घर्षण हानिकारक होते हुए भी आवश्यक क्या होता है उदाहरण देकर समझाइए? - gharshan haanikaarak hote hue bhee aavashyak kya hota hai udaaharan dekar samajhaie?

नमस्कार सभी को प्रसन्न में दिया है दर्शन हानिकारक होते हुए भी आवश्यक है इसके बारे में उदाहरण दो तो प्रश्न में दर्शन के उदाहरण के बारे में पूछा क्या है तो सबसे पहले हम बात करेंगे कि करेक्शन होता है तो घर से जो होता है वह बल के या हमारी वेख के पहचान के विपरीत दिशा में दिशा में कार्यरत होता है तो हम क्या बोलते हैं जो हमारे दैनिक जीवन में वह ज्यादा यूज़फुल होती हैं चीजें जैसे हम चलते हैं

चलने में ग्रहण बहुत साथ देता है अर्थात हमें हमारे संतुलन को संतुलन को बनाए रखता है ठीक है दूसरा है अगर सर्दियों में हम हाथ को हाथ को पकड़ते हैं तो दर्शन के द्वारा हमारे हाथों में

ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है यह हमारे कुछ उदाहरण थे जो हमारे दर्शन के लिए बहुत हमारी जने जीवन में बहुत उपयोगी हैं एक उदाहरण और है हमारे वाहनों में दक्षिण का होना आवश्यक है अर्थात वाहन के टायर सड़क के साथ अगर अगर चलना हो तो चलने में बहुत परेशानी

आए तो दर्शन हमें बहुत ही जरूरी है फिर भी हमें बहुत जगह पर काम भी आता है थैंक यू

Solution : घर्षण उपयोगी है(1) यदि पेंसिल और कागज के बीच घर्षण न हो तो लिखना संभव नहीं होता है। (2) घर्षण के कारण ही हम पृथ्वी पर चल पाने में समर्थ होते है(3) घर्षण के बिना माचिस का जलना असंभव होता है। (4) यदि वाहनों के ब्रेक और पहिए के बीच घर्षण न होता तो ब्रेक काम नहीं करते। घर्षण हानिकारक भी है घर्षण के कारण वस्तुएँ घिस जाती हैं, जैसे-पेंच, बॉल बेयरिंग तथा जूतों के सोल।

यदि किसी स्थिर ठोस वस्तु पर कोई दूसरी ठोस वस्तु इस तरह से रखी जाती है कि दोनों समतल पृष्ठ एक-दूसरे को स्पर्श करते है, तो इस दशा में दूसरी वस्तु को पहली वस्तु पर खिसकने के लिए बल लगाना पड़ता है l इस बल का मान एक सीमा से कम होने पर दूसरी वस्तु पहली वस्तु पर नहीं खिसक सकती है l इस विरोधी बल को घर्षण (Friction) कहते है l

घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है।

घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक घर्णण और गतिज घर्षण। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण, गति की दिशा पर निर्भर नही करता।

घर्षण हानिकारक होते हुए भी आवश्यक क्या होता है उदाहरण देकर समझाइए? - gharshan haanikaarak hote hue bhee aavashyak kya hota hai udaaharan dekar samajhaie?

घर्षण का कारण[संपादित करें]

घर्षण हानिकारक होते हुए भी आवश्यक क्या होता है उदाहरण देकर समझाइए? - gharshan haanikaarak hote hue bhee aavashyak kya hota hai udaaharan dekar samajhaie?

सामान्यतः कोई सतह पूर्णतया चिकनी नहीं होती, अपितु उसमें अति अल्प परिमाण के उठाव और गड्ढे होते हैं। इनको अच्छे सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है। अत: जब ऐसी दो सतहें एक दूसरे को स्पर्श करती हैं, तो एक सतह के उठाव दूसरी सतह के गड्ढों में फँस जाते हैं। इस अवस्था में एक सतह को दूसरी सतह पर खिसकाने के लिये बल लगाने पर सतह की बनावट में विकृत उत्पन्न हो जाती है। इसी के अनुरूप पदार्थो की प्रत्यास्थता के कारण प्रयुक्त बल की विरुद्ध दिशा में प्रतिबल कार्य करता है, जिसे घर्षणबल कहते हैं।

