केले की पूजा कैसे की जाती है? - kele kee pooja kaise kee jaatee hai?

डीएनए हिंदी: Hindus में कई पेड़ पौधों की देवताओं की तरह पूजा की जाती है, जैसे पीपल का पेड़, तुलसी (Tulsi) का पौधा. ठीक वैसे ही केले के पेड़ की पूजा (Worship Banana Tree) को भी काफी शुभ माना जाता है. गुरुवार के दिन इस पेड़ की पूजा करना शुभ संकेत का प्रतीक है. शास्त्रों के अनुसार ये पेड़ भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय है, ऐसे में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस पेड़ की पूजा कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि ग्रहों के गुरु बृहस्पति देव को भी प्रसन्न करने के लिए यह दिन खास है. 

ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा (How to do this Puja in Hindi) 

-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके पूजा की तैयारी करें.कहा जाता है कि अगर ये सारा काम आप मौन रहकर करें तो ज्यादा फायदा होगा.
- इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और फिर केले के पेड़ की पूजा करें. 
- इस बात का ध्यान रखें कि घर के आंगन में अगर केले का वृक्ष लगा हो, तो उस पर जल न चढ़ाएं बल्कि घर के बाहर केले के वृक्ष में जल चढ़ाएं और पूजा करें.
- सबसे पहले केले के पेड़ को प्रणाम करें, फिर जल चढ़ाएं, फिर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ अर्पित करें.
- अक्षत और पुष्प चढ़ाकर केले के पेड़ की परिक्रमा करें.

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विष्णु भगवान के साथ केले के पेड़ की भी होती है पूजा 

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ ही ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण देव गुरु बृहस्पति (Brihaspati grah) का दिन माना जाता है. इस दिन श्रीहरि नारायण के साथ ही बृहस्पति देव की भी पूजा की जाती है. आपने देखा होगा कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और केला नहीं खाते हैं क्योंकि उसकी पूजा होती है.

इसके साथ ही केले के पेड़ को पानी से सींचते भी हैं. बहुत से लोग तो केले के पेड़ के पास ही बैठकर गुरुवार व्रत की कथा (Guruvar Vrat katha) पढ़ते हैं और केले के पेड़ को जल अर्पित कर घी का दीपक जलाकर उसकी आरती करते हैं. 

क्यों है इस पेड़ की पूजा का महत्व (Significance of Banana Tree Puja)

शास्त्रों के साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है (Lord vishnu lives in banana tree) इसलिए गुरुवार को श्रीहरि नारायण की पूजा के बाद केले के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

इसके साथ ही मान्यता है कि गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, परिवार में सुख-शांति और खुशियां आती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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Thursday Fasting Rules: हिंदू भक्तों का ऐसा मानना है कि भगवान चेतन और निर्जीव दोनों वस्तुओं में निवास करते हैं. इसलिए पत्थरों में देवताओं का आह्वान करने या प्रकृति की पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. और ऐसी ही एक परंपरा है गुरुवार या बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने की. जानिए केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है? गुरुवार व्रत के नियम क्या हैं? गुरुवार व्रत संपूर्ण पूजा विधि डिटेल में जानें.

केले की जड़ को जल अर्पित करने से मिलती है भगवान विष्णु की कृपा

गुरुवार को बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित किया जाता है और यह दिन ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु को भी समर्पित है. इसलिए, भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और देवताओं के साथ-साथ केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं, जिसे बृहस्पति देव का निवास कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि केले की जड़ में गुरुवार को जल डालने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

गुरुवार व्रत के नियम क्या हैं? (Rules of Thursday fast?)

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें (सूर्योदय से लगभग दो घंटे पहले)

  • ब्रह्मचर्य बनाए रखें.

  • चावल, गेहूं, दाल, मांस, प्याज और लहसुन के सेवन से परहेज करें.

  • भगवान विष्णु का आह्वान करें और विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम जैसे मंत्रों और भजन का जाप करें.

  • अपने बालों को ट्रिम करने या अपनी दाढ़ी शेव करने से बचें.

  • अपने नाखून मत काटें.

  • घर या अन्य जगहों पर केले के पेड़ की पूजा करें.

  • मर्यादा बनाए रखें और अपनी वाणी, कर्म और कार्यों पर नजर रखें.

  • जरूरतमंद को अन्न दान करें.

केले के पेड़ की पूजा का महत्व (Banana Tree Puja Importance)

केले के पेड़ को पृथ्वी पर भगवान बृहस्पति का निवास कहा जाता है. इसलिए माना जाता है कि केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

धार्मिक मान्यता है कि जन्म कुंडली पर ग्रह दोष के बुरे प्रभावों को दूर करने में मदद मिलती है.

केले की पूजा कैसे की जाती है? - kele kee pooja kaise kee jaatee hai?

केले के पेड़ की पूजा कैसे करें? (How to worship Banana tree?)

  • जब तक आप स्नान न करें तब तक न बोलें. यानी इस समय मौन व्रत का पालन करें.

  • केले के पेड़ पर जल चढ़ाएं (ध्यान रहे की केले का पेड़ आपके घर के बाहर हो)

  • केले के पेड़ की जड़ पर फूल चढ़ाएं.

  • केले के पेड़ को हल्दी का गाठ (हल्दी), चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं.

  • अंत में अक्षत अर्पित करें और भगवान बृहस्पति को प्रणाम करते हुए परिक्रमा करें.

  • इस प्रकार केले के पेड़ की पूजा करके बृहस्पति देव को प्रसन्न किया जा सकता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

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Published Date Thu, Nov 17, 2022, 2:14 PM IST

केले की पूजा कब करनी चाहिए?

केले के पौधे की पूजन विधि- बृहस्पतिवार के व्रत में भगवान विष्णु को केले के फल का भोग लगाया जाता है. और इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है.

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा कैसे करें?

शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। इस दिन भक्त बृहस्पति भगवान का व्रत रखने के साथ केले के पेड़ के नीचे बैठकर कथा सुनते या पढ़ते हैं। मान्यता है कि केले के जड़ की गुरुवार को पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

केले की जड़ की पूजा कैसे करें?

केले के पेड़ के पास जाकर आपको उसकी जड़ निकालनी है थोड़ी सी भी जड़ आप को मिलती है तो आपका काम हो जाएगा उसके बाद आपको चुपचाप उस जड़ को लाकर अपने पास में रखनी है उसके बाद उस जड़ को गंगाजल से धो कर पवित्र करलें एवं पीला धागा बांधकर उसे अपनी तिजोरी या पर्स में सदा रखें।

केले के पेड़ में जल डालने से क्या होता है?

धन व समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसकी नियमित पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का नियमित भोग लगाने से वे अति प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं।