पर्वतों की ऊँची चोटियों से ‘सर-सर करते बहते झरने देखकर ऐसा प्रतीत होता है, मानों वे पर्वतों की उच्चता व महानता की गौरव-गाथा गा रहे हों। जहाँ तक बहते हुए झरने की तुलना का संबंध है तो बहते हुए झरने की तुलना मोती रूपी लड़ियों से की गई है। Show उदास से भरामस्ती से भराशांतचिंतित Answer : B Solution : पर्वतों से बहने वाले झरने गौरवगान गाते हुए शरीर में मस्ती भर देते हैं। झरने का शोर आने-जाने वालों को अपनी ओर आकर्षित करता है और शरीर के नस-नस में उत्तेजना का प्रवाह भर देता है। Advertisement Remove all ads Advertisement Remove all ads One Line Answer निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए − Advertisement Remove all ads Solutionझरने पर्वतों की ऊँची चोटियों से झर-झर करते बह रहे हैं। ऐसा लगता है मानो वे पर्वतों की महानता की गौरव गाथा गा रहे हों। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 1.5: पर्वत प्रदेश में पावस - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 28] Q 7Q 6Q 1 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2 Chapter 1.5 पर्वत प्रदेश में पावस Advertisement Remove all ads विषयसूची झरने कैसे प्रतीत हो रहे हैं?इसे सुनेंरोकेंपर्वतों से बहते हुए झरने मोतियों की लड़ियों से प्रतीत होते हैं। बादलों की ओट में छिपे पर्वत मानों पंख लगाकर कहीं उड़ गए हों तथा तालाबों में से उठता हुआ कोहरा धुएँ। की भाँति प्रतीत होता है। झरने के झर झर स्वर में कवि ने क्या कल्पना की है?इसे सुनेंरोकें’झरने के झर-झर स्वर’ में कवि ने क्या कल्पना की है? ‘मद में नस-नस उत्तेजित कर’ से क्या तात्पर्य है? (d) झरने के स्वर को सुनकर दर्शकों की नस-नस में उत्तेजना व मस्ती भर जाती है। Answer: (d) झरने के स्वर को सुनकर दर्शकों की नस-नस में उत्तेजना व मस्ती भर जाती है। प्रतिपल क्या परिवर्तित हो रहा है? इसे सुनेंरोकेंवर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश में प्रकृति प्रतिपल नया वेश ग्रहण करती दिखाई देती है। इस ऋतु में प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं- विशाल आकार वाला पर्वत तालाब के स्वच्छ जल रूपी दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखता है। — पर्वत पर असंख्य फूल खिल जाते हैं। – झरनों का पानी मोती की लड़ियों के समान सुशोभित होता है। है झांक रहे नीरव नभ पर अनिमेष अटल कुछ चिंता पर यहां पर किसकी बात की गई है?इसे सुनेंरोकेंकवि कहता है कि करघनी के आकर वाले पहाड़ अपनी हजार पुष्प रूपी आंखें फाड़ कर नीचे जल में अपने विशाल आकार को देख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पहाड़ ने जिस तालाब को अपने चरणों में पाला है वह तालाब पहाड़ के लिए विशाल आईने का काम कर रहा है। झरते हैं झाग भरे निर्झर ! अनिमेष ,अटल कुछ चिंतापर। पर्वत को मेखलाकार कहने के पीछे कवि की कल्पना क्या रही होगी?इसे सुनेंरोकेंयह उनकी सुन्दरता को और बढ़ा देता है उसी प्रकार पर्वत श्रृंखला भी मेखलाकार की तरह पृथ्वी को चारों ओर से घेरे रहती है और पृथ्वी की सुन्दरता में चार चाँद लगा देती है। कवि ने इस शब्द का प्रयोग पर्वत की विशालता दिखाने और प्रकृति के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए किया है। प्रकृति प्रतिपल अपना रूप क्यों बदल रही है Class 10? इसे सुनेंरोकेंबादलों और धूप की आँखमिचौली के कारण प्रकृति प्रतिपल रूप बदल रही है। धँस गए धरा में सभयशाल में कौन सा अलंकार है?इसे सुनेंरोकें’धंस गए धरा में सभय शाल’ मानवीकरण अलंकार। पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कहाँ से धुआं निकलता नजर आ रहा है?इसे सुनेंरोकेंपर्वत प्रदेश में पावस पाठ सार (Summary) कवि कहता है कि वर्षा ऋतु में प्रकृति का रूप हर पल बदल रहा है कभी वर्षा होती है तो कभी धूप निकल आती है। पर्वतों पर उगे हजारों फूल ऐसे लग रहे है जैसे पर्वतों की आँखे हो और वो इन आँखों के सहारे अपने आपको अपने चरणों ने फैले दर्पण रूपी तालाब में देख रहे हों। कववता के आधार पर कौन भाग्यहीन है? इसे सुनेंरोकें➲ कवि ने भाग्यहीन उसे माना है जो व्यक्ति धैर्यवान नहीं है अर्थात जिसमें धीरज धारण करने की क्षमता नहीं है, वह व्यक्ति भाग्यहीन है। अर्थात वह व्यक्ति बिल्कुल भाग्यहीन है, जो धैर्य धारण करने की क्षमता नहीं रखता। जिसके आचरण में सदैव अधीरता रहती है, वह व्यक्ति भाग्यहीन है। सच्चा मनुष्य वही है जो किसी मनुष्य के काम आए। 1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? निबन्धात्मक प्रश्न
व्याख्यात्मक हल: प्रश्न. 2. ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए। प्रश्न. 3. ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में झरने पर्वत का गौरव-गान कैसे करते हैं ? प्रश्न. 4. सिद्ध कीजिए:पंतजी कल्पना के सुकुमार कवि हैं ? प्रश्न. 5. ‘पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश’ की सार्थकता सिद्ध कीजिए। प्रश्न. 6. पंतजी द्वारा रचित ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ नामक कविता का सारांश लिखिए। The document Long Question Answers: पर्वत प्रदेश में पावस Notes | Study Hindi Class 10 - Class 10 is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10. All you need of Class 10 at this link: Class 10 |