अपना एचबीए1सी (HbA1c) कम और डायबिटीज कण्ट्रोल करने के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पढ़ें। Show
टाइप 2 डायबिटीज एक ऐसी कंडीशन है जहां आपके ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और आप इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब आपका शरीर इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया करने में सक्षम नहीं होता है, जिससे यह एनर्जी के लिए आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ग्लूकोस को पूरी तरह से उपयोग करने में असमर्थ हो जाता है।नतीजतन, चीनी आपके रक्त में बनी रहती है और अंततः एक का डायबिटीज निर्माण कर सकती है जो कि बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है । हालांकि, जब टाइप 2 मधुमेह का जल्दी निदान किया जाता है, तो यह स्थिति पूरी तरह से प्रतिवर्ती होती है, और कई लक्षणों और जटिलताओं से बचा जा सकता है। अपना एचबीए1सी (HbA1c) कम और डायबिटीज कंट्रोल कैसे करेंसमझदार जीविका (खासकर आहार में)पोषण हम सभी के लिए स्वस्थ जीवन की कुंजी है; हालाँकि, यदि आपको मधुमेह, रक्तचाप या थायरॉयड जैसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो स्वस्थ भोजन करना आवश्यक हो जाता है। यदि आप अपने टाइप 2 मधुमेह को रिवर्स करने के लिए इच्छुक हैं, तो आपको अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से बचकर संतुलित पोषण का पालन करना होगा। जी हां, फैट आपके लिए मददगार हो सकता है! अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए अधिक अनसैचुरेटेड फैट खाएं। अनसैचुरेटेड फैट, जो कमरे के तापमान पर तरल होते हैं, स्वस्थ फैट के रूप में माने जाते हैं क्योंकि वे रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं, हृदय की लय को सामान्य कर सकते हैं और कई अन्य कार्य कर सकते हैं। अनसैचुरेटेड फैट ज्यादातर पौधे आधारित खाद्य पदार्थों जैसे वनस्पति तेल, नट और बीज में पाए जाते हैं। नियमित व्यायामसक्रिय रहना आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है (हार्मोन जो आपके शरीर में कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ब्लड शुगर का उपयोग करने की अनुमति देता है), जो मधुमेह प्रबंधन में सहायता करता है। शारीरिक गतिविधि भी ब्लड शुगर के नियमन में सहायता करती है और हृदय रोग की संभावना को कम करती है। इसके अलावा, व्यायाम आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद करेगा। जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपका शरीर कुछ ऐसे हार्मोन छोड़ता है जो आपको खुश महसूस कराते हैं और बेहतर नींद लेते हैं। आप पैदल चलना, जॉगिंग, तैराकी से शुरू कर सकते हैं और बाद में कसरत को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। बीटो केयर प्रोग्राम क्या हैबीटओ कॉम्प्रिहेंसिव डायबिटीज केयर प्रोग्राम वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हैं और टाइप 2 डायबिटीज और प्री-डायबिटीज वाले लोगों को डायबिटीज रिवर्सल की यात्रा शुरू करने में मदद करते हैं। अकेले वजन घटाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, प्रोग्राम टाइप 2 मधुमेह और प्रीडायबिटीज के मूल कारणों को संबोधित करता है, जो कार्बोहाइड्रेट असहिष्णुता और इंसुलिन प्रतिरोध हैं, ताकि आप अपने चयापचय स्वास्थ्य को प्रभावी ढंग से सुधार सकें। बीटो केयर प्रोग्राम की प्रमुख विशेषताएं जो कि सदस्यों को इस प्रोग्राम में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं उनमें प्रमुख रूप से डायबिटीज विशेषज्ञों द्वारा वर्चुअल परामर्श, विशेषज्ञों द्वारा प्रेषित की गई डायबिटीज, बीपी, एवम कोलेस्ट्रॉल की सभी दवाएं बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सदस्यों को घर पर पहुंचाई जाती है। इसके साथ-साथ डायबिटीज केयर कोचेस एवं डाइटिशियन के माध्यम से डाइट काउंसलिंग एवं मॉनिटरिंग के लिए ग्लूकोमीटर एवं ग्लूकोस्ट्रिप्स इस प्रोग्राम में शामिल की गई हैं| मास्टर शेफ के फाइनलिस्ट एवम बीटों लैब द्वारा डिजाइन की गई डायबिटीज के अनुकूल स्थानीय रेसिपीज सभी सदस्यों को प्रदान की जाती है ।