कायांतरित शैल क्या है इसके प्रकार एवं निर्माण पद्धति का वर्णन करें? - kaayaantarit shail kya hai isake prakaar evan nirmaan paddhati ka varnan karen?

कायांतरित शैल क्या है इसके प्रकार एवं निर्माण पद्धति का वर्णन करें? - kaayaantarit shail kya hai isake prakaar evan nirmaan paddhati ka varnan karen?

रूपांतरित चट्टान के एक प्रकार (क्वार्टजाइट)

आग्नेय एवं अवसादी शैलों में ताप और दाब के कारण परिर्वतन या रूपान्तरण हो जाने से कायांतरित शैल (metamorphic rock) का निमार्ण होता हैं। रूपांतरित चट्टानों (कायांतरित शैल) पृथ्वी की पपड़ी के एक बड़े हिस्सा से बनी होती है और बनावट, रासायनिक और खनिज संयोजन द्वारा इनको वर्गीकृत किया जाता है|[1]

when the pre-exsting rock under go a change due to tempature and pressure.

मेटमॉर्फिक खनिज[संपादित करें]

वे खनिज जो बहुत उच्च दाब और तापमान पर मेटमॉर्फिसम की प्रक्रिया के द्वारा निर्मित होते है उन्हे हम मेटमॉर्फिक खनिज कहते है| ईन खनीजो को हम सूचकांक खनिज भी कहते है जी की ईस प्रकार है-- सिलिमेनाइट, क्यनीते, स्टौरलिते, अंडालउसिते और कुछ गार्नेट भी शामिल हैं।

ये खनिज भी मेटमॉर्फिक शेलो मे पाए जाते (ओलिविनेस, पाइरॉक्सीन्स, आँफिबोलेस, माइकाज़, फेल्डस्पार्स और क्वॉर्ट्ज़,) है पर ये सभी मेटमॉर्फिसम की प्रक्रिया के द्वारा नही बनते ये सभी खनिज आग्नेय चट्टानों मे क्रिस्टलिज़ेशन प्रक्रिया के दौरान बनते है|तथा ईन सभी खनीजो पर मेटमॉर्फिसम की प्रक्रिया का कोई असर नही होता (उच्च दाब और अधिक तापमान) |मेटमॉर्फिसम की वो प्रक्रिया जिसके कारण खनिजो मे बदलाव आता है उसे ऱीईक्रिस्टलिज़ेशन कहते है|

अधिक दाब और तापमान की वजह से खनीजो परमाणुओं और आयनों मे परिवर्तन होने लगता है जिसके कारण रूपांतरित शैल का निर्माण होता है और ईस प्रक्रिया को ऱीईक्रिस्टलिज़ेशन या मेटमॉर्फिसम कहते है|

कायांतरित शैल क्या है इसके प्रकार एवं निर्माण पद्धति का वर्णन करें? - kaayaantarit shail kya hai isake prakaar evan nirmaan paddhati ka varnan karen?

बेलबूटेदार (फोलियेशन) रूपांतरित चट्टान नॉर्वे

बेलबूटेदार (फोलियेशन)[संपादित करें]

कायांतरित शैल मे परत निर्माण ही बेलबूटेदार (फोलियेशन) कहलाता है (लैटिन शब्द फॉलिया से लिया गया जिसका अर्थ होता है पत्तियाँ) और यह तब उत्पन्न होता है जब कोई चट्टान ऱीक्रिस्टलिज़ेशन के दौरान अपनी अक्ष के समान्तर छोटी रह जाती है|जिसकी वजह से चट्टाने मुड़ जाती है और उनके मोडो पर विभिन्न प्रकार के रंग उत्पन्न हो जाते है जो की उन खनिजो के रंग होते है जिनकी वजह से उन मोडो का निर्माण होता है|बनावट को बेलबूटेदार और गैर - बेलबूटेदार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है|बेलबूटेदार (फोलियेशन) शैलों के अंदर तनाव का नतीजा है जिसके कारण शैलों की सतह पर फोलिएशन आ जाती है और कभी कभी शैलों मे दरार भी पड़ जाती है |उदाहरण के लिए, स्लेट बेलबूटेदार रूपांतरित चट्टान है, एक प्रकार की शीस्ट से उत्पन्न|गैर बेलबूटेदार शैलों मे प्लेनर पैटर्न नहीं होता है।|वो चहट्टने जिनके अंदर सभी दिसाओ से दाब लगता है वो बेलबूटेदार (फोलियेशन) प्रकट नही करती और वो चहट्टने मे भी बेलबूटेदार (फोलियेशन) नही होता जिनके अंदर किसी खनिज की कमी होती है|एनके (मेटमॉर्फिसम) अंदर ईक और क्रियाविधि होती है जिसके अनुसार बगेर तरल अवस्था मे आए चहट्टानो के अंदर रासॉय्निक प्रक्रिया हो जाती है|

मेटामॉर्फिक के प्रकार[संपादित करें]

  • कांटेक्ट मेटमॉर्फिक - चट्टानो के अंदर मेग्मा के संपर्क मे आने से बदलाव होता है| इस प्रक्रिया मे सबसे अधिक बदलाव चट्टान की बाहरी स्तह को होता है और सबसे कम सबसे भीतरी सतह को क्योकि बाहरी स्तह पूरी तरह से मेग्मा के संपर्क मे होती है और अंदर वाली स्तह का संपर्क सबसे कम होता है।
  • क्षेत्रीय मेटामॉर्फिक

