मेरा प्रिय खेल कबड्डी 10 line - mera priy khel kabaddee 10 linai

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कबड्डी पर निबंध


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कबड्डी के खेल का मैदान

कबड्डी खेल में खिलाडियों की संख्या का कोई बंधन नहीं रहती है। इतना जरूर है कि दोनों दलों के खिलाडियों की तायदाद समान रहती है और ताकत में भी दोनों दलों में समानता रखी जाती है। इस खेल के लिए हरी- भरी और समतल भूमि ही उपयुक्त समझी जाती है। किसी नदी या तालाब के किनारे चौरस जमीन पर खेल और भी रंग लाता है। खेल का मैदान प्रायः समान दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है। ठीक बीच से एक लकीर एक ओर दूसरी ओर तक बना दी जाती है ,उसे डांडी कहते हैं। इसी डांडी के दोनों ओर एक एक दल कुछ - कुछ दूरी पर खड़ा हो जाता है। 


कबड्डी खेल के नियम

कौन दल पहले खेल आरम्भ करेगा इसका निर्णय प्रायः किसी सिक्के की सहायता से चित्त या पट गिराकर किया जाता है। किसी दल का कोई खिलाड़ी कबड्डी - कबड्डी बोलते हुए दूसरे दल के खिलाड़ियों को छूने की पूरी कोशिश करता है ,उसे ही पढ़ना कहते हैं। दूसरे दल के खिलाड़ी उसको रोके रखने की चेष्टा करते हैं। यदि एक ही साँस में वह किसी खिलाड़ी को छू कर अपने दल में भाग आता है ,तो छुए जाने वाले को बैठ जाना पड़ता है ,इसे ही खेल में मर जाना कहते हैं। 


इस तरह से अगर दूसरे दल वालों ने इसे रोक लिया तो यह भी मर जाता है। बारी - बारी से दोनों दलों के खिलाड़ी एक एक पढ़ने जाते हैं। जिस दल के सब खिलाड़ी मर जाते हैं ,उस दल की हार और दूसरे दल की हार और दूसरे दल की जीत हो जाती है। बीच बीच में जब एक एक दल का कोई खिलाड़ी मर जाता है ,तब दूसरे दल का एक खिलाड़ी जी जाता है ,अर्थात उसे खेलने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। इस प्रकार कबड्डी का खेल होता है। कहीं कहीं खेल की हार - जीत का निर्णय किसी मध्यस्थ (रेफरी ) के द्वारा किया जाता है और कहीं कहीं दोनों दलों के खिलाड़ी ही स्वयं उन्हें सञ्चालन करते हैं। 


कबड्डी खेल के लाभ और हानि

कबड्डी खेल के खेलने से साँस रोकने की क्षमता बढ़ती है। शरीर के अंग - प्रत्यंग के सञ्चालन होने से शरीर मजबूत और गठीला होता है। खुले मैदान में खेल होने के कारण शुद्ध और स्वच्छ हवा में साँस लेने से स्वास्थ्य की उन्नति होती है। परस्पर भातृभाव ,सहानुभूति और अनुशासन की शिक्षा मिलती है। सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि बिना खर्च के ही शरीर की अच्छी कसरत होती है। 

हष्ट - पुष्ट और स्वस्थ खिलाड़ी ही इस खेल में सम्मलित हो सकते हैं। दुबले  - पतले और कमजोर इसमें भाग नहीं ले सकते हैं। कभी - कभी हार - जीत को लेकर दोनों दलों में वाद - विवाद से बढ़ते - बढ़ते मार -पीट की नौबत तक आ जाती है।

