कदा आयोजन कब किस दिनांक को मनाया जाता है? - kada aayojan kab kis dinaank ko manaaya jaata hai?

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महालक्ष्मी व्रत हिन्दूओं के महत्त्वपूर्ण व्रत होता है। लक्ष्मी को धन के देवी कहा जाता है। देवी लक्ष्मी जी भगवान श्री विष्णु की धर्म पत्नी हैं। महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल अष्टमी से प्रारम्भ होता है और अगले 16 दिनों तक यह व्रत किया जाता है। यह व्रत राधाष्टमी के दिन किया जाता है। महालक्ष्मी व्रत, गणेश चतुर्थी के चार दिन पश्चात् आता है। यह व्रत का समापन आश्विन माह की कृष्ण अष्टमी को होता है। तिथियों के घटने-बढ़ने के आधार पर, उपवास की अवधि पन्द्रह दिन अथवा सत्रह हो सकती है। इस व्रत का पालन धन व समृद्धि की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये किया जाता है।

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को देवी राधा की जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है। देवी राधा जयन्ती को राधा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। जिस दिन महालक्ष्मी व्रत आरम्भ होता है, वह दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन दूर्वा अष्टमी व्रत भी होता है। दूर्वा अष्टमी पर दूर्वा घास की पूजा की जाती है। इस दिन को ज्येष्ठ देवी पूजा के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके अन्तर्गत निरन्तर त्रिदिवसीय देवी पूजन किया जाता है।

करिष्येऽहं महालक्ष्मी व्रत से स्वत्परायणा।
तविध्नेन में मातु समाप्ति स्वत्प्रसादतः।।

हे देवी! मैं आपकी सेवा में तत्पर होकर आपके इस महाव्रत का पालन करूँगी। आपकी कृपा से यह व्रत बिना विध्नों के पूर्ण हो।

पूजा विधान

सोलह तार का डोरा लेकर उसमें सोलह गाँठ लगा लें। हल्दी की गाँठ घिसकर डोरे को रंग लें। डोरे को हाथ की कलाई में बाँध लें।

यह व्रत आश्विन कृष्ण अष्टमी तक चलता है। व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से एक मंडप बनावें। उसमें लक्ष्मीजी की प्रतिमा रखें। प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करावें। सोलह प्रकार से पूजा करावें। रात्रि में तारागणों को पृथ्वी के प्रति अघ्र्य देवें और लक्ष्मी की प्रार्थना करें। व्रत रखने वाली स्त्रियाँ ब्राह्मणों को भोजन करावें। उनसे हवन करायें और खीर की आहुति दें। चन्दन, ताल, पत्र, पुष्पमाला, अक्षत, दुर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल तथा नाना प्रकार के पदार्थ नये सूप में सोलह-सोलह की संख्या में रखें, फिर नये दूसरे सूप को ढक कर निम्न मन्त्र को पढ़कर लक्ष्मीजी को समर्पित करें -

क्षीरोदार्णवसम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा।
व्रतेनाप्नेन सन्तुष्टा भवर्तोद्वापुबल्लभा।।

क्षीर सागर में प्रगट हुई लक्ष्मी, चन्द्रमा की बहन, श्रीविष्णु वल्लभा, महालक्ष्मी इस व्रत से सन्तुष्ट हों।

इसके बाद चार ब्राह्मण और सोलह ब्राह्मणियों को भोजन कराकर दक्षिणा देकर विदा करें, फिर घर में बैठकर स्वयं भोजन करें। इस प्रकार जो व्रत करते हैं, वे इस लोक मं सुख भोगकर बहुत काल तक लक्ष्मी लोक में सुख भोगते हैं।

प्राचीन समय की बात है कि एक बार एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था. वह ब्राह्मण नियमित रुप से श्री विष्णु का पूजन किया करता था। उसकी पूजा-भक्ति से प्रसन्न होकर उसे भगवान श्री विष्णु ने दर्शन दिये और ब्राह्मण से अपनी मनोकामना मांगने के लिए कहा -

ब्राह्मण ने लक्ष्मी जी का निवास अपने घर में होने की इच्छा जाहिर की. यह सुनकर श्री विष्णु जी ने लक्ष्मी जी की प्राप्ति का मार्ग ब्राह्मण को बता दिया. जिसमें श्री हरि ने बताया कि मंदिर के सामने एक स्त्री आती है जो यहां आकर उपले थापती है. तुम उसे अपने घर आने का आमंत्रण देना और वह स्त्री ही देवी लक्ष्मी है।

देवी लक्ष्मी जी के तुम्हारे घर आने के बाद तुम्हारा घर धन और धान्य से भर जाएगा. यह कहकर श्री विष्णु चले गए. अगले दिन वह सुबह चार बजे ही मंदिर के सामने बैठ गया। लक्ष्मी जी उपले थापने के लिए आईं तो ब्राह्मण ने उनसे अपने घर आने का निवेदन किया।

ब्राह्मण की बात सुनकर लक्ष्मी जी समझ गई कि यह सब विष्णु जी के कहने से हुआ है।

लक्ष्मी जी ने ब्राह्मण से कहा की तुम महालक्ष्मी व्रत करो, 16 दिनों तक व्रत करने और सोलहवें दिन रात्रि को चन्द्रमा को अर्ध्य देने से तुम्हारा मनोरथ पूरा होगा। ब्राह्मण ने देवी के कहे अनुसार व्रत और पूजन किया और देवी को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पुकारा, लक्ष्मी जी ने अपना वचन पूरा किया। उस दिन से यह व्रत इस दिन विधि-विधान से करने व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है।

क्या यह विरोध प्रदर्शन है या जश्न का आयोजन? क्या इसी तर्ज़ पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का आयोजन भी होता है?

कोविड संक्रमण के दौर में इस साल क्या इसका आयोजन होगा?

ये सब वो सवाल हैं जो आपके मन में भी आते होंगे, लिहाज़ा जानिए इन सभी सवालों के जवाब.

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क्लारा जेटकिन ने 1910 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत की थी

1 - इसका आयोजन कैसे शुरू हुआ?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन एक श्रम आंदोलन था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने सालाना आयोजन के तौर पर स्वीकृति दी. इस आयोजन की शुरुआत का बीज 1908 में तब पड़ा, जब न्यूयॉर्क शहर में 15 हज़ार महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने की माँग के साथ विरोध प्रदर्शन निकाला था.

इसके एक साल बाद अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की. लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला के दिमाग़ में आया था. उन्होंने अपना ये आइडिया 1910 में कॉपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में दिया था.

इस कांफ्रेंस में 17 देशों की 100 महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही थीं, इन सबने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में बनाया गया. इसका शताब्दी आयोजन 2011 में मनाया गया था, इस लिहाज़ से 2021 में दुनिया 110वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएगी.

हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे मनाने की शुरुआत 1975 में तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने इस आयोजन को मनाना शुरू किया. संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में पहली बार इसके आयोजन में एक थीम को अपनाया, वह थीम थी - 'अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ.'

महिलाएं समाज में, राजनीति में और अर्थशास्त्र में कहाँ तक पहुँची हैं, इसके जश्न के तौर पर इंटरनेशनल वीमेंस डे का आयोजन होता है, लेकिन इस आयोजन के केंद्र में प्रदर्शन की अहमियत रही है, लिहाज़ा महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं को लेकर ज़ागरूकता बढ़ाने के लिए विरोध प्रदर्शन का आयोजन भी होता है.

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तुर्की में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में शामिल होती महिलाएं

2 - इंटरनेशनल वीमेंस डे कब मनाया जाता है?

इसका आयोजन 8 मार्च को होता है. क्लारा ने जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आइडिया दिया था, तब उन्होंने किसी ख़ास दिन का जिक्र नहीं किया था. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किस दिन हो, 1917 तक इसकी कोई स्पष्टता नहीं थी.

साल 1917 में रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति की माँग के साथ चार दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था. तत्कालीन रूसी ज़ार को सत्ता त्यागनी पड़ी और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया.

जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, वह रूस में इस्तेमाल होने वाले जूलियन कैलेंडर के मुताबिक़, 23 फ़रवरी और रविवार का दिन था.

