फैटी लीवर के लिए होम्योपैथिक में कौन सी दवा है? - phaitee leevar ke lie homyopaithik mein kaun see dava hai?

Electro Homeopathic Treatment of Fatty Liver

November 5, 2020

Electro Homeopathic Treatment of Fatty Liver: लीवर में वसा के निर्माण को फैटी लीवर के रूप में जाना जाता है। Liver आपके द्वारा खाने या पीने और रक्त से हानिकारक पदार्थों को फ़िल्टर करने की प्रक्रिया करता है। यदि Liver में बहुत अधिक Fat जमा हो गया है, तो इसके काम करने की प्रक्रिया में व्यवधान होता है।

फैटी लीवर के लिए होम्योपैथिक में कौन सी दवा है? - phaitee leevar ke lie homyopaithik mein kaun see dava hai?
फैटी लीवर के लिए होम्योपैथिक में कौन सी दवा है? - phaitee leevar ke lie homyopaithik mein kaun see dava hai?
Electro Homeopathic Treatment of Fatty Liver

प्रारंभिक अवस्था में फैटी लिवर के लक्षण प्रकट भी नहीं होते हे और कई बार पता भी नहीं चलता हे इसलिए कई बार रोगी किसी और कारन से पेट का अल्ट्रासाउंड कराने जाता हे तब उसे पता चलता हे की उसे फैटी लिवर हे।

Symptoms of Fatty Liver

एक फैटी लीवर वाले रोगी यह महसूस करता हे की बिना किसी कारण के ही थक गए हैं और वजन भी बढ़ रहा हैं। इसके अलावा पेट के दाएं हिस्से में दर्द नहीं हो सकता हे और खाने को पचने में दिक्कत भी हो सकती हे।

रोग के गंभीर होने के बाद संभावित संकेत और लक्षण शामिल हैं:

  • पेट की सूजन (जलोदर)
  • त्वचा की सतह के ठीक नीचे बढ़े हुए रक्त वाहिकाएं
  • बढ़े हुए प्लीहा
  • लाल हथेलियाँ
  • त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)

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Cause of Fatty Liver

फैटी लिवर के कारणों में शराब, गलत आहार, मोटापा, मधुमेह या दवा का अधिक उपयोग भी हो सकता है। फैटी लिवर के लिए इलेक्ट्रो होम्योपैथिक उपचार फैटी लिवर की स्थिति को उलट कर सही कर सकता है या ऐसा कहे की इसे सामान्य स्थिति में ला सकता है। इलेक्ट्रो होमियोपैथी की प्राकृतिक दवाएं, जो प्राकृतिक पदार्थों से बनी होती हैं बिना किसी दिष्प्रभाव के लिवर के फंक्शन और स्ट्रक्टर को सही कर सकती हे।

Fatty Liver Treatment in Electro Homeopathy

इलेक्ट्रो होमियोपैथी में फैटी लिवर के उपचार में हमें पहले लिवर के फंक्शन पर काम करना होता हे ताकि रोगी की दिनचर्या में आने वाली दिक्कत सही हो और साथ साथ लिवर के स्ट्रक्चर को सही करना होता हे जिस से रोग को जड़ से समाप्त किया जा सके। इस उपचार के साथ ही रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ानी होती।

लीवर शरीर का सबसे बड़ा अंग है। यह हमें भोजन को पचाने, ऊर्जा को स्टोर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। फैटी लीवर रोग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लीवर में वसा इकट्ठा होने लगती है। बता दें, लीवर में यदि कुछ मात्रा में वसा मौजूद है तो यह सामान्य बात है, लेकिन यदि लीवर में मौजूद वसा इसके वजन से 5% अधिक है, तो इसे वसायुक्त या फैटी लीवर माना जाता है। यह दो प्रकार के हैं : नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर रोग और अल्कोहोलिक फैटी लीवर रोग।

नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर की बीमारी दो तरह की होती है। साधारण फैटी लीवर में, लीवर की कोशिकाओं में सूजन के किसी भी लक्षण के बिना लीवर में वसा इकट्ठा होने लगती है। इसमें जटिलताओं का जोखिम आमतौर पर कम होती है। दूसरा है - नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहैपेटाइटिस, जिसमें लीवर की कोशिकाओं में सूजन व अन्य कोई नुकसान होने लगता है।

मोटापा और पेट की सामान्य से ज्यादा चर्बी, इंसुलिन प्रतिरोध, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का अत्यधिक सेवन और आंतों का स्वास्थ्य बिगड़ने जैसे कारकों से फैटी लीवर हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है, तो उन्हें थकान, पेट भरा-भरा लगना और छूने पर दर्द होना, इंसुलिन का स्तर बढ़ जाना, भूख में कमी, मतली, उल्टी, पेट में दर्द और आंखों व त्वचा का पीलापन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

यदि डॉक्टर को लगता है कि मरीज को फैटी लीवर हो सकता है, तो वे शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं और ब्लड टेस्ट व इमेजिंग टेस्ट कराने का सुझाव दे सकते हैं, ताकि निदान की पुष्टि की जा सके। फैटी लीवर का उपचार इसके निदान पर निर्भर करता है और इसमें अल्कोहल का सेवन बंद करना, वसा और कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को आहार में कम से कम शामिल करना, व्यायाम करना, यदि जरूरत हो तो वजन कम करना, सूजन को नियंत्रित करने के लिए दवाएं शामिल हैं।

फैटी लीवर के इलाज के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट भी लिया जा सकता है। इसे वैकल्पिक चिकित्सा के एक प्रभावी विकल्प के रूप में जाना जाता है, यह न केवल लक्षणों से राहत देने में मदद कर सकता है, बल्कि रोग के मूल कारण को भी खत्म करने में सहायक है। फैटी लीवर के अंतर्निहित कारण को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक डॉक्टर व्यक्ति के लक्षणों के साथ कुछ अन्य जानकारियां भी इकट्ठा करते हैं, ताकि मरीज को सटीक दवाएं दी जा सकें। यदि किसी अनुभवी डॉक्टर के मार्गदर्शन में इन दवाओं को लिया जाता है, तो यह उपाय बीमारी की पुनरावृत्ति (दोबारा होने का जोखिम) को रोकने में मदद करती हैं। फैटी लीवर के उपचार में लाइकोपोडियम, फास्फोरस और सल्फर जैसे उपचार का उपयोग किया जाता है।

अपर एब्डॉमेन के राइट साइड में दर्द या फिर लिवर के अपने सामान्य आकर से बड़े हो जाने, जी मिचलाना (Nausea), उल्टी (Vomiting) आना या फिर कब्ज (Constipation) की समस्या होने पर चेलेडोनियम (Chelidonium) लेने की सलाह दी जाती है। फैटी लिवर की वजह से खाने-पीने की इच्छा नहीं होती है और कमजोरी भी अत्यधिक महसूस होता है। ऐसे में फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज में चेलेडोनियम (Chelidonium) बेस्ट मानी जाती है।

2. लायकोपोडियम (Lycopodium)

फैटी लिवर का होम्योपैथी से ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for Fatty liver) लायकोपोडियम से भी किया जाता है। दरअसल फैटी लिवर की समस्या होने पर अगर पेशेंट को एसिडिटी (Acidity) की समस्या, पेट फूलने (Bloating) की समस्या या फिर जलन (Burning) जैसी स्थिति होने पर डॉक्टर लायकोपोडियम (Lycopodium) लेने की सलाह देते हैं।

3. कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb)

फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) में शामिल होम्योपैथी मेडिसिन कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb) बेहद लाभकारी माना जाता है। अगर मरीज को क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic constipation) हो, तो ऐसी स्थिति में कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb) रामबाण माना जाता है।

4. नक्स वोमिका (Nux Vomica)

फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज के लिए नक्स वोमिका (Nux Vomica) सबसे प्रचलित होम्योपैथी दवाओं में से एक है। दरअसल अगर पेशेंट को लोवर एब्डॉमेन (Lower abdomen) में दर्द हो, स्टूल (Stool) पास होने में दर्द महसूस होने पर नक्स वोमिका (Nux Vomica) ही प्रिस्क्राइब की जाती है।

5. कार्डुअस मैरिऐनस (Cardus Maryenus)

फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) कार्डुअस मैरिऐनस से भी किया जाता है। अगर पेशेंट को जी मिचलाना, पेट भरा-भरा महसूस होना, मुंह का स्वाद बिगड़ना या फिर लिवर सिरॉसिस (Liver Cirrhosis) जैसी तकलीफों को दूर करने के लिए कार्डुअस मैरिऐनस (Cardus Maryenus) लेने की सलाह दी जाती है।

इन 5 दवाओं से फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) किया जाता है। हालांकि जरूरत पड़ने पर अन्य होम्योपैथी दवा भी प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं।

