो की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंगुफाओं में पेड़, फूल, पशु-पक्षी, भगवान् बुद्ध तथा बौद्ध धर्म की जातक कथाओं पर आधारित चित्र बड़े कलात्मक ढंग से बनाए गए हैं। अजन्ता में कुल 29 गुफाएँ हैं। की चित्रकला के उत्कृष्ट नमूने हैं। (ii) बाघ की गुफाओं के चित्र- मध्य प्रदेश में ग्वालियर के निकट बाघ की गुफाएँ हैं।

स्वर्ण युग का विचार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंश्रीमती जोन रोबिंसन ने स्वर्ण युग को एक ऐसी दशा के द्वारा निरूपित किया जिसमें पूँजी का पूर्ण उपयोग होता है तथा श्रम पूर्ण रोजगार की स्थिति में होता है । पूँजी संचय की दर इतनी अधिक होती है कि वह समस्त उपलब्ध श्रम को उत्पादक क्षमता की पूर्ति कर पाने में सक्षम होता है ।

भारतीय इतिहास में कौन सा साम्राज्य स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है *?

क्या आप सहमत हैं कि गुप्त काल भारतीय इतिहास का स्वर्णकाल था?

इसे सुनेंरोकेंगुप्त-काल में आकर विकास की यह धारा अपनी पराकाष्ठा पर पहुंच गयी तथा यह उन्नति बाद की शताब्दियों के लिये मानदण्ड बन गयी । अत: हम गुप्तकाल को भारतीय संस्कृति के चरमोत्कर्ष का काल मान सकते हैं, न कि पुनरुत्थान का । अपनी जिन विशेषताओं के कारण गुप्तकाल भारतीय इतिहास के पृष्ठों में स्वर्णयुग का स्थान बनाये हुए हैं ।

भारत के स्वर्ण युग का क्या नाम है?

उत्तर : गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है।

कौन से शासनकाल को भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है?

सही उत्तर चोल है। चोलों के शासनकाल को दक्षिण भारत का 'स्वर्ण युग' माना जाता है। तमिल संस्कृति का स्वर्ण युग शाही चोल काल था जिसका वैशिष्ट्य साहित्य था।

स्वर्ण युग की शुरुआत कब हुई?

इस्लाम का स्वर्ण युग: अरब दर्शन के संस्थापक अल-किंदी जिन्होंने विज्ञान पर भी किया काम अबू युसूफ़ याक़ूब इब्ने इसहाक़ अल-किंदी नौवीं सदी के दौरान इराक़ में रहते थे. इस दौर को मानव चिंतन और सांस्कृतिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण दौर माना जाता था.

गुप्त काल को स्वर्ण युग क्यों कहलाया?

गुप्तकाल 'स्वर्ण युग' क्यों कहलाया? क्योंकि इस काल में अधिक-से-अधिक शासकों ने शासन किया। क्योंकि इस काल में देश की सीमा बढ़ गई। क्योंकि इस काल में भारत का चहुँमुखी विकास हुआ।