कबड्डी खेल तो कई तरह के हैं, जैसे बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केट बॉल, लॉन टेनिस, टेबिल टेनिस आदि पर मुझे सब खेलों में कबड्डी खेलना ज्यादा अच्छा लगता है। यही मेरा प्रिय खेल है। बैडमिंटन, फुटबॉल, टेबिल टेनिस आदि ऐसे खेल हैं जिनके लिए कोई उपकरण आवश्यक नहीं है। स्टिक के बिना हॉकी नहीं खेली जा सकती, क्रिकेट के लिए भारी-भरकम उपकरण चाहिए पर कबड्डी के लिए कुछ जरूरी नहीं है। कबड्डी के लिए उँगली से पाला खींचिए और खेल शुरू। क्रिकेट बगैरह ऐसे खेल हैं जिनमें चोट लग सकती है पर कबड्डी में ऐसा नहीं है। हालाँकि हल्की-फुल्की चोट इसमें भी लग सकती है। जैसे कोई खिलाड़ी किसी को पकड़ने के लिए कैंची मारे तो उससे टाँग में चोट लग जाए। पकड़ते समय किसी खिलाड़ी के हाथ में कपड़ा आ जाए तो फट सकता है। यह ऐसा खेल है जिसे जब चाहे खेल सकते हैं। इसके लिए उस तरह का मैदान नहीं चाहिए जिस तरह क्रिकेट या हॉकी के लिए चाहिए।

कबड्डी में दो टीमें होती हैं। निर्णय लेने के लिए एक रैफरी होता है। रैफरी के सीटी बजाते ही खेल आरम्भ हो जाता है। एक टीम का खिलाड़ी दूसरी टीम के क्षेत्र में कबड्डी कबड्डी करता हुआ प्रवेश करता है। वह उस टीम में खिलाड़ियों को छूकर आउट करने का प्रयास करता है। दूसरी ओर दूसरी टीम के खिलाड़ी उसे पकड़ने का प्रयास करते हैं। अगर वह दूसरी टीम के खिलाड़ियों को छूकर वापस अपने पाले या क्षेत्र में सुरक्षित पहुँच जाता है तो दूसरी टीम के जिन खिलाड़ियों को उसने छुआ होता है वे मरे हुए माने जाते हैं, परन्तु अगर वह स्वयं दूसरी टीम में खिलाड़ियों द्वारा पकड़ा जाता है और उसकी साँस टूट जाती है। अथवा कबड्डी बोलना बंद कर देता है, वापस अपने क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता तो वह मरा हुआ घोषित किया जाता है। इसी प्रकार अब दूसरी टीम का खिलाड़ी कबड्डी बोलता हुआ उनके क्षेत्र में प्रवेश करता है। इस खेल में सभी खिलाड़ियों का आउट होना आवश्यक है। इस तरह यह सदा सुलभ रहने वाला खेल है। इससे व्यायाम भी होता है और मनोरंजन भी।

Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi आज हम भारत के परंपरागत खेल मेरा प्रिय खेल कबड्डी के बारे में हिंदी में लिखने वाले हैं. कबड्डी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है.

इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह कबड्डी खेल के बारे में अपनी परीक्षा में सही जानकारी लिख सकेंगे.

विषय-सूची

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  • Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 150 words
  • Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi 400 words
  • Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 1000 words

Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 150 words


मेरा नाम विजय है मुझे सभी खेल पसंद है लेकिन मैं सबसे अच्छा Kabaddi खेल खेलता हूं इसलिए मेरा प्रिय खेल कबड्डी है. यह खेल खेलते समय मुझे बहुत अच्छा लगता है.

कबड्डी टीम में वैसे तो 12 खिलाड़ी होते है लेकिन खेलते सिर्फ 7 खिलाड़ी ही हैं और बाकी के खिलाड़ी इसलिए होते हैं कि अगर किसी खिलाड़ी को चोट आ जाए तो उसकी जगह पर दूसरा खिलाड़ी खेल सके.

मेरा प्रिय खेल कबड्डी 10 line - mera priy khel kabaddee 10 linai

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इस खेल को खेलने के लिए सिर्फ एक मैदान की ही आवश्यकता होती है जिसमें दोनों टीमों के लिए दो पाले बने होते है. इस खेल में एक टीम का खिलाड़ी विपक्षी टीम के पाले में जाकर विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को हाथ लगाकर वापस लौटना होता है

अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो विपक्षी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और वह ऐसा करने में सफल हो जाता है तो उनकी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

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इस खेल को खेलते समय कबड्डी शब्द का उच्चारण करना जरूरी होता है.

