बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?

बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?

Show

द लखनऊ ट्रिब्यून

  • 867d
  • 10 shares

लखनऊ: जिस भी व्यक्ति को बवासीर हो जाती है तो वह शर्म से इस बिमारी का नाम तक नहीं लेता है. बवासीर के कारण मलाशय नसों में सूजन, जलन, दर्द और खून आने की समस्या रहती है. बवासीर दो तरह की होती हैं एक तो होती है अंदरूनी मस्से जिसमें आपको खून नहीं आता है और मस्से अन्दर ही रहते है. दूसरा है बाहरी मस्से जिसमें मस्से बाहर लटकने लगते हैं और सुबह के समय शौच करते समय दर्द और ब्लीडिंग होती है, यह बीमारी जिसे भी होती है उसके अंदर खून की कमी हो जाती है जिसके कारण इंसान को कमजोरी होनी लगती है, आज हम आपको बवासीर के कुछ लक्षण और बवासीर से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलु नुस्खे.

बवासीर के लक्षण और बवासीर से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलु नुस्खे-

अगर आपको बवासीर की बीमारी है तो हमेशा उस जगह की साफ़ सफाई रखें.


दर्दनाक खूनी बवासीर को 2 दिन में जड़ से खत्म करने के लिए गर्म पानी में इस चीज को डालकर करें सिकाई

By उस्मान | Published: January 21, 2019 12:17 PM2019-01-21T12:17:25+5:302019-01-21T12:17:25+5:30

खराब खानपान के कारण आजकल बहुत से लोग बवासीर की बीमारी से पीड़ित हैं। इसका प्रमुख कारण है लम्बे समय तक कठोर कब्ज बना रहना। आजकल खराब खानपान और कई बार आनुवंशिक तौर पर लोग बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। 

बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?

फोटो- पिक्साबे

बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?
Next

बवासीर एक गंभीर समस्या है। बवासीर होने पर गुदा के मुख में छोटे-छोटे मस्से होते हैं जिस वजह से मल त्याग के दौरान दर्द के साथ खून आने लगता है। इतना ही नहीं मलाशय के आस-पास नसों में सूजन, जलन, असहनीय दर्द और यूरिन से खून आने की समस्या रहती है। बवासीर रोग में यदि खून भी गिरे तो इसे खूनी बवासीर कहते हैं। यह बहुत भयानक रोग है, क्योंकि इसमें पीड़ा तो होती ही है साथ में शरीर का खून भी व्यर्थ नष्ट होता है।  

खराब खानपान के कारण आजकल बहुत से लोग बवासीर की बीमारी से पीड़ित हैं। इसका प्रमुख कारण है लम्बे समय तक कठोर कब्ज बना रहना। आजकल खराब खानपान और कई बार आनुवंशिक तौर पर लोग बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। 

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो किसी किसी व्यक्ति के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाती है। यह अंदर वाली बवासीर और बाहरी बवासीर दो प्रकार की होती हैं। बाहरी बवासीर में मस्सा हो जाता है इसमें दर्द कम होता है। खुजली अधिक होती है। खुजली के कारण इस में खून आने लगता है और इंसान परेशान हो जाते हैं। पहले यहां पर केवल खून का रिसाव होता है और बाद में पिचकारी की तरह खून फेंकने लगता है।

बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?

बवासीर के प्रमुख कारण
देर तक एक ही जगह कुर्सी पर बैठे रहना
ज्यादा तेज मिर्च-मसाले वाले भोजन का सेवन करना
देर तक गाड़ी या बाइक चलाना
देर रात तक काम करना 
फिर मल त्याग करते समय ज्यादा जोर लगाना
मोटापा भी एक कारण हो सकता है
जो लोग पानी कम पीते हैं
मानसिक रोग और तनाव ग्रस्त व्यक्ति को भी बवासीर हो सकती है

 बवासीर के लिए घरेलू उपाय 
डॉक्टर बवासीर का इलाज करने के लिए गर्म पानी के सेक को सबसे बेहतर उपाय मानते हैं। इसके लिए आपको बीटाडीन लिक्विड लेना चाहिए। यह एक एंटीबायोटिक लिक्विड है। सबसे पहले एक बाथ टब में गर्म पानी भर लें। इसके बाद उसमें एक ढक्कन बीटाडीन लिक्विड डालें और उसे अच्छी तरह मिक्स कर लें। ध्यान रहे कि पानी बहुत ज्यादा गर्म या ठंडा न हो। इसके बाद उसमें बैठ जायें और कम से कम पांच मिनट सिकाई करें। बेहतर परिणाम के लिए ऐसा पांच दिन सुबह-शाम करें।

बवासीर में गर्म पानी में बैठने से क्या होता है? - bavaaseer mein garm paanee mein baithane se kya hota hai?

