पांच पत्ती वाला बेलपत्र से क्या होता है? - paanch pattee vaala belapatr se kya hota hai?

विषयसूची

  • 1 पांच पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है?
  • 2 बेल पत्री क्या होती है?
  • 3 बेलपत्र पर क्या लिखना चाहिए?
  • 4 सपने में काला बैल देखने का मतलब क्या है?
  • 5 बेलपत्र की उत्पत्ति कैसे हुई?
  • 6 बेल की पत्ती खाने से क्या फायदा होता है?

पांच पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभट्ट ने बताया धर्म शास्त्रों में 5 पत्तों के बेलपत्र का मतलब पांच प्रमुख देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश और मां भगवती से होता है। 4 पत्तों से चार वेदों का होता है। ऐसा ही 9 पत्तों का महत्व नव दुर्गा से है।

बेल पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

बिल्व पत्र चार प्रकार के होते हैं – अखंड बिल्व पत्र, तीन पत्तियों के बिल्व पत्र, छः से 21 पत्तियों तक के बिल्व पत्र और श्वेत बिल्व पत्र। इन सभी बिल्व पत्रों का अपना-अपना आध्यात्मिक महत्व (spiritual importance) है।

  • छह से लेकर 21 पत्तियों वाले बिल्व पत्र- ये मुख्यतः नेपाल में पाए जाते हैं।
  • स्त्रोत —-गूगल
  • बेल पत्री क्या होती है?

    इसे सुनेंरोकेंबिल्व, बेल या बेलपत्थर, भारत में होने वाला एक फल का पेड़ है। इसे रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है। इसके अन्य नाम हैं-शाण्डिल्रू (पीड़ा निवारक), श्री फल, सदाफल इत्यादि। इसका गूदा या मज्जा बल्वकर्कटी कहलाता है तथा सूखा गूदा बेलगिरी।

    शिव जी पर कितने बेलपत्र अर्पित करने चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंकभी भी शिवलिंग पर बिना जल के बेलपत्र न चढ़ाएं। बेलपत्र 3 से लेकर 11 दलों तक के होते हैं। ये जितने अधिक पत्र के हों, उतने ही उत्तम माने जाते हैं।

    बेलपत्र पर क्या लिखना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंआपको 108 बेलपत्रों पर चंदन से राम लिखना होगा. इसके अलावा आप शिवलिंग पर ऊं नम: शिवाय कहते हुए बेलपत्र चढ़ाएं.

    सपने में सफेद बैल देखने का क्या मतलब है?

    इसे सुनेंरोकेंएक सपने में एक सफेद बैल का अर्थ है खुशी से ख़बर और मुनाफा। अगर कोई सपने में किसी के खिलाफ कोई गाय या गाय चराता है, तो इसका मतलब है कि भगवान उससे नाराज है। सपने में बैल का मांस खाने का अर्थ है आर्थिक आराम।

    सपने में काला बैल देखने का मतलब क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंसपने में काला बादल देखना यह सपना एक अच्छा सपना नहीं माना गया है कर यह सपना यह बताता है कि आपको वाले समय में धन हानि हो सकती और यह सपना आपको परेशानिया आने का संकेत भी देता है तो सभी तरह से यह सपना एक अशुभ फल देने वाला सपना माना गया है ।

    बेल पत्र कब तोडना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंचतुर्थी, नवमी, अष्टमी और अमावस्या की तिथियों को बेलपत्र चढ़ाना वर्जित माना गया है. इसके अलावा संक्रांति और सोमवार को भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. पूजा में इस्तेमाल करने के लिए एक दिन पहले तोड़कर रख लें.

    बेलपत्र की उत्पत्ति कैसे हुई?

    इसे सुनेंरोकेंबेलपत्र की उत्पत्ति कैसे हुई- स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर जा गिरी. इससे वहां एक पौधा उगा जो बाद में बेलपत्र के पेड़ के रूप में परिवर्तित हो गया. बेलपत्र औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसका उपयोग भगवान शिव की पूजा से लेकर दवाइयां बनाने तक में किया जाता है.

    बेलपत्र चढ़ाने का मंत्र क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंशिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त बोले ये मंत्र त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् । त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ॥

    बेल की पत्ती खाने से क्या फायदा होता है?

    गर्भ निरोधक में कारगर विशेषज्ञों की मानें तो बेल के पत्ते से बना चूर्ण गर्भ निरोधक में काफी ज्यादा कारगर साबित हुआ है.

  • कैंसर, सूजन, पेट सम्बंधित समस्या से बचाव बेल के पत्ते का चूर्ण कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है.
  • मधुमेह से राहत
  • शरीर को ठंडक दे
  • स्तन दूध उत्पादन बढ़ाए