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कान बहने को मेडिकल भाषा में ओटोरिया (Otorrhea) कहते हैं। इसमें कान से तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है। कान बहने को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि, इसे अनुपचारित छोड़ दिया गया तो इन्फेक्शन फैल सकता है। कान बहने के कारण आपको एक साथ कई अन्य समस्याएँ हो सकती हैं जैसे बुखार और सिरदर्द। ज्यादातर मामलों में कान बहने का कारण इयर वैक्स होता है। इयर वैक्स एक आयल है जिसे हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से बनाता है। इयर वैक्स सुनिश्चित करता है कि, कान में किसी प्रकार का बैक्टीरिया और धूल अंदर न जाने पाए। कभी-कभी यह कान से बहने लगता है। कान के परदे फट जाने की वजह से भी कान से तरल पदार्थ या खून का रिसाव हो सकता है। अगर कान से खून का रिसाव हो रहा है तो यह कान के भीतर किसी बड़ी चोट या इन्फेक्शन की ओर इशारा करता है। इस दौरान आपको तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरुरत होती है। हालांकि, कान बहने का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है लेकिन, कुछ सामान्य स्थितियों में आप घरेलू उपचार से इसे ठीक कर सकते हैं।
कान बहने के कारण- what are the causes of ear discharge in hindiकान बहने का मुख्य कारण इयर वैक्स है और यह सामान्य है। इसके और कई कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए हैं- मध्य कान का इन्फेक्शन- Middle ear infectionमध्य कान के इन्फेक्शन को ओटाइटिस मीडिया (Otitis Media) भी कहते हैं। जब कान के भीतर वायरस या बैक्टीरिया चले जाते हैं तो ये मध्य कान को संक्रमित कर देते हैं। इन्फेक्शन की वजह से कान के परदे के पीछे अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का निर्माण होने लगता है। जब बहुत अधिक तरल पदार्थ बनने लगता है तो इसके दबाव से कान का पर्दा फट जाता है जिससे इयर डिस्चार्ज की समस्या होती है। कानों को क्षति (Ear Trauma)किसी नुकीली वस्तु से कान साफ़ करने पर कान के परदे फट जाते हैं और तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है। कभी-कभी खून भी निकलने लगता है। प्रेशर बढ़ने पर कान के परदे में छेद हो सकता है जिसकी वजह से इयर डिस्चार्ज होने लगता है। ऐसा वास्तव में तब होता है जब आप एरोप्लेन में सफर कर रहे होते हैं। एकॉस्टिक ट्रॉमा (Acoustic trauma) की वजह से भी कान बहने की समस्या हो सकती है। यह अत्यधिक शोर के कारण होता है। हालांकि, इसके केसेस बहुत रेयर हैं। ओटाइटिस एक्स्टर्ना (Otitis externa)यह बाहरी कान का संक्रमण है जो बैक्टीरिया या कवक की वजह से होता है। जब हम बहुत देर तक पानी में रहते हैं तो बैक्टीरिया हमारे इयर कैनाल को क्षति पहुंचाते हैं और हमारा कान संक्रमित हो जाता है। बहुत अधिक मॉइस्चर इयर कैनाल की दीवार को कमजोर बना देते हैं और वहां की स्किन फट जाती है। इसकी वजह से खतरनाक बैक्टीरिया कान के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। कान बहने के लक्षणआपके कान से निकलने वाला तरल पदार्थ के कई रंग हो सकते हैं। यह लाल, सफेद रंग का हो सकता है। यह तरल पदार्थ पतला या मोटा भी हो सकता है। कान बहने के लक्षण इसके कारण पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य और मुख्य लक्षण भी हैं जो नीचे दिए गए हैं-