मेडिकल भाषा में इसे सिट्ज़ बाथ कहते हैं और इससे इन्फेक्शन और पेन से राहत मिलती है। इसके सिट्ज़ बाथ से बेचैनी, जलन और सूजन से भी राहत मिल सकती है। ध्यान रहे कि आपको बीटाडीन लिक्विड डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए। 

मेथी भी है बवासीर का घरेलू उपाय
मेथी एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय किचन में मौजूद होती है। सब्जी में छौंक लगाने के साथ साथ मेथी कई स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचाती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर मेथी के दानों को एक औषधी मानते हैं। क्योंकि इसमें इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। 

बवासीर के लिए ऐसे करें मेथी का इस्तेमाल
मेथी के भीगे हुए दाने बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने में मदद करते हैं। रोजाना सुबह यदि खाली पेट मेथी के दानों को चबाकर खाया जाए तो बवासीर को रोकने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा 5-5 ग्राम मेथी और सोया के दाने पीसकर सुबह-शाम पीने से भी ये रोग संतुलित रहता है। यदि आपको ये खाने में काफी कड़वे लगें तो आप इसमें थोड़ी से चीनी मिलाकर भी खा सकते हैं। यदि आप मेथी के दानों का पेस्ट मस्सों पर लगाते हैं तो आपको जलन और खुजली में भी काफी राहत मिलेगी।

Web Title: home remedies for piles or hemorrhoids : try sitz bath for piles, constipation and anal fissure

स्वास्थ्य से जुड़ी हिंदी खबरों और देश दुनिया खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा लाइक करे

संबंधित खबरें

गर्म पानी से बवासीर का इलाज कैसे करें?

खुजली, जलन और बवासीर के दर्द में : खुजली, जलन और बवासीर के दर्द से बचने के लिए गर्म पानी की सिकाई बेहतर उपाय है। गर्म पानी में थोड़ी फिटकरी डालकर सिकाई करें। इससे गुदा क्षेत्र में जलन, सूजन और दर्द कम करने में मदद मिलती है और गुदा परिसंचरण में सुधार होता है। इसके लिए मेडिकल स्टोर पर सिज बाथ टब भी मिल जाता है।

बवासीर में गर्म पानी पीने से क्या होता है?

बवासीर में गर्म पानी पीने के अन्य लाभ गुनगुना पानी पीने से रक्त वाहिकाएं फ़ैल जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह होता है, इससे माँसपेशियाँ रिलैक्स हो जाती हैं और दर्द भी कम हो जाता है। गुनगुना पानी पीने से पेट भरा मालूम होता है, साथ ही इससे मेटाबोलिज्म रेट भी बढ़ जाता है और वजन कम करने में मदद मिलती है

बवासीर में कैसे बैठना चाहिए?

टॉयलेट सीट में हमेशा स्क्वैट पोजीशन (squat position) में बैठना चाहिए। इस पोजीशन में बैठकर मल त्याग करने से मल आसानी से निकल जाता है। यह बवासीर के खतरे को भी कम करता है। स्क्वैट पोजीशन में बैठने के साथ टॉयलेट के नीचे एक स्टूल रखें और इसी स्टूल में पैरों को रखें।

बवासीर के मस्सों को जड़ से खत्म कैसे करें?

बवासीर के मस्सों को हटाने के उपाय में आक के पत्ते और सहजन के पत्ते का मलहम बना कर लगाने से मस्सों से छुटकारा मिलता है। नीम का तेल और हल्दी कड़वी तोरई के रस में मिला कर मस्सों पर लगाये। नियमित रूप से इश रामबाण उपाय को करने पर मलद्वार के मस्से जड़ से खत्म हो जाते है।