क्या हम रात में गायत्री मंत्र कर सकते हैं? - kya ham raat mein gaayatree mantr kar sakate hain?

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे उत्तम और सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह एक ऐसा मंत्र है जो न सिर्फ हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों की जुबान रहता है बल्कि अन्य धर्म के लोग भी इस मंत्र के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। कई शोधों में इस बात को माना गया है कि गायत्री मंत्र के जाप से कई फायदे मिलते हैं।

1.वेदों की कुल संख्या चार है और चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सवितृ हैं।

2.इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित तीन बार जप करने वाले व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती।

3.गायत्री मंत्र के जप से कई तरह का लाभ मिलता है। यह मंत्र कहता है 'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।'

4.इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।

5.गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है।

6.मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं लेकिन रात्रि में इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए।

7.रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं होता है। उल्टे इसका मिल सकता है कोई गलत परिणाम..... इसलिए यह गलती भूलकर भी न करें। रात्रि काल में गायत्री मंत्र बिलकुल न जपें।


8.गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं। यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला मंत्र बताया है।

9.आर्थिक मामलों में परेशानी आने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थिक बाधा दूर होती है।

10.छात्रों के लिए यह मंत्र बहुत ही फायदेमंद है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है, इसलिए उसे मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।

11.नियमित रूप से 108 बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्धि प्रखर और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है। यह मंत्र व्यक्ति की बुद्धि और विवेक को निखारने का भी काम करता है।

मंत्र जप एक ऐसा उपाय है, जिससे सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। शास्त्रों में मंत्रों को बहुत शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावी मंत्रों में से एक मंत्र है गायत्री मंत्र। इसके जप से बहुत जल्दी शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।

गायत्री मंत्र जप के लिए 3 समय बताए गए हैं, जप के समय को संध्याकाल भी कहा जाता है।

* गायत्री मंत्र के जप का पहला समय है सुबह का। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए। जप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।

* मंत्र जप के लिए दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में भी इस मंत्र का जप किया जाता है।

* इसके बाद तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले। सूर्यास्त से पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए।

यदि संध्याकाल के अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिए। मंत्र जप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

* ये हैं पवित्र और चमत्कारी गायत्री मंत्र :

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

- सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र जप की विधि :

* इस मंत्र के जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है।

* जप से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लेना चाहिए।

* मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।

* घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए मंत्र का जप करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जप के 8 फायदे

* उत्साह एवं सकारात्मकता बढ़ती है।

* धर्म और सेवा कार्यों में मन लगता है।

* पूर्वाभास होने लगता है।

* आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है।

* स्वप्न सिद्धि प्राप्त होती है।

* क्रोध शांत होता है।

* त्वचा में चमक आती है।

* बुराइयों से मन दूर होता है।

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    शास्‍त्रों में बताए गए हैं ये नियम

    हमारे धर्म शास्‍त्रों और पुराणों में पूजापाठ और दिनचर्या से जुड़े कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना हर व्‍यक्ति के लिए जरूरी माना गया है। सुबह उठने से लेकर रात्रि में सोने तक हर पहर को लेकर शास्‍त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से न सिर्फ हमारे जीवन में खुशहाली आती है, बल्कि हमें पूजापाठ का भी उचित फल प्राप्‍त होता है। इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं वे 5 काम, जो आपको सोने से पहले भूलकर भी नहीं करने चाहिए।

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    गायत्री मंत्र का जप

    शास्‍त्रों में इसके बारे में विस्‍तार से बताया गया है। ज्ञान और शक्ति रूपा माता गायत्री के मंत्र का जप समस्‍त प्राणियों के लिए कल्‍याणकारी बताया गया है, लेकिन इसके लिए नियत समय, नियम और मर्यादा का पालन करना जरूरी होता है। गायत्री मंत्र जपने का सर्वथा उपयुक्‍त समय सुबह सूर्योदय से पहले और संध्‍याकाल में होता है। रात को सोने से पहले कभी भी गायत्री मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। गायत्री माता के 3 स्‍वरूप माने गए हैं जो कि प्रात:, दोपहर और संध्‍या होते हैं। धार्मिक दृष्टि से सुबह के समय खड़े होकर किया गया संध्याकर्म और गायत्री जप रात के पाप और दोषों को दूर करते हैं और शाम को बैठकर किया गया संध्या कर्म और गायत्री जप दिन में हुए दोष और पाप नष्ट करते हैं।

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    पितरों का ध्यान

    रात को सोने से पहले पितरों का ध्‍यान करने को भी शास्‍त्रों में मना किया गया है। पितरों के वंदन का समय दोपहर माना गया है। पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए शाम के वक्‍त गोधूलि बेला में दक्षिण और पश्चिम दिशा में एक दीया जलाकर रखें या फिर कोई बल्‍ब भी जला सकते हैं। मान्‍यता है कि ऐसा करने से पितरों का मार्ग प्रशस्‍त होता है। रात को सोने से पहले आपको अपने ईष्‍ट देवता या फिर कुल देवता का ध्‍यान करके सोना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आप प्रगति करते हैं।

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    सोने से पहले न देखें आइना

    रात को सोने से पहले आपको आइना नहीं देखना चाहिए। इसे वास्‍तु के लिहाज से भी अच्‍छा नहीं माना जाता है। ऐसी मान्‍यता है रात को सोने से पहले आइना देखकर सोने से डरावने सपने आते हैं। अगर आपके बेडरूम में आईना है भी तो रात को सोने से पहले उसे ढक दें ताकि सोते वक्‍त परिवार के किसी भी सदस्‍य की परछाई उसमें न दिखे। वहीं वास्‍तु में यह भी कहा जाता है कि सुब‍ह भी उठते ही आइने में अपनी सूरत नहीं देखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोकर उठने के बाद आपके चेहरे पर आलस्‍य होता है और आपके ऊपर नकारात्‍मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। इसलिए आइने में चेहरा देखने से इस नकारात्‍मक ऊर्जा में और बढ़ोतरी हो जाती है और आपका पूरा दिन अच्‍छा नहीं गुजरता। ऐसी भी मान्यता है कि रात को आइना देखने से चेहरे पर छाइयां भी नजर आने लगती हैं।

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    सोने से पहले न करें शिवजी के दर्शन

    भगवान शिव को विरक्ति और वैराग्‍य का प्रतीक माना जाता है इसलिए सोने से पहले भगवान शिव का चेहरा नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आपके दांपत्‍य जीवन में अलगाव पैदा हो सकता है। इसलिए शयनकक्ष में भगवान शंकर की तस्‍वीर या प्रतिमा लगाने को मना किया जाता है। वहीं पूजापाठ में भगवान शिव के गृहस्‍थ रूप महादेव की पूजा की जाती है। आप चाहें तो सोने से पहले भगवान कृष्‍ण और राधाजी के दर्शन कर सकते हैं। इससे आपके दांपत्‍य में मधुरता लौटने के साथ उत्‍सुकता बनी रहती है।

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    सोने से पहले खूब न हंसें

    हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक या फिर धार्मिक आधार नहीं है कि सोने से पहले हंसें न, लेकिन लोक मान्‍यताओं के आधार पर ऐसा कहा जाता है कि किसी भी व्‍यक्ति को सोने से पहले बहुत हंसना नहीं चाहिए, नहीं तो अगले दिन सुबह से लेकर रात तक उसे कष्‍टों का सामना करना पड़ता है।

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गायत्री मंत्र कब करना चाहिए?

इस समय करें गायत्री मंत्र का जप पहला समय प्रात:काल का, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले गायत्री मंत्र का जप शुरू करके सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम का सायंकाल में सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना अच्छा माना गया है।

गायत्री मंत्र कितने दिन में सिद्ध होता है?

रविवार के दिन गायत्री मंत्र के जप के बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने से सभी कार्य सिद्ध होती है। ऋग्वेद में गायत्री महामंत्र का उल्लेख आता है कि इसे जपने या उच्चारण करने से जीवन प्रखर व तेजोमय बनता है।

गायत्री मंत्र कब नहीं करना चाहिए?

यदि संध्याकाल के अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिएमंत्र जप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए

रात को सोते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

इससे भूत-प्रेत का डर खत्म होता है और अनिद्रा की समस्या दूर होती है. -ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। -राम शिव हरे राम शिव राम राम शिव हरे. रात को सोने से पहले इन सबी मंत्रों का जाप आपके लिए लाभदायक हैं.