खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

आप किस दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाते हैं और किस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाते हैं, इस पर कई बातें निर्भर करती हैं क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सब से महत्वपूर्ण रसोई घर माना जाता है।

आप किस दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाते हैं और किस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाते हैं, इस पर कई बातें निर्भर करती हैं क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सब से महत्वपूर्ण हिस्सा रसोई को माना जाता है। घर में कई बीमारियों और परेशानियों का कारण किचन से जुड़े वास्तुदोष हो सकते हैं। वास्तु से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखने से परिवार को परेशानियों और बीमारियों से बचाया जा सकता है।


दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना पकाने से घर की महिलाओं को कई रोगों से जूझना पड़ता है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खाना पकाने से घर में कलह-क्लेश होने लगता है।  

और ये भी पढ़े

  • खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

    Motivational Concept: क्षमा से जीत सकते हैं दिल

  • खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

    Smile please: इस विधि से अपने भीतर के ‘ईश्वर’ को पहचानें

  • खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

    ये राशि वालों को नहीं पहनना चाहिए लाल धागा, लाइफ में हो जाता है बवाल!

पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाने से घर के लोगों को त्वचा और हड्डी से संबंधित रोगहोने का डर रहता है।

उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके खाना बनाने पर धन-संपत्ति की हानि  का खतरा बढ़ने लगता है।

घर में सुख-शांति बनाए रखने और रोगों से बचे रहने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना सबसे अच्छा माना जाता है।

किचन घर में किसी भी दिशा में हो, लेकिन खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व दिशा की ओर ही रहे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।

किचन में एक खिड़की यदि पूर्व दिशा की ओर हो तो वास्तु की नजर से यह बहुत अच्छा माना जाता है।

रोज घर के किसी भी सदस्य के खाना खाने से पहले यदि गाय को भोजन का थोड़ा सा भाग दिया जाए तो सभी कामों में सफलता मिलती है।

वास्तु के अनुसार, किचन के ठीक सामने बाथरूम होना बेहद बुरा माना जाता है।


बिना नहाए खाना नहीं बनाना चाहिए, न ही खाना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

kitchen direction n water in vastu भोजन बनाते समय मुंह पूर्व की ओर तथा रसोई घर में पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। भोजन बनाने में हम अग्नि का उपयोग करते हैं और अग्नि का हमारे स्वास्थ्य, यश और संपन्नता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु में अग्नि तत्व को ठीक से संचारित होने के लिए रसोई घर (kitchen ke vastu tips) का आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) कोण में होना शास्त्रसम्मत माना जाता है।


यहां पढ़ें पानी, वास्तु और किचन से संबंधित खास टिप्स-

1. यदि किसी कारणवश ऐसा संभव न हो तो रसोई घर (Rasoighar) पूर्व में भी बनाया जा सकता है। रसोई घर (उत्तर-पूर्व) में भूल से भी नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है। साथ ही खान-पान का खर्चा भी कई गुना बढ़ सकता है और अपव्यय की स्थिति बन सकती है।

2. नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण में भी किचन या रसोई घर अच्‍छा नहीं माना जाता है। इससे गृह कलह, परेशानी और दुर्घटना का भय बना रहता है। इसी प्रकार वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में स्‍थित किचन/ रसोई घर भी न सिर्फ खर्च बढ़ाने वाला माना जाता है, बल्कि अग्नि दुर्घटना भी दे सकता है।

3. यदि किसी जातक का किचन (rasoi vastu tips) वायव्य कोण में हो और वहां घर की बहुएं काम करती हों तो उनका मन रसोई में नहीं लगेगा और वे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती पाई जाएंगी। इसलिए यदि आग्नेय कोण में रसोई की व्यवस्था न हो सके तो पूर्व या वायव्य कोण ठीक रहता है, लेकिन इस स्‍थिति में यह ध्यान रखना जरूरी होगा कि रसोई घर चाहे जहां हो, भोजन आग्नेय कोण में ही बने। इससे बिगड़े काम भी बन सकते हैं।

4. रसोई घर की स्लैब जिस पर चूल्हा रखा जाता है, वह पूर्व या आग्नेय कोण में हो तो अच्‍छा रहता है, क्योंकि ऐसे में किचन (kitchen ke vastu tips) में काम करने वाले का मुख स्वत: ही पूर्व दिशा की ओर होता है। पानी की टोंटियां, वॉश बेसिन, पीने का पानी आदि भी रसोई घर के ईशान कोण में हो तो अच्‍छा होता है। इसके अलावा फर्श का ढलान उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए और यदि फ्रिज रसोई घर में रखना हो तो उसे पश्चिम की दीवार के साथ रखना ठीक होता है। बिजली के उपकरण जैसे- मिक्सी, टोस्टर, ओवन आदि आग्नेय कोण या दक्षिण में रखने की सलाह दी जाती है।

5. रसोई का सामान रखने के लिए स्लैब, आलमारी आदि दक्षिण या पश्चिम में बनाना ठीक रहता है। दालें, अनाज और मसालों के भंडारण की व्यवस्था वायव्य कोण में करना चाहिए। रसोई घर की खिड़कियां बड़ी हों तो उत्तम होता है। इसके अलावा रसोई घर में प्राकृतिक रोशनी और हवा की व्यवस्था भी होना चाहिए। यदि किसी कारणवश प्राकृ‍तिक रोशनी का अभाव हो तो कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था करने की सलाह दी जाती है।

