जातक की जन्म कूण्डली में तीसरा भाव उसके पराक्रम और साहस की कहानी बताता है. इसके साथ साथ इन प्रमुख बातों के अतिरिक्त इस भाव से भई बहनों का सुख और यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है. पराक्रम भाव होने पर व्यक्ति के बाहु बल का विचार किया जाता है. साहस, वीरता आदि के लिये भी तीसरे भाव देखा जाता है. कुण्डली में यदि तीसरा भाव कमजोर हो तो व्यक्ति के साहस में कमी देखी जा सकती है. Show
जातक की मानसिक स्थिति की मजबूती भी यही भाव उसे देता है. इससे जातक कि रुचि व शौक देखे जाते है. यह घर लेखन की भी जानकारी देता है. इस भाव से जातक में संगीत के प्रति लगाव को भी देखा जाता है. इस घर में जो भी राशि होती है उसके गुणों के अनुसार व्यक्ति का शौक होता है. कुण्डली में तीसरे भाव का महत्व | Importance of Third House in Kundliतीसरे घर से लेखन तथा कम दूरी की यात्राओं का विचार किया जाता है. बुद्धि तथा पराक्रम होने से सभी काम सरलता से पूरा जाता हैं. इसलिए इस भाव से कार्य कुशलता के विषय में भी जाना जा सकात है. कम्युनिकेशन के लिए, सभी प्रकार के समाचार पत्र, मीडिया व संप्रेषण संबन्धी कार्य इसी घर से देखे जाते है, प्रकाशन संस्थाएं भी इस भाव के अन्तर्गत आती है. भाई-बन्धुओं में कमी के लिये इस घर से विचार किया जाता है यह उनके स्वास्थ्य का बोध भी कराता है. पड़ोसियों से सम्बन्ध का भी विचार इससे घर से किया जा सकता है. कार्य क्षेत्र में बदलाव का कारण भी बन सकता है. खेल-कूद में सफलता के लिए भी इसी घर से विचार किया जाता है. इस भाव को अपोक्लिम भाव, उपचय भाव, त्रिषढाय के नाम से भी जाना जाता है. यह भाव गरदन, भुजाएं, छाती का ऊपरी भाग, कान, स्नायुतंत्र इत्यादि का प्रतिनिधित्व करता है. यह भाव दायें कान, दायें बाजू, जननांग का दायें भाव की व्याख्या करता है. तृतीय भाव से कुण्डली के बारे में जानने हेतु जातक के इस भाव में किस ग्रह की युति है और किस भाव से इसका संबंध आ रहा है इन सभी बातों को समझना आवश्यक होता है, किसी जातक के जीवन काल में उसकेभाईयों तथा दोस्तों से होने वाले लाभ तथा हानि के बारे में जानकारी प्राप्त करने केलिए कुंडली के इस भाव का ध्यानपूर्वक अध्ययन में यह देखा होता है कि कुंडली में तीसरा भाव कितना मजबूत है. कुण्डली के तृतीय भाव का फल कथन | Results of third house in kundliयदि तीसरा भाव मजबूत हो और किसी अच्छे ग्रह के प्रभाव में हो तो ऎसी स्थिति में जातक परिश्रम करने से अपने जीवन काल में अपने भाईयों, दोस्तों की सहायता भी खूब पाता है. अपनी मेहन और साहस से जातक खूब सफलताएं पाता है. लोगों का पूर्ण सहयोग भी जातक को ऊंचाईयां छूने में मददगार होता है. समर्थकों के सहयोग से सफलतायें प्राप्त करते हैं, जबकि दूसरी ओर यदि जातक की कुंडली में तीसरे भाव पर अशुभ बुरे ग्रहों का प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने भाईयों तथा दोस्तों के कारण बार-बार हानि उठाते हैं तथा इनके दोस्त या भाई इनके साथ बहुत जरुरत के समय पर विश्वासघात भी कर सकते हैं. शरीर के कुछ हिस्सों तथा श्वास लेने की प्रणाली को भी दर्शाता है तथा इस भाव पर किसी बुरे ग्रह का प्रभाव कुंडली धारक को मस्तिष्क संबंधित रोगों अथवा श्व्सन संबंधित रोगों से पीड़ित कर सकता है। कुण्डली का तृतीय भाव यदि राहु केतु से प्रभावित हो तो जातक संतान रूप में अपने घर में ज्येष्ठ या अनुज होता है. साथ ही उसमें भाव में राहु और केतु का प्रभाव पड़ने से