गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता? - ganit shikshan mein adhigam srot kee kya upayogita?

गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता? - ganit shikshan mein adhigam srot kee kya upayogita?

सवाल: गणित शिक्षण में अधिगम स्त्रोत की क्या उपयोगिता है?

गणित के पढ़ने में अधिक स्रोत मिलने पर वह एक पूर्ण सकारात्मक भागीदारी में सहायता करते हैं। और अधिकतम स्रोत होने पर विद्यार्थी को प्रेरणा देने और उस विद्यार्थी को अधिक शक्तिशाली बनाने के उपकरण होते हैं। जो कि गणित को कोई भी समझ ना आने पर वह विद्यार्थी की मदद कर देते हैं। क्योंकि शिक्षण के स्रोत अधिक से अधिक हकीकत के अनुभव से जुड़े होते हैं। गणित सीखने के अधिक स्रोत होने के कारण विद्यार्थी बहुत ही कम समय में बहुत अधिक ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।

गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता? - ganit shikshan mein adhigam srot kee kya upayogita?

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विषयसूची

  • 1 गणित के शिक्षण अधिगम में अवधारणा संगठन क्या है?
  • 2 गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता है?`?
  • 3 गणित अवधारणा क्या है?
  • 4 गणित अमूर्त है कैसे?
  • 5 गणित सीखने की प्रक्रिया में सीखने वाले की क्या भूमिका है?

गणित के शिक्षण अधिगम में अवधारणा संगठन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविद्यालयी शिक्षा में गणित एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रारंभिक स्तर पर, यह एक अनिवार्य विषय है। इस मॉड्यूल के अध्ययन के बाद अध्यापक- • मूल्यांकन सहित शिक्षण की उन कार्यनीतियों के बारे में, जो बच्चों को अधिगम में संलग्न करने के लिए अपनायी जा सकती हैं, को जानने एवं प्रयोग करने में सक्षम होंगे।

गणितीय अवधारणा की प्रकृति क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंगणितीय अवधारणाओं के स्वरूप के तीन पहलु होते हैं मूर्त से अमूर्त की ओर, विशिष्ट से व्यापक की ओर तथा सोपानक्रमिक संरचनाएं। ये तीनों किसी भी क्षेत्र में ज्ञान की खोज में देखे जा सकते हैं। सभी ज्ञान की तरह गणित भी हमारे ठोस अनुभवों से विकसित होता है। जैसे- त्रिविम आकार में “गोलाई” या गोल की संकल्पना।

गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता है?`?

इसे सुनेंरोकेंये अधिगम संसाधन : अधिगम प्रक्रिया में पूर्ण सक्रिय भागीदारी में सहायक हैं क्योंकि अधिगम संसाधन विद्यार्थियों में प्रेरणा देने तथा बनाए रखने हेतु शक्तिशाली उपकरण हैं। विषय की अवधारणाओं को प्रभावी रूप से स्पष्ट करने में विद्यार्थियों की सहायता करते हैं क्योंकि ये शाब्दिक अनुदेशों को वास्तविक अनुभवों से जोड़ते हैं।

गणित में अवधारणा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंगणित की दुनिया ऐसी ही चीजों से बनी है, जिनसे आगे और अमूर्त अवधारणाएं और इन चीजों के बीच अमूर्त संबंध पैदा होते हैं। इन अमूर्त चीजों की समझ हम दो तरीकों से बनाते हैं। एक वह है जिससे हम संख्या के बारे में अपनी अवधारणा का विकास करते हैं।

इसे सुनेंरोकेंमुख्य रूप से गणित माप, पैटर्न और समरूपता की जाँच के अध्ययन का एक तरीका है। इस पद्धति में चर्चा की जाने वाली अवधारणाओं की परिभाषाओं का सावधानीपूर्वक निर्माण और मान्यताओं का एक स्पष्ट विवरण प्रस्तुत किया गया है जो तर्क का आधार बनाते हैं। इन परिभाषाओं और मान्यताओं से तर्क के अनुप्रयोग द्वारा निष्कर्ष निकाले जाते हैं।

गणित अवधारणा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंगणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं : अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि।

गणित सीखने में अ भा चि प्र की क्या आवश्यकता है?

