कोमल गात का क्या अर्थ है? - komal gaat ka kya arth hai?

अभी तो मधुर वसंत की शुरुआत ही हुई है। इसलिए अभी उसका अंत नहीं होने वाला। हर सुंदर चीज का अस्तित्व थोड़े ही समय के लिए रहता है। या कई बार ऐसा होता है कि उसकी सुंदरता निहारने में हम इतने मगन हो जाते हैं कि हमें लगता है जैसे समय जल्दी बीत गया हो।

वसंत साल का सबसे सुन्दर मौसम होता है और खुशनुमा होने की वजह से लगता है जैसे बहुत थोड़े समय के लिए ठहरता है। कवि ने इसी भावना को चित्रित करने की कोशिश की है।

हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न मृदुल कर
फेरूंगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

वसंत में डालियाँ, कलियाँ और छोटे पौधे सभी कोमल शरीर वाले होते हैं। गात शब्द का मतलब है शरीर। कवि ने लिखा है कि बसंत अपने सपनों जैसे मुलायम हाथों से नींद में डूबी कलियों को जगाने की कोशिश करता है। कोई भी कली जब खिलकर फूल बन जाती है तो ऐसा लगता है कि एक नए सबेरे की शुरुआत हुई है। यहाँ पर प्रत्यूष का मतलब है सबेरा या सुबह।

पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं।
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं।

वसंत ऋतु हर फूल से नींद की आलस को खींचने की कोशिश करता और हर किसी में नये जीवन का अमृत भर देता है।

द्वार दिखा दूंगा फिर उनको
हैं वे मेरे जहाँ अनंत
अभी न होगा मेरा अंत।

जब फूल खिल जायेंगे तो वसंत उन्हें इस असीम संसार के दरवाजे खोलकर उसका मनोहारी दृश्य दिखाएगा।

अगर दार्शनिक तौर पर देखा जाए तो वसंत का कभी अंत नहीं होता। बल्कि वसंत तो एक शुरुआत होती है। वसंत में खिले फूल ही आगे चल के फल बनते हैं। वो फल सभी जीव जंतुओं को भोजन देकर खुशियाँ बाँटते हैं। आखिर में उन्हीं फलों से बीज तैयार होते हैं और एक नई पीढ़ी की शुरुआत होती है। इसलिए वसंत बार-बार ये कह रहा है कि अभी उसका अंत नहीं होगा।

NCERT Solution

कविता से

प्रश्न 1: कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

उत्तर: जीवन एक अंतहीन चक्र के समान चलता रहता है। यदि पौधों के जीवन की बात करें तो बसंत ऋतु में अधिकतर पादपों में फूल लगते हैं। यही फूल बाद में फल बनते हैं, जिनसे पशु पक्षियों को भोजन मिलता है और उनका भरन-पोषण होता है। फलों से जो बीज निकलते हैं उनसे फिर एक नये पादप का सृजन होता है। इस तरह से जीवन का पहिया निरंतर चलता रहता है। इसलिए कवि को विश्वास है कि उसका अंत कभी नहीं होगा, क्योंकि अभी तो जीवन के चक्र की नई शुरुआत हुई है।

प्रश्न 2: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन सा प्रयास करता है?

उत्तर: कवि अपने मुलायम हाथों से फूलों को पुचकारकर जगाने की कोशिश करता है। कवि चाहता है कि फूलों को नींद से जगा दे और उन्हें वसंत का मनोहारी दृश्य दिखा दे।

प्रश्न 3: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

उत्तर: कवि फूलों को अपने हाथों से सहलाकर जगाने की कोशिश करना चाहता है।

कविता से आगे

प्रश्न 1: वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर: वसंत के मौसम में पौधों पर फूल खिलते हैं। इसलिए वसंत की छटा देखने लायक होती है। वैसे तो हर ऋतु सुंदर होती है लेकिन जितने रंग वसंत ऋतु में देखने को मिलते हैं उतने किसी अन्य ऋतु में नहीं। इसलिए वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।

