लीवर को हिंदी में क्या कहा जाता है? - leevar ko hindee mein kya kaha jaata hai?

LIVER MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

liver     लिवर / लीवर / लिवेर

LIVER = जिगर [pr.{jigar} ](Noun)

Usage : a high liver
उदाहरण : जिगर मे बदी आग है

LIVER = कलेजा [pr.{kaleja} ](Noun)

उदाहरण : उसने त्रस्त आँखों से चारों ओर देखा-धड़कता हुआ कलेजा मुंह को आ रहा था।

LIVER = यकृत [pr.{yakaRat} ](Noun)

उदाहरण : स्थानीयकृत 'पुनः' की सूची

LIVER = लीवर [pr.{livar} ](Noun)

उदाहरण : डिलीवरी पुष्टिकरण

LIVERY = पोशाक [pr.{poshak} ](Noun)

Usage : The bride was in fine livery.
उदाहरण : आजकल विभिन्न"habiliments"के प्रदर्शन-कक्ष हैं.

LIVERY = वर्दी [pr.{vardi} ](Noun)

उदाहरण : वो सब एक तरह की वर्दी में है, एक ही रंग की।

LIVERIED = वर्दीधारी [pr.{vardidhari} ](Adjective)

Usage : liveried footmen stood on the palace steps
उदाहरण : बल में वर्दीधारी सहायक उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाते है.

LIVERPOOL = लिवरपूल [pr.{livarapul} ](Noun)

Usage : So, if you want to complain you just write to: Complaints Receiving Officer Social Services Directorate, 26 Hatton Garden Liverpool L3 2AW.
उदाहरण : लिवरपूल एफ़. सी.

LIVERYMAN = दास [pr.{das} ](Noun)

उदाहरण : आमतौर पर विश्वसनीय अभिनेता एक जमानत दास के रूप में एक छोटी सी भूमिका है, लेकिन वह एक कार्टून के रूप में भूमिका निभाता है|

Information provided about लीवर ( Livar ):


लीवर (Livar) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is LIVER (लीवर ka matlab english me LIVER hai). Get meaning and translation of Livar in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Livar in English? लीवर (Livar) ka matalab Angrezi me kya hai ( लीवर का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)

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लीवर को हिंदी में क्या कहा जाता है? - leevar ko hindee mein kya kaha jaata hai?

यकृत शरीर का एक अंग है, जो केवल कशेरुकी प्राणियों में पाया जाता है। इसका कार्य विभिन्न चयापचयों को detoxify करना, प्रोटीन को संश्लेषित करना, और पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाना है।[1][2][3] मनुष्यों में, यह पेट के दाहिने-ऊपरी हिस्से में डायाफ्राम के नीचे स्थित होता है, और मानव शरीर की शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है, जो पित्त (Bile) का निर्माण करती है। पित्त, यकृती वाहिनी उपतंत्र (Hepatic duct system) तथा पित्तवाहिनी (Bile duct) द्वारा ग्रहणी (Duodenum), तथा पित्ताशय (Gall bladder) में चला जाता है। पाचन क्षेत्र में अवशोषित आंत्ररस के उपापचय (metabolism) का यह मुख्य स्थान है। इसके निचले भाग में नाशपाती के आकार की थैली होती है जिसे पित्ताशय कहते है। यकृत द्वारा स्त्रावित पित्त रस पित्ताशय में ही संचित होता है। चयापचय में इसकी अन्य भूमिकाओं में ग्लाइकोजन भंडारण का विनियमन, लाल रक्त कोशिकाओं का अपघटन और हार्मोन का उत्पादन शामिल है।[3]

स्वाभावित लक्षण एवं स्थिति[संपादित करें]

यह लालपन लिए भूरे रंग का बड़ा मृदु, सुचूर्ण एवं रक्त से भरा अंग है। मृदु होने से अन्य अंगों के दाब चिन्ह इस पर पड़ते हैं, फिर भी यह अपना आकार बनाए रखता है। यह श्वासोछवास के साथ हिलता रहता है। यकृत के दो खंड होते है, इनमें दक्षिण खंड बड़ा होता है। यकृत पेरिटोनियम (peritoneum) गुहा के बाहर रहता है। यकृत उदरगुहा में सबसे ऊपर डायाफ्राम (diaphragm) के ठीक नीचे, विशेष रूप से दाहिनी ओर रहते हुए, बाईं ओर चला जाता है। स्वाभाविक अवस्था में पर्शकाओं (ribs) के नीचे इसे स्पर्श नहीं किया जा सकता।

आकार

लीवर को हिंदी में क्या कहा जाता है? - leevar ko hindee mein kya kaha jaata hai?

