चौपट हो जाना इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - chaupat ho jaana is muhaavare ka arth kya hota hai?

दोस्तो अगर किसी पर ऐसी मुसीबत आ जाती है जो उसे भागने पर मजबुर कर दे और वह मोका देखकर वहा से भाग जाता है  । क्योकी वह भागता अपने आप को बचाने के लिए ही है । पर आज के समय मे लोग अपने मतलब के लिए भी गाने लग जाते है । ‌‌‌कहने का अर्थ है चाहे कोई भी कारण क्यो न हो इस तरह से भाग जाने को ही चपत होना कहा जाता है ।

चौपट हो जाना इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - chaupat ho jaana is muhaavare ka arth kya hota hai?

चपत हो जाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • जब महेश ने जंगल मे भालू को देखा तो वह तुरंत ही चपत हो गया ।
  • अपने पर मुसीबत आते देखकर हर कोई चपत हो जाता है ।
  • मै तुमसे जब भी पैसे लेने के लिए आता हूं तुम चपत हो जाते ‌‌‌हो ।
  • पुलिस को आते देखकर चोर तुरन्त चपत हो गया ।
  • भारत की सेना को देखकर हर कोई चपत हो जाता है ।
  • बलवत सिह को देखकर गुनगाहर चपत होते देर नही लगाता है ।
  • राजेश गाव के लोगो के साथ घोटाला कर कर चपत हो गया ।

चपत हो जाना मुहावरे ‌‌‌ ‌‌‌पर कहानी Idiom story

कुछ समय पहले की बात है किसी नगर मे अनेक गाव के लोग रहते थे । उस गाव मे अनेक पढे लिखे लोग थे पर किसी को भी नोकरी नही मिल सकी थी । इस कारण से सभी अपने आप को बेरोजगार कहते थे । हालाकी वे अपने गाव खेतो मे काम कर कर अपना पेट भर लेते थे ।

गाव के अनेक लोग तो शहर मे रहने के लिए भी जाना चाहते ‌‌‌थे पर शहर मे रहने का स्थिान न होने के कारण वे वहां पर नही जा सकते थे । गाव के अनेक लोग तो गरीब परिवार से थे । उन्हे समय पर खाना भी नही मिलता था । इस तरह के लोगो के पास जब खाने के लिए नही होता तो वे एक दुसरे की मदद कर दिया करते थे ।

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उसी गाव मे आकाश नाम का एक लडका रहता था । जो बहुत ही पढा ‌‌‌लिखा था । आकाश के पिता गरिब थे पर उनका नाम पूरे गाव के लोगो के मुख पर रहता था । आकाश के पिता को गाव के लोग इतना मानते थे की आकाश को भी लोग इज्जत देते थे ।

आकाश के पिता जो भी कह देते थे वह पूरा कर देते थे । चाहे उसके लिए उन्हे अपने प्राण भी क्यों न देने पढ जाए । यही कारण था की गाव के लोग ‌‌‌उन्हे सच्चा मानते थे । ‌‌‌साथ ही गाव के लोग सोचते थे की आकाश भी अपने पिता के जैसा ही होगा । ‌‌‌अब आकाश के पिता की मृत्यु हो गई थी और आकाश अकेला ही रहने लगा था ।

एक बार की बात है गाव मे कुछ लोग आए और वहां पर उन्होने अपना ओफिस खोल लिया था । ओफिस खोलने के लिए उन्होने गाव के लोगो के ही मकान काम मे लिए थे । उन लोगो ने गाव के लोगो से कहा की हम आप लोगो को काम ‌‌‌दिला सकते है और वह शहर मे एक नोकरी होगी ।

जिसे आप लोगो को करनी होगी । उन लोगो ने कहा की हमारी एक कम्पनी है जिसमे पढे लिखे लोगो की कमी है और आपके गाव मे पढे लिखे लोगो की कोई कमी नही है । यह सुनकर गाव के लोग बोलने लगे की ठिक है हम काम करने के लिए तैयार है ।

तब उन लोगो ने कहा की आप लोगो ‌‌‌को काम तो मिल जाएगा पर उससे पहले आप लोगो को हमारी साहयता करनी होगी । जिससे हम ‌‌‌आपके रहने ‌‌‌के लिए जरुरत की चिजे और साथ ही एक माह के भोजन का प्रबंध करगे । तब गाव के लोगो ने उनकी बात नही मानी और कहा की इस तरह से इतने रुपय हमारे पास कैसे आएगे ।

