छत्तीसगढ़ का प्राचीन अभ्यारण कौन सा है? - chhatteesagadh ka praacheen abhyaaran kaun sa hai?

तेलईधारा– बारनवापारा से 10 कि.मी. दूर यह मनोरम स्थान है। यह स्थान बांस एवं साल के वन से घिरा हुआ है एवं बडा ही रमणीक है। एक जलप्रपात यहां बहता है। पर्यटक यहां पिकनीक का आनंद ले सकते है।

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  (6) तमोर पिंगला अभयारण्य:


  •  जिला              :- सूरजपुर
  • स्थापना            :- 1978
  • छेत्रफल            :- 607 वर्ग km

 विशेष 

  • यह राज्य की सबसे बड़ी  अभ्यारण है 
  • रेहण्ड नदी इस अभयारण्य की दक्षिण-पिश्चम सीमा बनाती है
  • गोड, पण्डी, चेरवा, कोडकू और खैरवार जनजातियाँ निवास करती है।

 

 पाये जाने वाले जीव जन्तु

  • शेर और तेन्दुआ जैसे मुख्य मांसाहारी वन्य प्राणियों के अतिरिक्त
  •  गौर, नीलगाय, सांभर, चीतल, भालू, जंगली सुअर, चिंकारा, कोटरी, लंगूर तथा बंदर
  • नीलगाय सबसे जयादा पाई जाती है 
  •  पक्षियों में मोर, नीलकंठ, तोता, कोयल, जंगली मुर्गा
  • भृंगराज, बुलबूल, दूधराज, पपीहा, तीतर और मैना आदि 

 

प्रमुख  वृक्ष

  •  साल, साजा, धावडा, महुआ, तेन्दू, अर्जुन, तिन्सा,
  •  हल्दू, आंवला, चारकारी, बांस, धवई और घोट आदि

 

 पर्यटक स्थल:-

  • देवी झिरिया’ का मंदिर
  • ‘बेंगाची पहाड’, लेफरी घाट,
  •  सुईलना, घोड़ापाट, माल्हन देवी स्थल, 
  • कुदरू घाघ और केदू झरिया आदि स्थल हैं।

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 (7 )सेमरसोत अभयारण्य:


  • स्थापना     :- 1978 
  • जिला        :- बलरामपुर
  • छेत्रफल     :- 430 वर्ग किमी.

 विशेष 

  • सेंदरी, सेमरसोत, चनआन, सॉंसू, सेंन्दुर एवं मोगराही नदियों का जल प्रवाहित होता है।


 पाये जाने वाले जीव जन्तु

  •  शेर, तेन्दुआ, गौर, नीलगाय, चीतल, सांभर, सोनकुत्ता, भालू, 
  • कोटरी, सेही स्वछंद विचरण करते देखे जा सकते हैं।

 प्रमुख  वृक्ष

  •  साल, साजा, बीजा, शीसम, खम्हार, हल्दू एवं बांस के वन पाये जाते है

 

पर्यटक स्थल:-

  • पवई जलप्रपात तातापानी


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(8 )भैरमगढ़ जीव अभ्यारण:


  • जिला       :- बीजापुर
  • स्थापना    : - 1983
  • छेत्रफल   :- 139 वर्ग km

 विशेष

  •  उत्तरी सीमा पर बहने वाली इन्द्रावती उत्तर की सिमा बनती है |


प्रमुख  वृक्ष

  •  सागौन,साजा,बांस आदि

 

पर्यटक स्थल:-

  •  उत्तरी सीमा पर बहने वाली इन्द्रावती नदी के किनारे का दृश्य बड़ा ही मनोरम है

 

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(9 ) पामेड वन्य जीव अभ्यारण्य:


  • जिला       :- बीजापुर
  • स्थापना     :- 1983  
  • छेत्रफल      :- 265 वर्ग km

 पाये जाने वाले जीव जन्तु

  •  बाघ ,चीतल,तेंदुआ ,साम्भर

 

प्रमुख  वृक्ष

  •  साल,साजा


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(10 ) उदंती वन्य जीवन अभयारण्य:


  • जिला        :- गरियाबंद
  • स्थापना      :- 1983
  • छेत्रफल      :- 230 वर्ग km

 विशेष

  •  पिश्चम से पूर्व की ओर बहने वाली उदंती नदी के नाम पर इस अभयारण्य का नामकरण हुआ है।
  •   2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल है 2006  में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया




दर्शनीय स्थल


  • गोडेना जलप्रपात : यह जलप्रपात कर्रलाझर से 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान बहोत ही मनोरम एवं एकांत में है जहां झरने की कलकल ध्वनी से पहाडी से बहती हुई सुनाई देती है। यह पर्यटकों के लिये पिकनीक का एक उत्तम स्थान है।

  • देवधारा जलप्रपात : तौरेंगा से 12 कि.मी. की दूरी पर यह जलप्रपात है। यहां पहुचने के लिये 1.5 कि.मी. पैदल चलना पड़ता है। यह स्थान भी बहोत ही खुबसूरत है एवं यह बांस एवं मिश्रित वन से घिरा हुआ है।

    छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन अभ्यारण कौन सा है?

    सीतानदी यह छत्तीसगढ़ का प्रथम अभ्यारण्य है । यह राज्य के धमतरी ज़िले में स्थित एक सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं महत्त्वपूर्ण वन्य जीव अभ्यारण्य है। इस अभ्यारण्य की स्थापना वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत 1974 में वन्य जीवों की सुरक्षा एवं संरक्षण को ध्यान रखते हुए की गई थी।

    छत्तीसगढ़ के अभयारण्य का नाम क्या है?

    1. सीतानदी अभ्यारण्य – सीतानदी अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित है. सीतानदी और उदंती अभ्यारण्य वर्ष 2008-09 से प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) के अंतर्गत शामिल है. सीतानदी सबसे पुराना और पहला अभ्यारण्य है.

    छत्तीसगढ़ में कितने अभ्यारण है उनके नाम?

    प्रदेश में 11 अभ्यारण्य है। नोट: उदंती-सीतानदी, तमोरा पिंगला (गुरुघासीदास के साथ) 2009 से टाइगर रिजर्व बना दिया गया है। इस वजह से वर्तमान अभयारण्य की संख्या 8 है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया।

    छत्तीसगढ़ का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

    (2) गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान Guru Ghasidas National Park. विशेष: क्षेत्रफल की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है | इसके पूर्व 1981 से यह पूर्ववर्ती संजय राष्ट्रीय उद्यान का भाग था |