These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 नीड़ का निर्माण फिर-फिर (मंजरी). समस्त पद्यांशों की व्याख्या संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के नीड़ का निर्माण फिर-फिर’ कविता से उद्धृत हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन’ हैं। प्रसंग – कवि ने कविता द्वारा जीवन की कठिनाइयों से लड़ने और सब कुछ नष्ट हो जाने पर भी फिर से नए निर्माण की प्रेरणा दी है। व्याख्या – हे पक्षी! अपने नष्ट हुए घोंसले का फिर से निर्माण कर और अपने मीठे स्वर से इस संसार में फिर से प्रेम और स्नेह भर दे। बह चले झोंके ………………………………………. फिर फिर। संदर्भ – पूर्ववत्।। प्रसंग – रात्रि के भयंकर तूफान और आँधी ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। व्याख्या – रात्रि में आई आँधी इतनी भयंकर और विनाशकारी थी कि उससे बड़े आकार वाले पर्वत भी हिल उठे। अच्छे और बड़े-बड़े पेड़ टूटकर जड़ समेत उखड़-उखड़कर नीचे गिर पड़े। फिर तिनकों से बने घोंसले नष्ट होने से कैसे बच सकते थे? अर्थात् घोंसले भी नष्ट हो गए। कंकड़, पत्थर और ईंट से बने सुदृढ़ महल भी डगमगा गए। इतने (UPBoardSolutions.com) विनाश के होने पर भी आशारूपी पक्षी छिपा बैठा था। यह पक्षी आकाश में ऊँचा चढ़कर गर्व से अपनी छाती खोले उड़ रहा था। नए सिरे से फिर से घोंसले के निर्माण में व्यस्त होकर, स्नेह और प्रेम को निमन्त्रण देकर सृजन में लगा था। प्रश्न-अभ्यास। कुछ करने को प्रश्न 1. आशाएँ जीवन का शुभ लक्षण हैं। इनके सहारे मनुष्य घोर विपत्तियों में दुश्चिंताओं को हँसते-हँसते जीत लेता है जो केवल दुनिया का रोना रोते रहते हैं उन्हें अर्धमृत ही समझना चाहिए किन्तु आशावान व्यक्ति पौरुष के लिए सदैव समुद्यत रहता है। वह हाथ में फावड़ा लेकर टूट पड़ता है। खेतों में मिट्टी से सोना पैदा कर लेता है। आशावान व्यक्ति अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करता है। वह औरों के आगे अपना हाथ नहीं फैलाता है वरन् औरों को जीवन देता है। आशा और आत्मविश्वास चिरसंगी है। आशावादी व्यक्ति का आत्मविश्वासी होना भी अवश्यंभावी है। आत्मविश्वास से आंतरिक शक्तियाँ जागृत होती हैं। इन शक्तियों को वह जिस कार्य में जुटा दे, वहीं आश्चर्यजनक सफलता दिखाई देने लगेगी। संपूर्ण मानसिक चेष्टाओं से किए हुए प्रयास असफल नहीं होते किन्तु निराशा वह मानवीय दुर्गुण है जो वृद्धि को (UPBoardSolutions.com) भ्रमित कर देता है। मानसिक शक्तियों को लुज-पुंज कर देता है। ऐसा व्यक्ति आधे मन से डरा-डरा सा काम करेगा। ऐसी अवस्था में सफलता प्राप्त कर सकना संभव नहीं है। जहाँ आशा नहीं वहाँ प्रयत्न नहीं।। विद्वान विचारक स्वेट मार्डन ने लिखा है-निराशावाद भयंकर राक्षस है जो हमारे नाश की ताक में बैठा रहता है। निराशावादी प्रगति की भावना का त्याग कर देते हैं। यदि कभी उन्नति करने का कुछ खयाल आया भी तो विपत्तियों के पहाड़ उन्हें दिखाई देने लगते हैं। कार्य आरम्भ नहीं हुआ कि चिंताओं के बादल मँडराने लगे पर आशावादी व्यक्ति प्रसन्न होकर कार्य प्रारम्भ करता है। गतिमान बने रहने के लिए मुसीबतों को सहायक मानकर चलता है। उत्साहपूर्वक अंत तक पूर्व नियोजित कार्य में सन्नद्ध रहता, है इसी से उसकी आशाएँ फलवती होती हैं। प्रश्न 2. विचार और कल्पना. प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. कविता से प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (ख) तेज आँधी के झोंकों के चलने से जब बड़े-बड़े पेड़-पर्वत काँपने लगते हैं, बड़े-बड़े पेड़ उखड़ जाते हैं, तब तिनकों से बने हुए घोंसलों की क्या स्थिति होगी? प्रश्न 4. प्रश्न 5. (क) रात-सा दिन हो गया, फिर रात आयी और काली। भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (क) कविता में आए कठिन शब्दों के अर्थ शब्दकोश से ढूंढकर लिखिए। (ख) इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए। (ग) कविता पर अपने साथियों से पूछने के लिए प्रश्न बनाइए।
(घ) कविता को उचित शीर्षक दीजिए। We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 नीड़ का निर्माण फिर-फिर (मंजरी) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 नीड़ का निर्माण फिर-फिर (मंजरी), drop a comment below and we will get back to you at the earliest. |