इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा? - indaur ka naam indaur kaise pada?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा? - indaur ka naam indaur kaise pada?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • 100 साल पहले ऐसे दिखता था 'मिनी मुंबई', 300 साल पहले थी ये टैक्स फ्री सिटी

इंदौर। बिजनेस सेंटर के रूप में आज इंदौर पूरे देश में मशहूर है, लेकिन इसकी शुरुआत 3 मार्च 1716 को इंदौर के राजा राव नंदलाल मंडलोई ने मुग़ल बादशाह से फरमान हासिल कर इंदौर को टैक्स फ्री जोन बनाया था। इंदौर को टैक्स फ्री जोन बनाने के 3 मार्च को 300 साल पूरे हुए हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको इस मिनी मुंबई कहलाने वाले इंदौर शहर के बारे में बताने जा रहे हैं।

पढ़िए कैसे पड़ा इंदौर का नाम...

- पुरातत्व विभाग में उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक इंदौर पर आधिपत्य के लिए बंगाल के पाल, मध्य क्षेत्र के प्रतिहार और दक्षिण के राजपूतों के बीच आठवीं शताब्दी में त्रिकोणीय संघर्ष हुआ। इसमें कभी पालों का, कभी प्रतिहारों का और कभी राजपूत शासन रहा।

- आठवीं शताब्दी में राजकोट के राजपूत राजा इंद्र तृतीय त्रिकोणीय संघर्ष में जीते तो इस विजय को यादगार बनाने के लिए उन्होंने यहां पर एक शिवालय की स्थापना की और नाम रखा इंद्रेश्वर महादेव। इसी मंदिर के कारण शहर का नाम इंद्रपुरी हो गया।

- अठारहवीं शताब्दी में मराठा शासनकाल में इंद्रपुरी का नाम बदलकर इंदूर (इसके पीछे का लॉजिक) मराठी में इंद्रपुरी को मराठी अपभ्रंश में इंदूर उच्चारण हुआ और बाद में यही नाम चलन में आ गया।

- अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बिट्रिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR किया और बाद में बदलकर INDORE कर दिया।

- इनसाइक्लोपीडिया बिर्टानिका में 1715 में इंदौर को मराठा प्रमुखों से व्यापार में रुचि रखने वाले जमींदारों द्वारा बसाया जाना बताया गया है। 1741 में कंपेल के इन्हीं जमींदारों ने इंद्रेश्वर मंदिर बनवाया था, जिसके नाम पर बस्ती का नाम इंद्रपुर, फिर इंदूर व इंडोर और अंत में इंदौर पड़ा।

- बौद्ध साहित्य में भी इंदौर के नाम को लेकर काफी कुछ उल्लेख हुआ है। माना जाता है कि इंद्रपुरी का नाम पहले चितावद था और इसी के आधार पर बौद्ध साहित्य में चिटिकाओं का उल्लेख है।

- 1973-74 के बीच आजाद नगर उत्खनन में प्राप्त अवशेषों में इंदौर में हडप्पा संस्कृति की समकालीन सभ्यता कायम और निरंतरता होने के प्रमाण मिले हैं।

- खनन में हडि्डयों के उपकरण, एक बच्चे के शव के अवशेष, एक शिवलिंग, सूरमा दंडी मिली है। बुद्ध स्तूपों के अवशेष मिले हैं। इन बुद्ध स्तूपों के अवेशषों से यह भी प्रतीत होता है कि छटवीं से आठवीं शताब्दी तक इंदौर का नाम चितावद भी रहा है।

- वर्तमान में इंद्रेश्वर मंदिर की पूजा करने वाला पुरी परिवार मानता है कि इस मंदिर को नीलकंठपुरी महाराज ने यहां इंद्रेश्वर महादेव की स्थापना की थी। इसी मंदिर के नाम पर रहवासी इलाके का नाम इंद्रपुर रखा गया।

- जिसे 1741 के आसपास मराठा शासकों ने इंदूर कर दिया। मराठाओं के बाद यहां बिर्टिशों को शासन की बागडोर मिली दो उन्होंने इंदूर की स्पेलिंग INDOR (इंडोर) की तो यही नाम चल पड़ा। बाद में इसी नाम को INDORE (इंदौर) कर दिया।