प्रश्न 2: वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

उत्तर: वसंत ऋतु में कई त्योहार आते हैं लेकिन होली का त्योहार सबसे अधिक मजेदार होता है। पौराणिक कथा के अनुसार असुर राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका इसी दिन आग में जलकर मर गई थी। इसलिए होली के एक रात पहले होलिका दहन किया जाता है। होली के दिन सब एक दूसरे को रंग और गुलाल से सराबोर करते हैं। हर घर में तरह तरह के पकवान बनते हैं। गुझिया तो प्राय: हर घर में बनती है। लोग भेदभाव और पुराने झगड़े भूलकर होली के दिन एक दूसरे से गले मिलते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

प्रश्न 3: “ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है” – इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

उत्तर: ऋतु परिवर्तन का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

ऋतु बदलने के साथ हमारी पोशाकें और खान-पान बदल जाता है। सर्दियों में हम ऊनी कपड़े पहने हैं और चाय कॉफी पीना अधिक पसंद करते हैं। गर्मियों में हम सूती कपड़े पहनते हैं और आइसक्रीम और लस्सी पसंद करते हैं।

हमारी दिनचर्या पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। वसंत ऋतु में हम अधिक देर तक खेलना कूदना जारी रख सकते हैं। लेकिन गर्मी में हम जल्दी थक जाते हैं।

बरसात और जाड़े में हमें सर्दी जुकाम से बचने की कोशिश करनी पड़ती है। बरसात आते ही लोग रेनकोट और छाता निकालकर साफ कर लेते हैं, क्योंकि उनकी जरूरत कभी भी पड़ सकती है। जब बारिश होती है तो उस समय पकौड़ों के साथ गरमा गरम चाय पीना बहुत लोगों को पसंद आता है।


Solution : (1) गुणवाचक विशेषण-जो शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के रूप, गुण या रंग सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे—मोटा, लम्बा, काला, हरा, बुरा आदि। <br> (2) परिमाणवाचक विशेषण-किसी वस्तु की नाप-तौल बताने वाले विशेषण परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-एक गज, कुछ ग्राम, पाँच किलो, कम से कम आदि। इसके दो भेद हैं <br> (क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण-जो विशेषण किसी वस्तु की निश्चित मात्रा या उसके माप-तौल का निश्चित ज्ञान कराते हैं, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे दो किलो चीनी, एक लीटर दूध आदि। <br> (ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण-जो विशेषण किसी वस्तु की मात्रा या माप-तौल का निश्चित ज्ञान नहीं कराते हैं, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे—कुछ चीनी, कुछ दूध आदि। <br> (3)संख्यावाचक विशेषण-जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे—कई, हजारों, दस, पाँचवीं संख्या आदि। इसके दो भेद हैं <br> (क)निश्चित संख्यावाचक विशेषण-जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का निश्चित ज्ञान कराते हैं, वे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-दस लड़के, पाँच आम आदि। <br> (ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण-जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते हैं, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे—कुछ लड़के, कई आम आदि। <br> (4) सार्वनामिक विशेषण-जो विशेषण शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की ओर संकेत करते हैं, उन्हें संकेत या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे—यह लड़का, वह आदमी आदि।

कोमल गात शब्द का क्या अर्थ है?

चारों ओर हरियाली छा जाना। चारों ओर हरियाली छा जाना।

कोमल गात वाक्य में कोमल क्या है?

'कोमल गात' में 'कोमल' शब्द एक विशेषण है। यह एक गुणवाचक विशेषण है। कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात' विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात

कोमल गात व्याकरण की दृष्टि से क्या है?

अभी-अभी ही तो आया है मेरे वन में मृदुल वसंत- अभी न होगा मेरा अंत। हरे-हरे ये पात, डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात। मैं ही अपना स्वप्न - मृदुल - कर फेरूँगा निद्रित कलियों पर जगा एक प्रत्यूष मनोहर । न होगा मेरा अंत।

गात शब्द का अर्थ क्या है *?

'गात शब्द का क्या अर्थ है-शरीर