नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी से क्या चाहती है? - naee peedhee aur puraanee peedhee se kya chaahatee hai?

विषयसूची

  • 1 नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच तालमेल बनाने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते हैं?
  • 2 नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के विचारों में क्या अंतर है अपने शब्दों में लिखें?
  • 3 पीढ़ियों के अंतराल को कैसे समाप्त किया जा सकता है?
  • 4 नई पीढ़ी से क्या तात्पर्य है?

नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच तालमेल बनाने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंनयी चीजों को सीखना, आधुनिक जीवनशैली को अपनाना, विचारों में उदारता लाना – यह सब पुरानी पीढ़ी को स्वीकार्य होना चाहिए। वो नयी पीढ़ी के लिए आदर्श बन सकते हैं कि कैसे नये और पुराने विचारों के बीच तालमेल कायम किया जा सकता है।

नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के विचारों में क्या अंतर है अपने शब्दों में लिखें?

इसे सुनेंरोकेंदो पीढ़ियों की सोच में बहुत बड़ा अंतर है। पुरानी और नवीन पीढ़ी के लोगो के सांस्कृतिक, आर्थिक, नैतिक मूल्य, व्यवहारिक ज्ञान और सामाजिक परिवेश के बीच बहुत विशाल अंतर है। इस अंतर को हम जनरेशन गैप बोलते है। बदलते समय के अनुसार लोगो के जीने का तरीका, सोचने का तरीका, सम्पूर्ण व्यवहार में अदभुत परिवर्तन आता है।

नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से क्या चाहती है बताइए?

इसे सुनेंरोकेंनई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से ये चाहती है की हम उनके लिए विकसित देश छोड़ के जाए, धर्म-जाती की लड़ाइयों को ख़त्म करे ताकि नई पीढ़ी पर वो प्रभाव ना देखने को मिले जो आज की पीढ़ी को देखने को मिल रहे है, और इसी के साथ हमें आज के समय में लेने वाले कई सारे फैसलों से, नई पीढ़ी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी सोचना चाइये और …

अंतर पीढ़ी संघर्ष क्या है इसके कारणों को स्पष्ट करें?

इसे सुनेंरोकेंअंतर-पीढ़ीगत संघर्ष पीढ़ियों के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक या आर्थिक विसंगतियों का भी वर्णन करता है, जो मूल्यों में बदलाव या युवा और पुरानी पीढ़ियों के बीच हितों के टकराव के कारण हो सकता है। ये युवा और पुरानी पीढ़ियों के बीच मूल्य परिवर्तन या हितों के टकराव के कारण हो सकते हैं। …

पीढ़ियों के अंतराल को कैसे समाप्त किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंइस तरह यह कहानी पूरी तरह पीढ़ी अंतराल की कहानी कहती है। हाँ, इस अंतराल को पाटा तो जा सकता है, पूरी तरह से नहीं। पुरानी पीढ़ी को समयानुकूल बदलना होगा तथा नई पीढ़ी को अंधानुकरण की प्रवृत्ति से बचना होगा। दोनों को मध्यमार्ग अपनाना होगा।

नई पीढ़ी से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में, नई पीढ़ियाँ प्रयत्न और भूल की महंगी विधि से किसी चीज को दोबारा सीखने के कष्ट से बच जाती हैं, जिसे पुरानी पीढ़ियाँ पहले ही सीख चुकी हैं। इसको दूसरे रूप में इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि पुरानी पीढ़ी के व्यवहार की प्रथाओं के माध्यम से नई पीढ़ी के व्यवहार बन जाते हैं।

यशोधर दफ्तर से छूटते ही सीधे कहाँ जाते थे *?

इसे सुनेंरोकेंवे सेक्शन अफसर होते हुए भी साइकिल से दफ्तर जाते थे। (ii)रूढ़िवादी: यशोधर बाबू रूढ़िवादी थे। उन्हें पुरानी बातें, पुरानी परंपराएँ, पुराने रीति-रिवाज अच्छे लगते थे। वे संयुक्त परिवार प्रथा में विश्वास रखते थे।

सिल्वर वैडिंग कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

इसे सुनेंरोकेंक्यों? ‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी का प्रमुख पात्र यशोधर बाबू किशन दा को बार-बार याद करते हैं। इसका कारण यह है कि यशोधर बाबू का पूरा व्यक्तित्व किशन दा के प्रभाव में ही विकसित हुआ है। यशोधर बाबू उनके व्यक्तित्व की ही प्रतिच्छाया हैं।

नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी से क्या चाहती है? - naee peedhee aur puraanee peedhee se kya chaahatee hai?