घर्षण के उपयोग[संपादित करें]

हमारे दैनिक जीवन में घर्षण का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। पृथ्वी की सतह पर चलनेवाले प्रत्येक वाहन की गति सतह तथा वाहन के आधार के बीच घर्षणबल द्वारा ही सम्भव है। अतः घर्षण गति बाधक तथा साधक दोनों ही है। धारुक और स्नेहकों के व्यवहार में भी घर्षण का प्रमुख स्थान है।

घर्षण का परिमाण[संपादित करें]

घर्षण हानिकारक होते हुए भी आवश्यक क्या होता है उदाहरण देकर समझाइए? - gharshan haanikaarak hote hue bhee aavashyak kya hota hai udaaharan dekar samajhaie?

बालू की ढेरी स्वतः ही शंकु का आकार ग्रहण कर लेती है। इस शंकु का झुकाव कोण आन्तरिक घर्षण के बराबर होता है।

किसी ठोस पदार्थपिंड को ठोस सतह पर विस्थापित करने के लिये स्पर्श सतह के समांतर बल प्रयुक्त करना होता है। यदि प्रयुक्त बल एक निश्चित परिमाण (चरम घर्षणबल) से कम हुआ, तो पदार्थपिंड विस्थापित नहीं होता और यदि अधिक हुआ तो निश्चित वेग से विस्थापित होता है। ऐसा स्पर्श करनेवाली सतहों के बीच घर्षण के कारण होता है, जिससे तात्पर्य यह है कि ठोस पदार्थपिंड पर स्पर्श सतह के समांतर प्रयुक्त बल की विरुद्ध दिशा में एक बल कार्य करता है, जिसे घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल का कारण सतहों का खुरदुरापन होता है।

विस्थापन से पूर्व (जब पिण्ड स्थिर हों) घर्षणबल प्रयुक्त बल के बराबर होता है, जिसे स्थैतिक घर्षण कहते है। विस्थापन के लिये प्रयुक्त बल कम से कम इतने परिमाण का होना चाहिए कि विकृति चरम प्रत्यास्थता से अधिक हो। विस्थापन के लिये आवश्यक इस न्यूनतम बल के परिमाण को चरम घर्षणबल कहते हैं।

चरम घर्षणबल (Fa) तथा दोनो सतहों के बीच अभिलंबी दाब (P) में निम्नलिखि संबंध होता है :

Fa = b1 P

जबकि (b1) स्थैतिक धर्षणस्थिरांक कहलाता है। इसका मान पदार्थपिंड को सतह पर रखकर सतह पर रखकर सतह का न्यूनतम झुकाव कोण (q), जिसपर पदार्थपिंड फिसलन प्रारंभ करे, ज्ञात करके मालूम कर सकते हैं। इस कोण को घर्षणकोण कहते हैं। घर्षणकोण की स्पर्शज्या ही परिमाण में स्थैतिक घर्षणस्थिरांक के बराबर होती है, अर्थात्‌

b1 = tan q

गति के समय भी पदार्थपिंड पर घर्षणबल कार्य करता है। इसका परिमाण मुख्यतया विस्थापन के प्रकार पर निर्भर करता है। एक ठोस पदार्थपिंड को ठोस सतह पर खिसकाकर या लुढ़काकर ही विस्थापित कर सकते हैं; अत: इन्हीं दो विस्थापन प्रकारों के अनुसार निम्नांकित दो प्रकार के गतीय घर्षण होते हैं।

१ - विसर्पी (sliding) घर्षण

२ - लुंठन (rolling) घर्षण

दोनों प्रकार की गतियों के लिये घर्षणबल का परिमाण निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है :

Fb = bc x P

जबकि (Fb) घर्षणबल, (P) सतह पर अभिलंबी दाब तथा (bc) गतिज घर्षण स्थिरांक है, जिसका मान दोनों सतहों पर निर्भर करता है। सतहों की लघु सापेक्ष गति के लिये कग का मान गति के परिमाण पर निर्भर नहीं करता। परंतु जब गति का परिमाण क्रांतिक वेग (critical velocity) से अधिक हो जाता है, तो वेग की वृद्धि के साथ साथ कग का मान होता जाता है। कग का मान लुंठन तथा सर्पण (rolling and sliding) गतियों के लिये भिन्न भिन्न होता है।