यह पाँच तलवाले नुकीला भाग वाम ओर रहता है। अन्य चार तल ऊर्ध्व, अध:, पूर्व तथा पश्च कहलाते हैं। इसका अध: तल चारों ओर पतले किनारे से घिरा रहता है तथा उदर गुहा के अन्य अंग इस तल से संबद्ध रहते हैं।

माप एवं भार

इसकी दक्षिण-बाम लंबाई 17.5 सेंमी0, अध: ऊँचाई 16 सेंमी0 तथा पूर्व-पश्च चौड़ाई 15 सेंमी0 होती है। इसका भार शरीर के भार का 1/50 भाग के लगभग, प्राय: 1,500 ग्राम से 2,000 ग्राम तक होता हैं। शरीर के भार से इसके भार का अनुपात स्त्री पुरूषों में एक ही होता है, परंतु वय के अनुसार बदलता है। बालकों में इसका भार शरीर के भार का 1/20 भाग होता है।

पृष्ठ भाग (Surface)

दक्षिण पृष्ठ उत्तल और चौकोर होता है। यह डायाफ्रॉम से संबद्ध रहता है, जो इसे दक्षिण फुप्फुसावरण और छह निचली पर्शुकाओं से विलग करता है।

उर्ध्व पृष्ठ (Superior surface)

यह दोनों ओर उत्तल तथा मध्य में अवतल होता है। यह डायाफ्रॉम द्वारा दोनों फुफ्फस, फुप्फुसावरण तथा ह्रदयावरण से विलग हो जाता है।

अग्र पृष्ठ (Anterior surface)

यह त्रिभुजाकार होता है। त्रिभुज का आधार दाहिने होता है। इसके सामने उदरीय ऋजु पपेशियाँ (Rectus abdominus), उनका आवरण उदर सीवनी (Linea alba) तथा हँसियाकार स्नायु (Falci form-ligament) रहते हैं।

अध पृष्ठ (Inferior surface)

यह उत्तलावतल होता है। यह (1) दक्षिण वृक्क, (2) दक्षिण उपवृक्क, (3) वृहदांत्र दक्षिण बंक (Right flexure), (4) पक्वाशय का द्वितीय भाग, (5) पित्ताशय तथा (6) आमाशय से संबद्ध रहता है। ये अंग प्राय: इस पर अपना खाता सा बना लेते हैं।

निर्वाहिका यकृत् (portal hepatics)

यह अनुप्रस्थ दिशा में 5 सेंमी0 लंबा खाता है। यह यकृत के अध: तल पर रहता है। इसके दोनों ओष्ठ पर लघुता संलग्न रहता है। इसमें ये यकृत् धमनी, निर्वाहिका शिरा (portal vein) एवं नाड़ियाँ यकृत् में प्रवेश करती हैं संयुक्त यकृत् वाहिनी और लसिका वाहिनियाँ बाहर निकलती हैं।

पश्च पृष्ठ (psurface osterior)

यह सामने वक्र बनाते हुए रहता है। दाहिने डायाफ्राम द्वारा दक्षिण पर्शुकाआं, दक्षिण फुप्फुस और उसके फुप्फुसावरण (pleura) से विलग किया जाता है तथा दक्षिण अधिवृक्क (supra renal) से संबद्ध रखता है। अध: महाशिरा (inferior venacava) इसमें लंबी खात बनाते हुए जाती है। इस खात के वाम भाग में दक्षिण यकृत खंड का एक और खंड है, जिसे पुच्छिल (caudate) खंड कहते हैं, जो महाधमनी (aorta) के वक्षीय भाग डायाफ्राम द्वारा विलग किया जाता है। पुच्छिल खंड वाम खंड से एक विदर द्वारा अलग किया जाता है, जिसमें शिंरा स्नायु (ligamentum venosum) रहता है। इस स्नायु विदर के वाम और वाम खंड के पश्चिम पृष्ठ पर ग्रसिका (oesophagus) खाता रहता है।

पेरिटोनियम के द्विगुणित पर्त इसके स्नायु (ligament) बनाते हैं। ये स्नायु हैं:

(1) चक्रीय (coronary), (2) हँसियाकार (falciform), (3) गोल (teres), (4) सिरा,

(5) वाम एवं दक्षिण त्रिकोण (triangular) स्नायु तथा (6) लघुवपा (lesser omentum)।

पुच्छिल खंड

यह काम ओर शिरा स्नायु के विदार, दक्षिण और अध: महाशिरा विदार ओर निर्वाहिका यकृत के मध्य से होता हुआ दक्षिण खंड से जुडा रहता है, पुच्छिल प्रवर्ध (Caudatte process) कहते हैं। इसके वाम और पुच्छिल खंड का नुकीला भाग अंकुरक प्रवर्ध कहलाता (Papillary process) हैं।