इसे सुनेंरोकेंपरिचय – बच्चे की पृष्ठभूमि के आधार पर आगे बढ़िए – संबंध जोड़ना – अ–भा-चि-प्र – खेल-खेल में सीखना – सीखने में मददगार अन्य तरीके – जरूरी नहीं कि दोहराव उबाऊ हो – बच्चे एक दूसरे से सीखते हैं – ग़लतियाँ उपयोगी होती हैं – सारांश। कि इन्हें बच्चों को ऐसे तरीकों से ही सिखाया जाए जिनसे बच्चे इन्हें समझ सकें।

गणित अमूर्त है कैसे?

इसे सुनेंरोकेंगणित में अमूर्त प्रत्ययों की व्याख्या की जाती है व्याख्या के आधार पर उनमें विचार दृढ बनते है, और उन्हें मूल रूप में परिवर्तन किया जा सकता है जैसे ठोसों के आयतन ज्ञात करने के लिये जो सूत्र प्रयोग किये जाते है वह अमूर्त होते है, लेकिन सूत्रों का प्रयोग करने जब वह व्यावहारिक दृष्टि से ठोसों के आयतन की गणना करते है तो वे …

गणित शिक्षण में अधिगम संसाधन की क्या उपयोगिता है?

इसे सुनेंरोकेंसवाल: गणित शिक्षण में अधिगम स्त्रोत की क्या उपयोगिता है? गणित के पढ़ने में अधिक स्रोत मिलने पर वह एक पूर्ण सकारात्मक भागीदारी में सहायता करते हैं। और अधिकतम स्रोत होने पर विद्यार्थी को प्रेरणा देने और उस विद्यार्थी को अधिक शक्तिशाली बनाने के उपकरण होते हैं।

गणित सीखने की प्रक्रिया में सीखने वाले की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंगणित सीखने का एक निश्चित क्रम है। पहले ठोस वस्तुओं के साथ काम, चित्रों के साथ काम और बाद में संकोश तथा प्रतीकों के साथ काम करना आवश्यक है। प्रारम्भिक कक्षाओं में छोटे बच्चों के सन्दर्भ में यह क्रम विशेष उपयोगी है ठोस वस्तुओं से अवधारणाओं को समझने में मदद मिलती है। बच्चा स्वयं कुछ करते हुए अनुभव करता है।

क्या गणित सीखने सिखाने में भाषा की भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंगणित में भाषा और संदर्भ गणित सीखने में अध्यापक की भाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गणित सीखने में अभ्यास बहुत जरूरी है। अक्सर हम कक्षाओं में ‘रटने का अभ्यास’ करते हैं। जबकि अभ्यास में सृजनशीलता और नवीनता की संभावनाएं रहती हैं।

गणित शिक्षण में अधिगम के स्रोत की क्या उपयोगिता है?

हम यह समझते हैं कि गणित शिक्षा के लिए शिक्षकों की तैयारी की तरफ़ ध्यान देना बहुत आवश्यक है।

अधिगम स्त्रोत से क्या समझते हैं?

इस दृष्टि में शिक्षण अधिगम स्त्रोत न केवल शिक्षण को ही नहीं अपितु शिक्षण का प्रविधियों अथवा युक्तियों को भी प्रभावशाली बनाने में रामबाण का कार्य करती है शिक्षण अधिगम स्त्रोत के अंतर्गत चलचित्र, सिनेमा, समाचार संबंधी फिल्म तथा दूरदर्शन एवं अभिनय आदि उन सभी साधनों को सम्मिलित किया जाता है जिनकी सहायता से विद्यार्थियों की ...

गणित अधिगम संसाधन से आप क्या समझते हैं?

कई अध्यायों की योजना पर काम करने के लिए छात्रों और उनके पूर्व–ज्ञान को जानना, पाठ्यक्रम में आगे बढ़ने का अर्थ को जानना और छात्रों को सीखने में मदद करने के लिए सर्वोत्तम संसाधनों और गतिविधियों की खोज करना महत्त्वपूर्ण होता है। अपने छात्रों की प्रगति के लिए आवश्यक बातों के बारे में स्पष्ट रहना।

गणित शिक्षण में सहायक सामग्री का उपयोग क्यों किया जाता है?

Answer: गणित को भली–भाँति पढ़ाने हेतु सहायक सामग्री का प्रयोग जरूरी है, क्योंकि समस्त विचार सिर्फ मौखिक वर्णन द्वारा स्पष्ट नहीं हो पाते। सहायक सामग्री के प्रयोग से विद्यार्थियों का ज्ञान निश्चित हो जाता है, क्योंकि मॉडल आदि देख लेने से बालकों को पाठ्य–वस्तु समझने में कोई कठिनाई नही होती।