बड़े भाई साहब कहानी में छोटा भाई क्यों और कितनी पढ़ाई करता था? - bade bhaee saahab kahaanee mein chhota bhaee kyon aur kitanee padhaee karata tha?

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter-10 Bade Bhai Sahab Questions and Answers

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:

प्रश्न 1. कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी?

उत्तर- कथा नायक की रुचि चित्रकला में थी।

प्रश्न 2.बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे?

उत्तर- बड़े भाई छोटे भाई से हर समय एक ही सवाल पूछते थे-कहाँ थे?

प्रश्न 3.दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर- दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में घमंड आ गया ।

प्रश्न 4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?

उत्तर- बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में 5 साल बड़े थे। वे नवीं कक्षा में पढ़ते थे।

प्रश्न 5.बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?

उत्तर- बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए कभी कापी पर वे कभी किताब के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों के चित्र बनाते थे। कभी-कभी वे एक शब्द या वाक्य को अनेक बार लिख डालते, कभी एक शेर-शायरी की बार-बार सुंदर अक्षरों में नकल करते। कभी ऐसी शब्द रचना करते, जो निरर्थक होती, कभी किसी आदमी को चेहरा बनाते।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25-30 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबल बनाते समय क्या क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया ?

उत्तर – छोटे भाई ने अपने पढ़ाई का टाइम -टेबल बनाते हुए सोचा कि अब वह इसी पर अमल करेगा परंतु पहले ही दिन उसकी अवहेलना शुरू हो जाती हैं क्योंकि उनका पढ़ाई से ज्यादा खेल कूद में मन लगता था इसी कारण वह टाइम-टेबल का पालन नहीं कर पाया ।

प्रश्न 2.एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?

उत्तर-एक दिन जब गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई के सामने गया तो उसकी प्रतिक्रिया अच्छी नहीं थी वह बहुत डर गया था उसने जैसे बड़े भाई को देखा और उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी |

प्रश्न 3.बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

उत्तर-बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छा इसलिए दबानी पड़ती थी क्योंकि अगर वह बेराह चलेंगे तो छोटा भाई भी बेराह चलेगा , परिवार वालों ने छोटे भाई की जिम्मेदारी बड़े भाई पर सौपी थी । बड़े भाई ने अनुशार जो वह करेगा वही उसका छोटा भाई सीखेगा ।

प्रश्न 4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों ?

उत्तर- बड़े भाई साहब छोटे भाई को हमेशा पढ़ने लिखने की सलाह देते थे खेलकूद के लिए मना करते थे क्योंकि उसका ध्यान खेलकूद में ज्यादा रहेगा तो वह पढ़ाई में पीछे रह जाएगा और जिंदगी में कुछ नहीं बन पाएगा ।

प्रश्न 5.छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?

उत्तर-छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार के कारण पढ़ाई पढ़ना लिखना बिल्कुल छोड़ दिया था और उसका पूरा ध्यान खेलकूद में रहने लगा।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- बड़े भाई की डांट फटकार छोटे भाई को ना मिलती तो वह कक्षा में अव्वल नहीं आ पाता क्योंकि छोटे भाई का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता था वह हमेशा खेलकूद में ध्यान देता था जब बड़े भाई साहब छोटे भाई को डांटते तब वह पढ़ता था और आज वह जो कुछ था अपने बड़े भाई के कारण था ।

प्रश्न 2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

उत्तर-इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के तौर-तरीके पर व्यंग किया है और कहा है कि अंग्रेजी बोलने लिखने और पढ़ने पर जोर देते हैं अंग्रेजी आया ना आए उसे हटाया जाता है और बच्चे विराट कर परीक्षा में पास हो जाते हैं और जो जरूरी नहीं है उसे भी पढ़ाया जाता है छोटे-छोटे विषयों पर लंबा चौड़ा निबंध लिखा जाता है ।

प्रश्न 3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

उत्तर- बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समाझ अनुभव से आती है, किताबी ज्ञान से नहीं आती क्योंकि जब बड़े भाई साहब दो बार फेल होने के बाद अपने छोटे भाई से 1 कक्षा आगे थे तब वह अम्मा दादा और हेड मास्टर की मां का उदाहरण देते हुए कहे कि जीवन में अनुभव बहुत जरूरी होता है ।

प्रश्न 4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

उत्तर- छोटे भाई के मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हुई क्योंकि अब वह एक सफल इंसान था , आज वह जो कुछ था वह अपने बड़े भाई के कारण था अगर बड़े भाई साहब उसे डांटते नहीं तो वह अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पाता और कक्षा में अव्वल नहीं आ पाता।

प्रश्न 5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?