सवाल: नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से क्या चाहती है?

नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से ये चाहती है की हम उनके लिए विकसित देश छोड़ के जाए, धर्म-जाती की लड़ाइयों को ख़त्म करे ताकि नई पीढ़ी पर वो प्रभाव ना देखने को मिले जो आज की पीढ़ी को देखने को मिल रहे है, और इसी के साथ हमें आज के समय में लेने वाले कई सारे फैसलों से, नई पीढ़ी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी सोचना चाइये और यहीं सब नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से चाहती है। 

नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी से क्या चाहती है? - naee peedhee aur puraanee peedhee se kya chaahatee hai?

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पुरानी पीढ़ी और नयी पीढ़ी में अंतर पर निबंध Hindi essay on Generation Gap.

भारत में स्वतंत्रता से पहले जन्मे हुए लोग और स्वतंत्रता के पश्चात जन्मे हुए लोगो के सोचने का तरीका बिलकुल अलग है। 21  शताब्दी के लोगो के सोचने का तरीका बिलकुल अलग और आधुनिक ख्याल के है। विभिन्न युगों में पैदा हुए लोग के सोच एक- दूसरे से भिन्न होते हैं। दुनिया तेज़ी से बदल रही है और इस प्रकार अलग-अलग समय में पैदा हुए लोगों के रहन -सहन बीच अंतर होना स्वाभाविक है।

भारत की बात करें तो आजादी से पहले पैदा हुए लोग आज के पैदा हुए लोगों से बिलकुल अलग है। अलग हैं। दो पीढ़ियों की सोच में बहुत बड़ा अंतर है। पुरानी और नवीन पीढ़ी के लोगो के सांस्कृतिक, आर्थिक, नैतिक मूल्य, व्यवहारिक ज्ञान और सामाजिक परिवेश के बीच बहुत विशाल अंतर है। इस अंतर को हम जनरेशन गैप बोलते है।

बदलते समय के अनुसार लोगो के जीने का तरीका, सोचने का तरीका, सम्पूर्ण व्यवहार में अदभुत परिवर्तन आता है। लोगो के ज़िन्दगी जीने का तरीका पीढ़ी दर पीढ़ी बदलती रहती है। परिवर्तन जिन्दगी का अहम पहलु है। माता – पिता और बच्चो के बीच भी इस अंतर को मापा जा सकता है, जब बच्चे बड़े हो जाते है।&amp;nbsp;बच्चे और अभिभावक अपने पीढ़ी के मुताबिक चीज़े करते है। माता-पिता अपने पीढ़ी से सीखी हुयी चीज़े बच्चो को सिखाते है, और बच्चो से उसका अनुकरण करने के लिए कहते है।&amp;nbsp;यहीं से कहीं ना कहीं मतभेद आरम्भ होता है। जेनरेशन गैप दो पीढ़ियों के बीच अंतर को दर्शाने के लिए एक शब्द अंकित किया गया है। जेनेरशन गैप का प्रभाव माता -पिता और संतान के रिश्ते पर साफ़ तौर पर दिखाई देता है। सोच में बदलाव के कारण जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर अभिभावक और सन्तानो के मध्य &amp;nbsp;टकराव हो सकते है।&lt;/p&gt; &lt;p&gt;&lt;span id="ezoic-pub-ad-placeholder-687" class="ezoic-adpicker-ad"&gt;&lt;/span&gt;&lt;span class="ezoic-ad ezoic-at-0 medrectangle-4 medrectangle-4687 adtester-container adtester-container-687" data-ez-name="hindi_essay_com-medrectangle-4"&gt;&lt;span id="div-gpt-ad-hindi_essay_com-medrectangle-4-0" ezaw="300" ezah="250" style="position:relative;z-index:0;display:inline-block;padding:0;min-height:250px;min-width:300px" class="ezoic-ad"&gt;&lt;script data-ezscrex="false" data-cfasync="false" type="text/javascript" style="display:none"&gt;if(typeof ez_ad_units != 'undefined'){ez_ad_units.push([[300,250],'hindi_essay_com-medrectangle-4','ezslot_4',687,'0','0'])};__ez_fad_position('div-gpt-ad-hindi_essay_com-medrectangle-4-0');समाज निरंतर तीव्र गति से बदल रहा&nbsp;है। लोगो के&amp;nbsp;जीवन शैली, विचारधारा, उनकी राय, विश्वास&amp;nbsp; समय चक्र के साथ बदलता रहता है। यह परिवर्तन नए विचारों को जन्म देता है और अनुचित रूढ़ियों को&amp;nbsp;भस्म कर एक नए और&amp;nbsp;सकारात्मक सोच&amp;nbsp;के साथ समाज&amp;nbsp;का निर्माण होता&amp;nbsp;है। हमेशा&amp;nbsp;अधिकांश समय इन&amp;nbsp;दो पीढ़ियों के बीच कहीं ना कहीं संघर्ष बना रहता है।&lt;/p&gt; &lt;p&gt;&lt;span id="ezoic-pub-ad-placeholder-688" class="ezoic-adpicker-ad"&gt;&lt;/span&gt;&lt;span class="ezoic-ad ezoic-at-0 box-4 box-4688 adtester-container adtester-container-688" data-ez-name="hindi_essay_com-box-4"&gt;&lt;span id="div-gpt-ad-hindi_essay_com-box-4-0" ezaw="580" ezah="400" style="position:relative;z-index:0;display:inline-block;padding:0;width:100%;max-width:1200px;margin-left:auto!important;margin-right:auto!important;min-height:90px;min-width:728px" class="ezoic-ad"&gt;&lt;script data-ezscrex="false" data-cfasync="false" type="text/javascript" style="display:none"&gt;if(typeof ez_ad_units != 'undefined'){ez_ad_units.push([[580,400],'hindi_essay_com-box-4','ezslot_3',688,'0','0'])};__ez_fad_position('div-gpt-ad-hindi_essay_com-box-4-0');पीढ़ीओं के सोच प्रत्येक व्यक्ति के पीढ़ी के अनुसार होते है।&nbsp;जिस पीढ़ी में व्यक्ति ने जीवन शैली और मूल्यों को जीया है, उसी के &amp;nbsp;के अनुसार चलता है, इसलिए दूसरी पीढ़ी के लोगो के साथ बातचीत करने पर मतभेद होते रहते है। व्यक्ति अपने परिवार में भी पीढ़ी अंतराल को गौर कर और भली -भाँती महसूस कर सकता है।&lt;/p&gt; &lt;p&gt;दादा दादी के सोच और उनका रहन -सहन माता – पिता से एकदम भिन्न होता है। एक ही विषय पर दोनों के विचार अलग हो सकते है, इसमें कोई संदेह नहीं है।&amp;nbsp;इसी परिवर्तन और फेर बदल को हम पीढ़ी अंतराल अर्थात जनरेशन गैप कहते है। आजकल के युवा स्वतंत्र होकर जीना पसंद करते है, उन्हें हस्तक्षेप पसंद नहीं है।&amp;nbsp;उन्हें निजी जीवन जीना ज़्यादा सुखदायी लगता है।&amp;nbsp;लेकिन उनके अभिभावक की सोच यहाँ एकदम अलग है। पीढ़ी अंतराल को पूर्ण रूप से समाप्त नहीं किया जा सकता है। अगर एक साथ दोनों पीढ़ी शांत होकर सूझ -बूझ के साथ फैसला करे, तो अभिभावक और संतान का टकराव कम हो सकता है।