Mera Priya Khel Kabaddi in Hindi 400 words


मेरा प्रिय खेल कबड्डी है और मुझे यह खेल खेलना बहुत अधिक पसंद है. मैं और मेरे दोस्त रोज हमारे घर के पास बने मैदान में जाकर कबड्डी खेलते है.

मेरी स्कूल में भी हमारे खेल के शिक्षक द्वारा कबड्डी खेलना सिखाया जाता है पिछले साल हमारी टीम ने कबड्डी के मैच में गोल्ड मेडल जीता था. मेरा लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर भारत की तरफ से कबड्डी खेल में एशियाई खेलों में खेलने जाऊं. मै कबड्डी का सबसे अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता हूं.

Kabaddi खेलने के लिए एक छोटे मैदान की आवश्यकता होती है और दो कबड्डी टीमों की आवश्यकता होती है कबड्डी में प्रत्येक टीम में 7-7 खिलाड़ी होते है.

कबड्डी के मैदान के बीचो बीच सफेद रंग की एक रेखा खींची जाती है जो कि दोनों टीमों के पाले को इंगित करती है. खेल खेलने से पहले सभी खेलों की तरह सिक्का उछाल के टॉस किया जाता है जीतने वाली टीम पहले खेलती है.

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कबड्डी खेलने के लिए शरीर में स्फूर्ति और चपलता की जरूरत होती है यह शतरंज की तरह ही दिमाग से खेले जाने वाला खेल है.

इस खेल में एक टीम का एक खिलाड़ी विपक्षी टीम के पाले में कबड्डी शब्द का उच्चारण करते हुए जाता है और वह विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को छूकर वापस अपने पाले में आने का प्रयास करता है

अगर वह इसमें सफल हो जाता है तो उसकी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और वह ऐसा नहीं कर पाता है तो विपक्षी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

इस खेल को खेलने के लिए 20 मिनट का टाइम निश्चित किया जाता है लेकिन यह टाइम कम ज्यादा भी किया जा सकता है. यह खेल देखने में जितना साधारण लगता है खेलने में उतना ही कठिन है. इस खेल को खेलने से हमारे शरीर में रक्त संचार बढ़ जाता है और साथ ही हमारे स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.

यह खेल हमें अनुशासन में रहना सिखाता है इस खेल को खेलने से भाईचारे की भावना पैदा होती है शायद इसीलिए इस खेल को भारत में प्राचीन काल से ही खेला जाता रहा है. Kabaddi को हमारे देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे दक्षिण भारत में “चेडुगुडु” और पूर्वी भारत में “हु तू तू” के नाम से भी जानते है.

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कबड्डी खेलने से हमारा मन शांत रहता है और इस खेल को खेलने के बाद हम जो भी कार्य करते हैं उसमें हमारा पूरा ध्यान लगता है इसलिए कबड्डी मेरा सबसे अधिक प्रिय खेल है.

Mera Priya Khel Kabaddi Essay in Hindi 1000 words


हमारे जीवन में खेलों का अहम स्थान होता है हमारे स्वास्थ्य के लिए जितना खाना पीना जरूरी है उतना ही खेलना भी जरूरी है. खेल हमारे जीवन को खुशियों और उमंगो से भर देते है. प्रत्येक बच्चे के बचपन की शुरुआत खेल खेलने से ही होती है.

प्राचीन काल में बच्चों को बाहर खेलना बहुत पसंद था. खेल दो प्रकार के होते है एक इनडोर और एक आउटडोर.  आउटडोर खेल वे होते है जो मैदानों में खुले में खेले जाते है इनमें कबड्डी, खो-खो, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, भाग दौड़, पिट्टू आदि खेल खेलें जाते है. इन खेलों को खेलने से शरीर की कसरत भी हो जाती थी और शरीर तंदुरुस्त बना रहता है.

मैदानों में खेले जाने वाले खेलों से सोचने समझने की क्षमता का विकास होता है. खेल खेलने से शरीर हष्ट पुष्ट रहता है और किसी प्रकार का आलस्य नहीं होता है इससे हमारे जीवन में खेलों का महत्व और बढ़ जाता है.