- इंदौर के नाम के पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचिलत है। कहते हैं देवताओं के राजा इंद्र को शरीर में सफेद दाग की बीमारी ने घेर लिया।

- दूसरे देवताओं ने उन्हें बीमारी से निजात पाने के लिए महादेव की उपासना करने की सलाह दी। तब देवराज इंद्र ने इसी मंदिर में आकर कड़ी तपस्या की और वे ठीक हो गए।

- इंद्र द्वारा इस मंदिर में तपस्या करने की वजह से इस शिवालय का नाम इंद्रेश्वर महादेव नाम प्रचिलत हो गया। शिवपुराण में इंद्र द्वारा तपस्या किए जाने का उल्लेख है।

- इंदौर के नाम के पीछे बताई जाने वाली वजह जो भी हो, हर वजह में इंद्रेश्वर मंदिर का जिक्र अवश्य है। इंदौर के नाम का कारण बने इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से काफी महत्व है।

आगे की स्लाइडस में देखें मिनी बाम्बे कह जाने वाल इंदौर के 100 साल पुराने फोटो...

Homeऐसा क्यों इंदौर का इंदौर नाम कैसे पड़ा ......

इंदौर का इंदौर नाम कैसे पड़ा ......

Indore naam kaise pada
How indore get its name

इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा? - indaur ka naam indaur kaise pada?

          इंदौर नाम कैसे पड़ा

जी हां इस पोस्ट हम जानेंगे इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा क्या वजह रही इंदौर नाम के पीछे 
 दरअसल बात यह है कि उज्जैन पर विजय प्राप्त करने की राह में राजा इंद्र सिंह ने का कान (  विकृत नाम खान नदी) पर एक शिविर रखी और वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर काफी प्रसन्न हुए प्रभावित हुए और उन्होंने कान नदी और सरस्वती नदी के संगम पर एक शिवलिंग रखवाई और इन्होंने सन 1931 में इंद्रेश्वर मंदिर की स्थापना की ।


इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा? - indaur ka naam indaur kaise pada?
Image source : www.financialexpress.com

साथ ही एक नगर बसाया जिसका नाम रखा इंदपुर । कई वर्षों बाद  पेशवा बाजीराव -1 ने  मराठा शासन के तहत   मराठा  सूबेदार मल्हार राव होलकर को दिया गया तब इनके शासन में नाम इंदूर पड़ गया। और ब्रिटिश राज में इसका नाम इंदौर पड़ गया जो अभी वर्तमान नाम है

इंदौर का सबसे पुराना नाम क्या है?

इसी मंदिर के नाम पर रहवासी इलाके का नाम इंद्रपुर रखा गया। - जिसे 1741 के आसपास मराठा शासकों ने इंदूर कर दिया। मराठाओं के बाद यहां बिर्टिशों को शासन की बागडोर मिली दो उन्होंने इंदूर की स्पेलिंग INDOR (इंडोर) की तो यही नाम चल पड़ा। बाद में इसी नाम को INDORE (इंदौर) कर दिया।

इंदौर का दूसरा नाम क्या है?

नाम व्युत्पत्ति साथ ही इंद्रपुर की स्थापना की गई। कई वर्षों बाद जब पेशवा बाजीराव-१ द्वारा, मराठा शासन के तहत, इसे मराठा सूबेदार 'मल्हार राव होलकर' को दिया गया था तब से इसका नाम इन्दूर पड़ा। ब्रिटिश राज के दौरान यह नाम अपने वर्तमान रूप इंदौर में बदल गया था।

इंदौर का राजा कौन था पहले?

अतिथियों ने कहा राव राजा नंदलाल मंडलोई ने इंदौर शहर की नींव रखते हुए सर्वप्रथम मुगल बादशाहों से यहां की जनता के लिए करमुक्त व्यापार करवाया था। उन्होंने अपने नाम से एक नए करमुक्त क्षेत्र नंदलालपुरा की नींव डाली, जिसे आज नंदलालपुरा के नाम से जाना जाता है।

इंदौर किसका है?

मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र पर स्थित इंदौर, राज्य के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है। इंदौर का समृद्ध कालानुक्रमिक इतिहास गौर करने लायक है। योर के दिनों में भी यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।