महिला मताधिकार आंदोलन के समर्थक थे उदारवादी रेडिकल रूढ़िवादी समाजवादी - mahila mataadhikaar aandolan ke samarthak the udaaravaadee redikal roodhivaadee samaajavaadee

Written By Narayan Thursday, December 23, 2021 1 Comment

सवाल: महिला मताधिकार आंदोलन के समर्थक थे? 

महिला मताधिकार आंदोलन से महिलाओं को चुनाव में वोट करने का अधिकार मिला। 1899ई. मैं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने पूर्ण महिला मताधिकार अधिनियमित किया। जिससे कि 31 जुलाई 1900 के संवैधानिक जनमत संग्रह में मतदान करने का अधिकार और 1901 में राज्य और संघीय चुनाव में महिलाओं को भी भाग लेने का अवसर मिला। भारत में महिलाओं को पूर्ण मताधिकार अर्थात वोट देने का अधिकार 1949 में संविधान द्वारा प्रदान किया गया।

महिला मताधिकार आंदोलन के समर्थक कौन थे?

कक्षा में इस पर चर्चा कीजिए ।

क्या उदारवादी महिला मताधिकार आंदोलन के समर्थक थे?

फ़्रांसीसी क्रांति ने सामाजिक संरचना के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन की संभावनाओं का सूत्रपात कर दिया था। जैसा कि आप पढ़ चुके हैं, अठारहवीं सदी से पहले फ़्रांस का समाज मोटे तौर पर एस्टेट्स और श्रेणियों में बँटा हुआ था। समाज की आर्थिक और सामाजिक सत्ता पर कुलीन वर्ग और चर्च का नियंत्रण था।

महिला मताधिकार आंदोलन क्या है?

19वीं षताब्दी में, विषेषकर इंग्लैंड और अमेरिका में, नारी मताधिकार का विषय संघर्ष का मुद्दा बन गया। 20वीं षताब्दी के षुरुआती वर्षों में आकर महिलाओं ने कुछ देषों के राष्ट्रीय चुनावों में बोट देने का अधिकार पा ही लिया । ये देष थे: न्यूज़ीलैंड (1893), ऑस्ट्रलिया (1902), फ़िनलैंड (1906), और नॉर्वे (1913) ।

भारत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार कब मिला?

Vivek Singh. भारत में सर्वप्रथम महिलाओं को मताधिकार 1926 में प्राप्त हुआ था इससे पहले महिलाओं को मत देने का अधिकार नहीं था।