Show राजस्थान के मेले प्रश्न 97 रामस्नेही सम्प्रदाय अपना फूलडोल महोत्सव किस स्थान पर मनाते है - प्रश्न 98 किस शासक के शासन काल में कोटा में दशहरा मेला लगना प्रारम्भ हुआ
- प्रश्न 99 नागौर मेला मुख्यतः है - प्रश्न 100 मरू उत्सव मनाया जाता है - प्रश्न 101 गांव मुकाम में जामेश्वर मेला वर्ष में कितनी बार लगता है - प्रश्न 102 ‘कैलादेवी’ का मेला कब लगता है - प्रश्न 103 निम्नलिखित में से राजस्थान का कौनसा जिला ‘कानन मेला’ से संबंधित है - प्रश्न 104 निम्न में से असंगत युग्म को छाँटिए – प्रश्न 105 ‘चन्द्रभागा मेला’ राजस्थान के निम्नलिखित में से किस जिले में आयोजित किया जाता है
- प्रश्न 106 ‘गोगामेड़ी’ पशु मेला आयोजित होता है - page no.(11/18) Take a QuizTest Your Knowledge on this topics. Learn More Test SeriesHere You can find previous year question paper and mock test for practice. Test Series TricksFind Tricks That helps You in Remember complicated things on finger Tips. Learn More ShareJoinJoin a family of Rajasthangyan on Shahpura: भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक फूलडोल महोत्सव का औपचारिक आगाज आज (सोमवार) से हो गया. फाल्गुनी एकादशी पर वाणीजी की प्रथम शोभायात्रा समारोह पूर्वक निकली. मुख्य महोत्सव 18 मार्च से 22 मार्च तक होगा. रामस्नेही संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक फाल्गुनी एकादशी पर आज (सोमवार) नया बाजार स्थित राममेड़िया से वाणी जी की शोभा यात्रा (थाल) निकली. जिसमें रामस्नेही अनुरागी भजनों व राम नाम सुमिरन का जयघोष करते हुए रामनिवास धाम में सूरजपोल पहुंचे. यहां बारादरी में विराजित रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरु आचार्य श्री रामदयाल जी महाराज से सभी ने आशीर्वाद प्राप्त किया. यहां उपस्थित लोगों को स्वामी रामदयालजी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि राम नाम सुमिरन से ही भवसागर पार हो सकेगा. स्वामी रामदयालजी महाराज ने कहा कि महाप्रभु रामचरणजी महाराज ने वर्षो पूर्व जो शांति का संदेश दिया था वो आज भी प्रासंगिक है. युक्रेन में अहिंसा का जो दौर चल रहा है, उस समस्या का समाधान महाप्रभु के चिंतन व संदेश से ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति हम सभी को अहिंसा का जो संदेश देती है उसी पर वैश्विक स्तर पर चिंतन करना होगा. फूलडोल का मुख्य महोत्सव इस बार 18 मार्च से 22 मार्च तक धूमधाम से मनाया जाएगा। मुख्य महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शोभायात्रा भी जोरों शोरों से निकलेगी. फाल्गुनी एकादशी पर निकली शोभायात्रा में स्थानीय रामस्नेही संप्रदाय के अनुरागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया. बाद में आचार्य श्री ने संतों की पंगत का शुभारंभ किया तथा उपस्थित लोगों को आशीर्वाद दिया. इस दौरान रामस्नेही संप्रदाय के भेख भंडारी शंभूराम महाराज, संत रामनारायणजी महाराज, संत जगवल्लभजी महाराज, संत नवनीधराम महाराज सहित अन्य संत मौजूद रहे. यह भी पढ़ें: आज भी देश प्रेम की मशाल बनकर जल रही हसन खां मेवाती की शहादत, पढ़िए वीरगाथा नगर पालिका की ओर से भी रामनिवास धाम के बाहर मेला आयोजित होगा. पालिका की ओर से 400 अस्थाई दुकानों का निर्माण किया गया है. पालिका की ओर से मेले में आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए 20 मार्च को भजन संध्या व 21 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इससे पूर्व में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी करायी जायेगी. इन सबके लिए पार्षदों की कमेटियों का गठन कर लिया गया है. रिपोर्ट: दिलशाद खान राजस्थान में फूलडोल मेला कब लगता है?फूलडोल कि इस शोभा यात्रा को होली से आठवें दिन यानी चैत्र कृष्ण अष्टमी को मनाए जाने की परंपरा है ।
शाहपुरा फूलडोल का मेला कब लगता है?सही उत्तर चैत्र है। चैत्र माह में शाहपुरा का फूलडोल मेला लगता है।
डोल मेला कब है?इस वर्ष भी भाद्रपद शुक्ला जलझूलनी ग्यारस को शहर के विभिन्न पांच दर्ज मन्दिरों के विमानों (डोल) में विराजे भगवान की निकलने वाली शोभायात्रा के साथ 7 सितम्बर से शुरु हो जाएगा. एक पखवाड़े तक चलने वाले इस मेले को भव्यता देने की जिम्मेदारी नगर परिषद ले रही है.
|