कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब शुरू हुई है? - kumbh raashi par shani kee saadhesaatee kab shuroo huee hai?

Shani Ki Sade Sati : ज्योतिष मान्यता के अनुसार शनि ग्रह की साढ़े साती का असर बहुत भयानक या बुरा माना गया है और बहुत अच्छा भी। यह व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करता है। जो भी व्यक्ति शनि की साढ़े साती के चपेट में आता है उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। शनि की साढ़ेसाती का असर 3 चरणों में होता है। कुंभ राशि ( zodiac signs astrology) पर इस समय उसका दूसरा चरण प्रारंभ होगा।

नोट : शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन राशि पर शनि का साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। मकर और कुंभ राशि पर भी शनि का साढ़ेसाती पहले की तरह प्रभावी रहेगी। कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या आरंभ होगी। ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि (kumbha rasi) का प्रथम चरण कठिन या अशुभ होता है, दूसरा नहीं।

कुंभ राशि (Aquarius) : वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।

दूसरे चरण का प्रभाव : यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। हालांकि वर्तमान में आपके उपर गुरु की कृपा होने के कारण आपके लिए शनि देव का उतना असर नहीं होगा जितना की अन्य राशियों पर माना जा रहा है। आपके कर्म अच्‍छे हैं तो शनि आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

इस चरण के दौरान आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इस चरण में शनि जातक के उदर भाव में होते हैं, तो पेट, हार्ट, किडनी से संबंधित रोग होने की संभावना बनती है। साथ ही किसी अपने से धोखा मिलने की संभावना भी बनती है। रिश्तों में दरार और अनावश्यक भय बढ़ जाता है। हालांकि यदि आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं तो बाकी सभी बातें गौण हैं।

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब शुरू हुई है? - kumbh raashi par shani kee saadhesaatee kab shuroo huee hai?

Shani Dev Remedies

साढ़े साती के 3 चरण ( Sade Sati ke teen charan ) : कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्‍यादा असर डालता है। ढाई-ढाई साल के इन 3 चरणों में से दूसरा चरण सबसे भारी पड़ता है।

शनि की साढ़े साती को 3 चरण में बांटा गया है। पहला चरण धनु, वृ्षभ, सिंह राशियों वाले जातकों के लिए कष्टकारी, दूसरा चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए कष्टकारी और आखिरी चरण मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए कष्टकारी माना गया है। अर्थात यदि मान लो कि धनु राशि जातकों को शनि की साढ़े साती लगी है तो उनके लिए पहले चरण कष्‍टकारी होती है। इसी तरह सिंह के लिए दूसरा चरण और मिथुन के लिए तीसरा चरण कष्टकारी होता है।

तीनों चरणों का असर इस तरह का होता है ( Effect of shani sade sati )-

1. पहला चरण ( Shani ki sade sati ka pratham charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक के मस्तक पर असर होता है और इसमें आर्थिक स्थिति एवं सेहत पर बुरा असर पड़ता है। चिंता और तनाव के साथ ही नींद से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। पति-पत्नी के बीच संबंधों पर बुरा असर पड़ता है।

2. दूसरा चरण ( Shani ki sade sati ka dusra charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक को अपने जीवन में आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिश्तेदार कष्ट देते हैं और जातक को परिवार से दूर लम्बी यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है। शारीरिक रोग के साथ ही मानसिक तनाव भी झेलना होता है। छोटे से कार्य को करने के लिए भी सामान्य से अधिक प्रयास करने होते हैं फिर भी सफलता की कोई गारंटी नहीं। परिवार, मित्र और रिश्तेदार सभी लोग उसका साथ छोड़ देते हैं।

3. तीसरा चरण ( Shani ki sade sati ka teesra charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक की सुख और सुविधाओं का अंत हो जाता है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाले हालात हो जाते हैं। नौकरी और व्यपार सब ठप हो जाता है। सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संतान से वाद-विवाद बढ़ जाते हैं। संतान नहीं हो तो पिता से मतभेद बढ़ जाते हैं।

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब शुरू हुई है? - kumbh raashi par shani kee saadhesaatee kab shuroo huee hai?

Shani Dev

साढ़े साती से बचने के उपाय ( Shani ki sade sati se bachne ke upay ) :

1. कम से कम 11 शनिवार को शनि मंदिर में छाया दान करें।

2. अंधे लोगों को समय समय पर खाना खिलाते रहें।

3. साफाईकर्मी, मजदूर और विधवाओं को कुछ न कुछ दान देते रहें।

4. हनुमान जी की शरण में रहें और नित्य हनुमान चालीसा पढ़ते रहें।

5. शराब न पीएं, ब्याज का धंधा न करें और न ही झूठ बोलें। पराई महिला पर बुरी नजर न रखें। अपने कर्मों को शुद्ध बनाकर रखें।

6. शनि मंदिर में शनि से जुड़ी वस्तुएं दान करते रहें।

7. कुत्ते, कौवे या गाय को रोटी खिलाते रहें।

8. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में दिया जलाते रहें।

हिंदी न्यूज़ धर्मShani Sade Sati: कुंभ राशि वालों पर चल रहा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टकारी चरण, जानें कब मिलेगी मुक्ति

Shani Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। पहला, दूसरा और तीसरा चरण। कुंभ राशि वालों पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब शुरू हुई है? - kumbh raashi par shani kee saadhesaatee kab shuroo huee hai?

Shani sade sati on kumbh rashi: ज्योतिष शास्त्र में शनि राशि परिवर्तन को काफी अहम माना गया है। शनि को न्याय देवता कहा जाता है। यह हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को ग्रहों के न्यायाधीश शुभ फल देते हैं और बुरे कर्मों में लिप्त जातकों को दंडित करते हैं। वर्तमान में शनि की प्रिय राशियों में से एक कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। जानें कुंभ राशि वालों पर चल रहा साढ़ेसाती का कौन-सा चरण व कब मिलेगी मुक्ति-

इसे भी पढ़ें: इन 3 राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती, जानें किस राशि पर चल रहा कौन-सा चरण

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण-

शनि 29 अप्रैल 2022 को अपनी राशि बदल चुके हैं। बीते 29 अप्रैल को शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायी यानी दूसरा चरण शुरू हो गया था। शनि अगले ढाई साल तक कुंभ राशि में रहेंगे।

वर्तमान में शनि की स्थिति-

शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद 12 जुलाई 2022 को वक्री अवस्था में पुन: मकर राशि में प्रवेश कर गए थे। शनि 17 जनवरी 2023 को फिर से कुंभ राशि में वापस आ जाएंगे। जिसके बाद कुंभ राशि वालों के कष्ट बढ़ सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: 24 सितंबर को धन-संपदा का कारक ये बड़ा करेगा हलचल, इन 4 राशि वालों का बदलेगा भाग्य

शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति-

शनि के मकर राशि में होने के कारण वर्तमान में धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा। यानी कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।

साढ़ेसाती के दूसरे चरण का प्रभाव-

शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में जातक को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए जातक को शनिदेव से संबंधित उपायों को करने की सलाह दी जाती है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब शुरू हुई है? - kumbh raashi par shani kee saadhesaatee kab shuroo huee hai?

कुंभ राशि कब तक खराब है?

शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति- जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा।

कुंभ राशि पर कब से चल रही है शनि की साढ़ेसाती?

शनि के मकर राशि में होने से धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं अगर शनि की ढैय्या की बात करें तो मिथुन और तुला राशि वालों पर है। कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से प्रारंभ हुई थी जो 03 जून 2027 तक रहेगी।

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का कौन सा चरण चल रहा है?

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती शनि 29 अप्रैल 2022 को अपनी राशि बदल चुके हैं। 29 अप्रैल को शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायी यानी कि दूसरा चरण शुरू हो गया था। शनि अगले ढाई साल तक कुंभ राशि में ही रहेंगे।

कुंभ राशि अच्छा समय कब आएगा 2023?

शनि 5 जून को कुंभ राशि में वक्री हो गए और 12 जुलाई को वापस अपनी पुरानी राशि मकर राशि में प्रवेश करेंगे ग्रह वक्री होगा। 23 अक्टूबर 2022 को सीधे मुड़ने से पहले कुल 141 दिनों के लिए शनि अंत में 17 जनवरी, 2023 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे।