महिलाओं में यौवन अवस्था कब आती है? - mahilaon mein yauvan avastha kab aatee hai?

क्या आप जानते हैं कि महिलाओं की योनि समय-समय पर बदलती है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती रहती है, वैसे-वैसे उनकी योनि में भी बड़े बदलाव होते रहते हैं। सिर्फ उम्र के साथ ही नहीं बल्कि कई ऐसे मौके होते हैं जब महिलाओं की योनि में परिवर्तन आते हैं जिनको महिलाएं महसूस भी कर सकती हैं। यह सारे परिवर्तन बहुत ही सामान्य होते हैं। इसलिए अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह बदलाव होते ही रहते हैं।

सिर्फ कुछ महिलाओं में ही नहीं बल्कि सभी महिलाओं की योनि में बदलाव आते हैं। आज हम उन्हीं बदलावों के बारे में जानेंगे। आमतौर पर देखा जाता है कि जब महिलाओं की उम्र 30 से 40 की हो जाती है तो उस समय महिलाओं की योनि में बड़े बदलाव देखे जाते हैं। किशोरावस्था के समय से ही महिलाओं की योनि में बदलाव आते हैं लेकिन जब वही महिला 40 की हो जाती है तो उनकी योनि की स्थिति बिल्कुल बदल जाती है। यही नहीं, बल्कि मासिक धर्म के दौरान भी महिलाओं की योनि में बदलाव आते हैं। आइए जानते हैं कि यह बदलाव कैसे कैसे होते हैं ?

यौवन अवस्था में बदलाव

महिलाओं में यौवन अवस्था कब आती है? - mahilaon mein yauvan avastha kab aatee hai?

यौवन अवस्था में महिलाओं की योनि में बदलाव देखे जा सकते हैं। इस दौरान महिलाओं की योनि की लेबिया पहले से ज्यादा बड़ी और मोटी हो जाती है। यौवन अवस्था में महिलाओं की योनि का लेबिया आसानी से दिखाई दे जाता है। यह ऐसा समय है जब महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। इस दौरान महिलाओं को यौन इच्छाओं का अनुभव होने लग जाता है। इस दौरान शरीर में बदलाव होने से महिलाएं चिंतित भी हो जाते हैं लेकिन ऐसा होना सामान्य है।

बढ़ती उम्र के साथ योनि में बदलाव

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जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे योनि में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। योवनावस्था के बाद लड़कियों का शरीर बदलने लगता है। इस दौरान योनि की जो बाहरी परत होती है वह पूरी योनि को ढंक देती है। बढ़ती उम्र के साथ गुप्तांगों के नीचे की चर्बी कम होने लग जाती है।

बढ़ती उम्र में योनि का रंग बदलता है

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जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे महिलाओं की योनि का रंग भी बदलने लगता है। उम्र के बढ़ने पर महिलाओं की योनि गर्भाशय प्रेगनेंसी के लिए तैयार होने लग जाती है। इस दौरान कुछ हार्मोनल बदलाव ऐसे होते हैं कि योनि की आंतरिक परत का रंग बदल जाता है। अंदर से इसका रंग काला होने लग जाता है। कुछ समय के बाद यह रंग गहरा भी हो जाता है।

मासिक धर्म चक्र के दौरान योनि में बदलाव

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मासिक धर्म चक्र के दौरान भी महिलाओं की योनि में बदलाव आता है। इस दौरान हार्मोनल बदलाव के साथ-साथ योनि में भी बदलाव आता है। मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं की योनि के शीर्ष पर जो गर्भाशय ग्रीवा होता है वह अपना आकार बदलता रहता है।