उत्तर- बड़े भाई साहब हमेशा किताबे खोलकर बैठे रहते और उसमें बेतुके शब्द लिखते और चित्र बनाते थे छोटे भाई को हमेशा पढ़ने के लिए समझाते और डांटते थे । अनुभव की बातें करते थे, उनके अंदर भी एक बच्चा था लेकिन हुआ उसे बाहर आने नहीं देते थे।

प्रश्न 6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्त्वपूर्ण कहा है?

उत्तर- बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से जिंदगी के अनुभव को अधिक महत्त्वपूर्ण माना है। उनका मत था कि किताबी ज्ञान तो रट्टा मारने का नाम है। उसमें ऐसी-ऐसी बातें हैं जिनका जीवन से कुछ लेना-देना नहीं। इससे बुधि का विकास और जीवन की सही समझ विकसित नहीं हो पाती है। इसके विपरीत अनुभव से जीवन की सही समझ विकसित होती है। इसी अनुभव से जीवन के सुख-दुख से सरलता से पार पाया जाता है। घर का खर्च चलाना हो घर के प्रबंध करने हो या बीमारी का संकट हो, वहीं उम्र और अनुभव ही इनमें व्यक्ति की मदद करते हैं।

प्रश्न 7. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-

  1. छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।
  2. भाई साहब को जिंदगी का अच्छा अनुभव है।
  3. भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।
  4. भाई साहब छोटे भाई का भला चाहते हैं।

उत्तर-

  1. जब बड़े भाई साहब छोटे भाई को डांटते तब बड़े भाई साहब छोटा भाई से 3 कक्षा आगे थे और छोटे भाई 2 साल पास करके बड़े भाई साहब से एक कक्षा पीछे था तब पर भी छोटा भाई अपने बड़े भाई साहब का आदर करते थे ।
  2. बड़े भाई साहब पर छोटे भाई की जिम्मेदारी थी और वह अपने जिम्मेदारी अच्छे से निभाते थे वह यह भी जानते थे कि अपनी इच्छाओं पर काबू करके ही वह छोटे भाई को ठीक रख सकते हैं ।
  3. अंत में जब बड़े भाई साहब पतंग पकड़ने के लिए दौड़े तब छोटे भाई को पता चल गया कि कि भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।
  4. जब वह दोनों हॉस्टल आए तब छोटे भाई के जिम्मेदारी बड़े भाई पर आ गई। बड़े भाई साहब छोटे भाई को खेलकूद से मना करते थे और पढ़ने के लिए डरते थे इसी कारण छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता था।

लिखित

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए–

प्रश्न 1. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास।

उत्तर – इस पंक्ति का यह आशय है कि इम्तिहान पास करना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि  इम्तिहान को रटकर भी पास कर सकता है। असल चीज तो बुद्धि का विकास और ज्ञान प्राप्त करना होता है क्योंकि बिना ज्ञान के बुद्धि का विकास नहीं हो सकता भले ही वह कितने भी इम्तिहान पास कर ले। वास्तव में तो ज्ञान व अनुभव से ही जीवन सार्थक हो सकता है।

प्रश्न 2. फिर भी जैसे मौत और विपरीत के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है मैं फटकार और गुड़ किया खाकर भी खेलकूद का तिरस्कार ना कर सकता था।

उत्तर – इन आशय से यह पता चलता है कि लेखक खेलकूद और मटरगश्ती से बहुत प्रेम करता था। उसका बड़ा भाई इसके लिए उसे खूब बातें सुनाता था, उसे खूब लताड़ा भी था और तिरस्कार भी करता था। परंतु फिर भी लेखक खेलना छोड़ नहीं सकता था। जिस प्रकार विविध विविध परेशानियों में फंस कर भी मनुष्य मोह माया में अटका रहता है। उसी तरह डाॅंट फटकार सुनने के बाद भी वह खेलकूद के बारे में तिरस्कार नहीं कर सकता और ना ही उसे छोड़ सकता है।

प्रश्न 3. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायदान बने?

उत्तर – इस आशय का यह मतलब है कि जिस तरह हम अपने मकान को पक्का वह मजबूत बनाने के लिए उसकी नींव को गहरा व ठोस करते हैं। उसी प्रकार किसी भी जीव की जीवन सफल करने के लिए हमें उसकी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना होगा क्योंकि बिना उसकी मजबूत शिक्षा प्रणाली के उसका जीवन रूपी मकान ठोस नहीं बन पाएगा। 

प्रश्न 4. आंखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

उत्तर – इसका यह आशा है कि जब लेखक आकाश की ओर देखता है तो एक पतंग लहराती हुई नीचे आ रही थी वह। पतंग लेखक को अति सुंदर प्रतीत हो रही थी। लेखक को मानो वह पतंग एक आत्मा सी लग रही थी जो कि अभी भी स्वर्ग से आ रही है। किसी दूसरे के हाथ में जाने के लिए वह बड़े भारी मन से आकाश से धरती की ओर गिर रही है।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए–

नसीहत, रोष, आज़ादी, राजा, ताज्जुब

उत्तर – 

शब्द पर्यायवाची
नसीहत शिक्षा, सीख, उपदेश, सबक।
रोष क्रोध, गुस्सा।
आज़ादी स्वतंत्रता, स्वाधीनता, मुक्ति।
राजा नृप, महीप, नरेश, प्रजापालक।
ताज्जुब आश्चर्य, विस्मय, हैरानी।

प्रश्न 2. प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणतः इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए–

  • मेरो जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था।
  • भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे। ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो जाते और हिम्मत टूट जाती। 
  • वह जानलेवा टाइम-टेबिल, वह आँखफोड़ पुस्तकें, किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फजीहत का अवसर मिल जाता।

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरागैरा नत्थू-खैरा।

उत्तर – 

मुहावरे अर्थ वाक्य
सिर पर नंगी तलवार लटकना साक्षात मौत के दर्शन करना / बहुत भयभीत होना  परीक्षा के दिन मानो छात्रों के सिर पर नंगी तलवार लटक रही हो।
आड़े हाथों लेना खरी खोटी सुनाना। परीक्षा में कम अंक आने की वजह से अध्यापिका ने सभी बच्चों को आड़े हाथों ले लिया।
अंधे के हाथ बटेर लगना बिना परिश्रम के अच्छी वस्तु हाथ लगना। जब एक गाॅंव में किसी आंठवीं पास व्यक्ति की सरकारी नौकरी लग गई, तब गाॅंव के लोगों ने उसे अंधे के हाथ में बटेर लग गया ऐसा कहना शुरु कर दिया।
लोहे के चने चबाना  बहुत परिश्रम करना/संघर्ष करना। आजकल आई ए एस के परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते हैं।
दाँतों पसीना आना बहुत मेहनत/काम करना। क्रिकेट मैदान में सतक मारने के लिए खिलाड़ी के दाँतों से पसीना आ गया।
ऐरागैरा नत्थू-खैरा।  मामूली या सामान्य व्यक्ति। अमीर लोग अपने सामने ग़रीबों को ऐरागैरा नत्थू-खैरा समझते हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।

तत्सम            तद्भव         देशज         आगत (अंग्रेज़ी एवं उर्दू /अरबी-फारसी) जन्मसिद्ध       आंख        दाल-भात                  पोज़ीशन, फ़जीहत 

तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्ति-बाण, जानलेवा, आँखफोड़, घुड़कियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशी, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात:काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबिल

उत्तर – 

तत्सम तद्भव देशज उर्दू अंग्रेजी
चेष्टा                        सूक्ति-बाणआधिपत्यप्रात:कालविद्वाननिपुणअवहेलना जानलेवा आंखफोड़ पन्ना भाई साहब घोड़ियाॅं फटकार मेला-तमाशा    तालीम जल्दबाजी पुख्ता हाशिया जमात हर्क़ मसलन स्पेशलस्कीम टाइम-टेबिल

प्रश्न 4. क्रियाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं-सकर्मक और अकर्मक।

सकर्मक क्रिया–वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; 

जैसे- शीला ने सेब खाया।

मोहन पानी पी रहा है।

अकर्मक क्रिया– वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं;

जैसे- शीला हँसती है।

बच्चा रो रहा है।

नीचे दिए वाक्यों में कौन-सी क्रिया है–सकर्मक या अकर्मक? लिखिए–

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।                  

(ख) फिर चोरों-सी जीवन कटने लगा।             

(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।             

(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।  

(ड़) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।    

(च) मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था।                     

उत्तर – 

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया। सकर्मक क्रिया
(ख) फिर चोरों-सी जीवन कटने लगा। अकर्मक क्रिया
(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। सकर्मक क्रिया
(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता। सकर्मक क्रिया
(ड़) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो। सकर्मक क्रिया
(च) मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था। अकर्मक क्रिया

प्रश्न 5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए– 

विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार

उत्तर –  

विचार विचार + इक वैचारिक
नीति नीति + इक नैतिक
इतिहास इतिहास + इक ऐतिहासिक
प्रयोग प्रयोग + इक प्रायोगिक
संसार संसार + इक सांसारिक
अधिकार अधिकार + इक आधिकारिक
दिन दिन + इक दैनिक

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1. प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के आठ भागों में संकलित हैं। इनमें से कहानियाँ पढ़िए और कक्षा में सुनाइए। कुछ कहानियों का मंचन भी कीजिए।

उत्तर – प्रेमचंद की कहानियाँ ‘मानसरोवर’ के आठ भागों में लगभग तीन सौ कहानियाँ सामील हैं। मुंशी प्रेमचंद जी ने कई प्रसिद्ध कहानियाॅं भी लिखी है, जैसे: नमक का दारोगा, पंच परमेश्वर, बूढ़ी काकी, पूस की रात, ठाकुर का कुआँ, गिल्ली-डंडा, आदि। छात्र इन कहानियों को पढ़े और इनका मंचन स्वयं करें।

प्रश्न 2. शिक्षा रटंत विद्या नहीं है-इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर – कक्षा अध्यापिक/अध्यापिका से आज्ञा लेकर कक्षा में ‘शिक्षा रटंत विद्या नहीं है’ इस विषय पर चर्चा आयोजित करें।

प्रश्न 3. क्या पढ़ाई और खेल-कूद साथ-साथ चल सकते हैं–कक्षा में इस पर वाद-विवाद कार्यक्रम आयोजित कीजिए।

उत्तर – हाॅं, पढ़ाई और खेलकूद साथ साथ चल सकते हैं क्योंकि पढ़ाई के अलग फायदे हैं व खेलकूद के अलग फायदे हैं। छात्र इस विषय पर वाद-विवाद कार्यक्रम आयोजित कर अपने अपने विचार प्रकट करें।

प्रश्न 4. क्या परीक्षा पास कर लेना ही योग्यता का आधार है? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर – नहीं, परीक्षा पास कर लेना ही योग्यता का आधार नहीं है क्योंकि कोई व्यक्ति तो परीक्षा रट के भी पास कर सकता है परंतु रटने पर वह सीर्फ परीक्षा ही पास कर सकता है। ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसे रटना छोड़ के समझना शुरू करना होगा तभी उसे ज्ञान प्राप्त हो पाएगा।

छात्र अपने-अपने विचार कक्षा प्रकट करें।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1. कहानी में जिंदगी से प्राप्त अनुभवों को किताबी ज्ञान से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बताया गया है। अपने माता-पिता बड़े भाई-बहिनों या अन्य बुजुर्ग/बड़े सदस्यों से उनके जीवन के बारे में बातचीत कीजिए और पता लगाइए कि बेहतर ढंग से जिंदगी जीने के लिए क्या काम आया-समझदारी/पुराने अनुभव या किताबी पढ़ाई?

उत्तर – छात्र अपने बड़ों से बातचीत करके उनके जीवन काल के बारे में जाने व उनकी कहानी से आप समझने की कोशिश करें कि उनके जिंदगी में समझदारी / पुराने अनुभव या किताबी पढ़ाई क्या काम आया?