इसके अंतर्गत चट्टानो मे बदलाव दाब और अधिक तापमान की वजह से होता है और इस दाब की उत्पत्ति किसी चट्टान का बहुत भारी चट्टान के नीचे होने से होती है|ऊपर वाली चट्टान का भार नीचे वाली चट्टान पर पड़ता है और इसी वजह से उच्च दाब उत्पन्न होता है।

कायांतरित शैल के प्रकार[संपादित करें]

  • संगमरमर inke padhati
  • क्वार्ट्जाइट
  • नीस
  • शीस्ट
  • फाइलाइट[2]

संगमरमर[संपादित करें]

संगमरमर एक दानेदार मेटमॉर्फिक चट्टान है यह चूना पत्थर के ऱीईक्रिस्टलिज़ेशन के बाद उत्पन्न होती है| संगमरमर कैल्साईट से बना होता है (caco3) कुछ और खनिज जो संगमरमर मे होते है इस प्रकार है

  • ऑलिविन
  • सेरपांतिने
  • गारनेट
  • आँफिबोलेस

क्वार्टजाइट[संपादित करें]

क्वार्टजाइट एक दानेदार मेटामॉर्फिक चट्टान है जो बहुत उत्तम क़्वालिटी के क्वॉर्ट्ज़ से बनी होती है और इसके अंदर क्वॉर्ट्ज़ के कण इस प्रकार से होते है कि अगर इस पर कोई भारी दाब लगाया जाए तो ये छोटे छोटे कणों मे बिखर जाएगा|यह बलुआ पत्थर के ऱीक्रिस्टलाईज़ेशन के बाद उत्पन्न होता है|

नीस[संपादित करें]

नीस चहट्टने घटक खनीजो के अलगाव के कारण बनी परटो से उत्पन्न होती है|यह मुख्त्य क्वॉर्ट्ज़ व फेल्डस्पार खनिज से बनी होती है|

शीस्ट[संपादित करें]

इस चट्टान के अंदर हर प्राट (फाय्लेशन) एक दूसरे के समांतर होती है|और ये चट्टान माइकाज़ खनिजो के कारण बनती है| शीस्ट चहट्टने दो प्रकार का होती है

  • निम्न दर की शीस्ट
  • उच्च दर का शीस्ट
  • मैग्नीशियम की मात्रा 45%

स्लेट[संपादित करें]

स्लेट बहुत ही अधिक दानेदार चट्टाने होती है इनकी परते एक दूसरे के समान्तर होती है जिसके कारण इनके बनते समेय ल्गा उचित द्वाव होता है ये मुख्त्य माइका, क्लॉरिट की बनी होती है|

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • खनिजों की सूची

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Blatt, Harvey and Robert J. Tracy, Petrology, W.H.Freeman, 2nd ed., 1996, p.355 ISBN 0-7167-2438-3
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 फ़रवरी 2012.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Metamorphic textures - Middle East Technical University
  • Metamorphism - U. of Alabama
  • Types of metamorphism - Tulane U.
  • Contact metamorphism example
  • Metamorphic Rock Database (MetPetDB) - Department of Earth and Environmental Sciences, Rensselaer Polytechnic Institute
  • Metamorphic Rocks Tour, an introduction to metamorphic rocks

कायांतरित शैल क्या है इसके प्रकार एवं निर्माण पद्धति का वर्णन?

कायांतरित शैल – जो शैलें ताप अथवा दाब या फिर दोनों के कारण बनती हैं, वे कायांतरित शैल कहलाती हैं। ताप तथा दाब मूल शैल की विशेषताओं को नए खनिजों का निर्माण करके बदल देते हैं। कायांतरित शैल के प्रमुख उदाहरण स्लेट, संगमरमर, हीरा, शिस्ट आदि हैं।

कायांतरित शैल क्या है इसके?

कायांतरित का अर्थ है स्वरूप में परिवर्तन। दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप इन शैलों का निर्माण होता है। ये शैलें दाब, आयतन तथा तापमान में परिवर्तन के द्वारा निर्मित होते हैं। जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की ओर बलपूर्वक खिसक आती हैं।

कायांतरित शैल कैसे बनते हैं उदाहरण दीजिए?

कायांतरित शैल: यह तब बनता है जब गर्मी और दाब के कारण आग्नेय और अवसादी चट्टानें बदल जाती हैंउदाहरण के लिए, संगमरमर, नाइस, आदि। बड़ी गर्मी और दबाव के कारण पिघली हुई मैग्मा बनाने के लिए कायांतरित शैल पिघल जाती हैं। जब आग्नेय और अवसादी शैल ताप और दाब के अधीन होती हैं तो वे कायांतरित शैल में परिवर्तित हो जाती हैं

आग्नेय शैल क्या है आग्नेय शैल के निर्माण की पद्धति एवं उनके लक्षण बताएँ?

मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। मैग्मा ठंडा होकर ठोस बन जाता है तो यह आग्नेय शैल कहलाता है। इसकी बनावट इसके कणों के आकार एवं व्यवस्था अथवा पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है। यदि पिघले हुए पदार्थ धीरे-धीरे गहराई तक ठंडे होते हैं।