6. रसोई में कार्य करते वक्त गृहिणी की पीठ रसोई के प्रवेश द्वार की ओर नहीं हो, तो बेहतर माना जाता है। गैस का चूल्हा ऐसे स्थान पर रखें, जहां पर कार्य करने वाले को पर्याप्त स्थान मिले। रसोई यदि छोटी हो तो उसमे हल्के रंग का पेंट करें। इसके लिए हल्का गुलाबी, नारंगी या हल्का पीला और सफेद रंग बेहतर रहता है।

7. चूल्हा तथा गैस स्टोव परिवार के धन और समृद्धि का द्योतक है इसलिए इसे हमेशा साफ रखने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपकी समृद्धि पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यहां तक कि आपके परिवार के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।

8. गैस का चूल्हा या स्टोव आदि घर के मुख्य द्वार के बाहर से नहीं दिखना चाहिए। यदि आपके घर में ऐसा हो रहा हो तो इसे छिपाने के लिए हल्का-सा पर्दा लगाना श्रेयस्कर होता है। रसोई घर किसी भी कीमत पर टॉयलेट के ऊपर या नीचे तथा सीढ़ियों आदि के नीचे नहीं बनाना चाहिए। ऐसे रसोई घर स्वास्थ्य पर तो बुरा असर डालते ही हैं, साथ ही धन और भाग्य को भी दुष्प्रभावित करते हैं।

9. रसोई घर में पानी और अग्नि को एकसाथ रखना विरोधाभासी स्थितियों को जन्म देता है। इस स्थिति में घर की स्त्री, जिसे रसोई में रहना ही होता है, का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है और घर में दैनिक कलह की स्‍थिति बन सकती है।

10. इसी प्रकार फ्रिज की ठंडक का गैस चूल्हे से सामना या कपड़े धोने की मशीन का चूल्हे से एक सीध में होना या पानी की टंकी का गैस चूल्हे के सामने होना भी ऐसी ही स्‍थिति पैदा कर सकता है। इसका एकमात्र सरल उपाय जल या अग्नि में से किसी एक का स्थान परिवर्तन करना है। यदि ऐसा करना संभव न हो तो कम से कम फ्रिज या वॉशिंग मशीन को अलग-अलग दिशा रखने की सलाह दी जाती है।

11. अब जानिए पानी किचन में कहां रखें- घर में पानी सही स्थान पर और सही दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अत: रसोई के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में पानी का बर्तन भरकर रखें।

12. पानी का स्थान ईशान कोण है अतः पानी का भंडारण या भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होनी चाहिए। पानी को ऊपर की टंकी में भेजने वाला पंप भी इसी दिशा में होना चाहिए।

13. दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल नहीं होना चाहिए। इसके लिए उत्तर-पूर्व कोण का स्थान उपयुक्त होता है। इससे वास्तु का संतुलन बना रहता है। अन्य दिशा में कुआं या ट्यूबवेल हो, तो उसे या तो बंद करवा दें या उसका उपयोग न करें।

14. रसोई घर में पीने का पानी, एक्वागार्ड या फिल्टर आदि पूर्व या पूर्व-उत्तर के कोने में रखें।

15. अग्नि या आग और पानी एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। ऐसे में पानी के लिए सबसे उपयुक्त स्थान यानी उत्तर-पूर्व की दिशा (ईशान कोण) में रखना उचित रहता हैं।

खाना कौन सी दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? - khaana kaun see disha mein munh karake banaana chaahie?

kitchen n water

रोटी बनाते समय मुंह किधर होना चाहिए?

वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में मुख करके भोजन बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिशा में मुख करके भोजन बनाने से घर में किसी प्रकार से अन्न और धन की कमी नहीं होती है। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके खाना बनाने से क्या होता है?

वहीं दक्षिण दिशा में भोजन करना अशुभ होता है, इस दिशा में भोजन करने से पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं। वास्तु के मुताबिक अगर आप दक्षिण की तरफ मुंह करके खाना खाते हैं तो मान-सम्मान भी घटता है।

पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करके खाना बनाने से क्या होता है?

यह दिशा होती है सबसे अशुभ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कभी भी पश्चिम दिशा में मुंह करके खाना नहीं पकाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में खाना बनाने से जीवन में कलह बढ़ती है। इसके अलावा ऐसी स्त्रियों का दांपत्य जीवन में कभी सुख नहीं होता और हमेशा कष्टमय ही रहता है।

खाना कौन सी दिशा में बनाना चाहिए?

भोजन बनाने में हम अग्नि का उपयोग करते हैं और अग्नि का हमारे स्वास्थ्य, यश और संपन्नता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु में अग्नि तत्व को ठीक से संचारित होने के लिए रसोई घर (kitchen ke vastu tips) का आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) कोण में होना शास्त्रसम्मत माना जाता है।

चूल्हे का मुंह किधर होना चाहिए?

वास्तु के अनुसार गैस चूल्‍हा अग्निदेव की दिशा में होना चाहिए, इससे घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं होती है. पूर्व दिशा अग्नि की दिशा होती है. इस दिशा में चूल्‍हा इस तरह रखें कि खाना पकाने वाले व्‍यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो. माइक्रोवेव, हीटर भी इसी दिशा में रखना उचित होता है.

रसोई कौन सी दिशा में शुभ होती है?

वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में रसोई दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण में बनवाना सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। अपने किचन में सिंक और पानी का स्थान ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ रखना शुभ होता है। वहीं खाना बनाते समय गृहणी का मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।