मुझे सभी खेल खेलने पसंद है लेकिन मेरा सबसे प्रिय खेल कबड्डी है. कबड्डी खेलना मुझे बहुत पसंद है कबड्डी हमारे देश का लोकप्रिय गेम है जो कि पुराने जमाने से खेला जाता आ रहा है. मैं एक छोटे गांव में रहता हूं तो यहां पर सबसे सस्ता और अच्छा खेल कबड्डी है.

मेरे सभी दोस्तों को भी Kabaddi खेलना बहुत पसंद है हम रोज खेल के मैदान में जाकर इस खेल को खेलते है. इस खेल को खेलने के लिए शरीर में स्फूर्ति होनी आवश्यक है और साथ ही सोचने की क्षमता भी अधिक होनी चाहिए.

हम कबड्डी इसलिए खेलते हैं क्योंकि एक तो यह हमें सबसे अच्छा लगता है और साथ ही इससे हमारा शारीरिक और मानसिक विकास में होता है. हमारी स्कूल और कॉलेज में प्रतिवर्ष कबड्डी के राज्य और जिला स्तर पर मैच होते है.

इस खेल को खेलने से हमारा मन भी शांत रहता है और दिमाग भी तेजी से काम करता है हमारे देश में प्राचीन काल से ही खेला जाता रहा है इस खेल को गांव में ज्यादा खेला जाता है क्योंकि इसमें किसी प्रकार खर्चा नहीं होता है.

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कबड्डी खेलने का तरीका –

कबड्डी खेलने के लिए एक मैदान की आवश्यकता होती है वह मैदान कैसा भी हो सकता है चाहे वह मिट्टी का हो या फिर छोटी घास वाला मैदान.

कबड्डी खेलने के लिए इसमें 2 टीम होती है जिनमें 7 – 7 खिलाड़ी होते है.

इस खेल में मैदान दो बराबर हिस्सों में बंटा होता है जिसके बीचो-बीच एक लाइन बना दी जाती है दोनों हिस्सों को आम भाषा में “पाला” भी कहा जाता है.जिसके दोनों तरफ दोनों टीमों के खिलाड़ी आ जाते है फिर अन्य खेलों की तरह ही इस में टॉस किया जाता है जो भी टीम टॉस जीतती है

उस दिन का खिलाड़ी दूसरे टीम के पाले में कबड्डी-कबड्डी का उच्चारण करते हुए जाता है और अगर वह खिलाड़ी दूसरे टीम के किसी खिलाड़ी को हाथ लगाकर वापस अपने पाले में आ जाता है तो उस टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है और अगर वह खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाता है तो दूसरी टीम को 1 पॉइंट मिल जाता है.

इस प्रकार जो भी टीम अधिक पॉइंट हासिल करती है वही टीम जीत जाती है.

दोनों कबड्डी टीमों में 5-6 स्टापर (पकड़ने में माहिर खिलाड़ी) और 4-5 रेडर (छूकर भागने में माहिर) खिलाड़ी होते है.

पुराने जमाने में कबड्डी को खेलने के लिए कुछ अधिक नियम नहीं थे लेकिन जब से इस खेल को एशियाई खेलों का हिस्सा बनाया है तब से इसमें कुछ नियम बना दिए गए है वह इस प्रकार है –

कबड्डी खेलने के नियम – Rules of Kabaddi in Hindi language

(1) कबड्डी खेलने के लिए 13 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े मैदान की आवश्यकता होती है.

(2) कबड्डी का मैदान मिट्टी और घास का बना हो सकता है.

(3) इस खेल को खेलने के लिए दो टीम की आवश्यकता होती है दोनों टीमों में 7 – 7 खिलाड़ी होते है.

(4) इस खेल को खेलने की समय अवधि 20 मिनट होती है इन 20 मिनट में जो भी टीम सबसे ज्यादा पॉइंट बनाती है वह विजयी घोषित की जाती है.

(5) इस खेल को खेलने के लिए अन्य सभी खेलों की तरह सबसे पहले टॉस किया जाता है टॉस में जीतने वाली टीम सबसे पहले खेलती है.

(6) कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ी को दूसरी टीम के पाले में जाते समय कबड्डी शब्द का उच्चारण करते रहना पड़ता है अगर वह कबड्डी शब्द बोलना भूल जाता है या फिर बोलते बोलते अटक जाता है तो उस खिलाड़ी को आउट कर दिया जाता है.

(7) कबड्डी मैदान में खिलाड़ी के बाहर जाने पर भी खिलाड़ी को आउट मान लिया जाता है.

(8) कबड्डी खेल का आयोजन उम्र और वजन के आधार पर किया जाता है.

कबड्डी का इतिहास – History of Kabaddi in Hindi

कबड्डी खेल मुख्य रूप से भारत और इसके आसपास के देशों में खेला जाता है लेकिन जब से कबड्डी को एशियाई खेलों में स्थान दिया गया है तब से यह खेल जापान और कोरिया जैसे देशों में भी खेला जाने लगा है.

कबड्डी खेल जितना भारत में प्रसिद्ध है उतना ही नेपाल बांग्लादेश पाकिस्तान श्रीलंका आदि देशो में भी यह बहुत प्रसिद्ध खेल है. कबड्डी खेल बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि कबड्डी खेल की उत्पत्ति भारत देश से ही हुई है.

कबड्डी का सबसे पहला विश्वकप वर्ष 2004 में खेला गया था उसके बाद से 2007 और 2010 और 2012 में खेला जाता रहा है. इस खेल को 1990 से ही एशियाई खेलों में खेला जाता रहा है इसमें हर बार हमारे भारत की टीम ही विजयी रही है.

Kabaddi World Cup 2004, 2007, 2016 में खेला गया था. South Asian Games – 2006, 2010, 2016 में खेला गया था.

Kabaddi Asia Cup 2017 में और Dubai Kabaddi Masters 2018 में खेला गया है इन सभी खेलों के आयोजन में हमारी भारतीय टीम हर बार विजयी रही है जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है.

कबड्डी खेल मैदान में खेले जाने वाला सबसे अच्छा खेल है. हम सभी को यह खेल खेलना चाहिए. कबड्डी खेल हमारी सेहत को अच्छा बनाए रखता है साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियों से भी डटकर मुकाबला करना सिखाता है.


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मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर 10 लाइन?

कबड्डी पर निबंध 10 Lines कबड्डी खेलने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और हमें ज्यादा बीमारियां नहीं होती हैं। कबड्डी भारत का सबसे प्राचीन खेल है और ये खेल अब भी बहुत प्रसिद्ध है। कबड्डी का खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी होता है और विद्यालयों में भी इसकी प्रतियोगिताएं होती हैं। कबड्डी के खेल को हम घर के बाहर खेल सकते हैं।

कबड्डी पर निबंध हिंदी में?

एक खिलाड़ी कबड्डी जाता है तो दूसरी टीम के खिलाड़ी को टच करके आता है तो उससे 1 अंक मिलता है। और जिस खिलाड़ी को उसने टच किया है वह खिलाड़ी आउट हो जाता है और उससे कुछ देर के लिए अपने मैदान से बाहर बैठना पड़ता है। कबड्डी का खेल 20:20 मिनट के दो दौर में खेला जाता है। जिसमें 5 मिनट का ब्रेक भी मिलता है।

कबड्डी के बारे में 20 लाइन?

यह खेल आमतौर पर 20-20 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है। हर हिस्से में टीमें पाला बदलती हैं और इसके लिए उन्हें पाँच मिनट का ब्रेक मिलता है। हालाँकि आयोजक इसके एक हिस्से की अवधि 10 या 15 मिनट की भी कर सकते हैं। हर टीम में 5-6 स्टापर (पकड़ने में माहिर खिलाड़ी) व 4-5 रेडर (छूकर भागने में माहिर) होते हैं।

कबड्डी खेल का वर्णन कीजिए?

कबड्डी खेल का नियम (Rules of Kabaddi in Hindi) प्रत्येक मैच 40 मिनट का होता है और इस दौरान खिलाड़ी विरोधी टीम के Court में 'रेड' करता है और रेड करने वाले खिलाड़ी को 'रेडर' कहते है। किसी खिलाड़ी द्वारा उसके विरोधी दल में घुसते ही रेड शुरू हो जाती है। रेडर को संभालने वाले विरोधी दल के खिलाड़ी को डिफेंडर कहते हैं।