घर पहुंचते पर लेखक को देखे देख उसकी मां क्यों रो पड़ती है?... Show
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। उत्तरा का क्वेश्चन है घर पहुंचते पर लेखक को देख देख उसकी मां क्यों रो पड़ती है मित्र अगर लेखक बहुत दिन बाद आया होगा हो सकता है ना इसलिए रोई हो या फिर कुछ खो दिया होगा उनके परिमाण में देर हुई हो Romanized Version 1 जवाब Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! Juthan subjective Q and A उत्तर विद्यालय मे लेखक के साथ बहुत अप्रिय घटनाएँ, घटती है। नीचली जाती के होने के कारण उन्हें वर्ग मे बैठने नही दिया जाता है। हेडमास्टर द्वारा उन्हों वर्ग से बारह निकाला जाता है। और पूरे विद्यालय मे झाडू लगवाया जाता है। तीसरे दिन जब लेखक
चुपचाप वर्ग में बैठ जाते है। तब हेडमास्टर उनकी गर्दन दबोचकर वर्ग से बाहर बरामदे मे निकालते है और उन्हें पूरे मैदान में झाड़ू लगने को कहते है। Juthan subjective Q and A उत्तर पिताजी अचानक स्कूल के पास से गुजरते है और स्कूल में लेखक को झाडू लगते हुए देखते है। पिताजी ने लेखक से सारी बात
की जानकारी ली और उनके हाथ से झाडू छीन कर फेंक दी और गुस्से से चीखने लगे, “कौन सा मास्टर है वो, जो मेरे लड़के से झाडू लगवावे है…….?” जिसे सुनकर हेडमास्टर और सभी मास्ट बाहर आए । हेडमास्टर ने पिताजी को गाली देकर धमकाया लेकिन पिताजी पर धमकी का कोई असर नही हुआ। उत्तर बचपन में लेखक के साथ जो कुछ हुआ, वो नहीं हो ना चाहिए था। अगर वही घटना हमारे साथ होता तो हमे भी बहुत बुरा तथा अपनमांजक लगता। ऐसा व्यवहार करने वाले व्यक्ति पर बहुत क्रोध आएगा। उनके द्वारा किये गए इस व्यवहार का कारण भी जानेंगे। हम उनकी शिकायत भी करते तथा साथ ही साथ प्रयास करते की ऐसा घटना दूसरे के साथ न हो। Juthan subjective Q and A किन बातों को सोचकर लेखक के भीतर काँटे जैसे उगने लगते हैं ?उत्तर लेखक अपने बच्चपन की बातो को सोचते है। जब वे छोटे थे तब उनके परिवार के सभी लोग दूसरो के घर काम किया करते थे। जिसके बदले मे उन्हे थोडा अनाज, जुठन और खुची रोटी दी जाती थी। शादी-ब्याह के मौको पर भी उन्हे लोगो की जूठी प्लेटे ही मिलती थी। वे पुरियो के टुकड़ों को सुखा लेते थे और बरसात के दिनो मे नमक और मिर्च छिड़ककर खाते थे। इन्ही सभी बातो को सोचकर लेखक के भीतर काँटे जैसे उगने लगता है। ‘दिन रात मर खप कर भी हमारे पसीने की कीमत मात्र जूठन, फिर भी किसी को शिकायत नहीं । कोई शर्मिंदगी नहीं, कोई पश्चाताप नहीं ।” ऐसा क्यों ? सोचिए और उत्तर दीजिए ।उत्तर “दिन रात मर खप कर भी हमारे पसीने की कीमत मात्र जूठन, फिर भी किसी को शिकायत नहीं। कोई शर्मिंदगी नही, कोई पश्चाताप नहीं” ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय चुहड़े जाति के लोगों का काम त्यागियों के घर काम करने तथा मेरे हुए मवेशियों को उठाना आदि था। मवेशियो के चमडे बेचकर कुछ पैसे उन्हें मिल जाता था। समय पिछड़ी जातियों की स्थिती बहुत दैनिय थी। उस समय चूहडो को खाने के लिए जूठन ही मिलती थी। वे इन सभी चीजों को अपना चुके थे। वे इन सभी को वो अपनी किस्मत मान लिए थे। सुरेंद्र की बातों को सुनकर लेखक विचलित क्यों हो जाते हैं ?उत्तर सुरेंद्र की बातो को सुनकर लेखक को अपने बचपन की बाते याद आती है। ये बाते तब की है जब सुरेंद्र पैदा भी नही हुआ था। उसकी बड़ी बुआ की शादी थी। शादी से दस-बारह दिन पहले से लेखक की माँ-पिताजी ने सुखदेव सिंह त्यागी के घर-आँगन से लेकर बाहर तक के सभी काम किए थे। लेखक के माँ द्वारा भोजन माँगने पर उन्हें बेइज़्जत किया गया। सुखदेव सिंह ने जूठन के तरफ इशारा करते हुए कहते है “अपनी औकात मे रह चूहड़ी। उठा टोकरा, दरवाजे से और चलती बन” इन्ही सभी बातों को याद करके लेखक विचलीत हो जाते है। घर पहुँचने पर लेखक को देख उनकी माँ क्यों रो पड़ती हैं ?उत्तर ब्रह्मदेव तगा का बैल रास्ते मे मर गया था। उसे उठाने का काम लेखक के परिवार को मिला था। उस समय लेखक के घर पर कोई पुरुष नही था। जानवरो के चमड़े बेच कर कुछ पैसे मिलते थे। उसे लेखक की माँ गवाना नहीं चाहती थी। इसलिए उन्होने लेखक को ना चाहते हुए भी स्कूल से बुलआकर सोल्ड़ चाचा के साथ उनकी सहायता के लिए भेज देती है लेकिन जब लेखक घर वापस आते हैं तो उनकी हालत को देखकर उनकी माँ रो पड़ी। Juthan subjective Q and A व्याख्या करें |