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इस पोस्ट में हम जानेंगे बरनौली का प्रमेय क्या है Bernoulli Theorem in Hindi के बारे मे, अगर आपको बरनौली का प्रमेय क्या है परिभाषा सिद्धांत और उदाहरण द्वारा सत्यापित के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट को पूरा पढे, तो चलिये अब बरनौली का प्रमेय क्या है के बारे मे जानते है, बरनौली का प्रमेयBernoulli’s Theorem in Hindiजब कोई आदर्श द्रव अथवा गैस एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारा रेखी प्रवाह में बहता है तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर उसके एकाँक आयतन की कुल ऊर्जा अर्थात् दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग नियत रहता है।यदि द्रव के एकाँक आयतन की दाब ऊर्जा P,द्रव का घनत्व ρ तथा वेग u है और द्रव का प्रवाह क्षैतिज तल में होता है, तो बरनौली के प्रमेय के अनुसार- P+1/2(ρu^2)= नियतांक दाब ऊर्जा + गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा = नियतांक यानि यदि कोई आदर्श द्रव धारारेखीय प्रवाह से किसी नली से होकर प्रवाहित होता है तो मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग एक नियतांक होता है। तो इससे बरनौली के सूत्र से स्पष्ट है कि जिस स्थान पर द्रव का वेग कम होता है वहाँ दाब अधिक होता है तथा जिस स्थान पर वेग अधिक होता है वहाँ दाब कम होता है। बरनौली का प्रमेय की परिभाषाDefinition of Bernoulli’s Theorem in Hindiजब कोई असंपीड्य तथा अश्यान द्रव अथवा गैस धारा रेखीय प्रवाह में बहता है तो इसके मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर इसके एकांक आयतन की कुल ऊर्जा अर्थात् दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग एक नियतांक होता है इसे बरनौली की प्रमेय (Bernoulli theorem in Hindi) कहते हैं। बरनौली की प्रमेय का समीकरणEquation of Bernoulli’s Theorem in Hindiबरनौली प्रमेय प्रमेय तरल की गति में उर्जा संरक्षण के सिद्धान्त पर आधारित है। इस नियम के अनुसार, “जब कोई अश्यान व असम्पीड्य तरल एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारा रेखीय प्रवाह में प्रवाहित होता है तो मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर इसके एकांक आयतन की कुल उर्जा अर्थात् दाब उर्जा, गतिज उर्जा तथा स्थितिज उर्जा का योग नियत रहता है।“ अर्थात् प्रति एकांक आयतन द्रव प्रवाह के लिये उपरोक्त समी. में ρg से भाग देने पर
इस समीकरण में h को गुरूत्वीय शीर्ष, v²/2g को वेग शीर्ष तथा P/ρg को दाब शीर्ष कहते है। इन तीनों के योग को सम्पूर्ण शीर्ष कहा जाता है। अतः बरनौली की प्रमेय को निम्न प्रकार से भी कहा जा सकता है :- धारा रेखीय प्रवाह में किसी आदर्श द्रव (अश्यान व असम्पीड्य ) के किसी बिन्दु पर गुरूत्वीय शीर्ष, दाब शीर्ष तथा वेग शीर्ष का योग नियत रहता है। जब प्रवाह क्षैतिज तल में हो h1 = h2 P1 +1/2ρv₁²+ρgh2 = P2+1/2ρv2²+ρgh2 P1 +1/2ρv₁² = P2+1/2ρv2² बरनौली प्रमेय के समीकरण से यह स्पष्ट है कि किसी बहते हुए द्रव के जिस स्थान पर द्रव का वेग कम होता है, वहां दाब अधिक होता है तथा जिस स्थान पर वेग अधिक होता है वहां दाब कम होता है। बरनौली प्रमेय का उपयोगUses of Bernoulli’s Theorem in Hindi
बरनौली प्रमेय के अनुप्रयोगApplication of Bernoulli’s Therorem in Hindi
बरनौली का प्रमेय से संबन्धित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तरSome important questions and their answers related to Bernoulli’s theorem in Hindi (FAQs)प्रश्न :- बरनौली का प्रमेय क्या है? उत्तर :- बरनौली की प्रमेय के अनुसार जब कोई असंपीडय एवं अश्यान द्रव या गैस आदर्श तरल धारा रेखीय प्रवाह मे प्रवाहित हो रहा है तो उसके प्रत्येक बिंदू पर बहने वाले द्रव की कुल यांत्रिक ऊर्जा ,स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy), गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy), दाब ऊर्जा (Pressure Energy) नियत (Constant) रहती है या बदलती नहीं है। प्रश्न :- बर्नौली समीकरण क्या है? उत्तर :- बरनौली प्रमेय के अनुसार ही जब कोई तरल किसी क्षैतिज स्थित किसी पाइप से होकर बह रहा हो जबकि इसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन न हो तो तरल दाब कम करने पर तरल का वेग बढ़ता है। प्रश्न :- बरनौली प्रमेय किस सिद्धांत पर आधारित है? उत्तर :- बरनौली प्रमेय ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है प्रश्न :- बरनौली का सिद्धांत क्या है इसके किसी एक अनुप्रयोग को लिखिए? उत्तर :- बरनौली की प्रमेय के अनुसार किसी बहते हुए तरल में जहां वेग अधिक होता है वहां दाब कम होता है जहां वेग कम होता है वहां दाब अधिक होता है। इसका उपयोग वायुयान के पंखे बनाने में किया जाता है। पंखे की आकृति के कारण पंखे के उपरी तल की वायु का वेग नीचे के तल की वायु के वेग से अधिक होता है। प्रश्न :- बरनौली प्रमेय के सत्यापन में कौन से उपकरण की आवश्यकता होती है? उत्तर :- बरनौली प्रमेय के सत्यापन में वेण्टीमीटर (Venturimeter) उपकरण की आवश्यकता होती है प्रश्न :- बर्नौली के सिद्धांत की सीमाएं क्या है? उत्तर :- बर्नौली समीकरण यह मानकर व्युत्पन्न किया गया है कि पाइप के किसी भी अनुप्रस्थ काट पर द्रव के प्रत्येक तत्व का वेग एकसमान है । व्यावहारिक रूप से, यह सच नहीं है। अंतरतम परत में द्रव के तत्वों का वेग अधिकतम होता है। प्रश्न :- बरनौली प्रमेय किस संरक्षण पर आधारित है उत्तर :- बर्नौली का प्रमेय गति में एक तरल पर लागू ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत का एक परिणाम है। यह प्रमेय बताता है कि एक आदर्श तरल के सुव्यवस्थित प्रवाह के लिए प्रति इकाई द्रव्यमान में कुल ऊर्जा (दबाव ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का योग) तरल प्रवाह के दौरान हर अनुप्रस्थ-काट पर स्थिर रहती है। तो आपको यह पोस्ट बरनौली का प्रमेय क्या है परिभाषा सिद्धांत और उदाहरण द्वारा सत्यापित (Bernoulli’s Theorem in Hindi) मे दी गयी जानकारी कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताए और इस पोस्ट को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे, इन पोस्ट को भी पढे :-
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