सार्थक जीवन शैली में मदद हेतु बीटों के योगा थैरेपिस्ट एवं ब्रेथवर्क कोच द्वारा एक्सक्लूसिव योगा कोर्स भी इस प्रोग्राम में शामिल किया गया है 2019 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की 41 वर्षीय श्रीमती दीपा काम्बले में टाइप टू डायबिटीज पाई गई| वे अपने डायबिटीज नियंत्रण के उचित परामर्श के लिए परेशान हो रही थी| मार्च में वह बीटो के डायबिटीज केयर प्रोग्राम से जुड़ गई| मार्च में उनका hba1c 11.5 फीसदी था जो जून में 7.9 फीसदी आ गया| वह प्रतिदिन 42 यूनिट इंसुलिन लेती थी जो अब पूरी तरह से बंद हो गया है| उनके अनुसार बीटो का डायबिटीज केयर प्रोग्राम “मां के जैसा” है जो दिन के हर मिनट पर उनका ध्यान रखता है| वह अपने खाने की प्लेट भी अपनी डायबिटीज कोचेस को भेजती है एवं बीटों की व्यक्तिगत डायबिटीज कोचेस उनका विश्लेषण करने के बाद उन्हें खाने एवं जीवन शैली के बारे में मार्गदर्शन देती है। डायबिटीज के लिए कई तरह के टेस्ट होते हैं, जिनमें से एक है एचबीए 1सी टेस्ट। अब आप सोच रहे होंगे कि एचबीए 1सी टेस्ट क्या है, तो यहां आपको मिलेगी इस टेस्ट से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। Hba1c टेस्ट क्या है, इसे कैसे करते हैं, इसे क्यों कराया जाता है और इससे जुड़ी कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियां आप इस खास ब्लॉग में पाएंगे। तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। विषय सूची:
अगर आप सोच रहे हैं कि एचबीए 1 सी टेस्ट क्या है, तो बता दें कि हीमोग्लोबिन A1C (HbA1C) टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है, जिससे पिछले दो से तीन महीनों में आपके औसत (average) ब्लड शुगर (ग्लूकोज) लेवल का पता चल सकता है। आपके रक्त में मौजूद ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (Glycated hemoglobin), आपके लाल रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स में प्रोटीन से चिपक जाता है। जैसे-जैसे आपके ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है, आपका अधिकतर हीमोग्लोबिन ग्लूकोज से कोटेड हो जाता है। ऐसे में एचबीए 1 सी परीक्षण आपके रेड ब्लड सेल्स में ग्लूकोज-कोटेड हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को मापता है। एचबीए 1 सी टेस्ट क्यों किया जाता है?एचबीए 1 सी टेस्ट को रक्त में शुगर लेवल से जुड़ी जानकारी के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसे डायबिटीज के निदान के लिए किया जाता है। प्रीडायबिटीजइसका मतलब है कि आपके ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक है, लेकिन इतना अधिक नहीं है कि मधुमेह का निदान किया जा सके। जीवनशैली में कुछ बदलाव, जैसे कि स्वस्थ आहार और व्यायाम को अपनाकर प्रीडायबिटीज को टाइप 2 डायबिटीज में बदलने से रोक सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीजइस स्थिति में आपका ब्लड ग्लूकोज बहुत अधिक हो जाता है, क्योंकि इस समय शरीर में पार्यप्त इन्सुलिन नहीं बनता है या फिर आपकी कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति रिस्पांस करना बंद कर देती है। ऐसे में ग्लूकोज़ ब्लड में ही रह जाता है और सेल्स में नहीं पहुँच पाता है। फिर इसी कारण से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। इस स्थिति को टाइप 2 डायबिटीज कहते हैं। इसके आलावा, यदि आपको प्रीडायबिटीज या डायबिटीज है, तो A1C टेस्ट आपकी स्थिति को मॉनिटर करने के लिए किया जाता है। इससे यह जानने में मदद मिल सकती है कि आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कितनी अच्छी तरह से नियंत्रित कर पाए हैं। एचबीए 1 सी टेस्ट किसे और कितनी बार करवाना चाहिए?एचबीए 1 सी टेस्ट करवाने का समय व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति व उम्र के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यहां हम इसी बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं: सामान्य स्वास्थ्य वाले लोगों के लिए:
