पोषण (Nutrition): जीव की वृद्धि, विकास एवं अनुरक्षण (Maintenance) एवं सभी जैव प्रक्रमों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक सभी पोषक पदार्थों के अधिग्रहण को पोषण कहते हैं। पोषक पदार्थ (Nutrients): वे पदार्थ जी जीवों में विभिन्न प्रकार के जैविक कार्यों के संचालन एवं सम्पादन के लिए आवश्यक होते हैं, पोषक पदार्थ कहलाते हैं। वह विधि जिससे जीव पोषक तत्वों को ग्रहण कर उसका उपयोग करते हैं, पोषण कहलाता है। पोषण के प्रकार (Types fo nutrition): भोजन की प्रकृति तथा उसे उपयोग करने के तरीके के आधार पर जन्तुओं में निम्नलिखित तीन प्रकार के पोषण पाये जाते हैं। ये हैं-
पूर्णभोजी पोषण (Holozoic nutrition): होलोजोइक (Holozoic) शब्द दो ग्रीक शब्दों होलो (Holo) और जोइक (zoic) के मिलने से बना है। ‘होलो‘ शब्द का अर्थ ‘पूर्ण रूप से’ या पूरी तरह (Holo = Complete) तथा जोइक का अर्थ ‘जंतु’ जैसा (zoic – animal like) होता है। अर्थात् वैसा पोषण जिसमें प्राणी अपना भोजन ठोस या तरल के रूप में जन्तुओं के भोजन ग्रहण करने की विधि द्वारा ग्रहण करते हैं, पूर्णभोजी पोषण या प्राणीसम पोषण कहलाता है। वैसे जीव जिनमें इस विधि द्वारा पोषण होता है, प्राणी समभोजी कहलाते हैं। इस प्रकार का पोषण सामान्यतः जन्तुओं का लक्षण है तथा यह अमीबा, मेढ़क, मनुष्य आदि में पाया जाता है। यह चार प्रकार के होते हैं- (i) शाकाहारी (Herbivorous)- इस प्रकार के जन्तु पौधों एवं उसके अन्य भागों या उत्पादों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। जैसे-गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी, हिरण, भेड़ आदि। (ii) मांसाहारी (Carnivorous)- इस प्रकार के जन्तु दूसरे जन्तुओं का शिकार कर उसे भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। जैसे- शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, लोमड़ी आदि। (iii) सर्वाहारी (Omnivorous): इस समूह के अन्तर्गत वैसे जन्तु आते हैं, जो पौधों और जन्तुओं दोनों को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। जैसे-मानव। (iv) अपमार्जक (scavengers): इस समूह के अन्तर्गत वैसे जन्तु आते हैं जो मृत जन्तुओं को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। दूसरे शब्दों में मृत जन्तुओं को खाने वाले जीवों को अपमार्जक कहते हैं और मरे हुए जन्तुओं को खाने की प्रक्रिया को अपमार्जन (scavenging) कहते हैं। जैसे-सियार, लकड़बग्घा, गिद्ध, चील आदि। अपमार्जक मृत जन्तुओं का भक्षण कर उन्हें सड़ने से बचाते हैं और इस प्रकार वातावरण को शुद्ध रखने में मदद करते हैं।
प्राणीसम पोषण के महत्वपूर्ण चरण: प्राणीसम पोषण के निम्नलिखित महत्वपूर्ण चरण हैं-
जीव अपना पोषण कैसे प्राप्त करते हैं Class 10?जंतुओं में पोषण किस तरह से होता है?. जंतुओं को निर्मित (Readymade) भोजन की आवश्यकता होती है, इसीलिए वे पौधों या जीवों को खाकर भोजन प्राप्त करते हैं| उदाहरण के लिए, साँप मेंढक को खाता है, कीट जंतुओं के मृत शरीर को खाते हैं और चिड़िया कीटों को खाती है|. पोषण प्रणाली. जीव अपना पोषण कैसे करते हैं समझाइए?Solution : सजीवों में विषम पोषण निम्नलिखित प्रकार का होता है- <br> (i) मृतोपजीवी पोषण-मृत व गले सड़े कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त पोषण मृतोपजीवी पोषण कहलाता है। फफूंद (कवक), जीवाणु व खमीर में पोषण की यही विधि है। <br> (ii) परजीवी पोषण-जो पोषण अन्य जीवों से ग्रहण किया जाए, परजीवी पोषण कहलाता है।
जीवों में पोषण की प्रमुख दो विधियां कौन कौन सी हैं?जीवित प्राणियों में पोषण के दो तरीके हैं ऑटोट्रॉफ़िक और हेट्रोट्रोफ़िक। स्पष्टीकरण: ऑटोट्रॉफ़ वे जीव हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड और पानी जैसे सरल पदार्थों से स्वयं भोजन बना सकते हैं जिन्हें ऑटोट्रोफ़ कहा जाता है।
पोषण के दो प्रमुख प्रकार कौन कौन से हैं?पोषण की वह स्थिति जब भोजन द्वारा मनुष्य को अपनी आवश्यकतानुसार सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में मिले, सुपोषण कहलाती है। पोषण की वह स्थिति जब भोजन द्वारा मनुष्य को या तो अपनी आवश्यकतानुसार कम पोषक तत्व मिले या आवश्यकता से अधिक पोषक तत्व मिले, कुपोषण कहलाती है।
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