नोट: ये होम्योपैथी दवाएं केमिस्ट के पास आसानी से मिल जाती है, लेकिन अगर आप फैटी लिवर (Fatty liver) की समस्या से परेशान हैं तो बिना डॉक्टर के सलाह लिए इन दवाओं का सेवन ना करें। यहां सिर्फ दवाओं का नाम और उनसे जुड़ी जानकारी दी गई हैं। हेल्थ एक्सपर्ट (Health condition) पेशेंट की सेहत को और मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) को ध्यान में रखकर दवा लेने की सलाह देते हैं।

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फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? (Side effects of Homeopathic medicine)

फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज इसलिए कारगर माना जाता है, क्योंकि जिन दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है, वो प्राकृतिक चीजों से तैयार की जाती हैं। इसलिए होम्योपैथी मेडिसिन के सेवन से कोई शारीरिक परेशानी वैसी नहीं होती है, लेकिन संभव है कि अगर आपको एलर्जी की समस्या ज्यादा रहती है या आप एलर्जिक हैं, तो आपको एलर्जी (Allergy) की समस्या हो सकती है।

फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए लाइफ स्टाइल कैसी होनी चाहिए?

फैटी लीवर के लिए होम्योपैथिक में कौन सी दवा है? - phaitee leevar ke lie homyopaithik mein kaun see dava hai?

फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:

  • फ्रेश फ्रूट्स और वेजिटेबल्स का सेवन करें। मौसमी फल एवं सब्जियों को जरूर शामिल करें।
  • फाइबर रिच फूड जैसे फलियां या साबुत अनाज का सेवन करें।
  • जरूरत से ज्यादा नमक, ट्रांसफैट, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स एवं सफेद चीनी का सेवन ना करें।
  • एल्कोहॉल का सेवन ना करें।
  • अपने आहार में लहसुन को शामिल करें।
  • ग्रीन टी का सेवन करें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज, योग या मेडिटेशन करें।

ये हेल्दी लाइफ स्टाइल फैटी लिवर के साथ-साथ अन्य शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को दूर रखने में आपकी सहायता करेगा।

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अगर आप फैटी लिवर (Fatty liver) या फैटी लिवर के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic treatment for Fatty liver) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित हैं, विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हेल्थ एक्सपर्ट आपके हेल्थ को ध्यान में रखकर आपको आवश्यक दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं और आपके लिए फैटी लिवर (Fatty liver) के लिए घरेलू उपाय कौन-कौन से लाभकारी हो सकती है, इसकी भी जानकारी आपसे शेयर करेंगे।

कब्ज एक सामान्य परेशानी हो सकती है, लेकिन जिस तरह से अगर पेट साफ ना होने पर पूरा दिन बेकार जाता है ठीक उसी तरह अगर इसे सामन्य परेशानी समझकर इग्नोर किया जाए तो कई अन्य शारीरिक परेशानी दस्तक दे सकती है। जानिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर कि कैसे आप कब्ज की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

फैटी लिवर ग्रेड 1 कितने दिन में ठीक हो जाता है?

फैटी लिवर के दो प्रकार ऐसा ज्यादा शराब पीने से होता है। ज्यादा शराब पीने से लिवर पर फैट जमा होने लगता है व उस पर सूजन आ जाती है। शराब न पीने पर करीब छह सप्ताह के भीतर लिवर से फैट की परत हटने लगती है।

बढ़े हुए फैटी लीवर का इलाज कैसे करें?

यह एक लाइफस्टाइल से संबंधित रोग है, ऐसे में सबसे पहले जरूरी है अपनी जीवनशैली को सुधारना. ... .
हल्दी के सेवन से भी फैटी लिवर के लक्षणों को कम किया जा सकता है. ... .
यदि आपके घर में एलोवेरा का पौधा है, तो इसे भी डाइट में शामिल करें. ... .
लहसुन खाने से भी लिवर हेल्दी रहता है. ... .
डाइट में पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों को शामिल करें..

फैटी लीवर की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

अगर आपको फैटी लिवर की शिकायत है तो आपके लिए आंवला किसी दवा से कम नहीं है. जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है उन्हें आंवला खाने की सलाह दी जाती है. आवंला में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिससे लिवर हेल्दी रहता है. अगर आप फैटी लिवर की समस्या से परेशान हैं तो आपको डाइट में आंवला जरूर शामिल करना चाहिए.

फैटी लीवर को जल्द से जल्द कैसे ठीक करें?

साबुत अनाज फैटी लीवर के नुकसान को रोकता है। आंवला में भरपूर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट और विटामिन सी मौजूद होता है जो लीवर फंक्शन को दुरुस्त रखने का काम करता है। आंवले के सेवन से लिवर में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते है। इस वजह से लिवर के मरीजों को आंवला खाने की सलाह दी जाती है।