माणिक रत्न कौन सी धातु में पहनना चाहिए? - maanik ratn kaun see dhaatu mein pahanana chaahie?

माणिक रत्न किस धातु में पहनना चाहिए –

 Chahiye

माणिक रत्न किस धातु में पहनना चाहिए – (manik ratna kis dhatu me dharan karna chahiye) जिससे हमें उसकी विस्तृत लाभ प्राप्त हो सके। माणिक रत्न ऐसा रत्न है, जो सूर्य ग्रह से संबंधित रत्न होता हैl यह देखने में गुलाबी रंग का होता हैl माणिक रत्न कोरेंडम खनिज परिवार से संबंधित होता है, तथा क्रोमियम की मात्रा इसके रंग को निर्धारित करती है। सूर्य ग्रह से संबंधित माणिक रत्न उसके विशिष्ट गुणों से परिपूर्ण होता है, जिसकी वजह से माणिक रत्न की बहुत अधिक मांग होती है। यह एक ऐसा रत्न है, जो सूर्य देव से संबंधित जो भी परेशानी जातक के जीवन में होती हैl उन सभी परेशानियों को दूर करने या नियंत्रित करने की क्षमता इसमें विद्यमान होती है, तथा जिस भी जातक के द्वारा इसे धारण किया जाता है lउसमें भी यह शक्तियां धीरे-धीरे उसका रूपांतरण कर उसका हिस्सा बन जाती है, उसका तेज, उसकी कांति अद्भुत रूप से बढ़ने लगती है।

माणिक रत्न कौन सी धातु में पहनना चाहिए? - maanik ratn kaun see dhaatu mein pahanana chaahie?

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माणिक रत्न (manik ratna kis dhatu me pahne) उसे नाम प्रसिद्धि देने में कोई कसर नहीं छोड़ता हैl माणिक रत्न को धारण करने से नौकरी पेशा संबंधित जितनी भी चीजें हैं। उसमें जातक को सफलता प्राप्त होती हैl बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें आजीविका संबंधित चीजों में परेशानी होती है। लाख कोशिशों के बाद भी वह एक अच्छा जीवन नहीं जी पाते हैं, ऐसे में माणिक रत्न किसी वरदान से कम नहीं हैl उनके जीवन को सार्थक रूप में ढालने का कार्य करता है। माणिक रत्न अपना प्रभाव जब दिखाता है, तब आपके रिश्ते सुधरने लगते हैं, तथा आपका पहुंच बहुत दूर-दूर तक होने लगता है, समाज में आपकी एक उचित पद प्रतिष्ठा होती है, लोग आपके विचारों को बहुत सम्मान देते हैं।

माणिक रत्न (manik ratna ko kis dhatu me pahne) के प्रभाव से जातक में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है, इसके साथ साथ उसमें दृढ़ इच्छा इच्छा शक्ति काफी मजबूत होती है lवह निर्भीक निडर होता है lशौर्य वान व्यक्तित्व वाला व्यक्ति होता है, ऐसे लोग हमेशा उत्साह से भरे हुए रहते हैं, तथा उसमें किसी भी प्रकार के कार्य को करने के लिए संकोच नहीं रहता है lउनमें आलस्य के जैसे भाव देखने को नहीं मिलते हैं, वह हर वक्त कार्य करने के लिए तत्पर रहते हैं, तथा अपने कार्य को पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण करते हैं। सरकारी नौकरी के सपने देखने वाले जातकों के लिए माणिक रत्न किसी वरदान से कम नहीं हैl माणिक रत्न उन्हें सरकारी नौकरी के संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रति स्पर्धाओं में सफलता दिलाने की संभावना को बढ़ा देता है। माणिक रत्न को धारण लोग प्रशासनिक विभाग में सेवा प्राप्त करने के लिए भी करते हैं।

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धातुओं का भी हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, इसी वजह से इनका उपयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है, धातु का उपयोग न केवल विभिन्न प्रकार के आभूषण बनाने में बल्कि तरह-तरह के खाने बनाने के बर्तनों में किया जाता रहा हैl इसके साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बर्तन बनाए जाते हैं, जिसमें हम पेय पदार्थ को पी सके धातु का उपयोग हजारों वर्षों से व्यापक रूप से किया जाता रहा है, तथा हर एक धातु में विभिन्न ग्रहों की शक्तियां विद्वान रहती है, जैसे -सोना धातु में ऐसा माना जाता है, कि सूर्य ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की शक्तियां होती है, तथा सोने से बने बर्तनों में खाने पीने से हमारा तेज बढ़ता हैl हम यशस्वी बनते हैं, हम तेजस्वी बनते हैं।

