jaiv mandal kya hai जैवमंडल से तात्पर्य पृथ्वी के उस भाग से है जहां सभी प्रकार का जीवन पाया जाता है। पृथ्वी के तीन परिमंडल स्थलमंडल, वायु मंडल और जैवमंडल -जहॉं आपस में मिलते हैं, वही जैवमंडल स्थित हैं। जैव मंडल की परत पतली लेकिन अत्याधिक जटिल हैं। किसी भी प्रकार का जीवन केवल इसी परत में संभव हैं अत: यह हमारे लिये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।जीवन के लिए आवश्यक वस्तुयें भूमि, हवा और जल इन तीनों मंडलों के मिलन क्षेत्र जो चित्र में अंकित हैं, में ही संभव हैं। हमें इस पट्टी का महत्व समझकर इसे प्रदूशित होने से बचाना चाहिये ताकि हमारा जीवन सुरक्षित रह सके। यह पट्टी वायुमंडल में उध्र्वाकार रूप से लगभग 10 किमी. की गहरा तक विस्तृत है यह समुद्र में जहॉं लगभग 10.4 कि.मी. की गहरा तक और पृथ्वी की सतह से लगभग 8.2 कि.मी. की गहरा तक विस्तृत हैं जहाँ सर्वाधिक जीवित जीव पायें जाते हैं।जीवन के कुछ रूप विषम दशाओं में भी पायें जाते हैं। शैवाल (अलगाइर्) और थर्मोफिलिक इस प्रकार के जीवन के दो उदाहरण हैं। शैवाल जिसे जीवन के पहले रूप में से एक माना जाता हैं,बर्फीले अंटार्कटिका जैसे प्रतिकूल वातावरण में भी जीवित रह सकता हैं। दूसरे छोर पर थर्मोफिलिक (उष्मा पसंद करने वाला) जीवाणु सामान्यत: गहरे समुद्र में ज्वालामुखी छिद्रों में रहता हैं, जहाँ तापमान 300 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता हैं। वास्तव में ये जीवाणु क्वथनांक ( 0.से) से कम तापमान पर जीवित नहीं रह सकते।जैवमंडल के घटकजैवमंडल के घटक jaiv mandal ke ghatak जैवमंडल के घटक हैं- Show
अजैविक घटक -इन घटकों में वे सभी अजैविक घटक सम्मिलित होते हैं जो सभी जीवित जीवाणओं के लिये आवश्यक होते हैं। ये हैं- (1) स्थलमंडल (भूपपर्टी का ठोस भाग), (2) वायुमंडल और (3) जलमंडल। खनिज, पोशक तत्व, कुछ गैंसे तथा जल जैविक जीवन के लिये तीन मूलभूत आवश्यकतायें हैं। मृदा तथा अवसाद खनिज पोशक तत्वों के मुख्य भंडार हैं।वायुमंडल जैविक जीवन के लिये आवश्यक गैसों का भंडार हैं तथा महासागर तरल जल का प्रमुख भंडार है। जहाँ ये तीनों भंडार आपस में मिलते हैं, वह क्षेत्र जैविक जीवन के लिये सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र होता हैं। मृदा की उपरी परत और महासागरों के उथले भाग जैविक जीवन को जीवित रखने के लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। जैविक घटक -पौधे, जीव जन्तु और सूक्ष्म जीवाणुओं सहित मानव पर्यावरण के तीन जैविक घटक हैं-1. पौधों - जैविक घटकों में पौधे सबसे महत्वपूर्ण हैं। केवल ये ही प्राथमिक उत्पाद हैं क्योंकि ये प्रकाश संष्लेशण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन स्वंय बनाते हैं, इसीलिये इन्हें स्वपोशी कहा जाता हैं। ये स्वपोशी होने के साथ जैविक पदार्थों एवं पोषक तत्वों के चक्र ण एवं पुर्नचक्रण में भी मदद करते हैं। अत: पौधे सभी जीवों के लिये भोजन और ऊर्जा के प्रमुख स्त्रोत हैं। 2. पशु- पौधे के बाद पशु मुख्य उपभोक्ता हैं इसलिये पशुओं को विषम-तंत्र कहा जाता हैं। सामान्यत: पशुओं के निम्नलिखित तीन कार्य माने जाते हैं-(1) पौधों द्वारा भोजन के रूप में उपलब्ध कराये गये जैविक पदार्थों का उपयोग. (2) भोजन को ऊर्जा में बदलना (3) ऊर्जा की वृद्धि और विकास में प्रयोग करना। 3. सूक्ष्मजीव- इनकी संख्या असीमित हैं तथा इन्हें अपघटक के रूप में माना जाता हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवााणु, फफूँदी आदि आते हैं। ये जीवाणु मृत पौधों और पशुओं तथा अन्य जैविक पदार्थों को अपघटित कर देते है। इस प्रक्रिया द्वारा वे अपना भोजन पा्र प्त करते हैं। अपघटन की इस प्रक्रिया द्वारा वे अपना भोजन प्राप्त करते हैं। RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्य are part of RBSE Solutions for Class 7 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्य. Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 1 जैवमंडल और भू-दृश्यपातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर आओ करके देखें जहाँ का धरातल समतल है और समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 300 मीटर के लगभग है। यह एक उपजाऊ एवं कृषि प्रधान क्षेत्र है। प्रश्न 2. प्रश्न 3. चित्रों के नाम क्रमश: हैं-
