मुक्त व्यापार सन्धियाँ: सिद्धांत और वास्तविकता
मुक्त व्यापार संधि के संबंध में प्रायः कहा जाता है कि यह सभी के लिये लाभदायक है, लेकिन यदि इसके इतिहास से कुछ सबक लें तो हम यह पाते हैं कि मुक्त व्यापार सन्धियाँ भी हाथी के दांत की तरह दिखाने के और खाने के कुछ और जैसी ही हैं। आज अमेरिका मुक्त व्यापार संधियों से स्वयं को मुक्त कर रहा, जो कभी मुक्त बाज़ारों का झंडाबरदार माना जाता था। हाल के घटनाक्रमों से यह ज़ाहिर है कि भारत आरसीईपी पर वार्ता को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध नज़र आ रहा है। ऐसे में यह उपयुक्त समय है मुक्त व्यापार संधि के सिद्धांतों और उनकी वास्तविकता में अंतर करने का। Show क्या है मुक्त व्यापार संधि (free trade agreement-FTA)
एफटीए से संबंधित वैश्विक अनुभव
भारत और एफटीए
किन बातों का रखना होगा ध्यान ?
क्या हो आगे का रास्ता ?
निष्कर्ष
मुक्त व्यापार के लाभ क्या है?मुक्त व्यापार (Free trade) के फ़ायदे
इसके समर्थकों का मानना है कि दूसरे देशों के उत्पादों के सरल आयात से उपभोक्ता को निश्चित ही लाभ होता है। मुक्त व्यापार (Free trade) समझौते विदेशी निवेश के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं तथा व्यापार, उत्पादकता और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं।
मुक्त व्यापार से आप क्या समझते हैं?ऐसी व्यापारिक नीति जिसमें किसी भी देशों के बीच वस्तुओं के आयात और निर्यात पर कोई कर नहीं लगता है उसे मुक्त व्यापार या व्यापारिक उदारीकरण कहते हैं। मुक्त व्यापार, इस अर्थ में, संरक्षणवाद के विपरीत है जो एक रक्षात्मक व्यापार नीति है जो विदेशी प्रतिस्पर्धा को समाप्त करती है।
एकमात्र व्यापार क्या है इसके गुण और दोषों का वर्णन करें?एकाकी व्यापार की दशा मे कुछ व्यक्तिगत गुणों का विकास भी होता है; जैसे आत्मविश्वास, शीघ्र निर्णय लेना, जोखिम झेलने की क्षमता, आपत्तियों का साहस के साथ सामना करना इत्यादि। एकाकी व्यापार की स्थापना मे कोई कठिनाई नही होती है, क्योंकि यह समस्त वैधानिक शिष्टाचारों से मुक्त है। इसे जब चाहे प्रारंभ कर सकते है।
मुक्त व्यापार समझौता कब हुआ?भारत-आसियान के बीच इस मुक्त वस्तु व्यापार समझौते पर छह साल की बातचीत के बाद 13 अगस्त, 2009 को हस्ताक्षर किया गया था और 1 जनवरी, 2010 को यह लागू हो गया था।
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