यही दिन ग्रेगॉरियन कैलेंडर के मुताबिक़, आठ मार्च था और तब से इसी दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा.

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बैंगनी रंग अक्सर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जोड़कर देखा जाता है

3 - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने वाले कौन-कौन से रंग हैं?

बैंगनी, हरा और सफेद - ये तीनों इंटरनेशनल वीमेंस डे के रंग हैं.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के मुताबिक़, "बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का सूचक है. हरा रंग उम्मीद का रंग है. सफ़ेद रंग को शुद्धता का सूचक माना गया है. ये तीनों रंग 1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (डब्ल्यूएसपीयू) ने तय किए थे."

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'बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर' की पांच नॉमिनी

4 - क्या इंटरनेशनल मेंस डे का आयोजन भी होता है?

जी हाँ, इंटरनेशनल मेंस डे का आयोजन 19 नवंबर को होता है. लेकिन इसकी शुरुआत 1990 के दशक के बाद हुई है और इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता नहीं मिली है. हालांकि, दुनियाभर के 80 देशों में इसे मनाया जाता है.

इस डे का आयोजन 'पुरुषों द्वारा दुनिया, अपने परिवार और समुदाय में लाये गए पॉज़िटिव मूल्यों' के लिए किया जाता है, जिसमें पॉज़िटिव रोल मॉडलों की भूमिका को रेखांकित किया जाता है और पुरुषों के बेहतर जीवन को लेकर ज़ागरूकता फैलाई जाती है.

2020 के इंटरनेशनल मेंस डे के आयोजन की थीम थी - 'पुरुषों और लड़कों के लिए बेहतर स्वास्थ्य.'

5 - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन किस तरह होता है, क्या इस साल यह आयोजन वर्चुअल होगा?

रूस सहित दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है. रूस में आठ मार्च के आसपास तीन चार दिनों में फूलों की बिक्री दोगुनी हो जाती है. चीन में स्टेट काउंसिल की सलाह के मुताबिक़, आठ मार्च को महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी मिलती है, हालांकि सभी नियोक्ता इसका ठीक से पालन नहीं करते हैं.

इटली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर लोग एक दूसरे को छुई-मुई का फूल देते हैं. इस परंपरा के शुरु होने की वजह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रोम में इस चलन की शुरुआत हुई.

अमेरिका में 'मार्च' महिला इतिहास का महीना होता है. हर साल जारी होने वाली घोषणा के ज़रिए राष्ट्रपति अमेरिकी महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करते हैं. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए दुनिया भर में ज़्यादा से ज़्यादा वर्चुअल आयोजन होने की उम्मीद है.

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अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस

6 - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 का थीम क्या है?

इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है - #ChooseToChallenge.

यह थीम इस विचार से चुना गया है कि बदलती हुई दुनिया एक चुनौतीपूर्ण दुनिया है और व्यक्तिगत तौर पर हम सब अपने विचार और कार्य के लिए ज़िम्मेदार हैं.

अभियान में कहा गया है कि "हम सब लैंगिक भेदभाव और असमानता को चुनौती दे सकते हैं. हम सब महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना सकते हैं. सामूहिक रूप से, हम सब एक समावेशी दुनिया बनाने में योगदान दे सकते हैं."

लोगों से पूछा जा रहा है कि क्या वे असमानता दूर करके बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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साल 2020 में किर्गिस्तान पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में शिरकत करती महिलाओं को गिरफ़्तार कर लिया था

7 - हमें इस आयोजन की ज़रूरत क्यों है?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ने अपने अभियान में कहा कि "एक शताब्दी के बाद भी हम लोग लैंगिक समानता हासिल नहीं कर सके हैं. हम लोग अपने जीवन में लैंगिक समानता नहीं देख पाएंगे और ना ही हमारे बच्चों में कई इसे देख पाएंगे."

इतना ही नहीं, यूएन वीमेन के हाल के आंकड़ों के मुताबिक़, कोरोना संक्रमण के चलते वह सब ख़त्म हो सकता है जो लैंगिक समानता की लड़ाई में पिछले 25 सालों में हासिल किया गया था. कोरोना महामारी के चलते महिलाएं ज़्यादातर घरेलू काम कर रही हैं और इसका असर नौकरियों और शिक्षा के अवसरों पर भी दिखेगा.