1. द्वीप- चारों तरफ से जल से घिरा स्थलीय भाग द्वीप कहलाता है। यह नदी, तालाब, समुद्र या महासागर कहीं भी स्थित हो सकता है। सामान्यत: ये पर्यटन स्थल होते हैं। आकार में छोटा होने के कारण यहाँ जनसंख्या कम होती है। 2. नदी बेसिन- स्थल का वह भू भाग, जहाँ मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं, नदी बेसिन कहलाता है। नदियों से हमें कृषि के लिए वर्षभर जल उपलब्ध हो जाता है जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। नदियों से हमें पीने का जल भी प्राप्त होता रहता है। 3. मैदान- मैदानी भाग धरातल के सबसे समतल क्षेत्र हैं। ये नदियों द्वारा निर्मित उपजाऊ मैदान हैं, जहाँ कृषि के साथ-साथ उद्योग-धन्धों तथा परिवहन का विस्तृत जाल देखने को मिलता है। मैदानी भू-भाग धरातल के सबसे घने बसे भाग हैं। 4. पठार- कम ढाल वाले तथा ऊपर सपाट चौड़े भू-भाग को पठार कहते हैं। ऊँचे पठार चरागाहों की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। निचले भागों में कृषि की जाती है। कुछ पठार खनिज पदार्थों की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। 5. समुद्र और तटीय मैदान- समुद्र जल के अथाह भण्डार होते हैं। इनका जल खारा होता है। छोटे-छोटे समुद्रों से मिलकर महासागर बनते हैं। समुद्र के किनारों पर स्थित स्थल भाग को तट कहा जाता है। इन तटीय मैदानों का उपयोग लोग सैर-सपाटे, मछली पकड़ने व कृषि करने के लिए करते हैं। 6. पर्वत- आस-पास के भागों से लगभग 600 मीटर अथवा अधिक ऊँचे भाग को पर्वत कहते हैं। पर्वतीय भाग मैदानी भागों से ठण्ड़े होते हैं। वर्षा कराने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। पर्वत के ढलानों पर सीढ़ीदार कृषि की जाती है। पर्वतीय | भाग वन्य जीवों के निवास स्थल हैं। यहाँ कुछ जनजातियाँ भी निवास करती है। पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न (ii) प्रश्न 2. उत्तर प्रश्न 3.
प्रश्न 4. पर्यावरण- पर्यावरण शब्द परि + आवरण इन दो शब्दों का मेल है अर्थात् हमारे चारों ओर जो आवरण बना हुआ है,जिससे हम घिरे हुए हैं, उसी को पर्यावरण’ कहते हैं। इसमें पेड़-पौधे, जीव-जन्तु आदि जैविक तथा सभी अजैविक पदार्थ सम्मिलित होते हैं। अन्तर–पारितन्त्र में पर्यावरण के जैविक एवं अजैविक कारकों के अन्तर्सम्बन्धों की व्याख्या होती है। जबकि पर्यावरण में जैविक एवं अजैविक कारकों को अलग-अलग विश्लेषण किया जाता है। प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. (i) तटीय मैदान- तटीय मैदान समुद्र के किनारे मिलते हैं। | ये मैदान मुख्यतया समुद्री लहरों द्वारा निर्मित होते हैं। इनकी चौड़ाई कम होती है। इन समुद्र तटीय मैदानों पर अच्छे बन्दरगाह मिलते हैं। यहाँ लोग मनोरंजन के लिए आते हैं। इनका उपयोग मछली पालन के लिए किया जाता है। (ii) आन्तरिक मैदान– मुख्य स्थल भाग पर नदियों द्वारा लाई गयी उपजाऊ मिट्टी के निक्षेपण से बने मैदानों को आन्तरिक | मैदान कहते हैं। जैसे- भारत में गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान । | उपजाऊ मिट्टी से निर्मित होने के कारण ये कृषि कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। समतल होने के कारण परिवहन की सुविधा यहाँ सड़क एवं रेलमार्गों द्वारा सुलभ होती है। जीवन के लिए आवश्यक सुविधाएँ सुलभ होने के कारण यहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक मिलता है। अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए। अति लघूत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. लयूत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4.
प्रश्न 5. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
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जैव मंडल क्या है कक्षा ७?पृथ्वी का वह समस्त भाग जहां जीवन विद्यमान है, उसे जैवमंडल कहते हैं। छोटे से छोटे जीवाणु से लेकर बड़े से बड़ा जीव सभी जैवमंडल में शामिल है। हमारी पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन विद्यमान है। इसलिए जैवमंडल केवल पृथ्वी पर ही विद्यमान है।
जैव मंडल का क्या महत्व है?जैवमण्डल (biosphere) : जैवमंडल एक जीवनदायी अथवा जीवन पोषक परत होती है , जो पृथ्वी के चारों ओर व्याप्त रहती है। दुसरे शब्दों में हम कह सकते है कि जैव मंडल सामान्य रूप में पृथ्वी की सतह के चारों तरफ व्याप्त एक आवरण है जिसके अंतर्गत पौधों और जंतुओं का जीवन बिना किसी रक्षक साधन के सम्भव होता है।
जैव मंडल के जनक कौन है?सही उत्तर A है। जीवमंडल: शब्द "जीवमंडल" 1875 में एडुआर्ड सूस नामक एक भूविज्ञानी द्वारा गढ़ा गया था। उन्होंने जीवमंडल को पृथ्वी पर उस स्थान के रूप में परिभाषित किया जहां जीवन रहता है।
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