सेविंग करने से योनि में आता है बदलाव

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जब महिलाएं अपने जननांगों के आसपास से अपने बाल हटाने के लिए सेविंग करती हैं तो इस दौरान भी महिलाओं की योनि में बदलाव आ जाता है। महिलाएं जब लगातार सेविंग करती रहती है तो यह बदलाव साफ देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं यह बाल साफ करने के लिए कई तरह के ट्रीटमेंट लेती हैं। वह लेजर ट्रीटमेंट का भी सहारा लेती है या फिर हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करती हैं। जिसके कारण उनकी त्वचा का रंग बदलने लग जाता है। कई महिलाएं सोचती हैं कि अगर वह पूरी सावधानी के साथ इन बालों को हटाएंगे तो त्वचा में बदलाव नहीं आएगा बावजूद इसके उनकी त्वचा में बदलाव आता ही है।

स्ट्रेच के कारण बदलाव

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गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बहुत ज्यादा बड़ा हो जाता है। लेकिन इसके 6 हफ्ते बाद ही है फिर से सिकुड़ जाता है। बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि जब महिलाएं सी सेक्शन डिलीवरी कराती हैं तो उनकी योनि या तो खुल जाती है या फैल जाती है। उनके जननांगों के आसपास सर्जरी के निशान भी दिखाई देने लगते हैं। यह बदलाव योनि में स्ट्रेच के कारण आते हैं।

सेक्स के दौरान योनि में बदलाव

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जी हां, सेक्स के दौरान भी महिलाओं की योनि में बदलाव आ जाते हैं। सेक्स के दौरान जब महिला ज्यादा उत्तेजित होती है तो उनकी योनि में रक्त प्रवाह तेजी से बढ़ने लगता है। इस दौरान महिलाओं की योनि का आकार लंबा और चौड़ा हो जाता है, जिसे बैलूनिंग कहा जाता है।

लगातार सेक्स करने पर योनि में बदलाव

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जब कोई महिला लंबे समय तक लगातार सेक्स कर रही होती है तो इससे भी महिलाओं की योनि में बदलाव आ जाते हैं। जब पहली बार महिलाएं सेक्स कर रही होती हैं तो उन्हें दर्द का एहसास बहुत ज्यादा होता है लेकिन नियमित रूप से सेक्स करने पर यह दर्द कम होने लगता है और महिलाओं की योनि में परिवर्तन आ जाते हैं। सेक्स करना उनके लिए आरामदायक होने लगता है। ज्यादा सेक्स करने के बाद महिलाओं की योनि खुल जाती है और इसमें लचीलापन आ जाता है। यह बदलाव आप आसानी से देख सकते हैं।

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लड़कियों में यौवन का पहला लक्षण क्या है?

एड्रिनार्च अवस्था में, लड़कियों को पूरे शरीर में हार्मोन से होने वाले विकास और उत्तेजना का अनुभव होता है। इसी से शरीर में महक बनने, सीबम, मुहांसे और चेहरे पर बाल आने की शुरुआत होती है।

महिलाओं में यौवन की शुरुआत कब होती है?

ज्यादातर लड़कियों में 8-14 साल की उम्र में प्यूबर्टी शुरू होती है, जिसकी औसत आयु 11 है। लड़कियों में लड़कों की तुलना में अधिक तेजी से विकास होता है। ज्यादातर लड़कियाँ प्यूबर्टी की शुरुआत के चार साल के भीतर ही पूर्ण यौन परिपक्वता (sexual maturity) तक पहुंच जाती हैं।

यौवन के समय लड़कियों में क्या परिवर्तन होते हैं?

यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं? - Quora. यौन काल की यह अवधि 11 से 16 वर्ष तक होती है। कद में वृद्धि, स्तनों व नितंबों का उभार, प्‍यूबर्टी, शरीर में कांति व चेहरे पर लुनाई में वृद्धि- ये बाहरी परिवर्तनों का कारण होता है।

महिलाओं में जल्दी यौवन का कारण क्या है?

Precocious Puberty Causes: कभी-कभी कुछ स्थितियां, जैसे संक्रमण, हार्मोन संबंधी कोई विकार, ट्यूमर, मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं या फिर चोटें, असामयिक यौवन का कारण बन सकती हैं. प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लिए इलाज में आमतौर पर आगे के विकास में देरी करने के लिए दवा शामिल है.