कौन से दिन किस दिशा में जाना चाहिए? - kaun se din kis disha mein jaana chaahie?

दिशाशूल क्या है (Disha Shool Kya Hai): जब कोई व्यक्ति किसी यात्रा पर निकलता है, तो वो सोचता है कि यात्रा पर जाने से पहले क्या करें? तो चलिए जानते है कि यात्रा पर जाने से पहले क्या करना चाहिए? सबसे पहले तो हमें अपनी यात्रा का शुभ दिन देखना चाहिए, जिससे यह पता चल जाये कि कौन सा दिन शुभ होता है और दिशाशूल कौन कौन से दिन होता है, फिर हमें किस दिन किस दिशा में यात्रा करनी चाहिए ये अच्छे से मालूम हो जायेगा। परन्तु आपकी यात्रा के दिन ही दिशाशूल लगता है तब क्या करें। तो आइये इस लेख के माध्यम से जानते है कि दिशाशूल क्या है और दिशाशूल के उपाय को अपना कर अपनी यात्रा कैसे पूरी करें ?

Disha Shool Kya Hai – दिशाशूल क्या है? यात्रा करने से पहले जानें यात्रा का शुभ दिन

कौन से दिन किस दिशा में जाना चाहिए? - kaun se din kis disha mein jaana chaahie?
Disha Shool Kya Hai

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दिशाशूल क्या है?

सनातन धर्म ग्रंथों में 10 दिशाओं के बारे में बताया गया है, लेकिन आम तौर पर हम लोग नौ दिशाओं में ही यात्रा करते है। हर दिन किसी एक दिशा की ओर दिशाशूल लगता है, और दिशाशूल वह दिशा होती है जिसमें यात्रा करने से बचना चाहिए। क्योंकि अगर दिशाशूल वाली दिशा में यात्रा की जाती है तो, यात्रा कष्टदायक होती है या फिर जिस कार्य के लिए यात्रा की जा रही है उसमें असफलता मिलती है।

इसलिए दिशाशूल लगना किसी भी स्थिति में अच्छा नहीं माना जाता है। दिशाशूल लगने से स्वास्थ्य हानि, धनहानि और मानिसक अशांति होने की संभावना बनी रहती है। जिससे हमें अनेको कष्ट भोगने पड़ सकते हैं।

तो जब भी लम्बी यात्रा पर निकले तो हमे पहले दिशा शूल पर विचार कर लेना चाहिए। परन्तु छोटी यात्रा यानि दिन भर की यात्रा (दिन भर में ही जाना और आना) में दिशाशूल का विचार नहीं किया जाता क्योंकि, उस दशा में दिशाशूल शून्य होता है।

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किस दिन किस दिशा में नहीं जाना है

इस प्रश्न का उत्तर दिशाशूल चार्ट में मिल जायेगा, जिसमे दिशाशूल दिन वार बताया गया है की किस दिन किस दिशा में नहीं जाना है, यानि उस दिन, उस दिशा को छोड़ कर आप दूसरी दिशाओं में यात्रा कर सकते है।

Disha Shool Today – दिशाशूल चार्ट

सोमवार और शुक्रवार सोमवार और शुक्रवार को पूर्व दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
मंगलवार और बुधवार मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
रविवार और शुक्रवार रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
गुरुवार / बृहस्पतिवार   गुरुवार को दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना बहुत ही खतरनाक होता है।
सोमवार और गुरुवार दक्षिण – पूर्व, दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
मंगलवार उत्तर – पश्चिम, दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
बुधवार और शनिवार उत्तर – पूर्व, दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
रविवार और शुक्रवार दक्षिण – पश्चिम, दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
दिशाशूल चार्ट

ध्यान दें – उपरोक्त दिशाशूल चार्ट के अनुसार, अगर आपकी यात्रा में दिशाशूल लग रहा हो तो आप दिशाशूल के उपाय अपनाकर अपनी यात्रा शुरू कर सकते है।

अर्थात, यदि किसी व्यक्ति को कोई अति आवश्यक कार्य के लिए उसी दिशा में यात्रा करनी है जिस दिशा में उस दिन दिशाशूल लगा है तो वह व्यक्ति नीचे दिए गए दिशाशूल के उपाय को अपनाकर अपनी यात्रा प्रारंभ कर सकता है –

दिशाशूल के उपाय

दिशाशूल के उपाय के तौर पर दिशाशूल के दोहे को प्रमुखता से समझ लेंना, आने वाली दिशा शूल की समस्याओं के प्रभाव को समाप्त कर सकता है।

“रवि को पान, सोम को दर्पण। मंगल को गुड़ करिये अर्पण॥
बुधे धनिया बीफ़े जीर। शुक्र कहे मोहि दही की पीर॥
कहै शनि अदरख पाऊं। सुख संपत्ति निश्चय घर लाऊं॥”

अर्थात् किसी भी शुभ कार्य व यात्रा हेतु घर से निकलने के पूर्व

  • रविवार को पान खाकर के यात्रा करनी चाहिए।
  • सोमवार को दर्पण में मुंह देखकर के यात्रा करनी चाहिए।
  • मंगलवार को गुड़ खाकर के यात्रा करनी चाहिए।
  • बुधवार को धनिया खाकर के यात्रा करनी चाहिए।
  • गुरुवार को जीरा खाना चाहिए।
  • शुक्रवार को दही खाकर यात्रा करनी चाहिए और 
  • शनिवार को अदरख खाकर के यात्रा करने से सभी कार्य सफल होते हैं।

हम आशा करते हैं कि इस लेख में दी गई दिशाशूल क्या है की जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी, और आप दिशाशूल के उपाय को अपना कर अपनी यात्रा को सुखद और मंगलमय बनाएंगे। तथा जीवन में सफ़लता प्राप्त कर सकेंगे।

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अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। 17Passion.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

किस दिशा में कब यात्रा करनी चाहिए?

रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है। दक्षिण की दिशा में यात्रा के लिए सोमवार को उत्तम माना जाता है। मंगलवार पूर्व व दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ होता है।

यात्रा करने के लिए शुभ दिन कौन सा है?

दशमी तिथि के दिन यात्रा करना इस तिथि के दिन यात्रा करना शुभ माना जाता है। अगर आप किसी उद्देश्य की वजह से यात्रा करते हैं या फिर सैर-सपाटे के लिए यात्रा करते हैं तब भी आपको यात्रा में लाभ प्राप्त होता है।

बृहस्पतिवार को कौन सी दिशा में नहीं जाना चाहिए?

बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व कोण में दिशा शूल होता है। गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशा शूल माना जाता है। इसलिए गुरुवार को दक्षिण दिशा की तरफ जाने से बचें। अगर फिर भी जरूरी हो तो उपाय के तौर पर दही खाकर घर से बाहर जाएं।

शनिवार को कौन सी दिशा में नहीं जाना चाहिए?

सोमवार और शनिवार के दिन पूरब दिशा में किसी भी शुभ काम के लिए यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दिशाशूल लगता है. दिशाशूल के कारण इस दिशा में यात्रा करने से कष्टों का सामना करना पड़ता है. रविवार और शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है. मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए.