भाषा की अशुद्धियाँ क्यों होती हैं? - bhaasha kee ashuddhiyaan kyon hotee hain?

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  • शब्दों की अशुद्धियाँ Shabdon ki Ashudhiyan
    • अशुद्धि शोधन – ashudhi shodhan शब्द शोधन 
      • 1. अशुद्धियां कितने प्रकार की होती हैं?
      • 2. वर्तनी की अशुद्धियाँ किसे कहते हैं?
      • 3. हिन्दी लेखन में अशुद्धियों के कारण क्या हैं?
      • 4. शुद्ध हिंदी लेखन के लिए क्या करें?
      • 5. वर्तनी की गलती कैसे सुधारें?
      • 6. शब्द की अशुद्धियों के उदाहरण 

प्रायः देखा जाता है कि छात्र परीक्षा में प्रश्न का सही उत्तर जानते हुए भी लेखन में अशुद्धियों के कारण बहुमूल्य अंक गंवा बैठते हैं। अक्सर ऐसा तब होता है छात्रों को हिन्दी भाषा के व्याकरण संबंधी नियमों की जानकारी नहीं होती अथवा शुद्ध हिंदी लेखन के अभ्यास में कमी होने कारण विद्यार्थियों से बोलते या लिखते समय शब्दों की अशुद्धियाँ हो जातीं हैं। आज हम विद्यार्थियों की सहायता के लिए यहाँ पर भाषा में शब्द की शुद्धि-अशुद्धि संबन्धित निम्न जानकारी दे रहे हैं:

अशुद्धि शोधन – ashudhi shodhan शब्द शोधन 

  1. अशुद्धियां कितने प्रकार की होती हैं?
  2. वर्तनी की अशुद्धियाँ किसे कहते हैं?
  3. हिन्दी लेखन में अशुद्धियों के कारण क्या हैं?
  4. शुद्ध हिंदी लेखन के लिए क्या करें?
  5. वर्तनी की गलती कैसे सुधारें?
  6. अशुद्धियों के उदाहरण

आइये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं: 

1. अशुद्धियां कितने प्रकार की होती हैं?

हिन्दी भाषा के उच्चारण या लेखन में मुख्यत: दो प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं:

  • शब्द-संबंधी अशुद्धियाँ
  • वाक्य-संबंधी अशुद्धियाँ

यहाँ पर हम शब्द की अशुद्धियों (Shabdon ki Ashuddhiyan) के बारे में विस्तार से जानेंगे। (वाक्य संबंधी अशुद्धियों के बारे में जानने के लिए इस दूसरे लेख को पढ़ें।)

2. वर्तनी की अशुद्धियाँ किसे कहते हैं?

कुछ विद्यार्थी ‘श’, ‘स’ और ‘ष’ के उच्चारण में भूल करते हैं अथवा सभी को ‘स’ ही बोलते या लिखते हैं। जैसे – ‘शिकायत’ को ‘सिकायत’, ‘भेष’ को ‘भेस’ या ‘अनुशरण’ को ‘अनुसरण’ बोलना या लिखना आदि। कुछ छात्र-छात्राएं अर्धाक्षरों में अशुद्धि करते हैं जैसे – ‘उज्ज्वल’ को ‘उज्जवल’, ‘महत्त्व’ को ‘महतव’, और ‘प्रयास’ को ‘परयास’ आदि।

3. हिन्दी लेखन में अशुद्धियों के कारण क्या हैं?

हिन्दी लेखन में अशुद्धियों का मुख्य कारण अभ्यास की कमी, श्रुतिलिपि (सुलेख या इमला) की परंपरा का विलोप होना और हिन्दी की पुस्तकों का अध्ययन न करना है।

4. शुद्ध हिंदी लेखन के लिए क्या करें?

शुद्ध हिन्दी लेखन के लिए छात्रों को बोलकर लिखने का अभ्यास करना चाहिए, साथ ही हिन्दी पुस्तकों का अधिकाधिक अध्ययन करना चाहिए। ऐसा करने से शब्द शोधन करने में आसानी रहती है। 

5. वर्तनी की गलती कैसे सुधारें?

