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शेयर करें January 19, 2022 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! बवासीर यानी पाइल्स को एनस के पास सूजी हुई नसों को कहा जाता है. आमतौर पर एनस के पास नसों पर दबाव पड़ने के कारण बवासीर की शुरुआत होती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि बवासीर का इलाज मुमकिन है. अगर आप रोजाना संतुलित और अच्छे आहार का सेवन करें, तो बवासीर की समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए बस कुछ दालों को अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत है. (और पढ़ें - बवासीर में परहेज) आइए जानते हैं कि बवासीर में कौन-सी दाल खाने से सबसे ज्यादा फायदा होता है.
बवासीर में मूंग दाल के फायदे के डॉक्टर बवासीर के प्रकारबवासीर में आपको कौन-सी दाल खानी चाहिए, उससे पहले जानते हैं कि बवासीर कितने प्रकार की होती है-
(और पढ़ें - गर्भावस्था में बवासीर के उपचार) बवासीर में हरी दाल के फायदेदालों का सेवन करना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी माना जाता है. दालें कई प्रकार की होती हैं और सब दालों के न्यूट्रिशंस अलग-अलग होते हैं. बवासीर के मरीजों को हरी दाल यानी मूंग दाल बहुत फायदा करती है. ये फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर और पेट को साफ करने में मददगार है. आइए विस्तार से जानें, कैसे हरी दाल बवासीर में फायदेमंद है. (और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपचार) फाइबर से भरपूरबवासीर में मरीज को फाइबर की ज्यादा जरूरत होती है और हरी दाल में फाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होता है. इसलिए, एक्सपर्ट कहते हैं कि हरी दाल का सेवन बवासीर के दौरान जरूर करना चाहिए. (और पढ़ें - हल्दी से बवासीर का इलाज) पेट को करती है साफहरी दाल के सेवन से आपका पेट अच्छे से साफ हो जाता है और शौच करते समय ज्यादा जाेर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती. (और पढ़े - पेट से साफ करने के उपाय) पोषक तत्व से भरपूरसलाद की तरह खाएंखाने में है स्वादिष्टइस दाल का स्वाद सब दालों से कहीं ज्यादा अच्छा माना जाता है. ये कहा जाता है कि हरी दाल को किसी भी रूप में खाने से बवासीर के रोग में सबसे ज्यादा फायदा होता है. (और पढ़ें - खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज) हरी दाल के अन्य फायदे
(और पढ़ें - बवासीर का होम्योपैथिक इलाज) सारांशअमूमन देखा गया है कि बवासीर समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है और इसमें किसी दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन मरीज को अपनी आदतों और खान-पान में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती हैं. फाइबर से भरपूर हरी दाल या मूंग दाल का उपयोग बवासीर को ठीक करने में सहयोग दे सकता हैं. अगर आपको दाल या इसमें मौजूद पोषक तत्वों से कोइ एलर्जी है, तो दाल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें. (और पढ़ें - बवासीर की आयुर्वेदिक दवा) बवासीर में मूंग दाल के फायदे के डॉक्टरसम्बंधित लेखबवासीर में कौन सी दाल नहीं खाना चाहिए?वे दालें, जिनसे प्रोटीन मिलता है, बवासीर में उनका सेवन नहीं करना चाहिए। विशेषकर मसूर और अरहर की दाल, इस समस्या में बहुत नुकसान पहुंचाती हैं इसलिए इनसे दूरी बनाकर रखें। ज्यादा प्रोटीन को पचाना मुश्किल होता है और इससे बवासीर के मरीजों को कब्ज भी हो जाती है।
बवासीर में कौन कौन सी दाल खा सकते हैं?दाल: मसूर दाल, मूंग, गेहूं, अरहर। फल एवं सब्जियां: सहजन (शिग्रु), टिण्डा, जायफल, परवल, लहसुन, लौकी, तोरई, करेला, कददू, मौसमी सब्जियां, चौलाई, बथुआ, अमरूद, आँवला, पपीता, मूली के पत्ते, मेथी, साग, सूरन, फाइबर युक्त फल– खीरा, गाजर, सेम, बीन्स।
बवासीर में कौन सी सब्जी अच्छी होती है?बवासीर में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है
हरी और पत्तेदार सब्जियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करते हैं। आप हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, गाजर, खीरा, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं।
पाइल्स में चावल खा सकते हैं क्या?पाइल्स होने पर अपने आहार में ढेर सारे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट शामिल करें। बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।
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