जीएसटी से क्या क्या लाभ है? - jeeesatee se kya kya laabh hai?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने मई 2014 में पहली बार सत्ता संभालने के बाद कई बड़े सुधार किए हैं. इन सुधारों में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (New Indirect Tax Regime) यानी माल एवं सेवा कर (Goods And Service Tax) की गिनती ऊपर की जाती है. जीएसटी (GST) को ठीक 5 साल पहले यानी 01 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. इसने अप्रत्यक्ष कर की कई जटिलताओं को दूर किया, जिससे कारोबार करना आसान हुआ. हालांकि जीएसटी के आलोचकों की भी लंबी फेहरिस्त है. जाहिर सी बात है, कोई भी व्यवस्था खामियों से मुक्त नहीं हो सकती है. आइए जीएसटी के 05 साल पूरे होने के मौके पर जानते हैं कि इससे कहां-कहां लाभ हुआ, किन मोर्चों पर नुकसान हुआ और अभी भी इस सिस्टम में क्या जटिलताएं बची हुई हैं.

जीएसटी के लागू होने से हुए ये सुधार

लोकसभा (Lok Sabha) ने जीएसटी को 29 मार्च 2017 को पास किया था. सरकार ने इस टैक्स व्यवस्था को लागू करने के लिए 01 जुलाई 2017 की तारीख तय की थी. इस नई प्रणाली से वैट (VAT), एक्साइज ड्यूटी (कई चीजों पर) और सर्विस टैक्स (Service Tax) जैसे 17 टैक्स खत्म हो गए. छोटे उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 40 लाख रुपये के सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया था. इसके अलावा वैसे बिजनेस, जिनका सालाना टर्न ओवर 1.5 करोड़ था उन्हें कंपोजिशन स्कीम के तहत मात्र 1 फीसदी टैक्स जमा करने की छूट दी गई थी. जिन सर्विस प्रोवाइडर्स का टर्नओवर 50 लाख रुपये तक था, उन्हें मात्र 6 फीसदी की दर से टैक्स भरने की छूट दी गई थी. उसके बाद से अब तक जीएसटी में समय-समय पर कई बदलाव किए जा चुके हैं.

रेवेन्यू के मोर्चे पर जीएसटी फायदेमंद

माल एवं सेवा कर (GST) को लागू करते हुए कहा गया था कि इससे न सिर्फ केंद्र सरकार को बल्कि राज्य सरकारों को भी राजस्व के मोर्चे पर लाभ होगा. हालांकि इसके लागू होने के कुछ ही समय के बाद देश को कोरोना महामारी (Covid-19) का दौर देखना पड़ा, जब कारोबार जगत के पहिए थम गए. कोरोना महामारी से उबरने में देश और अर्थव्यवस्था को ठीक-ठाक समय लग गया. हालांकि पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों को देखें तो जीएसटी ने राजस्व के मोर्चे पर बढ़िया परफॉर्म किया है. इस साल मई महीने में जीएसटी से सरकार को करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए. यह पिछले साल मई महीने की तुलना में 44 फीसदी ज्यादा था. इससे पहले अप्रैल 2022 में जीएसटी से सरकार को रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये मिले थे. मार्च महीने में इनडाइरेक्ट टैक्सेज (Indirect Taxes) से 1.42 लाख करोड़ रुपये मिले थे. इससे पहले फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था. अप्रैल 2022 में अभी तक के इतिहास का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ है. जीएसटी लागू होने के बाद मई 2022 चौथा ऐसा महीना रहा, जब जीएसटी से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन हुआ. अभी जून के कलेक्शन के आंकड़े सामने नहीं आए हैं.

कई राज्य सरकारों को जीएसटी से शिकायत

वहीं इसके नुकसान की बात करें तो कुछ राज्य सरकारों (State Govts) ने लगातार इसकी खामियों की शिकायतें की हैं. जीएसटी लागू करते समय राज्य और केंद्र सरकारों के बीच सहमति थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में फंड के बंटवारे को लेकर कई बार बयानबाजी देखने को मिली. राज्यों का खासकर गैर-बीजेपी शासित राज्यों का कहना है कि उन्हें जीएसटी काउंसिल समय पर पैसे नहीं देता है. राज्यों के कई वित्त मंत्रियों ने जीएसटी काउंसिल (GST Council) पर राजनीतिक भावना से काम करने का आरोप लगाया है. विपक्ष शासित राज्य जीएसटी काउंसिल पर मनमानी और नहीं सुनने का आरोप लगाता रहते हैं. अभी जीएसटी कंपनसेशन (GST Compensation) को लेकर भी विवाद चल रहा है.