वर्तनी की गलतियाँ सुधारने के लिए उन शब्दों का बार-बार लिख कर अभ्यास करना चाहिए जिनमें वर्तनी की गलतियाँ होने की संभावना अधिक है। ऐसे शब्दों की सूची नीचे दी जारी है।

Shudh Ashudh for Class 5
Shudh Ashudh for Class 6
Shudh Ashudh for Class 7
Shudh Ashudh for Class 8
Shudh Ashudh for Class 9
Shudh Ashudh for Class 10

6. शब्द की अशुद्धियों के उदाहरण 

यहाँ पर उन शब्दों की अशुद्धियों (Shabdon ki Ashuddhiyan) की सूची उन शब्दों के शुद्ध रूपों के साथ दी गई है ताकि विद्यार्थी अभ्यास कर अशुद्ध शब्दों को शुद्ध (अशुद्धि शोधन – ashudhi shodhan)  करना सीख सकें।

अशुद्ध शब्द – शुद्ध शब्द
अंक – अङ्क
अंगना – अँगना
अत्याधिक – अत्यधिक
अद्वितिय – अद्वितीय
अध्यन – अध्ययन
अनधिकार – अनाधिकार
अनुकुल – अनुकूल
अनेकों – अनेक
अप्रसंगिक – अप्रासंगिक
अरमूद – अमरूद
अस्थान – स्थान
आंख – आँख
आर्द – आर्द्र
आर्शीवाद – आशीर्वाद
ईर्षा – ईर्ष्या
उँचाई – ऊँचाई
उंगली – ऊँगली
उंचा – ऊँचा
उज्वल – उज्ज्वल
उत्कृष्ठ – उत्कृष्ट
उन्नती – उन्नति
उपर – ऊपर
उपरीलिखित – उपरिलिखित
उपरोक्त – उपर्युक्त
एकत्रित – एकत्र
एवं – एवम्
ऐक्यता – एकता, ऐक्य
कंगना – कँगना
कलस – कलश
कल्यान – कल्याण
कवियत्री – कवयित्री
कांच – काँच
कुंजी – कुञ्जी
गंगा – गङ्गा
गनित – गणित
गयी – गई
गांधीजी – गाँधीजी
गुंगा – गूँगा
गृहस्थ्य – गृहस्थ
घनिष्ट – घनिष्ठ
चंचल – चञ्चल
चांद – चाँद
चिन्ह – चिह्न
छः – छह
छटांक – छटाँक, छटाक
छमा – क्षमा
छि: छि: – छी छी
जहां – जहाँ
जाऊंगा – जाऊँगा
ज्येष्ट – ज्येष्ठ
डांट – डाँट
तुफान – तूफान
दांत – दाँत
दुंगा – दूँगा
धनमान – धनवान्
धैर्यता – धैर्य, धीरता
नछत्र – नक्षत्र
नबाव – नवाब
नमष्कार – नमस्कार
नारि – नारी
निरस – नीरस
निरोग – नीरोग
पंडित – पण्डित
पछिताना – पछताना
पत्नि – पत्नी
पमेश्र्वर – परमेश्र्वर
परंपरा – परम्परा
परस्थिति – परिस्थिति
परिक्षा – परीक्षा
पहिले – पहले
पहुंचा – पहुँचा
पांचवा – पाँचवाँ
पिचास – पिशाच
पुज्य – पूज्य
पुरष्कार – पुरस्कार
पुरुस्कार – पुरस्कार
पुष्टी – पुष्टि
पुस्प – पुष्प
पूण्य – पुण्य
पृष्ट – पृष्ठ
पैत्रिक – पैतृक
प्रंतु – परंतु
प्रतिकुल – प्रतिकूल
प्रनाम – प्रणाम
प्रशाद – प्रसाद
प्रसंशा – प्रशंसा
प्रान – प्राण
प्राप्ती – प्राप्ति
बनावास – वनवास
बांस – बाँस
बांसुरी – बाँसुरी
बिठाया – बैठाया
बुढा – बूढ़ा
बुद्धिवान – बुद्धिमान्
ब्रम्ह – ब्रह्य
ब्राम्हन – ब्राह्मण
भगमान – भगवान्
भष्म – भस्म
भाग्यमान – भाग्यवान्
भिजवाया – भेजवाया
मंगल – मङ्गल
मंत्रीमंडल – मंत्रिमंडल
मंदिर – मन्दिर
मट्टी – मिट्टी
महंगा – महँगा
महत्वपूर्ण – महत्त्वपूर्ण
महान – महान्
माधुर्यता – माधुर्य
मुंह – मुँह
मैत्रता – मित्रता
मैथलीशरण – मैथिलीशरण
यथेष्ठ – यथेष्ट
योगीराज – योगिराज
रसायण – रसायन
राजनैतिक – राजनीतिक
राज्यमहल – राजमहल
रामायन – रामायण
रुप – रूप
रूपया – रुपया
लच्छन – लक्षण
लछिमन – लक्ष्मण
लिक्खा – लिखा
वाक – वाक
वानी – वाणी
वास्प – वाष्प
विद्वान – विद्वान्
वीना – वीणा
व्यावहार – व्यवहार
शक्ती – शक्ति
शत्रुह्न – शत्रुघ्न
शिघ्र – शीघ्र
षष्ट – षष्ठ
संजय – सञ्जय
संसारिक – सांसारिक
सकुशलपूर्वक – कुशलतापूर्वक
सन्मान – सम्मान
सन्यास – संन्यास
सप्ताहिक – साप्ताहिक
समीति – समिति
समुद्रिक – सामुद्रिक
सम्राज्य – साम्राज्य
साशन – शासन
सिंदुर – सिंदूर
सुर्पनखाँ – शूर्पणखा
सुर्य – सूर्य
सुस्वागत – स्वागत
सूंड – सूँड
सूचिपत्र – सूचीपत्र
सृंगार – श्रृंगार
सृष्टी – सृष्टि
स्त्रोत – स्रोत
स्मर्ण – स्मरण
स्मसान – श्मशान
स्वास्थ – स्वास्थ्य
हंसना – हँसना
हिंदु – हिंदू
हिन्दूस्तान – हिन्दुस्तान

