#उपसर्ग प्रश्न= 1 .हिन्दी में संस्कृत के उपसर्गों की संख्या कितनी है – 1. 24 2. 13 3. 22 ✔ 4. 19 प्रश्न 2. 'कमजोर' में... Show दिए गए विकल्पों में से ‘अपलक’ शब्द ‘अ’ उपसर्ग से बना है। अन्य विकल्प इसके उचित उत्तर नहीं हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 4 ‘अपलक’ है। ‘अ’ उपसर्ग से बनने वाला अन्य शब्द – अधर, अपलक, अटल, अमर इत्यादि। अपयश, अपमान तथा अपशब्द में ‘अप’ उपसर्ग लगा है। शब्द परिभाषा उदहारण उपसर्ग संस्कृत एवं संस्कृत से उत्पन्न भाषाओं में उस अव्यय या शब्द को उपसर्ग कहते हैं जो कुछ शब्दों के आरंभ में लगकर उनके अर्थों का विस्तार करता है। यह दो शब्दों (उप+ सर्ग) के योग से बनता है। 'उप' का अर्थ 'समीप', 'निकट' या 'पास में' है। 'सर्ग' का अर्थ है सृष्टि करना। 'उपसर्ग' का अर्थ है पास में बैठाकर दूसरा नया अर्थवाला शब्द बनाना। 'हार' के पहले 'प्र' उपसर्ग लगा दिया गया, तो एक नया शब्द 'प्रहार' बन गया, जिसका नया अर्थ हुआ 'मारना' । उपसर्गो का स्वतन्त्र अस्तित्व न होते हुए भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलाकर उनके एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। उपसर्ग शब्द के पहले आते है। जैसे- 'अन' उपसर्ग 'बन' शब्द के पहले रख देने से एक शब्द 'अनबन 'बनता है, जिसका विशेष अर्थ 'मनमुटाव' है। कुछ उपसर्गो के योग से शब्दों के मूल अर्थ में परिवर्तन नहीं होता, बल्कि तेजी आती है। जैसे- 'भ्रमण' शब्द के पहले 'परि' उपसर्ग लगाने से अर्थ में अन्तर न होकर तेजी आयी। कभी-कभी उपसर्ग के प्रयोग से शब्द का बिलकुल उल्टा अर्थ निकलता है। उपसर्ग की तीन गतियाँ या विशेषताएँ होती हैं- (3) शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना। हिंदी में प्रचलित उपसर्गो को निम्नलिखित भागो में विभाजित किया जा सकता है- उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द अधः नीचे अधःपतन, अधोगति, अधोमुखी, अधोलिखित अंतः भीतरी अंतःकरण, अंतःपुर, अंतर्मन, अंतर्देशीय अ अभाव अशोक, अकाल, अनीति, अधर्म, अज्ञान, अनीति चिर बहुत देर चिरंजीवी, चिरकुमार, चिरकाल, चिरायु पुनर फिर पुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्जीवन, पुननिर्माण, पुनरागमन बहिर बाहर बहिर्गमन, बहिर्जगत, बहिष्कार, बहिर्द्वार सत सच्चा सज्जन, सत्कर्म, सदाचार, सत्कार्य पुरा पुरातन पुरातत्व, पुरावृत्त सम समान समकालीन, समदर्शी, समकोण, समकालिक सह साथ सहकार, सहपाठी, सहयोगी, सहचर अन अभाव/निषेध अनर्थ, अनंत अन्तर भीतर अन्तर्नाद, अन्तर्राष्ट्रीय का/कु बुरा कापुरुष, कुपुत्र न अभाव नगण्य, नपुंसक पुरा पहले पुरातन, पुरातत्त्व स सहित सपरिवार, सदेह, सचेत अलम् शोभा, बेकार अलंकार आविस प्रकट/बाहर होना आविष्कार, आविर्भाव तिरस् तिरछा, टेढ़ा, अदृश्य तिरस्कार, तिरोभाव पुरस् सामने पुरस्कार प्रादुर् प्रकट होना, सामने आना प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत अ उपसर्ग से बना शब्द कौन सा है?'अ' उपसर्ग से बनने वाले अन्य शब्द - अछूता, अथाह, अटल आदि।
उपसर्ग वाले शब्द कौन कौन से हैं?हिन्दी के उपसर्ग. अ– अभाव, निषेध – अछूता, अथाह, अटल. अन– अभाव, निषेध – अनमोल, अनबन, अनपढ़. कु– बुरा – कुचाल, कुचैला, कुचक्र. दु– कम, बुरा – दुबला, दुलारा, दुधारू. नि– कमी – निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा. औ– हीन, निषेध – औगुन, औघर, औसर, औसान. भर– पूरा – भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार. सु– अच्छा – सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल. आ का उपसर्ग क्या है?आ - (पासून, पर्यंत) आकंठ, आजन्म; आ - (किंचीत) आरक्त; आ - (उलट) आगमन, आदान; आ - (पलीकडे) आक्रमण, आकलन.
निम्न में से कौन सा शब्द अ उपसर्ग से नहीं बना है?अचानक, अधर्म, असत्य । 'अचानक' शब्द उपसर्ग से बना शब्द नही है। अचानक एक पूर्ण शब्द है, जिसमें 'अ' उपसर्ग का प्रयोग नही हुआ है।
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