परेशानी भी आती है. यह संबंधों में तनाव को भी ला सकता है. तीसरा भाव उच्चता लिए हो तो स्वाभिमान में बल आता है जातक को लोगों का सामना करने की हिम्मत मिलती है. कुंडली में तीसरा भाव या घर भाई बहन का घर होता है। यह संवाद, मानसिक स्थिति, बुद्धि, यात्रा, कल्पना और व्यवहार के बारे में संकेत देता है। इसके जरिए जातक अपनी कलात्मक रुचियों व क्षमताओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है। तीसरा भाव आपकी संवाद क्षमताओं को नियंत्रित करता है और यह बताता है कि आप दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं। वैदिक ज्योतिष में इसका दूसरा नाम सहज भाव है। ज्योतिष में कुंडली को जन्म कुंडली, बर्थ होरोस्कोप के रूप में भी जाना जाता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ सूर्य और चंद्रमा की स्थिति को दर्शाया जाता है। ज्योतिषी किसी व्यक्ति के जीवन को समझने और स्पष्ट करने के लिए जन्म कुंडली का अध्ययन करते हैं। वे इसका उपयोग उन घटनाओं की पहचान करने के लिए करते हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन में होने की संभावना है। कुंडली को 12 खंडों या भावों में विभाजित किया गया है। कुंडली में मौजूद प्रत्येक घर जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। मसलन कॅरियर, स्वास्थ्य, प्रेम, विवाह आदि सभी कार्य इन ग्रहों से भी प्रभावित रहते हैं। इनके माध्यम से विशेषज्ञ कुंडली पर शोध और व्याख्या करते हैं। तीसरे घर में ग्रहों का असरये उसी तरह के गुण या असर दिखाता है, जैसा असर किसकी जातक को धन भाव या दूसरे घर के जरिए हासिल होते हैं। तीसरे भाव में सूर्यइस भाव में सूर्य के संवाद के विभिन्न माध्यमों पर अपना ध्यान केंद्रिंत करता है। आपको यात्रा करना और लोगों के संपर्क बनाना अच्छा लगता है। यह आपको अति आत्मविश्वासी होने से बचाता है। आप अपने लिए गए फैसलों व उनके परिणामों से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करेंगे। आप शिक्षित हैं, उच्च योग्यता रखते हैं। आप अपनी जानकारी व अंतज्र्ञान दूसरों के साथ साझा करते हैं। तीसरे भाव में चंद्रमाचंद्रमा जो कल्पना और ज्ञान को नियंत्रित करता है, स्वाभाविक रूप से आपको रचनात्मक, सहज और ग्रहण करने लायक बना देगा। यह आपकी इच्छाओं के साथ आपके भावनात्मक संबंध को मजबूत करता है। चूंकि आप दूसरों की भावनाओं के प्रति भावुक और संवेदनशील हैं, इसलिए आप बिचौलिए की भूमिका बेहतरीन निभा सकते हैं। आप अपने भाई-बहनों के बहुत करीब हैं। तीसरे भाव में बृहस्पतिजब बृहस्पति तीसरे भाव में होता है, तो मानसिक क्षमताओं में सुधार होता है। सहज ज्ञान से युक्त होना आपके लिए बहुत ही स्वाभाविक होता है। आप नई जानकारी को समझने में सक्षम होंगे और परियोजनाओं पर तेजी से काम कर सकेंगे। इस भाव में बृहस्पति की उपस्थिति आपकी प्रारंभिक शिक्षा में मदद करेगी। आप अपने भाई-बहनों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाएंगे। तीसरे भाव में शुक्रआपकी कुंडली के तीसरे घर में शुक्र का साथ है तो आप सभी प्रकार के संचार के जरिए अपने आप को अच्छी तरह से व्यक्त करने में सक्षम होंगे, चाहे वह लिखित माध्यम हो या मौखिम माध्यम, आप अपनी बात को सही तरीके से रख पाएंगे। आप सामंजस्यपूर्ण और व्यवस्थित संबंध पसंद करते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि आप टकराव और वाद विवाद या बहस से बचें। सही मायने में आपको पता होना चाहिए कि कब बोलना है और दृढ़ रहना है। तीसरे भाव में मंगलतीसरे घर में मंगल की मौजूदगी जोश, जुनून, बहादुरी, शक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है। आपमें कई लोगों को प्रेरित करने की क्षमता होती है। आप मानसिक रूप से सतर्क और उत्साही होते हैं, लेकिन आपके उत्साह और ऊर्जा को सही दिशा में लगाना जरूरी होता है। मंगल की ऊर्जा आपको जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती है, यह जल्दबाजी बाद में नुकसानदायक हो सकती है। आपको अपने भाई-बहनों और साथियों के साथ समस्या हो सकती है। तृतीय भाव में बुधतीसरे भाव में बुध आपकी वाणी या संवाद क्षमता को बहुत बेहतर बनाता है। आप अपने विचारों को पूरी तरह से व्यक्त कर सकते हैं। सहकर्मियों के साथ काम करना आपके लिए सामान्य बात है। बुध आपके लिए जातक के लिए खुद को व्यक्त करना आसान बनाता है। आप अपने मन के भाव आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। आप दूसरों के साथ जुडऩे में खुशी महसूस करते हैं। आपके पास उच्च स्तर की बुद्धि और क्षमता होती है, बावजूद इसके आप भटकते हुए नजर आ सकते हैं। तृतीय भाव में शनितीसरे भाव में शनि की उपस्थिति आपको गंभीर व्यक्ति बनाती है। ऐसे में यह स्थिति आपके लिए संपर्क संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। शनि की स्थिति आपके लिए नए बदलाव में सेट नहीं होने देगी, आप असहज महसूस करेंगे, नई परिस्थितियों में समायोजित नहीं हो पाएंगे। यह आपकी कार्यक्षमता को भी धीमा करने का कारण बनेगी। आपके पास उत्कृष्ट ध्यान और आत्मनिरीक्षण की क्षमता हैं। आपके अपनी उम्र के ही कई दोस्त बनेंगे। तीसरे भाव में राहुतीसरे भाव में राहु सौभाग्य, धन संचय, पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध, यात्रा, लेखन और प्रकाशन में सफलता दिलाता है। आपके पास गेम-चेंजर बनने की ताकत है। तीसरे भाव में केतुतीसरे भाव में केतु होने का कारण आपकोकौशल और ज्ञान पर महारत हासिल है। आप सवाल बहुत पूछते हैं, यह आपकी प्रवृति या स्वभाव का ही एक हिस्सा है। आपको एक प्रशिक्षक की तलाश होगी, यह आपको निजी स्वार्थों, हितों से ऊपर उठा देगा। एक परोपकारी केतु आपको बहादुर बनाता है। यह आपके मन को आध्यात्मिकता की ओर भी अग्रसर करता है। तीसरे भाव में पीडि़त केतु भाई-बहनों के साथ-साथ सहकर्मियों और सहयोगियों के साथ आपके संबंधों पर कहर बरपाता है। क्या आपकी कुंडली में शुक्र अनुकूल है? तीसरे घर में राशि चक्र की राशियांज्योतिष में चतुर्थ भाव परिवार और भावनाओं के प्रति आपके ऊर्जावान दृष्टिकोण को प्रकट करता है। परिवार को एक साथ बांधने के लिए आप अपनी बुद्धि और संचार कौशल का उपयोग करेंगे। अग्नि से जुड़ी राशि रचनात्मकता और कार्य दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करेगी। पृथ्वी तत्व व्यावहारिकता और रूढि़वादिता को दर्शाते हैंं। जल राशि भावनात्मक ऊर्जा को दर्शाती है। एक पूरा परिवार बनाने के लिए आप नजदीकी रिश्तेदारों को एक साथ लेकर आएंगे। तीसरे भाव में मेषमेष राशि वायु से जुड़ी राशि हैै और यह वायु से जुड़ा घर है। ऐसे में इस संयोग के साथ पैदा हुए लोग दुनिया को समझने और लोगों के बीच अपनी बात रखने, बातचीत करने के लिए काफी बेहतर रहेंगे। वे अपनी नई नवेली और अपरंपरागत सोच पर भरोसा करेंगे। ये बात करने में स्पष्ट होंगे। बिना किसी लाग लपेट सीधे बात करना पसंद करेंगे। बात करते समय थोड़े उग्र भी हो सकते हैं। हालांकि इनके मन में कोई दुर्भावना नहीं होगी। ये मन