What is Lap Winding in Hindi ? Definition and Types of Lap Winding in Hindi. जब भी DC Machines के Winding की बात आती है तो, Lap Winding और Wave Winding के बारे में जरूर बात की जाती है, क्योकि DC Machines में दो प्रकार की winding की जाती है, पहली है Lap Winding और दूसरी है Wave Winding. इस पोस्ट में हम Lap Winding के बारे में बात करेंगे ताकि इस टॉपिक से related आपके सभी doubt clear हो जाए। आपको ये पोस्ट कैसा लगा आपको इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके जरूर बताए और अगर आप हमसे किसी topic को समझना चाहते है तो भी आप कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है, हम आपके सभी doubts clear करने की कोसिस करेंगे। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते है, तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते है, क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है |
What is Lap Winding. (लैप वाइंडिंग क्या है ?)जैसा की हमने आपको ऊप्पर बताया की DC Machines में दो प्रकार की Winding इस्तेमाल की जाती है| पहली है Lap Winding और दूसरी है Wave Winding. इस पोस्ट में हम Lap Winding के बारे में आपको बताएंगे| Lap Winding को High Current और Low Voltage के लिए इस्तेमाल किया जाता है| DC Machines में Winding Armature में की जाती है और इस Armature को Electrical Supply, Commutator के द्वारा दी जाती है, Commutator का काम Armature को Supply देना होता है। Commutator में अलग - अलग सेगमेंट बने होते है और हर सेगमेंट से वायर winding की input wire जुड़ी होती है। lap winding इस प्रकार से की जाती है कि wire का पहला सिरा commutator के पहले सेगमेंट से जुड़ा होता है और दूसरा सिरा दूसरे सेगमेंट से जुड़ता है। lap winding में winding करते समय winding के सिरे commutator के पास - पास वाले सेगमेंट में जुड़ते है जिसकी वजह से ये high current और low voltage के लिए बनाया जाता है, जैसा कि आप ऊपर डायग्राम में देख सकते है।
Types of Lap Winding (Lap Winding के प्रकार)Lap Winding के तीन प्रकार है।
simplex lap winding में वाइंडिंग सिंपल तरिके की जाती है, इस प्रकार की वाइंडिंग में वाइंडिंग का पहला सिरा commutator के पहले सेगमेंट से सुरु होता है और एक coil पूरी होने के बाद इस वाइंडिंग का दूसरा सिरा commutator के दूसरे सेगमेंट से जुड़ा होता है| इस प्रकार की वाइंडिंग में सिर्फ की ही coil होती है और इस coil के सिरे commutator के पास - पास वाले सेगमेंट में जुड़े होते है| Duplex lap winding में भी वाइंडिंग commutator के पहले सिरे से सुरु होती है और फिर इस वाइंडिंग का दूसरा सिरा commutator के दूसरे सेगमेंट से जुड़ा होता है, simplex lap winding और duplex lap winding में सिर्फ इतना ही अंतर है की duplex lap winding में दो coil होती है| simplex lap winding में एक coil पूरी होने के बाद coil का दूसरा सिरा commutator के दूसरे सेगमेंट से जुड़ा होता है लेकिन duplex lap winding में पहली coil पूरी होने बाद दूसरी एक और coil होती है और यानी की दो coil पूरी होने के बाद फिर उन दोनो coils का सिरा commutator के दूसरे सेगमेंट से जुड़ होता है| Triplex lap winding, lap winding का प्रकार होने की वजह से इसकी वाइंडिंग भी commutator के पहले सेगमेंट से सुरु होकर दूसरी वाइंडिंग पर ख़त्म होती है| इस प्रकार की वाइंडिंग में तीन coil होती है, इसमें वाइंडिंग commutator के पहले सेगमेंट सुरु होती है और तीन coil होने के बाद फिर उस वाइंडिंग का दूसरा सिरा commutator के दूसरे सेगमेंट से जुड़ता है इसलिए इस वाइंडिंग को triplex lap winding कहा जाता है| हम उम्मीद करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी पसंद आई होगी। आपको ये पोस्ट कैसी लगी हमको नीचे Comment करके जरूर बताएं, और आप हमसे हमारे Youtube Channel "Learn EEE" को Subscribe करके Electrical and Electronics Engineering से Related और भी जानकारी हासिल कर सकते है। Basic Electrical and Electronics Engineering के लिए आप इस book को ले सकते है जो की हिन्दी में हैं| What is Lap Winding in Hindi ? Definition and Types of Lap Winding in Hindi.
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