राज्य कर रहे कंपनसेशन बढ़ाने की मांग

दरअसल केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय कहा था कि इससे राज्यों को राजस्व के मोर्चे पर जो नुकसान होगा, केंद्र सरकार उसकी भरपाई करेगी. केद्र सरकार ने कहा था कि जीएसटी कंपनसेशन की व्यवस्था लागू होने के बाद 05 साल के लिए है. चूंकि आज जीएसटी के 05 साल पूरे हो गए हैं, राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की व्यवस्था भी समाप्त हो गई है. कई राज्य सरकारें इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रही थीं, लेकिन इसी सप्ताह जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया.

सरकारी आंकड़ों को देखें तो सिर्फ पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh), मणिपुर (Manipur), मिजोरम (Mizoram), नागालैंड (Nagaland) और सिक्किम (Sikkim) का राजस्व ही प्रोटेक्टेड रेवेन्यू रेट से ज्यादा है. पुदुचेरी (Puducherry), पंजाब (Punjab), उत्तराखंड (Uttarakhand) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मामले में गैप सबसे ज्यादा है. ऐसे में कंपनसेशन की व्यवस्था आगे नहीं बढ़ाने से राज्यों को नुकसान होना तय है.

किसी भी कंपनी में जब कोई भी वस्तु का उत्पादन होता है तो ग्राहकों तक उस वस्तु के पंहुचाने में उसकी कीमत अनेक गुना बढ़ जाती हैं।

फैक्ट्री में वास्तु के उत्पादन के बाद वहाँ से निकलने पर Excise Duty लगती हैं। फिर उसके बाद वो प्रोडक्ट एक राज्य से दूसरे राज्य भेजा जाता हैं तब इस पर Entry Tax लगता हैं राज्य में पहुँच जाने के बाद इस पर Sales Tax लगता हैं जो सभी राज्यों का अपना अलग-अलग टैक्स होता हैं कुछ वस्तुओं पर Purchase Tax भी देना होता हैं।

पहले वस्तुओं पर आपको 50% तक टैक्स लग जाता था जिसमे Vehicle Weight Tax, Excise Duty और Service Tax आदि कुल मिलाकर अलग-अलग 18 टैक्स लगा करते थे लेकिन GST लागू होने के बाद सभी वस्तुओं पर सेवाओं पर सर्फ एक ही टैक्स लगता हैं।

अब सम्पूर्ण देश में सिर्फ एक GST Tax लगता है तो इसकी जानकारी सभी को होना आवश्यक है इसलिए इस पेज पर हमने GST से संबंधित समस्त जानकारी जैसे: GST क्या है इसके लाभ और हानि आदि शेयर की है।

  • GST क्या है?
  • GST के प्रकार
  • GST काम कैसे करता हैं?
  • GST के लाभ
  • GST से हानियाँ
  • GST से संबंधित जानकारी

GST क्या है?

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक नया टैक्स सिस्टम GST हैं, भारत में GST “1 जुलाई 2017” को लागू हुई थीं GST लागू करने का सुझाव “विजय केलकर समिति” ने दिया था।

किसी भी समान के खरीदने या बेचने पर जितने भी टैक्स लगाए जाते थे अब उनकी जगह सिर्फ एक टैक्स GST लगता हैं एक दुकानदार जो बिजनिस करता हैं उसके लिए उसको समान खरीदने और बेचने की जरूरत होती हैं तभी उसका व्यापार चलता हैं।

GST एक Indirect Tax सिस्टम होता हैं जिसे भारत सरकार और बहुत से इकोनॉमिक्स भारत की आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मानते हैं।

सेंट्रल और स्टेट गवर्मेन्ट द्वारा अलग-अलग लगाए जाने वाले Tax को हटाकर सम्पूर्ण देश मे अब सिर्फ एक ही Indirect Tax लागू कर दिया हैं इससे हमारे भारत देश को एक सिंगल मार्किट बनने में मदद मिली हैं।

GST Full form क्या है?

GST का FULL FORM : Goods and Services Tax है जिसका हिंदी में मतलब वस्तु एवं सेवा कर हैं।

Goods Tax : हर दिन सभी व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ न कुछ सामान या वस्तुए जरूर ही खरीदता हैं इन वस्तुओं पर जो Tax लगता हैं उससे Goods Tax लिया जाता हैं।

Services Tax : सामान और वस्तुओं के अलावा भी बहुत सारी सेवाएं होती हैं जिनका इस्तेमाल किया जाता हैं जैसे:- ट्रैन टिकट, बस टिकट, आदि।

GST के प्रकार

GST चार प्रकार की होती हैं भारत सरकार ने GST लागू करने से पहले इसको चार भागों में बाट दिया था।

  1. CGST (Central Goods and Services Tax) : CGST यह Tax किसी भी राज्य के अंदर होने वाले लेन-देन पर लगती हैं इस Tax से जो पैसे वसूल किए जाते हैं वो सीधे सेंट्रल गवर्मेन्ट के एकाउंट में जाते हैं।
  2. GST (State Goods and Services Tax) : SGST यह Tax किसी भी राज्य के अंदर होने वाले लेन-देन पर लगती हैं इस Tax से जो पैसे वसूल किए जाते हैं वो सीधे स्टेट गवर्मेन्ट के एकाउंट में जाते हैं।
  3. IGST (Integrated Goods and Services Tax) : जब कोई प्रोडक्ट एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जाता हैं तो इसमें सेंट्रल गवर्मेन्ट और स्टेट गवर्मेन्ट दोनों तरह के tax वसूल किए जाते हैं।।
  4. UGST/UTGST (Union Territory Goods and Services Tax) : भारत देश में पांच केंद्र शाषित प्रदेश हैं जो भी वस्तुएं और सर्विस वहाँ दी जाती हैं उन पर GST लागू होती हैं।

GST काम कैसे करता हैं?

GST लागू होने के बाद किसी भी सामान पर टैक्स वही लगता हैं जहाँ से वह सामान बिकना चालू होता हैं इस पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगते थे।

जैसे :- Excise Duty, Central Sales Tax, Vat, Luxury Tax, Service Tax, Additional Excise, अब गवर्मेन्ट सरकार ने सभी टैक्सों को मिलाकर GST नाम दे दिया हैं अब बार-बार Tax नहीं देना पढ़ता हैं सिर्फ एक ही टैक्स देना होता हैं।

क्या आप जानते हैं कि आप जो सामान इस्तेमाल करते हैं वह कितनी जगह से होकर आता हैं तब जाकर आपको मिलता हैं सबसे पहले कम्पनी में कोई भी प्रोडक्ट बनना होता हैं तो कच्चा माल मंगाया जाता हैं।

जिस पर वैट लगा कर कंपनी को दिया जाता हैं फिर कंपनी वाले कच्चे माल से उससे प्रोडक्ट बनाते हैं प्रोडक्ट बनने के बाद कंपनी वाले यह प्रोडक्ट Wholesale को बेच देते हैं जिस पर वैट और एक्साइज ड्यूटी टैक्स लगाया जाता हैं।

Wholesale इसी प्रोडक्ट पर वैट जोड़कर Retailer को बेच देता हैं और Retailer इसी प्रकार समान वैट लगा कर कस्टमर को प्रोडक्ट बेच देते हैं इसी प्रक्रिया को GST कहाँ जाता हैं कोई भी प्रोडक्ट में इतने टैक्स जुड़ते जाते है जिससे उसका दाम बढ़ता जाता हैं सभी टैक्स जुड़ने पर वस्तुएं और भी महंगी हो जाती हैं।

जीएसटी से क्या क्या लाभ है? - jeeesatee se kya kya laabh hai?

GST के लाभ

Good and Services Tax लागू होने के बहुत से फायदे हैं जो नीचे दिए गए हैं। 

  • भारत सरकार द्वारा GST लागू होने पर कर व्यवस्था आसान होगी कर के ऊपर भी कर लगाने की व्यवस्था से छुटकारा मिलेगा।
  • GST लगने से छोटी कारें खरीदना सस्ता हो गया हैं क्योंकि पहले छोटी गाड़िया खरीदने पर 30-40% तक टैक्स लग जाता हैं लेकिन GST लगने के बाद यह टैक्स घटकर 17%- 18% हो गया हैं।
  • रेस्टोरेंट में खाना खाना भी सस्ता हो गया हैं पहले रेस्टोरेंट में खाना खाने पर वैट और सर्विस दोनों टैक्स देना पड़ता था लेकिन अब सिर्फ एक ही टैक्स देना होता हैं।
  • अब घर या जगह खरीदना भी सस्ता हो गया हैं क्योंकि इन पर भी वैट और सर्विस दोनों टैक्स देना पड़ता था लेकिन अब सिर्फ एक ही टैक्स देना होता हैं।
  • GST लागू होने पर सभी काम ऑनलाइन हो गए हैं जिससे सरकार की कर आय में वृद्धि हो गई हैं।
  • जीएसटी लागू होने पर कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो गई हैं।
  • GST लागू होने पर सबसे बड़ा फायदा कंज्यूमर के अलावा इंडस्ट्रीज को होगा क्योंकि उन्हें अलग-अलग तरह के 18 टैक्स देने पड़ते थे अब GST लागू होने की वजह से उन्हें सिर्फ एक ही टैक्स देना पड़ता हैं।
  • पहले हम कोई भी समान खरीदते थे सभी पर 24 फीसदी टैक्स देना पढ़ता था लेकिन GST लागू होने पर यह टैक्स घटकर 17-18 फीसदी रह गया हैं।

GST से हानियाँ

GST लागू होने के जितने फायदे हैं उतने नुकसान भी हैं क्योंकि जिन वस्तुओं पर टैक्स लागू नहीं होता हैं या बहुत कम टैक्स लगता हैं उन पर भी हमे टैक्स देना पढ़ता हैं जिससे सस्ती चीजें महंगी हो जाएंगी ।

जैसे:- चाय, कॉफी, समोसा, पेन, फ्रूट आदि जिन पर पहले टैक्स नहीं लगता था लेकिन GST लागू होने के बाद इन छोटे-छोटे सामान या खाने की वस्तुओं को खरीदने पर भी टैक्स देना पड़ता हैं जिसमें हमारा बहुत नुकसान होता हैं।

जीएसटी के प्रमुख लाभ क्या है?

उपभोक्ताओं को जीएसटी के लाभ.
वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में कमी चूंकि आपूर्ति श्रृंखला के सभी स्तरों पर जीएसटी लगाया जाता है, इसलिए उत्पादों की कीमतों में काफी अंतर पाया जा सकता है। ... .
देश भर में समान कीमत ... .
सरलीकृत कर प्रणाली ... .
विदेशी निवेश ... .
आयात और निर्यात उद्योग में वृद्धि ... .
पारदर्शिता ... .
आसान उधारी ... .
बाजार में आसान प्रवेश.

जीएसटी से आम आदमी को क्या फायदा है?

सरकार के खजाने और आम आदमी की जेब पर जीएसटी लागू होने का बहुत सकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है. इससे एक ओर जहां सरकार की आमदनी में भारी इजाफा हुआ है, वहीं आम उपभोक्‍ता को भी रोजमर्रा की बहुत सी चीजें सस्‍ती मिलने लगी हैं. टैक्‍स व्‍यवस्‍था के सरलीकरण से छोटे दुकानदार से लेकर बड़ी कंपनियों तक को व्‍यापार करने में आसानी हुई है.

GST कब लगता है?

GST सिस्टम में, टैक्स की वसूली तब होती है, जब कोई सामान (goods) या सेवा (service) को बेचा जाता है। वस्तु या सेवा की अंतिम कीमत में उस पर निर्धारित GST टैक्स भी शामिल होता है। वस्तु या सेवा की सप्लाई देने वाला (seller), इसे सप्लाई लेने वाले (Consumer) से वसूलता है। बाद में इसे सरकार के खाते मे जमा कर देता है।

जीएसटी किस पर कितना लगता है?

नई दिल्ली. आखिरकार 15 दिन बाद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का रेट तय हो गया। इसकी चार कैटेगरी होंगी- 5%, 12%, 18% और 28%।