गोवपयों के मन में क्या इच्छा थी यह अध िी क्यों िह गई? - govapayon ke man mein kya ichchha thee yah adh iee kyon ih gaee?

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One Line Answer

ऐसी कौन-सी बात थी जिसे गोपियों को अपने मन में दबाए रखने के लिए विवश होना पड़ा?

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Solution

गोपियाँ कृष्ण से अनन्य प्रेम करती थीं। अब जब कृष्ण ब्रज से मथुरा चले गए तब भी गोपियाँ उनसे वैसा ही प्रेम करती थीं। गोपियाँ चाहती थीं कि वे कृष्ण के दर्शन करें और अपने प्रेम की अभिव्यक्ति उनसे करें। वे इन बातों को उद्धव से नहीं कर सकती थीं। यही बात उनके मन में दबी रह गई।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 1: सूरदास - पद - अतिरिक्त प्रश्न

Q 4Q 3Q 5

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 1 सूरदास - पद
अतिरिक्त प्रश्न | Q 4

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गोपियों की कौन सी बात उनके मन में ही रह गई है?

गोपियों की कौन-सी मन की बात मन में हीं रह गई? गोपियां अपने हृदय की पीड़ा श्रीकृष्ण को सुनाना चाहती थीं लेकिन निर्गुण ज्ञान के संदेश को सुनकर वे कुछ न कर पाई। उन के वियोग से उत्पन्न पीड़ा संबंधी बात उन के मन में ही रह गई

ऐसी कौन सी बात थी जिसे गोपियों को अपने मन में दबाए रखने के लिए विवश होना पड़ा?

गोपियाँ चाहती थीं कि वे कृष्ण के दर्शन करें और अपने प्रेम की अभिव्यक्ति उनसे करें। वे इन बातों को उद्धव से नहीं कर सकती थीं। यही बात उनके मन में दबी रह गई।

गोपियों का धैर्य क्यों टूट गया?

गोपियों को श्रीकृष्ण की ओर प्रेम के प्रतिदान और शीघ्र आकर दर्शन देने की आशा लगी थी। उन्होंने कृष्ण का प्रेम पाने के लिए सामाजिक मर्यादा की परवाह नहीं की। इसके विपरीत श्रीकृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का निर्वाह नहीं किया। इस कारण अब गोपियाँ धैर्य नहीं धारण करना चाहती हैं।

गोवपयों ने स्वयं को क्या कहा है?

गोपियों ने स्वयं को 'भोरी' कहा है। वे छल-कपट और चतुराई से दूर थीं इसीलिए वे अपने प्रियतम की रूप माधुरी पर शीघ्रता से आसक्त हो गईं। वे स्वयं को श्रीकृष्ण से किसी भी प्रकार दूर करने में असमर्थ मानती थीं।