प्रश्न 2. आपकी छोटी बहिन/छोटा भाई छात्रावास में रहती/रहता है। उसकी पढ़ाई-लिखाई के संबंध में उसे एक पत्र लिखिए।

उत्तर – 

क० ख० ग० 

नई दिल्ली – 110044

14 मई, 20XX

प्रिय छोटी बहन राधा,

हम सब यहाॅं पर कुशल हैं, आशा है कि तुम भी अपनी छात्रवास में खुश रहकर पढ़ाई कर रही होगी। मैंने तुम्हारे पिछले माह में हुए परीक्षा के अंक देखे, उसे देखकर मुझे लगा कि कुछ विषय में तुम्हें अभी कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। तुमने अपनी पिछली कक्षा आठवीं में 85% अंक प्राप्त किए थे, परंतु इस वर्ष ऐसा लग रहा है कि यहाॅं तक पहुॅंचने के लिए तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

मैंने गौर किया कि तुम्हारे गणित व विज्ञान विषय में थोड़े कम नंबर आए हैं। तो मैं तुम्हें सलाह देना चाहता हूॅं कि इन विषयों को रटने की कोशिश मत करना क्योंकि कोई भी इन विषयों को रटके पास नहीं हो सकता। इन्हें रटने के बजाय समझने व इनकी बार-बार अभ्यास करनी पड़ती है तभी इन विषय में छात्र अच्छे होते हैं। तुम भी इन्हें रटने की कोशिश मत करना जितना हो सके उतना इन्हें समझ कर इनकी बार-बार अभ्यास करना। तब शायद तुम भी इस विषय में अच्छे अंक प्राप्त कर सकोगी।

एक महत्वपूर्ण बात और की पढ़ाई करते-करते अपने स्वास्थ्य के बारे में मत भूल जाना। पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ का भी ध्यान रखना और बीच-बीच में खेलने और व्यायाम करने बाहर मैदान में जरूर जाना समय-समय पर बाहर घूमने के लिए भी निकलना, उससे परीक्षा की थकान और तनाव दूर हो सकेगा।

तुम्हारा बड़ा भाई

अ० ब० स०

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बड़े भाई साहब Summary Class 10

नौबतखाने में इबादत प्रश्न और उत्तर

बड़े भाई सा ब छोटेभाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

Answer: बड़े भाई साहब छोटे भाई के होशियार होने के बाद भी चाहते थे कि वह हरदम पढ़ता रहे और अच्छे अंकों से पास होता रहे। इसलिए वे उसे हमेशा सलाह देते कि ज़्यादा समय खेलकूद में न बिताए, अपना ध्यान पढ़ाई में लगाए। वे कहते थे कि अंग्रेजी विषय को पढ़ने के लिए दिनरात मेहनत करनी पड़ती है।

बड़े भाई साहब पढ़ाई के काम में दो तीन साल क्यों लगाते थे?

भाई साहब शिक्षा को जीवन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण मानते थे। ऐसे महत्त्वपूर्ण मामलों में वे जल्दबाजी करने के पक्षधर न थे। उनका मानना था कि जिस प्रकार एक मजबूत मकान बनाने के लिए मजबूत नींव की जरूरत होती है उसी प्रकार शिक्षा की नींव मजबूत बनाने के लिए वे एक-एक कक्षा में दो-दो, तीन साल लगाते थे

छोटी वह बड़े भाई में पढ़ाई के स्तर में कितने दर्जे का अंतर था?

बड़े भाई साहब कक्षा 10 एक्स्ट्रा प्रश्न-उतर उत्तर- छोटे भाई ने अधिक मन लगाकर पढ़ने का निश्चय कर टाइम-टेबिल बनाया, जिसमें खेलकूद के लिए कोई स्थान नहीं थापढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय उसने यह सोचा कि टाइम-टेबिल बना लेना एक बात है और बनाए गए टाइम-टेबिल पर अमल करना दूसरी बात है।

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबल बनाते समय क्या क्या सोचा था और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

छोटे भाई ने टाइम-टेबिल बनाते यह सोचा कि वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और अपने बड़े भाई साहब को कभी शिकायत का कोई मौका नही देगा। परन्तु उसके स्वच्छंद स्वभाव के कारण वह अपने ही टाईम टेबिल का पालन नहीं कर पाया क्योंकि पढ़ाई के समय उसे खेल के हरे-भरे मैदान, फुटबॉल, बॉलीबॉल और मित्रों की टोलियाँ अपनी ओर खींच लेते थे ।