मानव शरीर में कितनी ग्रंथियां पाई जाती है - maanav shareer mein kitanee granthiyaan paee jaatee hai

Solution : मनुष्य में तीन जोड़ी लार ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं, जो निम्नलिखित हैं
(1) कर्णपूर्व ग्रन्थि (Parotid gland)
(2) अधोजम्भ ग्रन्थि (Submaxillary gland)
(3) अधोजिव्हा ग्रन्थि (Sublingual gland)
लार ग्रन्थियों के कार्य (Functions of Salivary glands) निम्न हैं
(i) ग्रन्थियों से स्रावित लार मुखगुहा को नम बनाये रखती है।
(ii) भोजन को नम बनाने एवं निगलने में सहायता करती है।
(iii) भोजन में उपस्थित मण्ड का आंशिक रूप से पाचन करती है तथा टायलिन (Ptylin) द्वारा स्टार्च को माल्टोज में बदलती है।
(iv) मुँह व दाँतों को साफ रखती है।
(v) लार में उपस्थित लाइसोजाइम्स जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायता प्रदान करती है।

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

आपका सवाल है मानव शरीर में कुल कितनी ग्रंथियां पाई जाती हैं तो दोस्तों मानव शरीर में जो ग्रंथियां पाई जाती हैं वह धोतरा की ग्रंथियां होती है एक कुत्तिया बहन स्रावी ग्रंथियां दूसरी होती है अंतः स्रावी ग्रंथियां की दो तरह की ग्रंथियां पाई जाती हैं और गलतियों की कुल संख्या जो होती है वह है 14 कुल 14 ग्रंथियां पाई जाती हैं

aapka sawaal hai manav sharir me kul kitni granthiyan payi jaati hain toh doston manav sharir me jo granthiyan payi jaati hain vaah dhotra ki granthiyan hoti hai ek kuttiya behen srawi granthiyan dusri hoti hai antah srawi granthiyan ki do tarah ki granthiyan payi jaati hain aur galatiyon ki kul sankhya jo hoti hai vaah hai 14 kul 14 granthiyan payi jaati hain

आपका सवाल है मानव शरीर में कुल कितनी ग्रंथियां पाई जाती हैं तो दोस्तों मानव शरीर में जो ग्

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मानव शरीर में कितनी ग्रंथियां पाई जाती है - maanav shareer mein kitanee granthiyaan paee jaatee hai
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मानव शरीर में कितनी ग्रंथियां पाई जाती है - maanav shareer mein kitanee granthiyaan paee jaatee hai

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हमारे शरीर में कुछ विशेष ऊतक होते हैं जिन्हें अंतःस्रावी ग्रंथियां कहते हैं। ये ग्रंथियां रसायनिक पदार्थ स्रावित करती हैं जिन्हें हार्मोन्स कहा जाता है। ये हार्मोन जीवों और उनके विकास की गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने में मदद करते हैं।

मानव शरीर में कितनी ग्रंथियां पाई जाती है - maanav shareer mein kitanee granthiyaan paee jaatee hai

र्मोन (Hormone)

हमारे शरीर में कुछ विशेष ऊतक होते हैं जिन्हें अंतःस्रावी ग्रंथियां कहते हैं। ये ग्रंथियां रसायनिक पदार्थ स्रावित करती हैं जिन्हें हार्मोन्स कहा जाता है। ये हार्मोन जीवों और उनके विकास की गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने में मदद करते हैं। नीचे हार्मोन्स के गुण दिए जा रहे हैं–

  • हार्मोन्स अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा कम मात्रा में स्रावित होते हैं।
  • हार्मोन्स सीधे रक्त में स्रावित होते हैं और रक्त संचार प्रणाली के माध्यम से पूरे शरीर में पहुंचते हैं।
  • हार्मोन्स का प्रभाव उनके बनने के स्थान से अलग स्थान पर दिखाई देता है।
  • हार्मोन्स विशेष ऊतकों या अंगों पर काम करते हैं। 

अंतःस्रावी ग्रंथियां (Endocrine Glands)

एक ग्रंथी शरीर में विशेष पदार्थ स्रावित करता है। ग्रंथियां दो प्रकार की होती हैं–