&lt;/p&gt; &lt;p&gt;&lt;span id="ezoic-pub-ad-placeholder-689" class="ezoic-adpicker-ad"&gt;&lt;/span&gt;&lt;span class="ezoic-ad ezoic-at-0 banner-1 banner-1689 adtester-container adtester-container-689" data-ez-name="hindi_essay_com-banner-1"&gt;&lt;span id="div-gpt-ad-hindi_essay_com-banner-1-0" ezaw="336" ezah="280" style="position:relative;z-index:0;display:inline-block;padding:0;width:100%;max-width:1200px;margin-left:auto!important;margin-right:auto!important;min-height:280px;min-width:336px" class="ezoic-ad"&gt;&lt;script data-ezscrex="false" data-cfasync="false" type="text/javascript" style="display:none"&gt;if(typeof ez_ad_units != 'undefined'){ez_ad_units.push([[336,280],'hindi_essay_com-banner-1','ezslot_5',689,'0','0'])};__ez_fad_position('div-gpt-ad-hindi_essay_com-banner-1-0');ज़िन्दगी के बदलाव के साथ अगर लोग थोड़ा सा परिवर्तन लोग अपने जीवन में लाये, तो जिन्दगी बेहतर हो जाती है। 1960 के दशक में पीढ़ी अंतराल जैसे नए तथ्य रिश्तों में उजागर हुए। शोध के मुताबिक युवा पीढ़ी अपने माँ – पिता के विचारो से बिलकुल अलग निकले थे। पीढ़ी अंतराल एक दिलचस्प और रोचक कांसेप्ट है।&nbsp;हम सोच सकते है अगर पीढ़ियों में बदलाव ना होता, तो हमारी प्रगति और सोचने समझने की क्षमता सीमित हो जाती।&lt;/p&gt; &lt;p&gt;परिवारों में जनरेशन गैप की वजह से छोटे – मोटे टकराव&amp;nbsp;होते रहते है। अगर जनरेशन गैप नहीं होता, तो संसार में कोई फेर बदल नहीं होता। हर क्षेत्र की प्रगति और सोचने के तरीके पीढ़ियों के सोच &amp;nbsp;के कारण बंध कर रह जाते।&amp;nbsp;इसलिए जनरेशन गैप&amp;nbsp;आवश्यक है।&amp;nbsp; नयी पीढ़ी नए सोच और समाज को जन्म देता है।&lt;span id="ezoic-pub-ad-placeholder-690" class="ezoic-adpicker-ad"&gt;&lt;/span&gt;&lt;span class="ezoic-ad ezoic-at-0 large-leaderboard-2 large-leaderboard-2690 adtester-container adtester-container-690" data-ez-name="hindi_essay_com-large-leaderboard-2"&gt;&lt;span id="div-gpt-ad-hindi_essay_com-large-leaderboard-2-0" ezaw="250" ezah="250" style="position:relative;z-index:0;display:inline-block;padding:0;width:100%;max-width:1200px;margin-left:auto!important;margin-right:auto!important;min-height:90px;min-width:728px" class="ezoic-ad"&gt;&lt;script data-ezscrex="false" data-cfasync="false" type="text/javascript" style="display:none"&gt;if(typeof ez_ad_units != 'undefined'){ez_ad_units.push([[250,250],'hindi_essay_com-large-leaderboard-2','ezslot_16',690,'0','0'])};__ez_fad_position('div-gpt-ad-hindi_essay_com-large-leaderboard-2-0');</p> <p>दुनिया में आये दिन पहनावा, फैशन का तरीका बदल रहा है। नए खोज और आविष्कार हो रहे है, क्यों कि नए पीढ़ी के सोच, तरीके और प्रक्रियाएं बदल रहे है, कुछ नया करने का जूनून बना हुआ है। इसी वजह से दुनिया में प्रौद्योगिकी और तकनीकों में काफी&nbsp;प्रगति हो रही है।&nbsp;यह सब समय के साथ पीढ़ियों में बदलाव का नतीजा है।</p> <p>जेनेरशन गैप के कारण बहुत बदलाव आये है। पहले के ज़माने में लोग अक्सर संयुक्त परिवार में रहते थे, आजकल सिर्फ छोटे परिवार में लोग रहना पसंद करते है, क्यों कि उन्हें लगता है, वे आज़ाद तरीके से जी पाएंगे और कोई भी उनके जीवन में दखल अंदाज़ी नहीं कर पायेगा। आजकल लोगो अपने निजी जीवन में रहने के लिए अपने अभिभावकों से दूर रहने में ज़्यादा खुशी महसूस करते है।<span id="ezoic-pub-ad-placeholder-691" class="ezoic-adpicker-ad"></span><span class="ezoic-ad ezoic-at-0 leader-1 leader-1691 adtester-container adtester-container-691" data-ez-name="hindi_essay_com-leader-1"><span id="div-gpt-ad-hindi_essay_com-leader-1-0" ezaw="336" ezah="280" style="position:relative;z-index:0;display:inline-block;padding:0;width:100%;max-width:1200px;margin-left:auto!important;margin-right:auto!important;min-height:280px;min-width:336px" class="ezoic-ad"><script data-ezscrex="false" data-cfasync="false" type="text/javascript" style="display:none">if(typeof ez_ad_units != 'undefined'){ez_ad_units.push([[336,280],'hindi_essay_com-leader-1','ezslot_10',691,'0','0'])};__ez_fad_position('div-gpt-ad-hindi_essay_com-leader-1-0');