में अगर कुछ सोच रहे हैं तो संभव है कि उनके मुंह से वो निकल जाए। उन्हें ऐसी दोस्ती पसंद है जिसे ज्यादा केयर की जरूरत न हो। अगर वे आपसे एक बार जुड़ जाते हैं तो यकीन मानिए वे हमेशा आपकी परवाह करेंगे, आपके प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे। तृतीय भाव में वृषभवायु के घर के साथ एक पृथ्वी राशि। इस संयोग के साथ पैदा हुए लोग स्थिर, रूढि़वादी और सतर्क होते हैं। वे जानते हैं कि लोगों के साथ किस तरह बातचीत करनी होती है। लोग उनके प्रति कैसा नजरिया रखते हैं। लोगों को किस तरह देखना होता है। दुनिया कैसे का काम करती है, ये उसे समझना चाहते हैं। वे इस बारे में चिंतित रहते है कि उनकी समझ क्या कहती है। उनकी सुरक्षा और जरूरतें पूरी हो रही हैं या नहीं। वे कुछ भी करने से पहले उस बारे में सोच लेते हैं। ये अपनी परम्परागत तरीकों से जुड़े रहते हैं। दीर्घकालिक संबंध बनाते हैं। इनके संबंध या साझेदारी समर्पण और प्रतिबद्धता पर आधारित होती है। वे व्यावहारिक विचारों और अपनी परंपराओं के संरक्षण को प्राथमिकता देते हैं। तीसरे घर में मिथुनतीसरे घर में मिथुन, वायु राशि इस घर की स्वामी होती है। ऐसे संयोग वाले लोग अपनी संवाद क्षमता, ज्ञान के जरिए दुनिया से बातचीत करते हैं। ये नेटवर्किंग के जरिए लोगों को जोड़ते हैं। इनके दोस्त देती से बढ़ते हैं। वे जीवन के बारे में, लोगों के नजरिए के बारे में अधिक से अधिक जानना व अधिक से अधिक सीखना चाहते हैं। वे सीखने का आनंद लेते हैं। ये किसी किसी भी मुद्दे पर तुरंत सोचते हैं, फैसला लेते हैं। एक ही समय में कई सूचनाओं को एकत्रित कर लेते हैं, उन्हें सही दिशा भी दे देते हैं। इनमें सीखने का उत्साह अद्भुत होता है। तीसरे घर में कर्ककर्क, जल से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग के तहत पैदा हुए लोग संवेदना, सहानुभूति और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के धनी होते हैं, ये दुनिया में लोगों से मिलते समय बेहद समझदारी से काम लेते हैं। ये दुनिया के कर्क राशि के नजरिए से देखते हैं। ये उम्मीद करते हैं कि लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। ये उम्मीद करते हैं कि लोग प्रेरणादायक हों। ये बातचीत सीधे नहीं करते परोक्ष रूप से करते हैं, सूक्ष्म रूप से करते हैं। अगर वे नकारात्मक भावनाओं से जुड़ते हैं तो इनकी आक्रामकता कम हो जाती है। ये बातचीत करते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि दूसरा इनसे क्या उम्मीद करता है। ये बातचीत के दौरान अपनी शैली में बात करना पसंद करते हैं। वे ऐसी दोस्ती पसंद करते हैं, जिसमें दोस्त एक दूसरे का ध्यान रखे। जो भावनाओं से पोषित हो। तीसरे घर में सिंहसिंह, अग्नि से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग में जन्म लोग दुनिया से इंट्रेक्ट करते समय हास्य, कल्पनाओं पर आधारित रहते हैं। उन पर विश्वास करते हैं। दुनिया कैसे काम करती है, यह सिंह के अपने अलग नजरिए से देखते हैं। ये उम्मीद करते हैं कि जो लोग उनके संपर्क में आए हैं, वे ऊर्जावान लोग हैं। ये जब भी कुछ महत्वपूर्ण कार्य करते हैं तो ये ये हमेशा अपनी प्रशंसा सुनना पसंद करते हैं। जब भी कोई इनके लिए कुछ अच्छा करता है तो खुलकर उसकी तारीफ करता है। इनके लिए दोस्ती रचनात्मक, प्रतिस्पर्धी और आनंददायक होनी चाहिए। तीसरे घर में कन्याकन्या, पृथ्वी से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग में पैदा हुआ लोग दुनिया से मिलने समय या बात करते समय बेहद विचारशील और विवेकपूर्ण होकर बात करना पसंद करते हैं। दुनिया के काम करने के तरीके को लेकर ये बेहद संजीदा होते हैं। ये दूसरों की मदद करते हैं और सही काम करते हैं। वे सभी को साथ लाने वाले होते हैं। ये मार्गदर्शन करने वाले होते हैं। वे चुपचाप व्याकरण से जुड़ी त्रुटियों को सही करने में लगे रहते हैं। दोस्ती इनके लिए समस्याओं के समाधान तलाशने का साधन है। ये समस्याओं के हल के लिए एक दूसरे से संपर्क बनाए रखते हैं। तीसरे घर में तुलातुला, वायु से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। ऐसे में इस संयोग में जन्मे लोग दुनिया को समान और संतुलित नजरिए से देखना पसंद करते हैं। ये इसी तरह से बातचीत भी करते हैं। तीसरे घर में वृश्चिकवृश्चिक, जल से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग में जन्म लेने वाले लोग दूसरों से आमतौर पर सवाल बहुत पूछते हैं। ये मजबूत होते हैं और बातों को जोड़तोड़कर पेश करते हैं। दुनिया कैसे काम करती है, इस बात को ये वृश्चि राशि के नजरिए से ही देखते हैं। वे उम्मीद करते हैं कि लोग अपनी बातों को अपने में गुप्त रखने वाले और मितव्ययी होंगे। ये अपनी बात जोरशोर सेे रखना संद करते हैं। इनसे बात करना ऐसा होता है जैसे किसी जांच अधिकारी से बात कर रहे हों। दोस्ती इनके लिए एक गहरा संबंध है। इनके लिए यह बदलावों को स्वीकार करने वाला संबंध होता है। दोस्त के साथ बातचीत करना इनके लिए मन पर रखा बोझ हल्का करने जैसा होता है। तीसरे घर में धनुधनु, अग्नि से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग में जन्मे लोग दुनिया के साथ बातचीत करते समय थोड़े जटिल हो जाते हैं। वे बात करने में अपनी बुद्धि, जटिल विचारों और दर्शन पर भरोसा करते हैं। दुनिया कैसे काम करती है, इस बारे में उनकी सोच धनु के नजरिए के मुताबिक काम करती है। इनके मुताबिक लोग उच्च शिक्षा से जुड़े होने चाहिए। उनकी सोच आदर्शवादी होनी चाहिए। ये समझ की गहराई को जानते हैं और इसी तरह एक समृद्ध और व्यापक शब्दकोश की जानकारी रखने को पूरा महत्व देते हैं। इनका मानना होता है कि मित्रता बुद्धिमान, साहसी लोगों के साथ की जानी चाहिए। दोस्तों पर पूरा विश्वास होना चाहिए, उनमें भावुकता होनी चाहिए। तीसरे घर में मकरमकर, पृथ्वी से जुड़ी राशि है और यह घर वायु का है। इस संयोग में जन्में जातक लोगों से बातचीत करते समय बहुत ही नियंत्रित होकर बात करते हैं। निर्देश देते हैं और एक रणनीति के आधार पर काम करते हैं। जहां तक बात दुनिया के काम करने के तौर तरीकों की है, इनके पास अंतहीन सवाल हैं। ये सवाल लोगों की जिम्मेदारी और क्षमताओं से जुड़े होते हैं। ये काम शुरू करने से पहले लक्ष्य निर्धारित करना पसंद करते हैं। यह कार्य के दौरान दूसरों को भी प्रोत्साहित करते रहते हैं, प्रेरित करते रहते हैं। जब से किसी के साथ काम करते हैं, आगे बढ़ते हैं तो इनकी दोस्ती भी अपने आप आगे बढ़ती नजर आती है। तीसरे घर में कुंभकुंभ, वायु से जुड़ी राशि है और तीसरा घर वायु का है। इस संयोग में जन्में लोग दुनिया को सामाजिक, वैचारिक और आरामदायक जीवन के नजरिए से देखना पसंद करते हैं। वे जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं। ये जानना चाहते हैं कि लोग आपस में एक साथ कैसे फिट हो जाते हैं, कैसे सामंजस्य बैठा लेते हैं। वे अपने साथियों के साथ समाज और संस्कृति की आनंद कैसे और कहां उठाते हैं। वे मानते हैं कि यह ग्रह संचार या संवाद का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। इसके परिणामस्वरूप ये तकनीक को बेहद प्यार करते हैं। तीसरे भाव में इस राशि के तहत पैदा हुए लोग रचनात्मक, सामाजिक रूप से जागरूक होते हैं। ये सामाजिक ताने बाने को बनाने में रुचि दिखाते हैं। तीसरे घर में मीनमीन, जल से जुड़ी राशि है और तीसरा घर वायु का है।