क)    बहिस्रावी ग्रंथियां (Exocrine glands)

ख)   अंतःस्रावी ग्रंथियां (Endocrine glands)

बहि स्रावी ग्रंथियां वैसी ग्रंथियों को कहते हैं जो वाहिनी में पदार्थ स्रावित करती हैं। उदाहरण के लिए लार ग्रंथि लार वाहिनी में लार स्रावित करती है।
अंतःस्रावी ग्रंथियां वे होती हैं जो सीधे रक्त में अपना पदार्थ स्रावित करती हैं। अंतः स्रावि ग्रंथियों में कोई नलिका नहीं होती। अंतःस्रावी ग्रंथि द्वारा स्रावित होने वाला पदार्थ हार्मोन कहलाता है। ये हार्मोन रक्त के जरिए यात्रा करता है और शरीर के संबंधित अंग पर काम करता है। हार्मोन्स एक प्रकार के रसायनिक दूत होते हैं।

ऐसी कई ग्रंथियां हैं जो बहिर्स्रावी और अंतःस्रावी दोनों प्रकार के कार्य करती हैं। अग्न्याशय, वृषण और अंडाशय बहिर्स्रावी और अंतःस्रावी दोनों प्रकार के कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, अग्न्याशय अंतः स्रावि ग्रंथि के तौर पर काम करता है और इंसुलीन स्रावित करता है। साथ ही यह बहिर्स्रावि ग्रंथि की तरह भी काम करता है और अग्न्याशय वाहिनी में अग्न्याशय अर्क स्रावित करता है।

अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System)

Jagranjosh               

स्रोत: www.embryology.med.unsw.edu.au

अंतःस्रावी प्रणाली हमारे शरीर की गतिविधियों के बीच समन्वय स्थापित करने में भी मदद करता है। हमारे शरीर में उपस्थित अंतःस्रावी ग्रंथियां हैं– पीनियल ग्रंथी, हाइपोथैलमस ग्रंथी, पिट्यूटरी ग्रंथी, थायराइड ग्रंथी, पाराथायराइड ग्रंथी, थाइमस, अग्न्याशय, अधिवृक्क ग्रंथी, वृषण और अंडाशय। अंतःस्रावी ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को तंत्रिका तंत्र नियंत्रित करता है। हार्मोन्स शरीर और तंत्रिता तंत्र के बीच दूत का काम करते हैं। 

हाइपोथैलमस और पिट्यूटरी ग्रंथि तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी प्रणाली के बीच समन्वय का मुख्य केंद्र हैं। हाइपोथैलमस मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों और उससे हो कर गुजरने वाली रक्त वाहिकाओं से सूचना एकत्र करने में मदद करता है। इसके बाद यह सूचना पिट्यूटरी ग्रंथि को दी जाती है जो अपने स्राव द्वारा सभी अन्य अंतःस्रावी ग्रंथियों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। मानव शरीर में हार्मोन्स विकास, चयापचय गतिविधियों और प्रजनन में मदद करते हैं।

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स्रोत: www.image.slidesharecdn.com

हाइपोथैलमस (Hypothalamus)

यह ग्रंथि मस्तिष्क में होती है और हार्मोन एवं निरोधात्मक हार्मोन पैदा करती है। हाइपोथैलमस पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करता है।

पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland)

यह ग्रंथि मस्तिष्क के ठीक नीचे होती है और कई प्रकार के हार्मोन्स स्रावित करती है। पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन्स में से एक है विकास हार्मोन। यह विकास हार्मोन हड्डियों एवं मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित करता है। जिन व्यक्तियों में विकास हार्मोन की कमी होती है वे बहुत नाटे रह जाते हैं और जिनमें इसका स्राव बहुत अधिक होता है वे बहुत लंबे हो जाते हैं।

थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland)

थायराइड ग्रंथि सांस की नली से जुड़ी होती है औऱ थाइरॉक्सिन नाम का हार्मोन बनाती है जिसमें  आयोडीन होता है। इस हार्मोन का काम शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन का चयापचय दर नियंत्रित करना है। भोजन में आयोडीन की कमी से शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से गलगंड (गॉइटर/ घेघा) नाम की बीमारी हो जाती है। 

पैराथाइरॉइड ग्रंथि (Parathyroid Gland)

थायरॉइड ग्रंथि में जुड़े चार पैराथाइरॉइड ग्रंथि होते हैं। पैराथाइरॉइड ग्रंथि पाराथॉर्मोन नाम का हार्मोन स्रावित करता है जो रक्त में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है।

थाइमस ग्रंथि (Thymus Gland)

यह गर्दन के नीचले हिस्से और छाती के उपरी हिस्से में होता है। थाइमस ग्रंथि थाइमस हार्मोन स्रावित करता है जो शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में मदद करता है।

अग्न्याशय (Pancreas)

यह ग्रंथि पेट के ठीक नीचे मौजूद होता है और इंसुलिन नाम का हार्मोन स्रावित करता है। इंसुलिन का काम रक्त में शर्करा का स्तर कम बनाए रखना होता है। इसकी कमी से मधुमेह नाम की बीमारी होती है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के रक्त में शर्करा की मात्रा बहुत अधिक होती है।

अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)

अधिवृक्क ग्रंथि दोनों गुर्दों के उपर होती है। ये ग्रंथ अधिवृक्क हार्मोन स्रावित करती है जो हृदय गति, सांस लेने की दर, रक्त दबाव और कार्बोहाइड्रेट चयापचय को नियंत्रित करती है। जब कोई व्यक्ति बहुत खुश या डरा हुआ होता है तो यह हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में स्रावित होता है। इस ग्रंथि को आपातकालीन ग्रंथि (glands of emergency) भी कहते हैं।

वृषण (Testes)

यह ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में होती है और पुरुष यौन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन बनाती है। टेस्टोस्टेरोन पुरुष यौन अंगों और पुरुषों के गुण जैसे गंभीर आवाज, मूछें, दाढ़ी आदि के विकास को नियंत्रित करता है।

अंडाशय (Ovaries)

यह ग्रंथि सिर्फ महिलाओं में होती है और यह मादा यौन हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन बनाता है। एस्ट्रोजन मादा यौन अंगों एवं महिला गुणों जैसे स्त्रियोजित आवाज, कोमल त्वचा औऱ स्तन ग्रंथियों के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन माहवारी चक्र में गर्भाशय के परिवर्तन को नियंत्रित करता है। यह गर्भावस्था के दौरान मदद करता है।

प्रतिपुष्टि तंत्र (फीडबैक मैकनिज्म) (Feedback Mechanism)

हार्मोनों की अधिकता या कमी का हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसलिए शरीर में हार्मोन्स के उत्पादन एवं स्राव को नियंत्रित एवं विनियमित करने के क्रम में प्रतिपुष्टि तंत्र होता है जो हमारे शरीर में जन्मजात होता है।

मनुष्य के शरीर में कुल कितनी ग्रंथियां होती हैं?

हमारे शरीर में उपस्थित अंतःस्रावी ग्रंथियां हैं– पीनियल ग्रंथी, हाइपोथैलमस ग्रंथी, पिट्यूटरी ग्रंथी, थायराइड ग्रंथी, पाराथायराइड ग्रंथी, थाइमस, अग्न्याशय, अधिवृक्क ग्रंथी, वृषण और अंडाशय।

शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि कौन सी है?

मस्तिष्क के केंद्र के पास स्थित, पीनियल ग्रंथि मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि होती है जिसकी लंबाई लगभग 5-8 मिमी होती है। यह ग्रंथि मेलाटोनिन और सेरोटोनिन का उत्पादन करती है और इसलिए, यह नींद के प्रतिरुप को संशोधित करने हेतु जिम्मेदार है।

शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि कौन सी होती है?

यकृत (लीवर) शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि कहलाती है। प्लीहा, अग्न्याशय, अंडग्रंथि, डिंबग्रंथि - इन सबकी ग्रंथियों में ही गणना की जाती है।

ग्रंथियां कितने प्रकार की है?

Solution : दो प्रकार की अंत: स्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine glands ) और बहिस्रावी ग्रंथियाँ (Exocrine glands ) ।