गोंदा फूल को संस्कृत में क्या कहते हैं? - gonda phool ko sanskrt mein kya kahate hain?

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पुष्पांजलि:पुष्पों का वसंत होता है गेंदा, इतना सहज और सरल पुष्प की हर तरह के सांचे में ढल जाना जानता है

रोहित चेडवालएक वर्ष पहले

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गोंदा फूल को संस्कृत में क्या कहते हैं? - gonda phool ko sanskrt mein kya kahate hain?

  • गेंदा ऐसा फूल है जिसे शायद ही कोई पहचानने से इनकार कर पाए। वहीं यह इतना सहज-सुलभ भी है कि इसकी महत्ता का विचार ही नहीं हो आता। यह हर तरह सांचे में ढल जाना जानता है...

इधर एक गीत सुना जिसके बोल थे- ‘तोरे महलन में छाई रे बहार, सैंया मोहे गेंदा मंगा दे।' गेंदे में ऐसा क्या है कि नायिका इस क़दर उस पर रीझ रही है, यह समझ में नहीं आया। इसी गीत में एक पंक्ति और भी थी, ‘बेला न लूं राजा, चम्पा न लूंगी'। तब स्वयं को विचारने से रोक नहीं पाया कि गेंदे में ऐसा क्या है! चम्पा की सुगंध के आगे तो गेंदा कहीं नहीं ठहरता और फिर बेला के सौंदर्य का क्या कहना, किंतु तब भी महिमावान बना हुआ है गेंदा। मनुष्य के लिए सबसे सुलभ पुष्प यदि कोई है तो वो गेंदा ही है। इतनी आसानी से उपलब्ध होने वाले पुष्प के लिए इतनी मेहनत और मनुहार समझ के परे रही। चौराहे, नुक्कड़ आदि पर फूलों की दुकानों पर तो गेंदा ही मिलता है और गुलाब के मुक़ाबले कई गुना सस्ता भी। घर में पूजा हो, मांगलिक कार्य हो, शुभ कार्य हो, किसी का स्वागत-सत्कार हो, पुष्प वर्षा हो, इन सब सुअवसरों का ज़िम्मा गेंदे के ऊपर ही है। गुलाब प्रणय का पुष्प है तो गेंदा मंगल का। किंतु गेंदे की महिमा का राज क्या है! संस्कृत में जिसे गेंडुक कहते हैं वही हिंदी में गेंदा कहलाया है। गेंदे के फूल जैसे रंग को गेंदई कहते हैं। आजकल तो लोगों के नामों से गेंदा का लोप हो गया है किंतु पहले गेंदालाल, गेंदामल, गेंदाबाई और सिर्फ़ गेंदा नाम प्रचलन में थे। पुष्प की तरह इसका नाम भी इतना सुलभ है कि स्त्री, पुरुष कोई भी रख सकता है। गेंदा पुष्पों का वसंत है। इसका पीताम्बरी रंग इतना चटख भी नहीं होता कि आंखों में खटके और इतना फीका भी नहीं एकदम नीरस लगे। गेंदा पुष्प समाज में मध्यमवर्ग की तरह है, जो प्रत्यक्ष होकर भी परोक्ष ही रहता है। गेंदा पीताम्बर भी है श्वेताम्बर भी। रक्तिम भी है नीलाभ भी। और जाने कितने रंग इसके होंगे! गुलाब की तरह गेंदे में न कांटे हैं और न कमल की भांति यह पंक में फूलता है। तब भी उपमाओं में कमल और प्रणय कथाओं में गुलाब बाज़ी ले जाता है। पर गेंदे तो गेंदा ठहरा। उसे अन्य पुष्पों से द्वेष नहीं। इसलिए वह कभी माला बनकर देव की शोभा बढ़ाता है तो कभी दास की भांति चरणकमलों की सेवा-शुश्रूषा करता है।

गोंदा फूल को संस्कृत में क्या कहते हैं? - gonda phool ko sanskrt mein kya kahate hain?

