मानसून के सीजन में हर कोई जामुन का स्वाद चखना चाहता है। जामुन का स्वाद मीठा और हल्का खट्टा होता है। वैसे तो जामुन में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं पर क्या इसका सेवन प्रेग्नेंसी में फायदेमंद है? प्रेग्नेंसी में डाइट और एक्टीविटी का गहरा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है इसलिए कुछ भी खाने से पहले डॉक्टर सलाह लेने के लिए कहते हैं। इस लेख में हम प्रेगनेंसी के दौरान जामुन खाने के फायदे, ज्यादा सेवन के नुकसान और खाने से जुड़ी कुछ सावधानियों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डायटीशियन Sanah Gill से बात की। Show
क्या प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते हैं? (Jamun During Pregnancy: Safe or Not)100 ग्राम जामुन की बात करें तो उसमें करीब 50 से 60 कैलोरीज होती हैं। आपके लिए प्रेग्नेंसी में जामुन का सेवन सेफ है पर मात्रा का ध्यान रखें। आप दिन में 5 से 6 जामुन का सेवन कर सकते हैं। जामुन का सेवन करने से मां और बच्चे को कोई गंभीर समस्या नहीं होती। प्रेग्नेंसी में जामुन खाने के फायदे (Benefits of Eating Jamun During Pregnancy)
ज्यादा जामुन खाने के साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of Eating Jamun During Pregnancy)प्रेगनेंसी के दौरान जामुन का ज्यादा सेवन करने से कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं-
इसे भी पढ़ें- जामुन की छाल दूर कर सकती है आपकी ये 6 समस्याएं, आयुर्वेदाचार्य से जानें कैसे करें प्रयोग जामुन का सेवन करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
जामुन में विटामिन सी, पोटैशियम, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जिससे आपको प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी रहने में मदद मिलती है। हालांकि जामुन का ज्यादा सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान न करें। जामुन का ज्यादा सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल घट सकता है जो कि डायबिटिक मदर्स के लिए हानिकारक साबित होगा। In this Article
जामुन एक भारतीय फल है, यह बहुत लोकप्रिय है तथा इसे इसके कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यदि आपको जामुन खाने की प्रबल इच्छा हो रही है, तो हो सकता आपको यह खयाल आए कि क्या गर्भावस्था के दौरान जामुन खान सुरक्षित है? या नहीं। जामुन में कम कैलोरी होती है और यह आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हालांकि आप इस समय अपने कई पसंदीदा व्यंजनों का सेवन नहीं कर पा रही होंगी, लेकिन यह जानकर आप बहुत खुश हो जाएंगी कि गर्भावस्था के दौरान आप जामुन का सेवन कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान जामुन से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ना जारी रखें। क्या गर्भावस्था के दौरान जामुन खाना चाहिए?हाँ। गर्भावस्था के दौरान जामुन खाना बिलकुल सुरक्षित है। जामुन में बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और इनसे बहुत अधिक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो भ्रूण के विकास तथा उसे स्वस्थ रखने में बेहद लाभप्रद होते हैं। गर्भावस्था के दौरान जामुन का सेवन करने के स्वास्थ्य लाभगर्भावस्था के दौरान जामुन खाने के स्वास्थ्य लाभ इस कुछ इस प्रकार हैं: 1. पोषक तत्वों से भरपूरजामुन कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज, हड्डियों को मजबूत करने व इम्युनिटी को बेहतर करने में मदद करते हैं। 2. पाचन में सुधार करता हैजामुन का नियमित सेवन करने से यह दस्त और अल्सर जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करने में मदद करता हैं। जामुन का सेवन करने से यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याओं को भी
दूर करने में मदद करता है तथा इन बीमारियों में स्वाभाविक रूप से सुधार होगा, और आप जल्द ही अपने पेट को स्वस्थ और हल्का महसूस करेंगे। 3. हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करता है चूंकि जामुन में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं, इसलिए यह आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान ऊर्जा पहुँचाने का एक बेहतरीन स्रोत है। यह आपके ब्लड प्रेशर संबंधी जोखिम को कम करता है । अगर आप जानना चाहती हैं कि जामुन में पौटेशियम कितनी मात्रा में मौजूद है तो अनुमानतः आपको 100 ग्राम जामुन से 50 मिलीग्राम पोटैशियम प्राप्त होता है। 4. इम्युनिटी बेहतर करता हैचूंकि जामुन एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होता है और आपकी इम्युनिटी बेहतर करने में भी मदद करता है, इसलिए यह आपके शरीर को किसी भी संक्रमण और बीमारी से बचाने में सहायक होता है। इसके सेवन से आरबीसी (लाल रक्त कोशिका) की संख्या बढ़ जाती है, जिससे एनीमिया के खतरे को रोका जा सकता है। 5. शिशु की दृष्टि को विकसित करने में मदद करता हैजामुन में विटामिन ‘ए’ उच्च मात्रा में पाया जाता है। यह शिशु की दृष्टि के बेहतर विकास में मदद करता है और जामुन में मौजूद विटामिन ‘ए’ बच्चों के लिए एक जरूरी पोषक तत्व होता है। 6. मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखता हैजामुन अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है और विभिन्न दंत समस्याओं को रोकने में बहुत प्रभावी होता है। जामुन का गर्भावस्था के दौरान सेवन करने से आपको अपने मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। 7. हृदय स्वास्थ्य बेहतर करता हैजामुन का सेवन हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है। यह ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करता है, जो भविष्य में आपके हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मदद करता है। जामुन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकते हैं। 8. समयपूर्व प्रसव को रोकता हैजामुन में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होती है, जो समयपूर्व प्रसव से बचने के लिए आवश्यक होता है, इस प्रकार ये भ्रूण की पूरी तरह से वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करता है। गर्भावस्था में आप एक दिन में कितना जामुन खा सकती हैं?प्रतिदिन जामुन का सेवन करने से ये आपको और आपके बच्चे को कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। आप दिन में दो बार एक-एक कटोरी जामुन को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं और दो कटोरे से ज्यादा इसका सेवन न करें। अपने आहार में जामुन को शामिल करने से पहले आपको अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं की पुष्टि के लिए नूट्रिशनिस्ट से परामर्श लेनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान जामुन खाने के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?हालांकि जामुन गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए बिलकुल सुरक्षित है, फिर भी इस नाजुक स्थिति में आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं को जामुन कब नहीं खाना चाहिएजामुन ज्यादातर पेड़ को हिलाकर तोड़ा जाता है जो जमीन पर गिर जाते हैं और गिरने की वजह से धूल-मिट्टी के कारण गंदे हो जाते हैं, अगर जामुन बहुत ज्यादा खराब हैं या ताजे नहीं हैं तो इनका सेवन बिलकुल न करें। अच्छे जामुनों का चुनाव कैसे करें?आप जब अपने आसपास जामुन के पेड़ों पर लगे ताजे जामुन देखती होंगी तो आपको उसे देखकर खाने का मन करता होगा। चूंकि, गर्भावस्था आपके शरीर को थोड़ा नाजुक बना देती है, इसलिए आपको ऐसी किसी भी चीज का सेवन करने से बचने चाहिए जो आपको या बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है। ऐसे में जब जामुन की बात आती है तो आपको इसे चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जो कुछ इस प्रकार नीचे दी गई हैं।
गर्भावस्था में जामुन खाने के तरीके – जामुन स्मूदीकिसी भी अन्य फल की तरह, जामुन का प्राकृतिक रूप में सेवन किया जा सकता है। खाने से पहले फल को ठीक तरह से धो लें। आप एक और तरीके से इस पौष्टिक फल को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं, वह है जामुन की स्मूदी बनाना। यहाँ जामुन की स्मूदी बनाने की एक सरल विधि दी गई है, जो कुछ ही मिनटों में तैयार की जा सकती है। सामग्री
विधि एक ब्लेंडर में, जामुन, दही, और शहद डालकर अच्छी तरह से फेंट लें। एक गिलास में, थोड़े बर्फ के टुकड़े डालें और फिर इसमें स्वादिष्ट जामुन स्मूथी को डालें। जामुन आपको उच्च पोषण प्रदान करता है, इसमें शून्य कैलोरी होती है और ये एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। गर्भावस्था में उन खाद्य पदार्थों को खाने की आवश्यकता होती है जिनसे आपके बच्चे को पोषण मिल सके, यदि आप एक संतुलित आहार का पालन कर रही है, तो आप गर्भावस्था के दौरान अपने भोजन में जामुन शामिल करने पर विचार कर सकती हैं। यह भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान अमरूद (पेरू) का सेवन गर्भवती महिला को जामुन खाने से क्या होता है?प्रेग्नेंसी में जामुन खाने के फायदे-
-जामुन में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो कि प्रीमैच्योर डिलीवरी के खतरे को कम करके भ्रूण के विकास में मदद करता है। -जामुन में उच्च मात्रा में विटामिन ए होता है जो कि भ्रूण की आंखों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व होता है।
गर्भवती महिला को कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए? कच्चा पपीता - प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कच्चा पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आप कच्चा पपीता खाते हैं तो इसकी वजह से गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है. अनानास - गर्भावस्था के दौरान पाइनएप्पल का सेवन न करें.
जामुन का सेवन कब करना चाहिए?जामुन का सेवन डाइजेशन में मदद करता है इसलिए इसे खाना खाने के बाद ही खाएं. जामुन खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं. इससे डायरिया और अपच जैसी कई तरह की समस्याएं हो सकती है. बेहतर होगा कि जामुन खाने के 30 से 40 मिनट बाद पानी पिएं.
गर्भवती महिला को सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खाली पेट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं. इससे ना केवल शिशु का शारीरिक विकास हो सकता है बल्कि मानसिक विकास होने में भी मदद मिल सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डेरी उत्पाद चीजें जैसे दूध, दही, छाछ आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.
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