खून में प्रोटीन ज्यादा होने से क्या होता है? - khoon mein proteen jyaada hone se kya hota hai?

खून में प्रोटीन ज्यादा होने से क्या होता है? - khoon mein proteen jyaada hone se kya hota hai?

खून में प्रोटीन ज्यादा होने से क्या होता है? - khoon mein proteen jyaada hone se kya hota hai?

High Protein Levels in Blood Causes: शरीर में कोशिकाओं और मांसपेशियों के सही कामकाज और विकास के लिए प्रोटीन की सही मात्रा जरूरी है। शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर कई गंभीर परेशानियों का खतरा रहता है। यही नहीं अगर शरीर में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाए, तो वह स्थिति भी बहुत गंभीर मानी जाती है। ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने को हाइपरप्रोटीनेमिया कहा जाता है। यह स्थिति कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। इसकी वजह से आपके शरीर में सूजन होने लगती है और लिवर आदि पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। असंतुलित खानपान, बीमारी और खराब जीवनशैली के कारण भी आपको यह समस्या हो सकती है। 

ब्लड में प्रोटीन बढ़ने के कारण- What Causes High Protein Level in Blood?

शरीर में हाई ब्लड प्रोटीन के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं। ऐसा नहीं है कि यह समस्या हाई प्रोटीन डाइट लेने की वजह से होती है। दरअसल जब आपका शरीर किसी तरह के संक्रमण आदि से लड़ता है तो ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के पीछे ये कारण प्रमुखता से जिम्मेदार माने जाते हैं-

  • शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन के कारण
  • हेपेटाइटिस बी और सी की वजह से
  • एचआईवी/एड्स के कारण
  • अमाइलॉइडोसिस की समस्या
  • इन्फ्लेमेशन की वजह से
  • न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के कारण

खून में प्रोटीन ज्यादा होने से क्या होता है? - khoon mein proteen jyaada hone se kya hota hai?

ब्लड में प्रोटीन बढ़ने के लक्षण- High Protein Levels in Blood Symptoms

ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं। इस समस्या में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-

  • भूख कम लगना
  • बहुत ज्यादा थकान
  • पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या
  • उल्टी और दस्त
  • लगातार बुखार
  • वजन तेजी से कम होना
  • खड़े होने पर चक्कर आना
  • उंगलियों में झुनझुनी

ब्लड में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के लक्षण दिखने पर आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर आपको ब्लड प्रोटीन टेस्ट या टोटल प्रोटीन टेस्ट की सलाह देंगे। इस टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर आपका इलाज किया जाएगा।

(Image Courtesy: Freepik.com)

फिटनेस पसंद लोगों में प्रोटीन डाइट पर खासा जोर दिया जाता है। खासकर जिम करने व तेजी से वजन कम करने के इच्छुक मेटाबॉलिज्म को काबू में रखने के लिए उच्च प्रोटीन डाइट लेना पसंद करते हैं। पर, नए शोधों की मानें तो लंबे समय तक उच्च प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन दिल, किडनी व हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है, बता रही हैं शमीम खान

प्रोटीन को मांसपेशियों का भोजन कहा जाता है। लेकिन जब मांसपेशियों को आवश्यकता से अधिक भोजन खिलाया जाता है, तो उसका प्रभाव बाहरी रूप से ही दिखाई नहीं देता, शरीर के आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली भी गड़बड़ा जाती है। फिटनेस के इच्छुकों में प्रोटीन डाइट का क्रेज इसी रूप में देखने को मिल रहा है। मॉडल्स व फिल्मी हस्तियों जैसी बॉडी बनाने के इच्छुक युवा आसानी से प्रोटीन सप्लीमेंट्स के चक्कर में पड़ जाते हैं, जो कई बार फायदे से अधिक हानिकारक साबित होता है।    

क्यों हानिकारक है अधिक प्रोटीन
चिकित्सा क्षेत्र में हुए अध्ययन की बात करें, तो अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन (कुल कैलोरी  में 30 % से अधिक प्रोटीन डाइट का भाग) शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में कीटोंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि विषैला पदार्थ है। कीटोंस को शरीर से बाहर निकालने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इस पूरी प्रक्रिया में  शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है, जिससे डीहाइड्रेशन भी हो सकता है। अधिक व्यायाम करने वालों में ऐसा अधिक होता है। ऐसी डाइट को कीटोजेनिक डाइट भी कहते हैं। जिससे कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, सांसों से बदबू आना या दूसरी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।

किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से परहेज रखने की सलाह दी जाती है। हमारी किडनी रक्त में प्रोटीन को भी शुद्ध करने का काम करती है। अधिक प्रोटीन डाइट लेने से किडनी पर दबाव अधिक पड़ जाता है। शोध यह भी बताते हैं कि एक आयु के बाद उच्च प्रोटीन डाइट लेने वालों में यूरिया एसिड बढ़ जाता है। पेशाब में कैल्शियम की मात्रा कम निकलती है। कैल्शियम की यह अतिरिक्त मात्रा किडनी में लंबे समय तक जमने से पथरी का रूप ले सकती है। साथ ही हृदय पर भी अधिक असर पड़ता है।

हड्डियों की समस्या जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस की स्थिति से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से बचने की सलाह दी जाती है। चूंकि प्रोटीन के अवशोषण के लिए अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है, ऐसे में मांसपेशियों व हड्डियां का कैल्शियम घटने लगता है। जो लोग लंबे समय तक उच्च प्रोटीन डाइट के लिए मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं, उनमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोगों, स्ट्रोक और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

इसके अलावा भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से कार्बोहाइट्रेड का सेवन कम हो जाता है, जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है, अन्य पोषक तत्व कम हो जाते हैं। कब्ज की समस्या भी बढ़ जाती है। उच्च प्रोटीन डाइट से सूजन भी आ सकती है। इन दिनों जिम इंस्ट्रक्टर छह से आठ अंडे खाने व प्रोटीन सप्लीमेंट्स की सलाह देते हैं, जो ठीक नहीं है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
हिंदूराव हॉस्पिटल में वरिष्ठ सीएमओ ऑर्थोपेडिक्स जी.बी कोहली के अनुसार,‘ प्रोटीन के सेवन और हड्डियों के स्वास्थ्य में सीधा संबंध है। अगर कम मात्रा में प्रोटीन का सेवन करेंगे तो शरीर में कैल्श्यिम का अवशोषण प्रभावित होगा व हड्डियां भी कमजोर हो जाएंगी। आयु को ध्यान न रख लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट लेना हड्डियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। पेड़-पौधों से मिलने वाला प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है। इनके सेवन से पशु प्रोटीन की तुलना में कैल्शियम का अवशोषण बेहतर तरीके से होता है। हालांकि मीनोपॉज के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए प्रोटीन की उचित मात्रा के सेवन पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।’

  फिटनेस कोच एंड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट सोनिया बजाज कहती हैं, ‘ऐसा नहीं है कि प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट्स सेहत के दुश्मन हैं। शाकाहारी लोग व जो बहुत एक्सरसाइज करते हैं या खेलों में सक्रिय रहते हैं, उनके लिये ये काफी उपयोगी होते हैं। परंतु स्टेरॉयड युक्त प्रोटीन सप्लीमेंट्स जरूर सेहत को नुकसान पहुंचाता है। किडनी और लीवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, त्वचा पर झुर्रियां आ जाती हैं और रेशेज भी पड़ जाते हैं।