चतुरस्त्र खंड

यकृत अध:पृष्ठ पर दिखाई देता है। इसके वाम और तंत्र स्नायु विदर तथा दक्षिण ओर पित्ताशय खुला रहता है।

यकृत स्नायुओं, उदरीय अन्त: दाब, रक्त वाहिनियों तथा वायुमंडलीय दाब के कारण अपने स्थान पर स्थित रहता है।

रक्तवाहिनियाँ एवं नाड़ियाँ

1. यकृत धमनी उदरगुहा (coeliac) धमनी की शाखा है।

निर्वाहिका शिरा- पाचन तंत्र से पाचित अन्नरसयुक्त रक्त लाती है।

यकृत शिराएँ (Hepatic veins)- रक्त को अध: महाशिराएँ ले जाती है।

लसिकावाहिनियाँ- ये यकृत शिराओं और निर्वाहिका शिरा के साथ जाती हैं। यकृत की अनुंपी (sympathetic) तथा परानुकंपी (parasympathetic) तंत्रिकाएँ सीलक जाती तथा वेगस तंत्रिका से आती हैं।

यकत का कार्य- 1. ग्लूकोज से बनने वाले ग्लाइकोजन (शरीर क लिये इन्धन) को संग्रहित करना। आवश्यकता होने पर, ग्लाइकोजन ग्लूकोस में परिवर्तित होकर रक्तधारा में प्रवाहित हो जाता है। 2. पचे हुए भोजन से वसाओं और प्रोटीनों को संसिधत करने में मदद करना। 3. रक्त का थक्का बनाने के लिये आवशक प्रोटीन को बनाना। 4. विषहरण (डीटॉक्सीफिकेशन) 5. भ्रुणिय अवस्था में यह रक्त (खून) बनाने का काम भी करता है। 6. bile salt और bile pigment का स्रवण करता है! 7. रक्त से bilirubin को अलग करता है. 8. गैलेक्टोज को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है. 9. कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को वसा में परिवर्तित करता है . 10. antibody और antigen का निर्माण करता है. 11. यकृत अमोनिया (Nh3) को यूरिया(NH2coNH2) में परिवर्तित करता है। 12. यकृत विटामिन ए को भी संग्रहित करता है।

यकृत के कार्य[संपादित करें]

  • विटामिन A का निर्माण एवं संचयन
  • अधिक शर्करा को ग्लाइकोजन के रुप में संचित करना
  • रक्त स्कन्दन में फाइब्रिनोजन तथा प्रोथ्रोम्बिन का संश्लेषण करना
  • हिपैरीन का निर्माण जिससे रूधिर वाहनियो में थक्का न जमे
  • RBC का कब्रिस्तान

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Elias, H.; Bengelsdorf, H. (1 July 1952). "The Structure of the Liver in Vertebrates". Cells Tissues Organs. 14 (4): 297–337. डीओआइ:10.1159/000140715.
  2. Abdel-Misih, Sherif R.Z.; Bloomston, Mark (2010). "Liver Anatomy". Surgical Clinics of North America. 90 (4): 643–653. PMC 4038911. PMID 20637938. डीओआइ:10.1016/j.suc.2010.04.017.
  3. ↑ अ आ "Anatomy and physiology of the liver – Canadian Cancer Society". Cancer.ca. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-06-26.

लीवर को हिंदी भाषा में क्या कहते हैं?

यकृत शरीर का एक अंग है, जो केवल कशेरुकी प्राणियों में पाया जाता है। इसका कार्य विभिन्न चयापचयों को detoxify करना, प्रोटीन को संश्लेषित करना, और पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाना है।

लिवर का दूसरा नाम क्या है?

लीवर को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे जिगर, यकृत आदि.

Liver खराब होने पर कहाँ दर्द होता है?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, लिवर की खराबी वाले ज्यादातर मरीजों में लगातार पेट दर्द की शिकायत देखी जाती है। वैसे तो पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, हालांकि पेट के दाहिने हिस्से में पसलियों के ठीक नीचे लगातार दर्द बने रहने की समस्या को लिवर की गंभीर बीमारियों, विशेषकर लिवर डैमेज का संकेत माना जाता है।

लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या होते हैं?

यदि आपका लीवर कमजोर हो रहा है तो आपके शरीर में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें कमजोरी होना, भूख कम होना, उल्टी होना, नींद ना आना, दिनभर थकान महसूस होना, शरीर में सुस्ती बनी रहना, तेजी से वजन घटना और लीवर में सूजन जैसे लक्षण शामिल है।