हालांकि, कोरोना संक्रमण के बाद भी इंटरनेशनल वीमेंस डे-2020 के दौरान कई प्रदर्शन देखने को मिले थे. इनमें से ज़्यादातर प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे. लेकिन किरगिज़ की राजधानी बिशकेक में पुलिस ने दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं को तब गिरफ़्तार कर लिया था, जब प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर नकाबपोश पुरुषों ने हमला किया था.

देश की महिला कार्यकर्ताओं का मानना है कि महिला अधिकारों की स्थिति पहले से ख़राब हो रही है. हिंसक धमकी और क़ानूनी मामलों के बाद भी पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे.

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दुनिया बदलती महिलाएं

मेक्सिको में महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए 80 हज़ार से ज़्यादा लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे लेकिन इनमें 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे. रैली शांतिपूर्ण ढंग से निकली थी, लेकिन पुलिसकर्मियों के मुताबिक़ पेट्रोल बम फेंके जाने के बाद उन्हें टियर गैस चलाने पड़े.

पिछले कुछ सालों में महिला आंदोलन की स्थिति लगातार बेहतर हुई है. इस साल अमेरिका में कमला हैरिस के तौर पर पहली काली और एशियाई मूल की महिला उप-राष्ट्रपति के पद तक पहुँची हैं. साल 2019 में फ़िनलैंड में नई गठबंधन सरकार चुनी गई, जिनका नेतृत्व पाँच महिलाओं के हाथों में है.

वहीं उत्तरी आयरलैंड में गर्भपात को ग़ैर-क़ानूनी क़रार दिया गया. इसके अलावा सूडान में सार्वजनिक जगहों पर महिलाएं कैसे कपड़ें पहनें, इसको लेकर बनाये गए क़ानून को वापस लेना पड़ा.

इसके अलावा इस दौरान #MeToo अभियान का असर भी देखने को मिला. इसकी शुरुआत 2017 में हुई जिसके तहत महिलाओं ने इस हैशटैग के साथ सोशल मीडिया में उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना शुरू किया था.

अब इसका चलन दुनिया भर में बढ़ा है, जो यह बता रहा है कि अस्वीकार्य और अनुचित व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इन मामलों में कई हाई प्रोफ़ाइल लोगों को सजा मिली है.

BBC 100 Women हर साल दुनिया भर की 100 प्रभावशाली और प्रेरक महिलाओं की सूची और उनकी कहानियों को लेकर आता है.

हम उनके जीवन पर डॉक्यूमेंट्री और फ़ीचर बनाते हैं, उनका इंटरव्यू करते हैं और उन कहानियों को ज़्यादा से ज़्यादा जगहों तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं जिनके केंद्र में महिलाएं हों.

कदा आयोज्यते कब किस दिनांक को मनाया जाता है संस्कृत?

भारत में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। वैदिक साहित्य में इसे श्रावणी कहा जाता था। इसी दिन गुरुकुलों में वेदाध्ययन कराने से पहले यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है।

कदा आयोजित कब किस दिनांक को मनाया जाता है?

संस्कृत दिवस
विवरण
'संस्कृत दिवस' भारत में प्रत्येक वर्ष बड़े स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस देवभाषा कही जाने वाली प्राचीन भाषा 'संस्कृत' से सम्बंधित है।
देश
भारत
तिथि
श्रावणी पूर्णिमा
शुरुआत
1969 से
संस्कृत दिवस - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागरbharatdiscovery.org › india › संस्कृत_दिवसnull

कब किस दिनांक को मनाया जाता है संस्कृत में बताइए?

इस दिन संस्कृत भाषा पर ध्यान केंद्रित करते हुए के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। World Sanskrit Day: आज 12 अगस्त, 2022 की तारीख काफी खास है। आज के दिन को विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है।

संस्कृत दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

22 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस है। यह दिन प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में संस्कृत भाषा के प्राचीनतम भाषा होने की वजह से यह दिन मनाया जाता है। हमारी धार्मिक संस्कृति में इसे देव भाषा कहा जाता है।