पुराणों में अगहन को पवित्र महीना बताया गया है। ये श्री कृष्ण का प्रिय महीना है। इसलिए मार्गशीर्ष मास में भगवान विष्णु और केले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा बताई गई है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं में भी पेड़-पौधों को पूजने का बहुत महत्व है। इन वृक्षों में केले का पेड़ भी पूजनीय है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए अगहन महीने में केले की जड़ में पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं। Show केले के पेड़ की पूजा से पूरी होती मनोकामना दुर्वासा ऋषि से जुड़ी है पौराणिक कथा जब कंदली के पिता ऋषि अंबरीश आए तो अपनी पुत्री को राख बना देखकर बहुत दुखी हुए। तब दुर्वासा ऋषि ने कंदली की राख को वृक्ष में बदल दिया और वरदान दिया कि अब से हर पूजा व अनुष्ठान में इसका विशेष महत्व होगा। इस तरह केले के वृक्ष का जन्म हुआ और केले का फल हर पूजा का प्रसाद बना। वृक्ष पूजनीय मान्य हुआ। डीएनए हिंदी: Hindus में कई पेड़ पौधों की देवताओं की तरह पूजा की जाती है, जैसे पीपल का पेड़, तुलसी (Tulsi) का पौधा. ठीक वैसे ही केले के पेड़ की पूजा (Worship Banana Tree) को भी काफी शुभ माना जाता है. गुरुवार के दिन इस पेड़ की पूजा करना शुभ संकेत का प्रतीक है. शास्त्रों के अनुसार ये पेड़ भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय है, ऐसे में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस पेड़ की पूजा कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि ग्रहों के गुरु बृहस्पति देव को भी प्रसन्न करने के लिए यह दिन खास है. ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा (How to do this Puja in Hindi) -सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके पूजा की तैयारी करें.कहा जाता है कि अगर ये सारा काम आप मौन रहकर करें तो ज्यादा फायदा होगा. यह भी पढ़ें- पूजा में शामिल करें इन चार रंग की चीजें, देखें क्या
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ ही ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण देव गुरु बृहस्पति (Brihaspati grah) का दिन माना जाता है. इस दिन श्रीहरि नारायण के साथ ही बृहस्पति देव की भी पूजा की जाती है. आपने देखा होगा कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और केला नहीं खाते हैं क्योंकि उसकी पूजा होती है. इसके साथ ही केले के पेड़ को पानी से सींचते भी हैं. बहुत से लोग तो केले के पेड़ के पास ही बैठकर गुरुवार व्रत की कथा (Guruvar Vrat katha) पढ़ते हैं और केले के पेड़ को जल अर्पित कर घी का दीपक जलाकर उसकी आरती करते हैं. क्यों है इस पेड़ की पूजा का महत्व (Significance of Banana Tree Puja) शास्त्रों के साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है (Lord vishnu lives in banana tree) इसलिए गुरुवार को श्रीहरि नारायण की पूजा के बाद केले के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. इसके साथ ही मान्यता है कि गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, परिवार में सुख-शांति और खुशियां आती हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) Kele ka ped: केले का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है और कई धार्मिक कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है। दक्षिण भारत में केले बहुतायत में उत्पन्न होते हैं। कहते हैं कि केले में साक्षात विष्णु और लक्ष्मी का वास होता है। धनवान बनने की कामना करें : केल के पौधे की जड़ में प्रतिदिन गंगाजल अर्पित करें। बृहस्पतिवार के दिन विशेष रूप से उसकी पूजा अर्चना करके थोड़ा सा कच्चा दूध भी चढ़ाएं और वहीं पर बैठकर विष्णु-लक्ष्मी से धनवान बनने की कामना करें। जल अर्पित करने के दौरान "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का 21 बार जाप करें। ऐसा करने से आपकी किस्मत तेज होगी और आपके सारे काम बनने लगेंगे। धन व समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसकी नियमित पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का नियमित भोग लगाने से वे अति प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं। केल का पत्ता हर धार्मिक कार्य में इस्तेमाल किया जाता रहा है। केल का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है। केल के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। केल रोचक, मधुर, शक्तिशाली, वीर्य व मांस बढ़ाने वाला, नेत्रदोष में हितकारी है। केला पेड़ का पूजा कैसे करें?तो आइए अब केले के पौधे की विशेष पूजन विधि आपको बताते हैं.. सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें. केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं. हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ समर्पित करें. अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजें चढ़ाएं. केले के पेड़ की परिक्रमा करें. घर के आंगन के केले के वृक्ष को छोड़ किसी दूसरे पेड़ की ही पूजा करना चाहिए. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा कैसे करें?केले के पेड़ की जड़ पर फूल चढ़ाएं. केले के पेड़ को हल्दी का गाठ (हल्दी), चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं. अंत में अक्षत अर्पित करें और भगवान बृहस्पति को प्रणाम करते हुए परिक्रमा करें. इस प्रकार केले के पेड़ की पूजा करके बृहस्पति देव को प्रसन्न किया जा सकता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
केले की जड़ की पूजा कैसे करें?गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि करके केले की जड़ में तांबा के लोटे से जल अर्पित करें। इसमें आप थोड़ा सा हल्दी पाउडर और गुड़ भी मिला सकते हैं। केले की जड़ की परिक्रमा करने के साथ-साथ हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ भी अर्पित कर सकते हैं।
केले के पेड़ में जल कैसे चढ़ाएं?- इस बात का ध्यान रखें कि घर के आंगन में अगर केले का वृक्ष लगा हो, तो उस पर जल न चढ़ाएं बल्कि घर के बाहर केले के वृक्ष में जल चढ़ाएं और पूजा करें. - सबसे पहले केले के पेड़ को प्रणाम करें, फिर जल चढ़ाएं, फिर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ अर्पित करें. - अक्षत और पुष्प चढ़ाकर केले के पेड़ की परिक्रमा करें.
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