घातांक कितने प्रकार के होते हैं? - ghaataank kitane prakaar ke hote hain?

घातांक कितने प्रकार के होते हैं? - ghaataank kitane prakaar ke hote hain?

विषय-सूचि

  • घातांक क्या होता है? (exponent in hindi)
  • घातांक के नियम: (rules of exponent in hindi)
  • नियम 1: a0  = 1
    • उदाहरण :
  • नियम 2: a-m = 1/am
    • उदाहरण :
  • नियम 3: am * an = am+n
    • उदाहरण:
  • नियम 4 : am/an = am-n
    • उदाहरण:
  • नियम 5 : (am)n : am*n
    • उदारहण :
  • नियम 6 : am/n =n√am = (n√a)m
    • उदाहरण :

घातांक वह संख्या होती है जो हमें बताती है की किसी संख्या को कितने बार खुद से ही गुना करना है।  जैसे : 23 में हम देख सकते हैं कि हमें 2 को तीन बार खुद से गुना करना पड़ेगा।

हम 2 को तीन बार खुद से गुना करेंगे तो हमारे पास उसका घन आ जाएगा। तो इसी प्रकार घातांक हमें बताते हैं कि हमें संख्या को कितनी बार खुद से ही गुना करना पडेगा।

घातांक के नियम: (rules of exponent in hindi)

घातांक के मुख्यतः 6 नियम होते हैं वे निम्न है :

नियम 1: a0  = 1

शून्य के अलावा अगर कोई भी संख्या के ऊपर अगर 0 घात है तो उसका मान 1 हो जाएगा।

उदाहरण :

    • 80  = 1

जैसा कि आप देख सकते हैं 2 एक संख्या है एवं इसके घात के रूप में 0 या शून्य है। जब ऐसा होता है तो संख्या का मान स्वत ही 1 हो जाता है। यहाँ पर भी 2 कि घात 0 होने से इस संख्या का मान 1 हो गया है।

नियम 2: a-m = 1/am

अगर किसी संख्या की घात में ऋणात्मक चिन्ह है तो फिर वह संख्या 1 के भाग में चली जायेगी एवं उसकी घात धनात्मक हो जायेगी।

उदाहरण :

  • 3-3= 1/33 = 1/27

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आपने देखा की 3 संख्या की घात 3 है लेकिन वह ऋणात्मक है। हम यह भी जानते हैं कि जब ऋणात्मक घात होती है तो वह संख्या 1 के भाग में चली जाती है लेकिन उसकी घात धनात्मक हो जाती है।

नियम 3: am * an = am+n

अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याएं जिनका मूल समान है लेकिन घात अलग है उन्हें गुना किया जाता है अगर उन दो संख्याओं को गुना किया जाता है तो उनकी घात का योग हो जाता है।

उदाहरण:

  • 22 * 23 = 22+3 = 25
  • = 2*2*2*2*2 = 32

जैसा कि आपने देखा ऊपर हमारे पास एक जगह 2 कि घात 2 थी एवं एक जगह 2 कि घात 3 थी। जब हमने उन दोनों संख्याओं को गुना किया तो फिर उन दोनों संख्याओं कि घात का योग हो गया।

नियम 4 : am/an = am-n

अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याओं का भाग दिया जाता हैं जिनका मूल ह्या आधार समान है तो उन दोनों संख्याओं की घात घटा हो जाती हैं एवं हम एक ही आधार लेते हैं।

उदाहरण:

  • 25/23 = 25-3 = 22 = 4

जैसा कि आपने देखा की ऊपर हमारे पास दो संख्याएं थी जिनका आधार समान the लेकिन उनके घात अलग अलग थे। ऐसी संख्याओं को जब भाग दिया गया तो उनका आधार एक हो गया एवं जो संख्या अंश में थी उसकी घात में से हर वाली संख्या की घात घटा हो गयी।

नियम 5 : (am)n : am*n

अगर कोई संख्या घात के साथ कोष्ठक में होती है एवं कोष्ठक के बाहर भी कोई घात होती है तो दोनों घाटों का गुना होता है। गुना होने बाद जो घात आती है वाही घात उस संख्या कि घात होती है। फिर हम उस संख्या को उतनी बार गुना करके उसका हल निकालते हैं।

उदारहण :

  • (22)3 = 26 = 64

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आपने देखा की हमारे पास संख्या 2 थी जिसकी घात 2 थी एवं कोष्ठक के बहार 3 घात थी तो 2 एवं तीन घात का गुना हो गया। इससे घात 6 हो गयी इससे 2 को 6 बार गुना किया गया जिससे हमारे पास 64 आया।

नियम 6 : am/n =n√am = (n√a)m

उदाहरण :

  • 642/3 = (3√64)3 = (4)2 = 16

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पढ़ें- गणित के महत्त्वपूर्ण टॉपिक घातांक(Indices) - घातांक की परिभाषा तथा घातांकके 6 नियम - घातांकीय गुणनफल का नियम, घातांकीय भाग का नियम.....उदाहरण सहित

घातांक कितने प्रकार के होते हैं? - ghaataank kitane prakaar ke hote hain?

घात अथवा घातांक (Indices) :-घातांक  का सामान्य अर्थ है जिस संख्या के ऊपर जो  संख्या (घात)  हैउस संख्या को उतनी बार गुणा करनाजितनी उसके ऊपर संख्या (घातहै।

माना कोई संख्या a है जिसको n बार गुणा किया जाता है |

⇒a x a x a x a……..x a( n बार ) = an

जहाँ a वास्तविक संख्या है जिसको आधार (Base) तथा  n को घातांक (Indices) कहते हैं |


उदाहरण:     35   = 5 x 5 x 5 x 5 x 5 

घातांक की परिभाषा(Deffination of Indices) :- " किसी वास्तविक संख्या को उसी संख्या से जितनी बार  गुणा किया जाता है तो जितने बार गुणा किया जाता है तो उसे उस संख्या का घातांक कहते हैं और जिस संख्या को गुणा किया जाता है उसे उस घातांक का आधार कहलाता है |"  

an   = a x a x a x a x a x a x a……………….(n गुरणखंण्ड)

मुख्य बिंदु (IMPORTANT POINTS) :

नियम 1:

0  के अतिरिक्त कोई भी संख्या जिसकी घात शून्य हो गी तो उसका मान 1 के बराबर होगा

उदाहरण:

सरल करो 20:

                     (since )

उदाहरण:

सरल करो: 2-2

नियम 3:

अगर घात वाली संख्याओं  को परस्पर गुणा किया गया हो और  आधार सामान तो घातें आपस में जुड़ जाती हैं ।

उदाहरण:

सरल करो:     (note: 5 = 51)

नियम 4:

अगर घात वाली संख्याओं  को परस्पर भाग  किया गया हो और  आधार सामान तो घातें आपस में घट जाती हैं ।

उदाहरण:

नियम 5 : 

अगर किसी घात वाली संख्या पुनः घात  किया गया हो और   तो घातें आपस में गुणा हो  जाती हैं ।

उदाहरण:

सरल करो (y2)6:

उदाहरण:

सरल करो 1252/3:



घातांक के महत्त्वपूर्ण तथा उपयोगी सूत्र  (Important Formula of Indices in Hindi)

1. घातांकीय गुणनफल का सूत्र :

     
amxan=am+n

2. घातांकीय भाग का सूत्र:

    
am / an = am / an = am-n

3. घात की घात का गुणनफल का सूत्र:

    
{(am)n}p = amnp

4. गुणनफल की घात का सूत्र:

    
(a x b x c)n=(an x bn x cn)

5. घात के व्युत्क्रम का सूत्र:

    
am= 1/ a-m

6. शून्य घात का सूत्र:

    
a0 = 1

7.  व्युत्क्रम घात का सूत्र:
    
यदि   an = b

     
तो    a = a1/b


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घातांक के कुल कितने नियम होते हैं?

घातांक(Indices) - घातांक के 6 नियम, घातांक के सूत्र, उदाहरण

घातांक के 7 नियम कौन से हैं?

घातांक क्या होता है? ( exponent in hindi).
घातांक के नियम: (rules of exponent in hindi).
नियम 1: a0 = 1..
नियम 2: a-m = 1/a. m.
नियम 3: am * an = a. m+n.
नियम 4 : am/an = a. m-n.
नियम 5 : (am)n : a. m*n.
नियम 6 : am/n =n√am = (n√a) m.

घातांक प्रकार्य क्या है?

किसी संख्या पर घात लगाना या घातांकन (Exponentiation या Involution, इनवॉल्यूशन) एक गणितीय संक्रिया है जिसमें किसी संख्या को लगातार अपने से दो या अधिक बार गुणा किया जाता है। जितने बार गुणा किया जाता है, वह उस संख्या का 'घात' कहलाता है। घात को संख्या के ऊपर दाहिनी ओर थोड़ा हटाकर लिखा जाता है; इस प्रकर ३४ = ८१।

घातांक का मतलब क्या होता है?

घातांकीय संकेतन एक ही संख्या के बार - बार गुणन को व्यक्त करने की एक शक्तिशाली विधि है। विशिष्ट रूप से, 10 की घातें बहुत बड़ी संख्याओं और बहुत छोटी संख्याओं को एक ऐसे प्रकार में व्यक्त करती हैं, जो पढ़ने, लिखने और तुलना करने में सुविधाजनक रहता है।