तब उन लोगो मे से आकाश ने काम करने के ‌‌‌लिए कह दिया था और किसी तरह से उन्हे पैसे भी लाकर दे दिया था । तब उन लोगो को लगा की अगर गाव के लोगो से पैसे लेने है तो आकाश को अभी से नोकरी देनी होगी । तब उन लोगो ने आकाश से कहा की कल से नोकरी करने के लिए आ जाना ।

इतना सुनकर आकाश बहुत ही खुश हो गया और नोकरी मिल गई नोकरी मिल गई इस तरह से कहते ‌‌‌हुए अपने घर गया था। अगले दिन आकाश उन लोगो के पास काम करने लगा और किसी तरह से लोगो को समझाने लगा की जिस तरह से मुझे नोकरी मिली है आप लोगो को भी नोकरी मिल जाएगी ।

तब लोगो ने खुब सोचा और आकाश के समझाने पर एक एक कर कर सब लोगो ने आकाश को पैसे दे दिए थे । ‌‌‌आकाश ने पैसे लेकर उन लोगो को दे दिया था जो शहर से आए थे । ‌‌‌तब उन लोगो ने उनमे से कुछ रुपय आकाश को दे दिए और कहा की हम अब शहर जाकर आते है । तुम गाव के लोगो को संभालना और कहना की वे वापस आकर आप लोगो को शहर लेकर चले जाएगे ।

इतना कहकर वे लोग रात को ही शहर चले गए थे । जब अगले दिन शुबह हुई तो लोगो ने आकाश से पूछा की वे लोग कहा गए है । तब आकाश ने उन लोगो ‌‌‌से कहा की वे आज आ जाएगे । जब उन्हे आए हुए दो दिन बित गए तक लोग समझ गए की वे लोग हमारे पैसे लेकर चपत हो गए और आकाश को भी इस बारे मे बाताया की वे लोग वापस नही आएगे ‌‌‌बल्की वे तो यहां से भाग गए है ।

तब लोग आकाश से अपने पैसे मागने लगे थे । ‌‌‌गांव के लोगो ने कहा की हमने तुम्हे ही पैसे दिए थे और तुमने उन लोगो को दे दिए ‌‌‌है । तब लोगो ने आकाश को चेतावनी दी और कहा की दो दिन मे अगर पैसे नही मिले तो हम तुम्हे छोडेगे नही । अब राजेश बहुत बडी मुसीबत मे फस गया था ।

चौपट हो जाना इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - chaupat ho jaana is muhaavare ka arth kya hota hai?

किसी तरह से एक दिन तो आकाश ने निकाल दिया पर जब भी कोई मिलता तो वह पैसे ही मागते और उसे धमकी देता रहता था । तब राजेश भी रात को मोका देखकर उस गाव से ‌‌‌चपत हो गया था। अगले दिन लोगो को इस बारे मे पता चला तो लोगो को ‌‌‌लगा की वह उन लोगो के साथ मिला था ।

फिर लोग आकाश को गालिया देने लगे और साथ ही उन लोगो को भी पर अब हो क्या सकता था । इस तरह से उन शहर से आए लोगो ने गाव के लोगो को नोकरी दिलाने के बहाने पैसे  लिए और जब पैसे मिल गए तो वहां से ‌‌‌चपत हो गए। इस तरह से आप समझ गए होगे की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ क्या है ।

चौपट हो जाना मुहावरे का अर्थ क्या है?

अर्थ : बना बनाया काम बिगड़ जाना, सब कुछ बर्बाद हो जाना

मुंह छिपाना मुहावरे का क्या अर्थ है?

iv) मुँह पर: → मुँह छिपाना - लज्जित होना।

गदगद हो गया मुहावरे का अर्थ क्या है?

१. अत्यधिक हर्ष, प्रेम, श्रद्धा आदि के आवेग से इतना पूर्ण कि अपने आप को भूल जाय और स्पष्ट शब्द उच्चारण न कर सके । २. अधिक हर्ष, प्रेम आदि के कारण रुका हुआ, अस्पष्ट या असंबद्ध ।

अपना मुँह लेकर रह जाना मुहावरे का सही अर्थ क्या है?

अपना सा मुँह लेकर रह जाना मुहावरे का अर्थ apna sa muh lekar rah jana muhavare ka arth – शर्मिंदा होना ।