पहले के ज़माने में लोगो के पास फोन नहीं हुआ करता था। मुश्किल से लोग बाहर के टेलीफोन बूथ पर जाकर परिजनों को कॉल किया करते थे। आजकल की पीढ़ी के लोग स्मार्टफोन के बैगर गुजारा नहीं कर पाते, हर मुश्किल का हल उन्हें अपने फोन और इंटरनेट पर जाकर मिलता है।

आजकल की पीढ़ी के पास अपनों के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं है, पहले के ज़माने में यह उपकरण नहीं थे इसलिए लोग ज़्यादातर समय अपने परिवार के लोगो के साथ व्यतीत करते थे। आजकल का फैशन और पहनावे का तरीका बदल गया है। आजकल के लोग सजावट की दुनिया में खोये रहते है, पहले के ज़माने में सादगी होती थी और पारम्परिक पोशाक और आभूषण लोग पहनते थे। पहले लोग अपने मित्रो और परिजनों के साथ सुख -दुःख की बातें करते थे। मगर आज की पीढ़ी को पार्टी, पिकनिक से ज़्यादा लगाव है।

निष्कर्ष

पीढ़ियों के इस अंतर को व्यक्ति समझ और स्वीकृति के साथ संभाल सकता है। एक पीढ़ी के लोग दूसरे पीढ़ी के लोगो से बहुत अलग होते हैं जो स्वाभाविक है। लेकिन, समस्या तब उत्पन्न होती है जब विभिन्न पीढ़ियों के लोग अपने विचारों और विश्वासों को दूसरे पर थोपने की कोशिश करते है और इसकी के कारण रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।  इसलिए पुरानी पीढ़ी और नए पीढ़ी के लोग एक दूसरे के सोच और फैसलों का सम्मान करे और एक दूसरे के सोच को स्वीकार करे, तब मतभेद नहीं होगा।

नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच तालमेल बनाने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते हैं?

नयी चीजों को सीखना, आधुनिक जीवनशैली को अपनाना, विचारों में उदारता लाना - यह सब पुरानी पीढ़ी को स्वीकार्य होना चाहिए। वो नयी पीढ़ी के लिए आदर्श बन सकते हैं कि कैसे नये और पुराने विचारों के बीच तालमेल कायम किया जा सकता है।

पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के विचारों में क्या अंतर है?

दो पीढ़ियों की सोच में बहुत बड़ा अंतर है। पुरानी और नवीन पीढ़ी के लोगो के सांस्कृतिक, आर्थिक, नैतिक मूल्य, व्यवहारिक ज्ञान और सामाजिक परिवेश के बीच बहुत विशाल अंतर है। इस अंतर को हम जनरेशन गैप बोलते है। बदलते समय के अनुसार लोगो के जीने का तरीका, सोचने का तरीका, सम्पूर्ण व्यवहार में अदभुत परिवर्तन आता है।

दूसरी पीढ़ी क्या चाहती है?

Answer: पुरानी पीढ़ी यही चाहती है कि नयी पीढ़ी उन्हीं का अनुसरण करे, जबकि नयी पीढ़ी अपने मनमुताबिक जीवन जीने में विश्वास करती है। इससे अक्सर वैचारिक टकराव की स्थितियां निर्मित हो जाती हैं और नयी पीढ़ी अपने मनमुताबिक जीवन जीने के लिए अपना अलग घरोंदा बना लेती है, जो कि एक तरह से सही भी है।

अंतर पीढ़ी संघर्ष से आप क्या समझते हैं?

एक अंतर-पीढ़ीगत संघर्ष या तो किशोरों और वयस्कों के बीच एक संघर्ष की स्थिति है या दो पीढ़ियों के बीच एक अधिक अमूर्त संघर्ष है, जिसमें अक्सर दूसरी पीढ़ी के खिलाफ पूर्वाग्रह शामिल होते हैं। ये युवा और पुरानी पीढ़ियों के बीच मूल्य परिवर्तन या हितों के टकराव के कारण हो सकते हैं।