यह धातु हमारे शरीर को मजबूत बनाता है, तथा सूर्य के समान कांति प्रदान करता है, एवं सोने से बर्तनों में खाना खाने या पानी पीने या कोई भी पेय पदार्थ पीने से हमारे अंदर कार्य करने की अद्भुत क्षमता आती है lउसी प्रकार चांदी के बर्तनों का भी उपयोग प्राचीन काल से ही व्यापक स्तर पर किया जाता रहा है, ऐसा माना जाता है, कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रग्रह निम्न भाव में स्थित होते हैं, या पूरी तरह से निष्क्रिय होते हैं, या किसी भी प्रकार से उन्हें पीड़ा दे रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में उन्हें चांदी के बर्तनों में खाना खाना या फिर पेय पदार्थ पीना चाहिए lइससे उनके कुंडली के जिस भाव में भी चंद्रमा स्थित होते हैं, उसमें शुभ प्रभाव देने लगते हैं, तथा हमारे मन मस्तिष्क को असीम शांति की प्राप्ति होती है,हमारे चेहरे की चमक बढ़ती है।

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हमारा आभामंडल पूरी तरह से शुद्ध होता है, उसी प्रकार तांबा धातु जिसका उपयोग भी मुख्यत: विभिन्न प्रकार के बर्तनों एवं आभूषण बनाने में किया जाता रहा है। इसका और भी उपयोग है, जैसे -विद्युतीकरण में इसका बहुत अहम रोल होता है। इसके बिना हमारे घर ऑफिस बिना विद्युत के ही संचालित करना पड़ेगा, ऐसा माना जाता है, कि तांबा रत्न में सूर्य से संबंधित शक्तियां होती हैl यदि तांबा से बनी हुई कोई भी आभूषण धारण किया जाता है, तो यह आपकी ऊर्जा शक्ति को बढ़ा देता हैl यह आपके प्राण ऊर्जा को जागृत करता है, जिससे आप खुद को बहुत ऊर्जावान महसूस करते हैं, एवं किसी भी कार्य को करने के लिए अपने अंदर पर्याप्त ऊर्जा का स्रोत पाते हैं।

माणिक रत्न (manik ratna dharan karne se kya hota hai) आपको मन मस्तिष्क से पूरी तरह से किसी कार्य को करने के लिए बाध्य करता है, और भी विभिन्न प्रकार के धातु है, जैसे -लोहा जिसका उपयोग भी बहुत तरीके से किया जाता है, किंतु जितने भी धातु है, किसी न किसी प्रकार से वे विभिन्न ग्रहों से जुड़े हुए होते हैं, तथा उन धातुओं का भौतिक गुण उस विशिष्ट ग्रह से काफी मेलजोल खाता है, इसलिए जब हमारे द्वारा कोई भी रत्न धारण किया जाता है, तो उसे उपयुक्त धातु के साथ पिरो कर धारण किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से हम रत्न के सारी ऊर्जाओ को एकत्रित करते हैं, और उसे जागृत करते हैं, एवं बहुत से कार्यों की सिद्धि के लिए उसे हम धारण करते हैं।

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माणिक रत्न के लिए सबसे उपयुक्त धातु सोना को माना गया है, ऐसा माना जाता है, कि यदि माणिक को सोने में धारण किया जाए तो इसकी शक्ति दुगुनी हो जाती है, तथा यह अपना प्रभाव हमारे जीवन पर दोगुनी गति से दिखाता है, इसके अनुकूल प्रभाव से हम अपने जीवन में वह सारी चीजें हासिल करने में सक्षम हो पाते हैं, जिनकी कामना शायद हमने कभी सपने में भी ना की हो, कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि पैसे की तंगी की वजह से यह धातु लोग खरीदने में असक्षम हो क्योंकि सोना एक महंगा धातु है, जिसे खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है, तथा इसकी कीमत दिनों दिन बढ़ती चली जा रही है, ऐसे में यदि किसी के पास पैसे की तंगी हो तो वह कैसे माणिक रत्न को खरीद सकता है, इसलिए इसके जगह पर पीतल धातु में भी माणिक रत्न (manik ratna dharan karne ke fayde) को धारण किया जा सकता है, पीतल धातु में भी यदि माणिक रत्न को धारण किया जाए तो भी जातक को अच्छे लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

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माणिक रत्न कौन से धातु में पहनना चाहिए?

माणिक्‍य रत्‍न सूर्य के रत्‍न माणिक्‍य यानि रूबी को तांबे या सोने की धातु में पहनना चाहिए

माणिक कितने कैरेट का पहनना चाहिए?

माणिक रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए और माणिक रत्न पहनने की विधि जब बात इस रत्न की हो रही हो तब व्यक्ति को ज्योतिष आचार्य द्वारा बताए गए तत्वों के आधार पर व्यक्ति को यह रत्न कम से कम पाँच रत्ती ( कैरेट ) का पहनना चाहिए। इस रत्न को सोने और तांबे की अंगूठी में जड़वाकर पहनना शुभ माना जाता है।

माणिक कितने दिन में असर दिखाता है?

रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।

माणिक कौन पहन सकता है?

किसे पहनना चाहिए माणिक्य रत्न? मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु मीन लग्न वाले माणिक्य पहन सकते हैं. जो लोग जुलाई के महीने या रविवार को पैदा हुए हैं उन्हें भी यह रत्न सूट करता है. मूलांक के अनुसार, 1, 10, 19 और 28 तारीख को जन्म लेने वाले व्यक्ति भी माणिक्य रत्न पहन सकते हैं.