देवस्थान कोई हो, गेंदा सदा सम्मान पाता है। इसका पीत आवरण है ही इतना सुकोमल कि प्रत्येक देवी-देव इसे ग्रहण करते हैं। न तो यह केतकी के समान शापित है और न बिल्व के समान परित्यक्त जिसका उत्थान महादेव ने किया। न कमल के समान सौभाग्य-सुंदर है, जो शेषशय्या पर आसीन विष्णु की नाभि से प्रकट होता है और उस पर जगतपिता ब्रह्मा विराजमान हैं। गेंदा तो महज़ एक सुगठित सुंदर सुमन-संत है, जिसका उद्देश्य ही देव आराधना है। स्थान, देव और नियम की भिन्नता से उसे असंतोष नहीं होता। गेंदे का शृंगार से भी अद्भुत नाता है। प्राचीन लावण्यमती स्त्रियों के चित्रण में दिखाई पड़ता है कि केशसज्जा का भार गजरे पर होता है, तो हाथ की कलाइयां गेंदे की कंगन रूपी माला से सुगंध पाती हैं। सिर पर गुलाब का मुकुट पहनी नायिका से अधिक सौंदर्य की प्रतिमा हाथ में गेंदे की माला पहनने वाली नायिका दिखाई पड़ती है। नई पीढ़ी में रंग-बिरंगे गुलाबों को पिरोकर सिर पर एक गोल ताज सरीखा पुष्पगुच्छ पहनने का चलन हो चला है, जिसे टियारा कहते हैं। लेकिन, इसमें वह बात कहां जो गेंदे की माला को कलाई पर कंगन की तरह पहनने में होती है। बंगाली बालाएं गेंदे की मालाओं को जूड़े पर सजाती हैं, ऐसा चित्रों में देखा है। एक प्रसिद्ध बंगाली गीत भी है जिसके बोल हैं- अमाेन माथा बेंधे देबो लाल गेंदा फूल। यानी बड़े घर की बेटी के लम्बे-लम्बे बाल हैं और मैं उसके बालों में लाल गेंदा फूल लगाऊंगा। गीत में नृत्यरत स्त्रियां भी जूड़े में गेंदे की मालाएं पहने नज़र आती हैं। गेंदे की सुगंध इतनी लाजवाब नहीं होती कि दूर से किसी रसिक को खींच लाए जैसे रातरानी। लेकिन गेंदे की सुगंध त्योहारों को महका देती है, विशेषकर दीपावली पर जब घर के प्रत्येक द्वार पर गेंदे के फूल और आम, अशोक के पत्तों की माला के बंदनवार सजाए जाते हैं। पुष्प रंगोली बनाई जाती है। फूलों की होली हो तो उसमें भी प्रधानता गेंदे की ही होती है। इतना बहुपयोगी और इतना सरल पुष्प। पुष्प की अभिलाषा पढ़ी तो पहले-पहल गेंदे का ही स्मरण आया। और हो सकता है माखनलाल जी ने गेंदे को केंद्र में रखकर ही इस कविता की रचना की हो- चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं। गेंदे की सरलता और सौम्यता की बानगी यही है कि वह इस कविता की प्रत्येक पंक्ति से साम्य रखता है। मंगल अवसर पर कण्ठहार बनकर रूप संवार देता है तो मृत्यु आलिंगन कर चुकी देह के अंतिम प्रयाण को सुगंधित कर देता है। फ़िल्मी गीतों में ‘ससुराल गेंदा फूल' ने प्रसिद्धि पाई, जो कि छत्तीसगढ़ के लोकगीत से प्रेरित है। ददरिया शैली का मूल गीत इस प्रकार है- ‘संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल।' यहां गेंदे को गोंदा कहा जाता है। गेंदे का रूप इतना अनोखा है कि वह पुष्प होकर भी स्वयं एक पुष्प गुच्छ की भांति दिखाई पड़ता है। आंग्लभाषा में इसे कम्पोज़िट फ्लावर कहते हैं। इसकी एक-एक पंखुड़ी प्रसून समान है और सब मिलकर एक बड़े पुष्प का निर्माण करती हैं। लिहाजा परिवार को, ससुराल को गेंदा फूल की संज्ञा देना सार्थक हो जाता है। एक बन्ना गीत है- ‘गेंदा का फूल मेरे पिया जी के अंगना।' ऐसा ही एक गीत है जिसमें नायिका कहती है, ‘गेंदा का फूल कहां पाऊं हो लाल मोरे गेंदा का अरुझे।' लोक संस्कृति को गेंदे ने यूं सुगंधित किया है कि उसकी महिमा दिग-दिगंत तक कई रूपों में फैली है। गेंदे के फूल से उच्च कोटि के इत्र भी बनाए जाते हैं। इसका तेल भी उपयोग में लिया जाता है। देवालयों में तो इस क़दर गेंदा उपयोग में लिया जाता है कि वहां से एक दिन भी यह अवकाश पर चला जाए तो देवालय इसके बिना सूने-सूने ही प्रतीत हों। फिर बालपन के जन्मदिन की यादों में गेंदे की माला पहनकर इठलाना भी तो याद है। जब कभी मां को पूजा या त्योहार पर पुष्पों की आवश्यकता होती है, तो आदेश यूं होता कि फूल ले आना। कभी यह नहीं कहा जाता कि गेंदे के फूल लाना, क्योंकि हमें भी पता है कि लाना गेंदा ही है। गुलाब पंखुड़ियां लाना हो तो उसकी हिदायत अलग होती है। जब इतना बहुरंगी, इतना सरल सुलभ आैर बहुउपयोगी पुष्प हो तो अन्य पुष्पों को छोड़कर नायिका द्वारा गेंदे की मांग सर्वथा उचित जान पड़ती है। मैंने अंतत: संतुष्टि का घूंट पिया।

गेंदा के फूल को संस्कृत में क्या कहते हैं?

संस्कृत में फूलों के नाम चित्र सहित ll 25 + Flowers name in sanskrit ll पुष्पाणां नामानि

संस्कृत में गुड़हल के फूल को क्या कहते हैं?

गुड़हल के फूल को संस्कृत भाषा में जपाकुसुम कहा जाता है।

संस्कृत में फूलों के नाम को क्या कहते हैं?

फूलो के नाम संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में | Phoolon Ke Naam Sanskrit me.
गुलाब पाटलम् Rose..
गुड़हल जपाकुसुम Hibiscus..
चमेली जातीपुष्पम्, नवमल्लिका, मल्ली Jasmine..
कमल कमलम्, सहस्त्रपत्रम्, उत्पलम्, शतपत्रम् Lotus..
लाल कमल कोकनदम्, पद्मम् Red Lotus..
श्वेत कमल कैरवम् White Lotus..
कनेर कर्णोरः Oleander..
जुही यूथिका: Lily..