घर्षण गुणांक[संपादित करें]

स्थैतिक घर्षण गुणांक दो वस्तुओं के सापेक्ष गति प्रवृत्ति है, लेकिन एक दूसरे के सापेक्ष चलते समय कोई घर्षण गुणांक नहीं होता है, जिसे आमतौर पर प्रतीक μ0 द्वारा इंगित किया जाता है।

घर्षण गुणांक = घर्षण बल /hh सामान्य बल

μ = F / η

जहा

μ = घर्षण गुणांक

F = घर्षण बल

η = सामान्य बल

कुछ पदार्थों के घर्षण-गुणांक[संपादित करें]

नीचे कुछ पदार्थों के घर्षण-गुणाकों का सन्निकट मान दिया गया है।

इसके बीच (पदार्थ)स्थैतिक घर्षण,
सूखा और साफस्नेहित (Lubricated)
अलुमिनियम इस्पात 0.61
ताँबा इस्पात 0.53
पीतलइस्पात0.51
Cast iron Copper 1.05
Cast iron Zinc 0.85
कंक्रीटरबड़1.0 0.30 (wet)
कंक्रीट काष्ठ 0.62[1]
ताँबाकाच0.68
काचकाच 0.94
धातु काष्ठ 0.2–0.6[1] 0.2 (wet)[1]
पॉलीथीनSteel 0.2[2] 0.2[2]
ईस्पातईस्पात0.80[2] 0.16[2]
ईस्पात PTFE (टेफ्लॉन) 0.04[2] 0.04[2]
PTFE PTFE 0.04[2] 0.04[2]
काष्ठ कष्ठ 0.25–0.5[1] 0.2 (wet)[1]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • रोलिंग घर्षण (Rolling resistance)
  • अपघर्षक (abrasive))
  • टायर (Tire)
  • कर्षण (Traction)
  • घिसन (Wear)
  • श्यानता

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ↑ अ आ इ ई उ Coefficient of Friction Archived 2009-03-08 at the Wayback Machine. EngineersHandbook.com
  2. ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ "The Engineering Toolbox: Friction and Coefficients of Friction". मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-11-23.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • MIT Physics video lecture on friction
  • Coefficients of Friction - tables of coefficients, plus many links
  • Physclips: Mechanics with animations and video clips from the University of New South Wales
  • CRC Handbook of Chemistry & Physics - Values for Coefficient of Friction
  • Characteristic Phenomena in Conveyor Chain
  • Atomic-scale Friction Research and Education Synergy Hub (AFRESH) an Engineering Virtual Organization for the atomic-scale friction community to share, archive, link, and discuss data, knowledge and tools related to atomic-scale friction.

घर्षण हानिकारक होते हुए भी आवश्यक क्यों होता है उदाहरण देकर समझाएं?

जब भी आवश्यक होता है आप भी ब्रेक लगाकर अपनी साइकिल को मंद करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ब्रेक लगाने पर वाहन मंद क्यों हो जाते हैं? केवल वाहन ही नहीं, कोई भी वस्तु जो किसी अन्य वस्तु के पृष्ठ पर गति कर रही होती है, उस स्थिति में भी मंद हो जाती है जब उस पर कोई बाहरी बल न लगाया हो । अन्ततः वह रुक जाती है।

घर्षण हमारे लिए कैसे हानिकारक है?

<br> घर्षण से निम्न हानियां हैं- <br> 1. मशीनों के पुर्जें घिस जाते हैं। 2. मशीनों की दक्षता घट जाती है।

घर्षण से क्या हानियाँ है?

घर्षण के हानि 1. वस्तु में टूट तथा फूट होना-घर्षण के कारण वस्तु में हमेशा टूट तथा फूट होती रहती है, इसे बचाने के लिए हमें वस्तुओं, तेल या चिकनाई आदि का प्रयोग करना चाहिए। 2. गति में सहायता करना: घर्षण के कारण हम आराम से चल व दौड़ पाते है।

घर्षण बल का उदाहरण क्या है?

घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है। घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक घर्णण और गतिज घर्षण। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण, गति की दिशा पर निर्भर नही करता।