भाषा की अशुद्धियां क्यों होती है?

व्याकरण के सामान्य नियमों की ठीक -ठीक जानकारी न होने के कारण विद्यार्थी से बोलने और लिखने में प्रायः भद्दी भूलें हो जाया करती हैं। शुद्ध भाषा के प्रयोग के लिए वर्णों के शुद्ध उच्चारण, शब्दों के शुद्ध रूप और वाक्यों के शुद्ध रूप जानना आवश्यक हैं।

भाषा की अशुद्धियां कितने प्रकार के होते हैं?

Answer. विद्यार्थी से प्रायः दो तरह की भूलें होती हैं- एक शब्द-संबंधी, दूसरी वाक्य-संबंधी।

अशुद्धियों से आप क्या समझते हैं?

अशुद्धियों से आप क्या समझते हैं साधारण शब्दों में कहा जाए तो किसी भी कार्य को करने में व उस कार्य के करने के बाद उसमें जो गलतियां पाई जाती हैं अशुद्धियां कहलाती है। उदाहरण – जब हम बचपन में A,B,C,D लिखते थे तो B को उल्टा करके लिख देते थे। यहां B को उल्टा करके लिखना ही अशुद्धि हैं।

अशुद्ध लेखन के लिए कौन से कारण जिम्मेदार होते हैं?

3. हिन्दी लेखन में अशुद्धियों के कारण क्या हैं? हिन्दी लेखन में अशुद्धियों का मुख्य कारण अभ्यास की कमी, श्रुतिलिपि (सुलेख या इमला) की परंपरा का विलोप होना और हिन्दी की पुस्तकों का अध्ययन न करना है।