स्वास्थ्य समस्या होने से:
प्रीडायबिटीज फेज़ में:
डायबिटीज में:
गर्भावस्था में:
नोट : एचबीए 1 सी टेस्ट करवाने को लेकर अगर अब भी किसी प्रकार की उलझन हो तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें। एचबीए 1 सी टेस्ट कैसे करते हैं?एचबीए 1 सी परीक्षण का नाम सुनकर लोग घबरा जाते हैं कि इस टेस्ट के दौरान क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि एचबीए 1 सी टेस्ट कैसे करते हैं, तो यहां हम पॉइंट्स के जरिए इसकी सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
एचबीए 1 सी टेस्ट के रिजल्ट से क्या पता चलता है?एचबीए 1 सी टेस्ट के रिजल्ट से ग्लूकोज कोटेड हीमोग्लोबिन के स्तर का पता चल सकता है। लोगों की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार HbA1c का स्तर अलग-अलग हो सकता है, जो कुछ इस प्रकार है:
ब्लड शुगर और एचबीए 1 सी सामान्य श्रेणी का चार्टजैसे-जैसे रक्त में एचबीए 1 सी की मात्रा बढ़ती जाती है। वैसे-वैसे शुगर लेवल भी बढ़ता जाता है। इसलिए प्रीडायबिटीज और डायबिटीज का एचबीए 1 सी की मात्रा से पता लगाया जा सकता है। हमने ऊपर वाले भाग में बताया है कि कितना एचबीए 1 सी होना प्रीडायबिटीज और डायबिटीज है। आगे hba1c सामान्य श्रेणी चार्ट की मदद से जानें कि एचबीए 1 सी लेवल में वृद्धि के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल में औसतन कितनी वृद्धि हो सकती है। ए 1 सी लेवल (%)अनुमानित औसत ब्लड शुगर लेवल (mg/dL)5 976 1267 154 8 183921210240112691229813326 HbA1C स्तर में असंतुलन का कारणHbA1C लेवल का असंतुलित होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
HbA1C रिजल्ट को प्रभावित करने वाले कारकएचबीए 1 सी टेस्ट रिजल्ट को कुछ कारक प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में यहाँ हम HbA1c के परिणाम को प्रभावित करने वाले कारकों की जानकारी दे रहे हैं, ये कुछ इस प्रकार हैं:
हमारी पूरी कोशिश रही है कि इस ब्लॉग के जरिए हम एचबीए 1 सी टेस्ट क्या है, इसे आसान तरीके से समझाएं। उम्मीद है इस ब्लॉग के जरिए आप समझ चुके होंगे कि hba1c टेस्ट का क्या मतलब है। यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ प्रीडायबेटिक्स और डायबेटिक्स को ही इसकी जानकारी होनी चाहिए। एचबीए 1 सी के बारे में हर किसी को पता होना चाहिए, ताकि वे सावधानी के तौर पर समय-समय पर यह टेस्ट कराते रहें। hba1c से जुड़े अन्य एक्सपर्ट एडवाइस के लिए आप Phable की मदद ले सकते हैं। एचबीए1सी कितना होना चाहिए?नार्मल HbA1c लेवल 4% से 5.6% के बीच होना चाहिए इसका मतलब 68 से 100 मिलीग्राम / डीएल के बीच होनी चाहिए। अगर किसी का लेवल इससे ज़्यादा है। तो इसका मतलब वो डायबिटीज (diabetes) की शुरुवाती स्टेज में है । और अगर किसी का लेवल 5.7% और 6.4% से ज़्यादा है।
HbA1c बढ़ने पर क्या होता है?HbA1c लेवल बढ़ने पर डायबिटीज की समस्या हो सकती है। इसलिए, मधुमेह की समस्या से बचने के लिए HbA1c लेवल को संतुलित रखना जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य HbA1c लेवल 5.7% या इससे कम होना चाहिए। HbA1c टेस्ट रक्त में शुगर लेवल और HbA1c लेवल को मापने के लिए कराया जाता है।
कैसे एचबीए 1 सी कम करने के लिए?नियमित व्यायाम
इसके अलावा, व्यायाम आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद करेगा। जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपका शरीर कुछ ऐसे हार्मोन छोड़ता है जो आपको खुश महसूस कराते हैं और बेहतर नींद लेते हैं। आप पैदल चलना, जॉगिंग, तैराकी से शुरू कर सकते हैं और बाद में कसरत को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
HbA1c टेस्ट खाली पेट होता है क्या?डॉक्टर क्या कहते हैं
यशोदरा सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अमित छाबरा का कहना है कि खाली पेट का शुगर 90 से 110 के बीच में होना चाहिए और खाना खाने के 2 घंटे बाद का शुगर 140 या 150 से कम होना चाहिए. Hba1c जो कि 3 महीने का शुगर का मापक है , उसकी वैल्यू सात प्रतिशत से कम होनी चाहिए.
|