प्रोटीन से जुड़े आधुनिक शोध
- 2007 में हुए एक शोध के अनुसार लो-कोलेस्ट्रॉल डाइट लेने वालों को अंडों के सेवन से बचना चाहिए। अंडे का अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
- लॉस एंजिल्स स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में 6381 वयस्कों पर एक अध्ययन किया गया। उसमें खाए जाने वाले प्रोटीन की मात्रा के आधार पर कई श्रेणियां बांटी गयीं। उच्च प्रोटीन (20% से अधिक कैलोरी प्रोटीन से), मध्यम प्रोटीन (11 से 19%) व कम प्रोटीन (10 % से कम)।  65 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग जो अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, उनमें मधुमेह और कैंसर से मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं मध्यम श्रेणी में प्रोटीन का सेवन करने वालों में यह आशंका कम देखने को मिलती है। 
- आयु बढ़ने के साथ शरीर की प्रोटीन आवश्यकता कम हो जाती है। प्रोटीन से शरीर में आईजी-एफवन हार्मोन सक्रिय हो जाता है, जो शरीर में ऊतकों की वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में अधिक प्रोटीन शरीर कोशिकाओं में वृद्धि के लिए दबाव डालता है।

कितना उपयोगी है प्रोटीन हमारे लिए
इस बात में शायद ही कोई संदेह हो कि शरीर के विकास के लिए प्रोटीन जरूरी है। हमारे शरीर में 1000 से अधिक प्रोटीन पाए जाते हैं। शरीर की जरूरत को ध्यान न रख केवल लंबे समय तक  उच्च प्रोटीन डाइट लेना ही शरीर को नुकसान पहुंचाता है।  प्रोटीन शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हमारे शरीर का 18-20 % भार प्रोटीन के कारण होता है।
- प्रोटीन से मांसपेशियों व इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है। प्रोटीन, हृदय व फेफड़े के ऊतक स्वस्थ रखते हैं। 
- प्रोटीन को शरीर के लिए सबसे जरूरी माइक्रोन्युट्रिएंट्स में से एक माना जाता है। प्रोटीन डाइट को वजन कम करने में सहायक माना जाता है। प्रोटीन को पचने में चूंकि अधिक समय लगता है, इससे देर तक पेट भरा होने का अहसास दिलाता है। भोजन में प्रोटीन की मात्रा को दुगना और वसा की मात्रा को आधा करने से भार कम करने में सहायता मिलती है।
- प्रोटीन शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है।  शरीर का पीएच लेवल बनाए रखता है। प्रोटीन मूड भी ठीक रखता है। तनाव के स्तर को कम करता है। 

प्रोटीन के प्रकार
प्रोटीन दो तरह के होते हैं संपूर्ण प्रोटीन और अपूर्ण प्रोटीन। संपूर्ण प्रोटीन उसे कहते हैं, जिसमें सभी अत्यावश्यक एमिनो एसिड्स हों। पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन इसी श्रेणी में आते हैं। हमारे शरीर में पाया जाने वाला प्रोटीन इसके समान ही होता है। इनका उपयोग शरीर अधिक तीव्रता से करता है। अंडे को प्रोटीन का सर्वश्रेष्ठ स्रोत माना जाता है, इसमें नौ अत्यावश्क एमीनो एसिड्स होते हैं जिनका निर्माण हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से नहीं कर पाता है। दूसरी ओर पादप उत्पादों में एक या अधिक एमिनो एसिड्स कम पाये जाते हैं, इसलिये इन्हें अपूर्ण प्रोटीन कहते हैं। लेकिन यह इस मामले में मांसाहारी भोजन से मिलने वाले प्रोटीन से बेहतर माने जाते हैं, क्योंकि इनमें कम वसा, कम कोलेस्ट्रॉल और ढेर सारे आहारक फाइबर होते हैं। जबकि पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरैटेड फेट की मात्रा अधिक होती है। इनका अधिक सेवन हृदय रोगों की आशंका को बढ़ा सकता है।