कान बहने का घरेलू इलाजभाप (Steam)कान में भाप देने से इयर वैक्स बाहर निकल जाता है जिससे इयर डिस्चार्ज से छुटकारा मिलता है। एक कटोरे पानी को उबालें और फिर भाप को कान के अंदर लें। इस उपाय को करने में कोई परेशानी हो रही है तो इसे बिल्कुल न करें। ध्यान रखें कि, कान के भीतर एक भी बूँद पानी नहीं जाना चाहिए। नीम का तेलनीम का तेल एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर होता है जो कान बहने के साथ कान में इन्फेक्शन के खतरे को भी कम कर देता है। रुई लें और नीम के तेल में भिगो दें। अब रुई को कान के भीतर रखें। ऐसा करने से कान बहना बंद हो जाता है। कान को झुकाएंकान बहना रोकने के लिए आप ग्रेविटी मेथड ट्राई कर सकते हैं। इसके लिए आपको प्रभावित कान को कुछ समय तक जमीन की ओर झुकाना होता है जिससे सारा तरल पदार्थ नीचे गिर जाता है। आप ऐसा लेटे हुए भी कर सकते हैं। ड्रायरआप ब्लो ड्रायर की मदद से कान बहने की समस्या को रोक सकते हैं। ड्रायर की हवा सबसे धीमे स्तर पर कर लें और कान से लगभग 6 इंच की दूरी पर चलाएं। अगर इस उपाय को करते वक्त कान में दर्द या खुजली होती है तो न करें। इयर ड्रॉप्स (Ear Drops)बाजार में आपको कई अच्छे इयर ड्रॉप्स मिल जाएंगे जो इयर डिस्चार्ज की समस्या को कुछ ही देर में दूर कर देते हैं। आप इयर ड्रॉप्स कानों में खुद ही डाल सकते हैं। कितनी मात्रा में डालना है यह ड्रॉप खरीदते वक्त फार्मासिस्ट से पूछ लें। कान बहने के लिए सर्जरी (Tympanoplasty)कान के परदे फट जाने पर या कान के परदे में छेद हो जाने पर भी इयर डिस्चार्ज की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में घरेलू उपाय अपनाना ठीक नहीं है। इससे बहरापन या सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है। आमतौर पर कान के परदे फट जाने पर आपको टिम्पैनोप्लास्टी की जरूरत होती है। यह एक सर्जरी है जिसके माध्यम से कान के फटे हुए परदे को दोबारा से ठीक कर दिया जाता है। कान बहने से बचाव – Prevention from ear discharge in hindiओटोरिया से बचने के लिए ये टिप्स फॉलो करें-
निष्कर्ष- Conclusionकान बहने के कई कारण हो सकते हैं और इसके लक्षण या इलाज इन्ही कारणों पर निर्भर करते हैं। कान बहने की समस्या इयर वैक्स के कारण हो रही है तो डॉक्टर की सलाह के बाद आप घरेलू उपाय इस्तेमाल में ला सकते हैं। लेकिन, कान के परदे फट जाने या कान में चोट लगने के कारण कान बह रहा है तो खुद से उपाय करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से मिलें और उचित इलाज करवाएं। कान के परदे फट जाने के बाद खुद से इलाज करते रहेंगे तो जिन्दगी भर के लिए बहरेपन का शिकार हो सकते हैं। आप कान के परदे ठीक करने के लिए Pristyn Care से टिम्पैनोप्लास्टी करा सकते हैं। हमारे अनुभवी ENT सर्जन एडवांस उपकरणों का इस्तेमाल कर टिम्पैनोप्लास्टी करते हैं जिससे आप कुछ ही घंटों में रिकवर हो सकते हैं। Pristyn Care अपने रोगियों को डाइग्नोसिस में 30 प्रतिशत की छूट देता है और कई सुविधाएं फ्री में उपलब्ध कराता है। डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| कान का बहना कैसे रोके?मेथीदाना को दूध में भिगाकर पीस लें, इसके बाद इसे हल्का गरम करके कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है. सूरजमुखी के पत्तों का रस तेल में मिलाकर कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है. नीम के तेल में रुई भिगोकर कान में रखने से कान का बहना बंद हो सकता है.
कान बहता हो तो क्या डालना चाहिए?लहसुन और तेल की जोड़ी आपको कान की समस्या में आराम दे सकती है। इसके लिए आपको 4-5 लहसुन की कली लेकर मीठे तेल में डालनी है और फिर इन कलियों को पका लेना है। जब ये हल्का गुनगुना हो तो इस तेल की 3-4 बूंदें अपने कान में डालें। ऐसा करने से आपको फायदा मिल सकता है।
कान बहने की दवाई कौन सी है?नीम का तेल
रुई लें और नीम के तेल में भिगो दें। अब रुई को कान के भीतर रखें। ऐसा करने से कान बहना बंद हो जाता है।
कान से पानी निकलने का कारण क्या है?हमारे कान में मौजूद ईयर वैक्स कानों को बैक्टीरिया, धूल आदि से सुरक्षा प्रदान करता है वहीं कभी-कभी ये वैक्स बीमारी या इंफेक्शन की ओर इशारा भी करता है। कान से निकलने वाला पीला डिस्चार्ज ईयर वैक्स या कान का मैल हो सकता है। जब ये वैक्स पानी के साथ मिल जाता है तो लिक्विड बनकर कानों से बहने लगता है।
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