इस संयोग में पैदा हुए लोग दुनिया में दूसरे लोगों से से जुडऩे और उन्हें समझने के लिए अपनी रचनात्मकता, अंतज्र्ञान और सहानुभूति पर भरोसा कर सकते हैं। दुनिया कैसे काम करती है, इसे लेकर उनका नजरिया मीन राशि के नजरिए पर आधारित होता है। ये दूसरे लोगों से संवेदनशील और भावनात्मक होने की उम्मीद करे हैं। ये उन्हीं लोगों से बात करना पसंद करते हैं, जिनका संवाद का तरीका इनके जैसा होता है। उनसे बात करना ऐसा होता है जैसे कोई बारिश हो रही है या कोई झरना बह रहा है। इनके लिए मित्रता सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक या सांस्कृतिक जुड़ाव, कैसी भी हो सकती है। ज्योतिष में तीसरे घर का क्या मतलब है?वैदिक ज्योतिष में तीसरा भाव संचार, यात्रा, भाई- बहनों, कल्पना, मानसिक बुद्धि, इच्छाओं, व्यवहार और रुचियों से जुड़ा होता है। यह आपके ज्ञान और कलात्मक क्षमताओं को प्रकट करता है। तीसरा घर मुख्य रूप से संपर्कों और सभी प्रकार के पत्राचार को नियंत्रित करता है। ज्योतिष में तीसरे घर का क्या मतलब है?वैदिक ज्योतिष में तीसरा भाव संचार, यात्रा, भाई- बहनों, कल्पना, मानसिक बुद्धि, इच्छाओं, व्यवहार और रुचियों से जुड़ा होता है। यह आपके ज्ञान और कलात्मक क्षमताओं को प्रकट करता है। तीसरा घर मुख्य रूप से संपर्कों और सभी प्रकार के पत्राचार को नियंत्रित करता है। तीसरे भाव के लिए कौन सा ग्रह उपयुक्त है?शनि अपनी दो राशियों के साथ तीसरे भाव का स्वामी हो सकता है। तीसरे घर में शनि (वृश्चिक और धनु राशि) बताता है कि जात का कोई छोटा भाई बहन नहीं है। शनि घर के परिणामों को प्रतिबंधित करता है। एक घर में तीन ग्रह होने का मतलब क्या होता है? समापनज्योतिष समय-समय पर आने वाली जीवन की समस्याओं से निपटने में हमारी सहायता करता है। तीसरे घर पर ध्यान देना हमें अपने व्यक्तिगत जीवन और
सांस्कृतिक विकास में ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। Sign Up For पर्सनलाइज़्ड गाइडेंस पाइयेंPopular Postsकुंडली में 3 घर किसका होता है?ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में पहले घर को लग्न स्थान कहते हैं।
तीसरे भाव का स्वामी कौन है?3. तीसरे भाव का स्वामी ग्रह बुध होता है जिसका कारक ग्रह मंगल है। 4. चौथे भाव का स्वामी ग्रह चंद्र होता है जिसका कारक ग्रह भी चंद्र ही है।
कुंडली में खाली घर का क्या मतलब होता है?कुण्डली में गुरू मीन राशि में लग्न अथवा दशम भाव में हो और कोई अशुभ ग्रह उसे नहीं देख रहा हो तो यह मोक्ष प्राप्ति का योग बनता है। जिस व्यक्ति की कुण्डली में राहु आठवें भाव में कमज़ोर स्थिति में हो और छठे अथवा आठवें घर का स्वामी राहु को देख रहा हो तो नरक प्राप्ति योग बनता है।
कुंडली में 11 घर किसका होता है?जन्म कुंडली का 11 वां भाग व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस भाव में गुरु का विराजमान होना व्यक्ति के लिए अति उत्तम माना गया है. जन्म कुंडली : व्यक्ति के जीवन में शिक्षा और उच्च पद का बहुत महत्व होता है.
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