कितना प्रोटीन चाहिए आपको
छोटे बच्चे:     10 ग्राम प्रतिदिन
स्कूल जाने वाले बच्चे :          19-34 ग्राम प्रतिदिन
किशोर लड़के:                           50 ग्राम प्रतिदिन
किशोर लड़कियां:                  46 ग्राम प्रतिदिन
युवा पुरुष:                                  52 ग्राम प्रतिदिन
युवा महिलाएं:                            46 ग्राम प्रतिदिन
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं:  71 ग्राम प्रतिदिन     

हालांकि यह चार्ट केवल एक मोटा- मोटा अनुमान है। किसी भी पोषक तत्व की जरूरत केवल आपके आयुवर्ग पर ही नहीं, बल्कि आपके भार, शारीरिक गठन, शारीरिक सक्रियता का स्तर व स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। आप अपने लिए स्वयं भी चार्ट बना सकते हैं, इसके लिए ध्यान रखें: 
- आपकी कुल कैलोरी का कम से कम 10 प्रतिशत और अधिक से अधिक 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए।
- अगर आप अत्यधिक शारीरिक श्रम करते हैं तो अपने भार के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 35 कैलोरी का सेवन करना चाहिए। अगर आरामतलबी की जिंदगी जीते हैं, तो 30 कैलोरी प्रति किलोग्राम और शारीरिक रूप से सक्रिय हैं तो 32-33 कैलोरी प्रतिग्राम के अनुसार गणना करें। अपने भार को कैलोरी की आपकी आवश्यक मात्रा से गुना करके प्रतिदिन के लिये कैलोरी की गणना कर लें।
- प्रोटीन की गणना के लिये अपनी सक्रियता के अनुसार 80 मिलीग्राम से 1 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से गणना करें।

किसमें कितना है प्रोटीन
प्रति 100 ग्राम ग्राम
बकरे का गोश्त 22-40
मूंगफली  23-28
ब्रेड की एक स्लाइस 3
अंडा 12
कच्ची  सब्जियां 4
चावल/पास्ता 5
चिकन 29
पनीर 18-20
सोयाबीन 35
काज 25-27
अखरोट 16
बादाम 21
दही 10

शरीर में प्रोटीन बढ़ जाने से क्या होता है?

प्रोटीन पाउडर का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है..
Risks of consuming too much Protein : प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी और फायदेमंद पोषक तत्वों में से एक होता है जो हेल्दी डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ... .
प्रोटीन के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान : ... .
कैंसर का खतरा – ... .
हार्ट संबंधित बीमारियां – ... .
कैल्शियम की कमी –.

प्रोटीन की अधिकता से कौन सी बीमारी होती है?

प्रोटीन की ज्यादा मात्रा शरीर में हड्डियों की सेहत पर बुरा असर डालती है, जिससे ऑस्टिओपोरोसिस (Osteoporosis) या हड्डियों में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है. कई अध्ययन भी बताते हैं कि प्रोटीन की ज्यादा मात्रा शरीर में कैल्शियम को कम करती है..
वजन बढ़ाए ... .
कब्ज और ब्लोटिंग ... .
डिहाइड्रेशन ... .
किडनी को करे नुकसान ... .
हड्डियां करे कमजोर.

प्रोटीन क्यों बढ़ता है?

शरीर के लिए प्रोटीन का महत्व प्रोटीन शरीर के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स की तरह है यानी इससे ही पूरा शरीर बनता है. बाल से लेकर आंखें, मसल्स, स्किन, हॉर्मोंस, सेल्स ये सभी प्रोटीन के फॉर्म हैं. ये सेल्स को रिपेयर करने के साथ ही कोशिकाओं के निमार्ण में भी मदद करता है. प्रत्येक दिन हमारा शरीर थोड़ा-थोड़ा प्रोटीन तोड़ता है.

ब्लड में प्रोटीन कैसे कम करें?

आप पिस्ता, किशमिश, काजू, बादाम, अंजीर और अखरोट रोजाना जाए तो आपके शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होगी. इसके अलावा इनमें कई तरह के विटामिन भी होते हैं, कैल्शियम और पोटेशियम भी होते हैं.